पहले सीता और अब चम्पाई व लॉबिन.. एक-एक कर टूट रहे झामुमो के विधायक, सीता सोरेन ने बताई झामुमो में टूट की बड़ी वजह
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव की तिथियां काफी नजदीक है। इसे लेकर सभी पार्टियों अपनी-अपनी तैयारी में जुट गई। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा अलायंस से मुकाबले के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाला NDA रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और बड़े फैसले ले रहा है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और Jmm का सबसे बड़ा समर्थन झारखंड के आदिवासी और ग्रामीण समुदायों में है, जिसे बीजेपी अपने पाले में लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
थोड़ा पीछे जाएं तो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोरेन परिवार, दिसम गुरु शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन की बीजेपी में एंट्री हुई थी। उसके बाद अब राज्य के बड़े आदिवासी नेता कोल्हान के टाइगर कहे जाने वाले चंपई सोरेन की भी एंट्री होने जा रही है। आखिर ऐसी क्या वजह हो गई की एक-एक कर झामुमो के दिग्गज नेता पार्टी का दामन छोड़ने जा रहे। इसी को लेकर हमारे संवाददाता ने सीता स्वयं से बात की तो उन्होंने कई चौंकाने वाली बातें बताई।
सीता सोरेन ने चंपई सोरेन का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि उनके भाजपा में आने से बीजेपी को काफी फायदा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से बिहार-झारखंड बंटवारे में चम्पाई ने बाबा शिबू सोरेन के साथ अहम भूमिका निभाई है। और इस तरह से पार्टी छोड़कर अलग हो जाएंगे मैंने कभी सोचा भी नहीं था। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसे पार्टी में अब सिर्फ सत्ता की भूख रह गई है और एक आदमी की ही चलती है।
वही चम्पाई सोरेन के भाजपा शामिल होने पर सवाल उठ रहा है कि क्या कोल्हान में बीजेपी को बहुमत दिला पाएंगे? क्या कोल्हान इलाके के आदिवासी वोट बैंक को बीजेपी के पक्ष में ला पाएंगे? क्या झारखंड मुक्ति मोर्चा का अभेद्य किला भेद पाएंगे और 14 विधानसभा सीटों में बीजेपी का खाता खोल पाएंगे? इन सभी सवालों के जवाब विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगा।
Aug 29 2024, 16:34