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चंपई सोरेन बीजेपी को कितना फायदा करवाएंगे ? कोल्हान पर नजर, आदिवासियों के गढ़ में ‘घुसपैठियों’ को बनाएंगे मुद्दा!

डेस्क: हेमंत सोरेन के फिर से झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद चंपई सोरेन ने अपने सारे पत्ते खुलकर स्पष्ट कर दिए हैं। वह 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल हो जाएंगे। चंपई सोरेन के इस फैसले के बाद हेमंत सोरेन कैंप की तरफ से आए पहले रिएक्शन में कहा गया कि यह हमारे लिए ग्रेट न्यूज है क्योंकि चंपई सोरेन अब एक्पोज हो चुके हैं। अगर वह निर्दलीय चुनाव लड़ते हो हमारे लिए कठिनाई होती क्योंकि वो जेएमएम के वोट शेयर में सेंध लगा सकते थे।

हालांकि राज्य के सियासी घेरों की बात करें तो यहां चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने पर मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ नेताओं का मानना है कि यह जेएमएम को नुकसान पहुंचाएगा क्योंकि चंपई सोरेन पूरी कोल्हान डिवीजन में अकेले प्रभावशाली नेता हैं। इस डिवीजन में तीन जिले – पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां शामिल हैं। यहां कुल 14 विधानसभा सीटें हैं।

हिमंत द्वारा चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की घोषणा के बाद यह बात पुष्ट हो गई। इसके बाद चंपई ने अपने X पोस्ट में बांग्लादेशी घुसपैठ की बात भी की। उन्होंने कहा कि इस बारे में सिर्फ बीजेपी सीरियस दिखाई दे रही है औऱ अन्य दल वोटों की खातिर इसे इग्नोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बहुत बड़ी समस्या बन चुका है। इस से दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है कि जिन वीरों ने जल, जंगल व जमीन की लड़ाई में कभी विदेशी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की, आज उनके वंशजों की जमीनों पर ये घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं। इनकी वजह से फूलो-झानो जैसी वीरांगनाओं को अपना आदर्श मानने वाली हमारी माताओं, बहनों व बेटियों की अस्मत खतरे में है।”

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के नैरेटिव के चंपई ने समर्थन किया है। बीजेपी उनके साथ आदिवासियों के लिए रिजर्व कम से कम 10 एसटी सीटें जीतना चाहती है। राज्य में कुल 81 विधानसभा सीटों में से 28 आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं। JMM सूत्रों ने चंपई के BJP में शामिल होने की वजह कुछ मामलों के सिलसिले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उन पर डाले जा रहे “बढ़ते दबाव” को बताया है।

वहीं जेएमएम के एक विधायक ने माना कि कोल्हान बेल्ट में उनके प्रभाव को नाकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि चंपई कोल्हान में 30-35 सालों से काम कर रहे हैं। अगर इस इलाके में किसी को समस्या होती है तो चंपई दादा उसके पास जाते हैं। वह वहां की विधानसभाओं में कई लोगों को जानते हैं और उनकी भावनात्मक स्पीच से लोकल आदिवासी कनेक्ट करते हैं। जेएमएम को उनके खिलाफ यूज किए जाने वाले शब्दों का सावधानी से चयन करना चाहिए क्योंकि हम उन्हें विलेन बनाने की स्थिति में नहीं है।

चंपई सोरेन रांची लौटे, घर पहुंचते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा से दिया इस्तीफा, लिखा भावुक पत्र


डेस्क: पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन बुधवार को नई दिल्ली से सीधे राजधानी रांची लौट आए हैं। इसके साथ ही संशय का दौर समाप्त हो गया है, जिसके तहत लोग अटकलें लगा रहे थे कि उनकी आगे की रणनीति क्या होगी।

उन्होंने आते ही पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शुक्रवार, 30 अगस्त को वो विधिवत भाजपा में शामिल हो जाएंगे। 

रांची में अपने आवास पर पहुंचने के बाद उन्होंने पहला काम यही किया और इस्तीफा भेज दिया। जानकारी के अनुसार, उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता और राज्य कैबिनेट से एक साथ इस्तीफा भेज दिया है। ज्ञात हो कि गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक है, जिसमें चंपई मौजूद नहीं रहेंगे।

दूसरी ओर, झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने मंगलवार को चंपई से पुनर्विचार का आग्रह कर सबको चौंका दिया था। माना जा रहा है कि उन्होंने यह बयान एक रणनीति के तहत दी है, जिससे जनता के बीच संदेश जाए कि उन्हें झामुमो में रोकने की आखिरी दम तक कोशिश की गई।

चंपई सोरेन ने लिखा भावुक पत्र 

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देते हुए बहुत ही भावुक पत्र लिखा। पत्र में लिखा कि मैं चंपई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की वर्तमान कार्यशैली एवं नीतियों से विक्षुब्ध होकर, पार्टी छोड़ने को विवश हूं।

अत्यंत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिसके लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है।

झामुमो मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा एवं मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा। लेकिन पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम की वजह से, मुझे बहुत ही पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा रहा है।

आपके वर्तमान स्वास्थ्य की वजह से, आप सक्रिय राजनीति से दूर हैं, तथा आपके अलावा पार्टी में ऐसा कोई फोरम नहीं है, जहां हम अपनी मन की पीड़ा को बता सकें। इस वजह से, मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।

आपके मार्गदर्शन में, झारखण्ड आंदोलन के दौरान तथा उसके बाद भी, मुझे जीवन में बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है। आप सदैव मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार करने की कृपा करें।

झारखंड में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ेगी आजसू: अमित शाह से मुलाकात के बाद सुदेश महतो ने की घोषणा


डेस्क: झारखंड विधानसभा चुनाव बीजेपी और आजसू साथ मिलकर लड़ेगी। सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने इसकी घोषणा की। दिल्ली में सुदेश महतो और अमित शाह के बीच बैठक हुई। बैठक में साथ चुनाव लड़ने पर सहमति बनी। हालांकि, आजसू कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यह क्लियर नहीं किया गया है। लेकिन उम्मीद है कि उन्हें 12 से 15 सीट दी जाए।

साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनी, लेकिन चुनाव से पहले आजसू ने अपना रास्ता अलग कर लिया था। इसका खामियाजा दोनों ही पार्टियों को उठाना पड़ा था। बीजेपी 28 सीटों पर अटक गई थी, वहीं आजसू को दो सीटें हाथ लगी थी।

झारखंड में कुर्मी वोटर निर्णायक भूमिका में होते हैं। इसलिए सभी पार्टियां कुर्मी पर फोकस कर रही हैं। कांग्रेस ने केशव महतो कमलेश को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वहीं, जेएमएम की पहले से ही कुर्मी वोट पर अच्छी पकड़ है। इस स्थिति में बीजेपी ने आजसू के साथ चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

आजसू की स्थापना जेएमएम नेता निर्मल महतो ने की थी। वो लंबे समय तक जेएमएम के साथ थे। बाद में आजसू में भी कई बार टूट हुई। साल 2000 के बाद से सुदेश महतो आजसू का नेतृत्व कर रहे हैं। 2007 में सुदेश ने पार्टी का पुनर्गठन किया था। आजसू कुछ मौकों को छोड़कर साल 2000 से अब तक लगातार एनडीए के साथ रही है। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी गिरिडीह सीट जीतने में कामयाब रही।

मंईयां सम्मान योजना राशि वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन, कोल्हान प्रमंडल से जुटी हजारों की भीड़


डेस्क: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरायकेला जिले के गम्हरिया स्थित रापचा फुटबॉल मैदान पहुंचे हैं. जहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.

 इस योजना के तहत अब यहां महिलाओं को मंईयां सम्मान राशि एक हजार रुपए प्रति माह मिलने लगेगी.96% से अधिक आवेदनों पर प्रशासनिक स्वीकृति

सीएम हेमंत सोरेन कार्यक्रम स्थल पर बने हेलीपैड पर उतरे. जहां मुख्यमंत्री को सरायकेला जिला पुलिस प्रशासन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचने पर मंच से जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत अभिनंदन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ विधायक कल्पना सोरेन, मंत्री दीपक बिरुवा, मंत्री बन्ना गुप्ता, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बेबी देवी, सांसद जोबा मांझी, विधायक रामदास सोरेन, विधायक दशरथ गागराई, विधायक सुखराम उरांव, विधायक मंगल कालिंदी, विधायक संजीव सरदार ,विधायक नीरल पूर्ति मौजूद रहे. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत 21 साल से 50 साल तक की 46 लाख से ज्यादा महिलाओं का निबंधन हो चुका है. वहीं, 96% से अधिक आवेदन को प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है. जिसके तहत हर महिला को प्रति माह एक हजार रुपए की राशि यानी सालाना 12 हजार रुपए सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी.

चंपाई सोरेन के बीजेपी में जाने पर सीएम हेमंत सोरेन की पहली प्रतिक्रिया, बीजेपी नेताओं पर कसा तंज


डेस्क: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिला सम्मान के बहाने अपनी शक्ति का एहसास कराते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं की लुटिया इस राज्य में डूब चुकी है. इसलिए बाहर के नेताओं ने यहां आकर इनका बीड़ा उठाने की जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि बैसाखी पर खड़ी इस सरकार ने लोकसभा चुनाव में भजन-कीर्तन के जरिए हिंदू-मुस्लिम कर बांटने की राजनीति की है. लेकिन फिर भी भगवान श्रीराम ने उन्हें नहीं बख्शा. 

सीएम सोरेन ने बीजेपी नेताओं पर तंज भी कसा और कहा कि ये नालायक नेता चरस गांजे की तरह मुफ्त गैस के कनेक्शन की लत लगाकर गरीबों की जेब काटने का काम कर रहे हैं. सीएम ने इस दौरान संताल परगना प्रमंडल के 6 जिलों के 7 लाख 32 हजार लाभुकों के बीच 78 करोड़ की पहली किस्त की पेंशन की राशि उनके बैंक खातों मे हस्तांतरित की.

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि संताल परगना प्रमंडल स्तरीय सम्मान कार्यक्रम मे उपस्थित भीड़ के उत्साह और उमंग को देखकर आश्चर्यचकित हूं. हम काम करने वाले हैं और काम करते रहेंगे. उन्होंने चंपाई सोरेन के बीजेपी मे जाने के सवाल पर संकेत दिया कि हमने राज्य में क्या किया है क्या नहीं किया. इसका जवाब यहां की जनता, यहां के युवा और यहां के महिलाएं तय करेंगी. उन्होंने कहा राज्य मे जेएमएम के नेतृत्व मे बनी सरकार लोगों के भरोसे पर टिकी है. किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. 

बता दें कि दुमका के पंजन पहाड़ी मैदान मे प्रमंडल स्तरीय मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना मे पूरे संताल परगना से करीब 7 लाख 32 हजार महिलाओं के बीच एक हजार रुपये के हिसाब से 78 करोड़ रुपये की पहली किस्त की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई. इसमें दुमका, जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज की 18 से 50 वर्ष की महिलाएं लाभुक के रूप मे शामिल हुईं. अपने संबोधन के दौरान सीएम सोरेन ने कहा कि इस योजना से 50 लाख महिलाएं जुड़ चुकी हैं. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त और समृद्ध बनाना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी की सरकार ने झारखंड में 20 साल तक राज किया, लेकिन इससे लोगों को कुछ लाभ नहीं मिला. गरीब और गरीब होते गए, व्यापारी मालामाल हो गए. गरीबों के ऋण माफ नहीं होते बल्कि बड़े-बड़े व्यापारियों के कर्ज माफ हो जाते हैं. मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर रोजगार के अवसर खत्म कर बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने रेल, प्लेटफॉर्म और कोल इंडिया को बेचना चालू कर दिया है. यही नहीं बैंकिंग जैसे क्षेत्र में भी अब सैकड़ों बैंकों को मिलाकर 20 बैंक कर दिए हैं. ऐसे में युवाओं का रोजगार लेकर बेरोजगार बना दिया गया है. 20 साल तक राज करने वाली बीजेपी नौकरी के लिए एक कानून तक नहीं बना सकी, जब हमने कानून बनाकर 20- 30 हजार लोगों को नौकरी दी तो विपक्ष नए कानून को असंवैधानिक बताकर कोर्ट में चुनौती दे रहा है.

सीएम सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड एक सोने की चिड़ियां हैं. यहां प्रचूर मात्रा में खनिज संपदा होने के वाबजूद भी लोग गरीब हैं. उन्होंने कहा अभी केंद्र सरकार की तरफ एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया है, लेकिन मांगने पर जेल में डालने की बात कहती है हमारी सरकार बनने के बाद राज्य में जितने खनन हुए हैं, कंपनियों के साथ हिसाब चुकता करना है. अपने अधिकारी के लिए लड़ कर लेना है. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हम 200 यूनिट बिजली फ्री देते हैं अगर सरकार बनी तो हम गरीबों के पहले के बकाया बिजली के बिल माफ कर देंगे.

चंपाई सोरेन की जासूसी करने वाले स्पेशल ब्रांच के 2 सब-इंस्पेक्टर दिल्ली में पकड़ाए, हिमंता बिस्व सरमा ने किया खुलासा


डेस्क: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की लंबे समय से जासूसी कर रहे स्पेशल ब्रांच के दो 2 सब-इंस्पेक्टर को दिल्ली में पकड़ा गया है. दिल्ली पुलिस के सामने इन दोनों अधिकारियों ने चौंकान वाले खुलासे किए हैं. इन्होंने यह भी बताया है कि चंपाई सोरेन की जासूसी करने की जिम्मेदारी इन्हें किसने दी. झारखंड विधानसभा चुनाव के भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह खुलासा किया है. इसके बाद झारखंड की राजनीति में एक नया भूचाल आना तय माना जा रहा है.

हिमंता बिस्व सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि यह बेहद गंभीर मामला है. झारखंड के एक आदिवासी नेता की इस तरह से जासूसी कराना बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि इन दोनों अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि चंपाई सोरेन की लंबे अरसे से जासूसी हो रही है. इन्होंने कहा कि स्पेशल ब्रांच के आईजी प्रभात कुमार, जो एसबी के एडीजी हैं, ने उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी.

स्पेशल ब्रांच के दोनों सब-इंस्पेक्टर ने यह भी बताया कि चंपाई सोरेन जब झारखंड के मुख्यमंत्री थे, तभी ये दोनों उनकी जासूसी किया करते थे. उनकी गतिविधियों को ट्रैक करते रहते थे. हालांकि, हिमंता बिस्व सरमा ने इन दोनों अधिकारियों के नाम उजागर नहीं किए. उन्होंने कहा कि ये लोग कई और काम से जुड़े हैं, इसलिए उनके नाम का खुलासा करना उचित नहीं होगा.

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सप्ताह पहले हिमंता बिस्व सरमा दिल्ली आए थे. तब भी इन दोनों अधिकारियों ने उनका पीछा किया था. एक बार फिर जब वह कोलकाता के रास्ते दिल्ली पहुंचे, तो दोनों उनके पीछे-पीछे दिल्ली आ गए. चंपाई सोरेन के साथ आए लोगों ने दोनों को ट्रैक किया. इसके बाद दोनों को पकड़कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया.

हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि चंपाई सोरेन ने कहा है कि वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवायेंगे. चंपाई सोरेन का कहना है कि ये दोनों कोलकाता से उसी फ्लाईट में दिल्ली आए, जिसमें वह (झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन) आए थे. यहां उसी होटल में ठहरे, जिसमें वे ठहरे थे. पहले दोनों अधिकारियों ने कहा कि वे पत्रकार हैं, लेकिन बाद में बताया कि वे झारखंड की स्पेशल ब्रांच के सब-इंस्पेक्टर हैं.

हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि दोनों अधिकारियों की तस्वीरें मेरे पास हैं, लेकिन ये लोग कई और काम करते हैं. ये लोग नक्सल ऑपरेशन समेत कई और ऑपरेशन में लगे हैं, इसलिए उनके कवर को तोड़ना मेरे लिए उचित नहीं है. उनके फोटो भी मैं शेयर नहीं करूंगा. हिमंता ने कहा कि आजाद भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री की जासूसी कराई गई हो.

उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा मुद्दा है. किसी की निजता का हनन है. अभी दोनों अधिकारी दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं. आगे दिल्ली पुलिस क्या करेगी, यह वो जानें, लेकिन जो भी हुआ है, वह सही नहीं है. भाजपा नेता ने कहा कि चाणक्यपुरी के डीसी को इसकी शिकायत की गई थी. अभी दोनों अधिकारी चाणक्यपुरी थाने में हैं.

असम के मुख्यमंत्री ने आशंका व्यक्त की है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, जो अभी कैबिनेट में मंत्री हैं, की जासूसी कराई गई है, तो यह भी हो सकता है कि चंपाई सोरेन के फोन भी टैप कराए गए होंगे. हिमंता ने कहा कि जब आपने 2 अधिकारियों के फाइव स्टार होटल में ठहरने की फंडिंग की, फ्लाइट में आने की फंडिंग की, तो आप समझ सकते हैं कि यह कितना बड़ा मामला हो सकता है.

हिमंता बिस्व सरमा ने ‘एक्स’ पर किया ये पोस्ट

हिमंता बिस्व सरमा ने अपने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर लिखा- चंपाई सोरेन जी अभी भी झारखंड राज्य के मंत्री हैं. आप सुन के हैरान होंगे कि झामुमो-कांग्रेस के लोग संविधान बचाने की बात करते हैं, लेकिन चंपाई जी जैसे वरिष्ठ आदिवासी नेता पर स्नूपिंग (Snooping) करने के लिए बड़ा षड्यंत्र भी रचते हैं. झारखंड पुलिस के कुछ अधिकारी पकड़े गये हैं.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की जासूसी के आरोप में स्पेशल ब्रांच के 2 अधिकारी दिल्ली में पकड़े गए हैं. इन्हें दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया है. दोनों अधिकारियों ने बताया है कि चंपाई सोरेन की हर गतिविधि को ट्रैक करने के लिए उन्हें भेजा गया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कद्दावर नेता रहे चंपाई सोरेन जब सीएम बने, उसके बाद से ही उनकी जासूसी हो रही थी. दिल्ली में पकड़े गए स्पेशल ब्रांच के 2 सब इंस्पेक्टर ने इसका खुलासा किया है. हिमंता बिस्व सरमा ने प्रेस को बताया है कि इन दोनों अधिकारियों ने कहा है कि झारखंड पुलिस के आईजी प्रभात कुमार, जो स्पेशल ब्रांच के एडीजी हैं, ने उन्हें चंपाई सोरेन की गतिविधियों की निगरानी करने को कहा था.

चम्पाई सोरेन को केंद्र सरकार ने दी जेड प्लस कटैगरी की सुरक्षा,दिल्ली से लौटने के बाद होगी नई राजनितिक पारी की शुरुआत

झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने सोमवार की देर रात बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.

इस सियासी मुलाकात के बाद यह तय हो गया है कि चंपई सोरेन किसी भी वक्त बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अमित शाह से मुलाकात के बाद चंपई सोरेन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अब चंपई सोरेन जेड प्लस कटैगरी की सुरक्षा घेरे में रहेंगे.

दरअसल, हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था. सीएम बनने के बाद चंपई अभी कुर्सी पर बैठे ही थे कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से बेदखल कर दिया गया था.

हेमंत सोरेन को बेल मिली और जेल से बाहर आते ही हेमंत ने सत्ता की बागडोर फिर से अपने हाथ में ले ली थी और न चाहते हुए भी चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.
चंपई सोरेन ने तो उस वक्त खुलकर कुछ भी नहीं कहा था लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन जाने से आहत चंपई ने आखिरकार हेमंत सोरेन का साथ छोड़ दिया और अब बीजेपी के साथ जाने वाले हैं.

चंपई सोरेन दिल्ली में कैंप कर रहे हैं. सोमवार की देर रात चंपई सोरेन और असम के मुख्यमंत्री हेमंता विस्व सरमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.
हिमंत बिस्वा सरमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चम्पई के साथ हेमन्त सोरेन को भी भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए,ऐसा क्यों कहा पढ़िये पूरी खबर

रांची : असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना चाहिए।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, कि “चंपई सोरेन भाजपा में शामिल होकर हमें मजबूती प्रदान करने में सहयोग करें, वे एक बड़े नेता हैं, इसलिए उनके बारे में टिप्पणी करना उचित नहीं है। 

इसके साथ-साथ मैं चाहता हूं कि हेमंत सोरेन भी BJP में शामिल हो जाएं। BJP का मतलब देशभक्ति है। हमें झारखंड को बचाना है, झारखंड में बाहरी घुसपैठियों को रोकने के लिए हम हेमंत सोरेन से बात करने के लिए तैयार हैं। 

झारखंड के सामने सबसे बड़ी समस्या घुसपैठिए हैं। हमारी पार्टी का एकमात्र उद्देश्य है कि आप चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा करें और झारखंड को ऐसे घुसपैठियों से मुक्त करें।”

उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी से किसी को नेता बनने का इरादा नहीं है। अगर हेमंत सोरेन कह दें कि झारखंड को घुसपैठियों से मुक्त करूंगा, तो हमें और कुछ नहीं चाहिए।

 यह आदिवासी समाज की सबसे बड़ी समस्या है। अगर वे मुहर्रम के दौरान हिंदुओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार के खिलाफ खड़े होते हैं, तो हम उनके साथ हैं। जेएमएम को हमारा समर्थन करना चाहिए, हम भी JMM का समर्थन करते हैं। हमें घुसपैठियों को झारखंड से बाहर निकालना होगा।”

वहीं, चंपई सोरेन को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, “उनके पास तीन विकल्प हैं। वह अभी दिल्ली में हैं, उनके साथ बातचीत का रास्ता खुला है। देखते हैं भविष्य में क्या होता है।”

कर्नाटक में जाति जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए जाने पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “BJP ने बिहार में जाति जनगणना कराई।

 आपने कांग्रेस भी कर्नाटक में जाति जनगणना कराई, आपको इसका डाटा जारी करना चाहिए। जनता दल ने कहा है कि जाति जनगणना पर बैठक में कांग्रेस अनुपस्थित रही। BJP ने बिहार में जाति जनगणना का समर्थन किया, BJP के लिए जाति जनगणना का विरोध कोई मुद्दा नहीं है।”

हिमंता बिस्वा सरमा झारखंड में बिना जानकारी के कानून सिखाने आए हैं : सुप्रियो भट्टाचार्य

झा.डेस्क

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा बिना जानकारी के झारखंड में कानून सिखाने आ गये हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा बिना जानकारी के झारखंड में कानून सिखाने आ गये हैं। 

उन्हें बताना चाहिए कि किसान आंदोलन क्या पाकिस्तान में हो रहा था।ये वहीं हिमंता हैं जिनकी पार्टी ने किसान आंदोलनकारियों को रोकने के लिए सड़कों पर कीलें लगा दीं। 

कटीले तार और कंक्रीट के बैरियर लगा दिये। हिमंता बिस्वा सरमा तब कहां थे।

सुप्रियो ने याद दिलाते हुए कहा कि किसान आंदोलन के समय दिल्ली में 42 केस दर्ज किये गये। वहीं, हरियाणा में 138 केस दर्ज किये गये। कुल मिलाकर एक आंदोलन में 180 FIR दर्ज किये गये। नामजद और लाखों अज्ञात के नाम पर केस दर्ज किये गये। दरअसल, हिमंता को ये कहना चाहिये था कि हम डरे हुए हैं। हम JMM का मुकाबला नहीं कर सकते। हम हेमन्त सोरेन का मुकाबला नहीं कर सकते।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकार वार्ता में कहा कि इस साल चार राज्यों में चुनाव होने हैं। इसमें एक झारखंड भी है। पहले जम्मू-कश्मीर को विभाजित किया गया।

उन्हाेंने कहा कि लोकतंत्र को चोट पहुंचायी गयी। अब सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आने पर वहां चुनाव कराये जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनावों की तिथियों की घोषणा कर दी है। इन दोनों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गयी है। इस बीच हरियाणा BJP प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने आयोग से हरियाणा में एक तारीख को होने वाले चुनाव की तिथि बदलने की मांग की है।

सुप्रियो ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब केंद्र में काबिज सत्तारूढ़ दल का नेता ही चुनाव की तिथि बदलने की मांग कर रहा है। इसका कारण ये है कि भाजपा लोगों के सामने आने से डर रही है। इसलिए चुनाव को स्थगित या टालना चाहती है। इसका असर झारखंड में भी दिखाई पड़ा है। यहां 23 तारीख को इन्होंने एक रैली की।

इस रैली में BJP से संबंध रखने वाले तमाम उपद्रवी शामिल थे। इन्होंने राज्य के सुरक्षा कर्मी और पुलिस प्रशासन पर जानलेवा हमला किया। ऐसे लोगों को आंसू गैस के गोले छोड़कर नियंत्रित किया गया। ये लोग दस्ताने पहनकर आये थे और कटर अपने साथ लेकर आये थे। इन उपद्रवियों की ओर से पत्थर फेंके गये। पुलिसकर्मियों की हत्या करने की नीयत से पत्थर फेंके गये। उन्हाेंने कहा कि इसका वीडियो सभी के पास है।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन होंगे भाजपा में शामिल,दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात के बाद उनके निर्णय पर लगा मुहर

झारखंड डेस्क

अंततः भाजपा चंपाई सोरेन को अपने पाले में करने में सफल हुए।वैसे संकेत उसी समय मिल गया था जब वे अपने क्षेत्र में जनता के साथ सम्पर्क अभियान में भगवामय हुए थे। इस बार के दिल्ली यात्रा में तय हो गया कि बीजेपी में शामिल होंगे. सम्भवत 30 अगस्त को आधिकारिक रूप से पार्टी की सदस्यता लेंगे. 

दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के बागी वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने पर फैसला हुआ. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में इसकी पुष्टि की है. अब ऐसी भी चर्चा है कि 30 अगस्त को चंपाई सोरेन के साथ-साथ जेएमएम के कई बड़े नेता भी बीजेपी में उनके साथ शामिल हो सकते हैं.  

हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की. इसमें गृह मंत्री अमित शाह और चंपाई सोरेन की मुलाकात की तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, "झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हमारे देश के प्रतिष्ठित आदिवासी नेता चंपाई सोरेन जी ने कुछ समय पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात की. वे आधिकारिक तौर पर 30 अगस्त को रांची में बीजेपी में शामिल होंगे."

बता दें कि इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि चंपाई सोरेन अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं औऱ आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों में बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ सकते हैं. जेएमएम से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने तीन विकल्प बताए थे. उन्होंने कहा था कि 'मैं राजनीति से संन्यास नहीं लूंगा. मैंने तीन विकल्प बताए थे, रिटायरमेंट, संगठन या दोस्त. मैं रिटायर नहीं होऊंगा, मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है, तो उसके साथ आगे बढ़ूंगा.'