कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज को लेकर मंत्री श्यामबिहारी ने कहा, सरकार किसी का भी हो, कानून अपने हिसाब से काम करता है. विष्णु देव साय की सरकार है. सभी बिंदुओं को देखते हुए हर जगह कार्रवाई भी की जारी है. ऐसा प्रदेश में कहीं भी नहीं है कि पुलिस ने गलत तरीके से लाठीचार्ज किया हो. डायरेक्ट धमकी कांग्रेस के नेता देते रहते हैं. ये वहीं भूपेश बघेल हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी है, जो बर्बरता पूर्वक महिलाओं पर लाठी चार्ज कराई. पत्रकारों को पिटवाने का काम किया. भाजपा के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने का काम किया. पिछले 5 साल में किस प्रकार से इन्होंने कानून को अपने जेब में लेकर काम किया, इनको बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
सौम्या चौरसिया को हाईकोर्ट से फिर लगा झटका, तीसरी बार जमानत याचिका की ख़ारिज
बिलासपुर- कोल लेव्ही वसूली मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रह चुकी सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने तीसरी बार खारिज कर दिया है। जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने यह निर्णय सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय की पुष्टि राज्य के उप महाधिवक्ता और ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने की है।
बता दें कि 570 करोड़ के कोल लेव्ही वसूली मामले में सौम्या चौरसिया के साथ ही आईएएस समीर बिश्नोई रानू साहू व अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था। कोल कारोबारियों से परिवहन व पीट पास जारी करने की एवज में प्रति टन के हिसाब से रुपए वसूले जाते थे। जो कारोबारी रकम नहीं देता था उसे परिवहन पास नहीं दिया जाता था। इसे एक पूरे सिंडिकेट की तरह चलाया जाता था। सिंडिकेट का किंगपिंग कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था। सूर्यकांत तिवारी को यह शक्ति सौम्या चौरसिया से प्राप्त होती थी। ईडी ने जांच के बाद सौम्या चौरसिया और दो आईएएस के अलावा अन्य को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू ने भी कोल घोटाले की जांच में सौम्या चौरसिया और उसके परिवार के द्वारा आय से अधिक 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति खरीदने की बात कही है। यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है। मामले में पीछे डेढ़ साल से सौम्या चौरसिया जेल में बंद है। उनकी दो बार पूर्व में जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट से आईएएस रानू साहू, दीपेश टांक को जमानत मिलने के आधार पर सौम्या चौरसिया ने तीसरी बार जमानत याचिका लगाई थी।
सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है। उनके छोटे बच्चे हैं। प्रकरण की सुनवाई में अभी काफी टाइम लगना है। इसी मामले में तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लिहाजा उन्हें भी जमानत कर लाभ प्रदान किया जाए। सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब फैसले को सार्वजनिक किया गया है।
Aug 28 2024, 18:10