समाज में मुहब्बत फैलाने के लिए इमाम रज़ा के संदेश पर अमल करना ज़रूरी
संभल/सिरसी।सिरसी अज़ादारी की तारीख का एक कदीमी जलूस "इमाम अली राज़ की शाहदत की मनास्बत से देर रात पीरजी मंजिल मोहल्ल्ला दालान से बरामद हुआ जिसमे हजारो की संखिया में अज़ादाराने इमाम हुसैन ने हिस्सा लिया और नम आँखों में ज़ियारते इमाम रज़ा को पढ़ते हुए ताबूत की ज़्यारत की।
अकीदत और एहतराम के साथ बरामद होने वाले इस तारीखी जलूस से पहले प्रख्यात शायर मारूफ सिरस्वी ने मजलिस को ख़िताब किया जबकि खबर रजा और उनके हमनवा ने सलाम व मर्सिया पेश किया।
मौलाना मारूफ सिरसवी ने हज़रत मुहम्मद साहब की तालीमात से लेकर इमाम रज़ा के पैगामात तक रौशनी डाली और बताया की इमाम रज़ा ने अपनी इमामत के दौर में समाज को मुहब्बत का वोही पैगाम दिया जो उनसे पहले हज़रत इमाम हुसैन ने दिया था।
मौलाना ने बताया की हमारा मज़हब अमन व शांति का पैगाम देता है और हम उस पर अमल करते है।मौलाना ने बताया कि इमाम अली रज़ा की ज़िन्दगी और उनके दिए हुए संदेश की आज के समाज को बहुत ज़रूरत है समाज में फैली हुई नफरतों को दूर करने और मुहबत फैलाने के लिए उनके दिए हुए संदेशों पर अमल करना ज़रूरी है।
अंत में हज़रत मौलाना मारूफ ने मैदाने कर्बला में इमाम हुसैन की शाहदत का बयान किया और बताया की ज़ुल्म की इन्तेहा कर्बला तक ही नही थी बल्कि कर्बला के बाद भी असीराने कर्बला पर भी ज़ुल्मो सितम किये गए जिन्हें सुनकर आज भी इंसानियत शर्मसार होती है
ताबूत इमाम रज़ा अज़ाखाना दालान से होता हुआ नवाब सिरसवी के इमामबरगाह पुहंचा जहा अंजुमने शमीम-ए-इमानं ने नौहा खानी व सीना ज़नी की जलूस में महमूद जान मौलाना काज़ी हुसैन रजा फहीम हैदर नकवी वसीम हैदर मौहम्मद अली अफजाल मुजाहिद अब्बास नकवी अमरोही नवाब कायम अली खा फुरकान रज़ा नवाब मुराद अली खा अली आबिदी अमरोहवी ज़हीर अनवर अली रज़ा मुरादाबादी हसनैन जान मोहम्मद काजिम जोहर नकवी मौलाना शौकत रजा मौलाना हैदर अब्बास नवाब मोहम्मद अब्बास अली खान नवाब असालत अली खा नवाब साहिब अली खा सय्यद ज़ादा अब्बास मेहदी आबिद अली खान हसन अमरोही आदि मौजूद थे।
Aug 25 2024, 17:10