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रांची में ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस का केंद्रीय एजेंसी और केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
कांग्रेसियों का सेबी प्रमुख को हटाने की मांग, जेपीसी के द्वारा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच को लेकर प्रदर्शन
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : हिडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर लगे आरोपों से देश भर में बवाल मचा हुआ है। विपक्ष इस मामले में जेपीसी से जांच की मांग कर रहा है। मामले को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को देश भर में ईडी दफ्तर के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में रांची में भी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता दफ्तर के सामने नारेबाजी करते नजर आए। केंद्रीय एजेंसी और मोदी के खिलाफ भी नारेबाजी करते दिखे। कांग्रेस ने प्रदर्शन के माध्यम से सेबी प्रमुख को हटाने की मांग की है।

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में झारखंड के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश दिल्ली से लौटते वक्त सम्मिलित हुए। कांग्रेस नेता अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि जिस प्रकार हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता का आरोप भी लगा चुका है। इसकी जांच जरूर हो। उन्होंने कहा कि हिंडन बर्ग की रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए स्टॉक मार्केट के साथ छेड़छाड़ की गई। कांग्रेस का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर इसकी जेपीसी से जांच करवाई जाएं।
बेड़ो में अपराधी सक्रिय, सब्जी व्यवसायी ओमप्रकाश पांडे के पुत्र प्रिंस पांडे पर फायरिंग, घायल अवसथा में अस्पताल में भर्ती*

रांची : बेड़ो बिजली ऑफिस टिकरा के समीप रात्रि करीब 11:30 बजे के आसपास अज्ञात अपराधियों ने बेड़ो के सब्जी व्यवसाय लमकाना निवासी ओमप्रकाश पांडे के पुत्र प्रिंस पांडे के ऊपर जानलेवा हमला करके फरार हो गया । बताया जा रहा है कि प्रिंस पांडे के पेट में गोली लगी है। घटना के बाद प्रिंस पांडे को तत्काल लोगों ने इलाज के लिए बेड़ो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। जहां से चिकित्सकों ने उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया। फिलहाल प्रिंस पांडे का ऑपरेशन जसलोक हॉस्पिटल में किया गया। बताया गया कि वह खतरे से बाहर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रिंस पांडे रात में अपने दोस्तों के घर खस्सी पार्टी में गया था। पार्टी से लौटने के दौरान घटना घटी। उसके साथ उसका एक दोस्त भी था। सभी अपराधी ब्लू कलर के अपाची बाइक में सवार होकर आए थे और प्रिंस पांडे के ऊपर फायर कर भाग निकले। जिससे प्रिंस पांडे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।वैसे प्रिंस पाण्डेय को चिकित्स्कों ने खतरे से बाहर बताया है.
ATS ने झारखंड के कई इलाकों में डाली दबिश, करीब आधा आतंकी संगठन से जुड़े लोगों को लिया हिरासत में*

रिपोर्टर जयंत कुमार रांची : झारखंड एटीएस ने आज अहले सुबह रांची लोहरदगा हजारीबाग के कई इलाकों में डाली दबिश। जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन आतंकी संगठन से जुड़े लोगों को हिरासत में लिया है। एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार को मिली गुप्त सूचना के आधार पर यह छापेमारी की गई। बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए आरोपी अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) से जुड़े हैं। रांची, लोहरदगा, हजारीबाग सहित 14 जगहों पर छापेमारी किया गया। करीब आधा दर्जन लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एटीएस की टीम ने लोहरदगा के कैरो, हजारीबाग के पेलावल समेत अन्य कई जिलों में 14 जगहों पर छापेमारी किया। वहीं लोहरदगा जिला के कुरु थाना क्षेत्र स्थित हिजला से एटीएस को हथियार भी बरामद हुआ है। झारखंड में एटीएस की यह बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है।
रांची में भारत बंद का दिखा मिला-जुला असर, कहीं आगजनी तो कहीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन, बस सेवा रहा ठप, रेलवे का परिचालन जारी


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज देशभर के 21 संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। इसका मिला-जुला असर देखने को मिला। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने यह फैसला लिया है। झारखंड में सत्ताधारी पार्टियों ने भी भारत बैंड के फैसले पर अपना समर्थन दिया है। भारत बंद के फैसले को देखते हुए सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, अभी तक झारखंड की राजधानी रांची में बंद के दौरान आगजनी और सड़क जाम जैसी घटना देखने को मिला लेकिन अभी तक कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

राजधानी रांची में बैंड का असर सुबह से ही देखने को मिल रहा था। कटहल मोड़ चौराहा पर NH 23 को समर्थकों ने पूरी तरह से बंद कर दिया था। 

वही समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। रांची के हरमू चौक की बात करें तो ओबीसी मोर्चा के लोग चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। रांची के महात्मा गांधी मुख्य मार्ग पर झामुमो, सीपीआई, राजद, सरना समिति के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर नारे बाजी की। इस मार्ग पर सारे प्रतिष्ठान बंद नजर आए। 

भारत बंद की जानकारी की वजह से लोग अपने घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं। जिस वजह से रांची के सरकारी बस स्टैंड में बसे तो खड़ी है, लेकिन पैसेंजर की कमी की वजह से बस परिचालक को ठप करना पड़ रहा है। जहां सवेरे से ही लोगों की भीड़ देखी जाती थी, वहां पर आज सन्नाटा है और बस पैसेंजर्स के इंतजार में खड़ी है। 

वही रेलवे की बात करें तो रांची रेल मंडल के पीआरओ निशांत कुमार ने बताया कि रांची रेलवे अंतर्गत क्षेत्र में भी बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला सभी गाड़ियो का परिचालन जारी हैं। भारत बंद के मध्य नजर सभी आरपीएफ को दिशा निर्देश भी दिया गया था।

रांची में भारत बंद का दिखा मिला-जुला असर, कहीं आगजनी तो कहीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन, बस सेवा रहा ठप, रेलवे का परिचालन जारी


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज देशभर के 21 संगठनों ने भारत बंद बुलाया है। इसका मिला-जुला असर देखने को मिला। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने यह फैसला लिया है। झारखंड में सत्ताधारी पार्टियों ने भी भारत बैंड के फैसले पर अपना समर्थन दिया है। भारत बंद के फैसले को देखते हुए सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, अभी तक झारखंड की राजधानी रांची में बंद के दौरान आगजनी और सड़क जाम जैसी घटना देखने को मिला लेकिन अभी तक कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

राजधानी रांची में बैंड का असर सुबह से ही देखने को मिल रहा था। कटहल मोड़ चौराहा पर NH 23 को समर्थकों ने पूरी तरह से बंद कर दिया था। 

वही समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। रांची के हरमू चौक की बात करें तो ओबीसी मोर्चा के लोग चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। रांची के महात्मा गांधी मुख्य मार्ग पर झामुमो, सीपीआई, राजद, सरना समिति के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर नारे बाजी की। इस मार्ग पर सारे प्रतिष्ठान बंद नजर आए। 

भारत बंद की जानकारी की वजह से लोग अपने घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं। जिस वजह से रांची के सरकारी बस स्टैंड में बसे तो खड़ी है, लेकिन पैसेंजर की कमी की वजह से बस परिचालक को ठप करना पड़ रहा है। जहां सवेरे से ही लोगों की भीड़ देखी जाती थी, वहां पर आज सन्नाटा है और बस पैसेंजर्स के इंतजार में खड़ी है। 

वही रेलवे की बात करें तो रांची रेल मंडल के पीआरओ निशांत कुमार ने बताया कि रांची रेलवे अंतर्गत क्षेत्र में भी बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला सभी गाड़ियो का परिचालन जारी हैं। भारत बंद के मध्य नजर सभी आरपीएफ को दिशा निर्देश भी दिया गया था।

राजधानी रांची में भी दिखा भारत बंद का असर, सत्ताधारी पार्टियों का मिला समर्थन


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद का असर कई राज्यों के साथ-साथ राजधानी रांची में भी देखने को मिल रहा है। बिहार और झारखंड में कई सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

 भारत बंद झारखंड की सत्ताधारी पार्टी के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया। वहीं पुलिस प्रशासन कि ओर से किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार नजर आई। 

भारत बंद का राजधानी रांची में मिला जुला असर दिख रहा है। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सड़कों पर छिटपुट वाहन चल रहे हैं लेकिन ज्यादार दुकानें बंद है। अलग अलग राजनीतिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पहुंच कर विरोध करते नजर आए। राज्य के कई इलाकों में सड़क और रेल सेवा भी बाधित करने की खबर है. वहीं रांची से अन्य जिलों के लिए खुलने वाली बस सेवा बंद है।

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली से लौटे अपने आवास, बताया दिल्ली जाने का क्या था कारण

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क : झारखंड सरकार में मंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली से सरायकेला लौट आए हैं। बीते कुछ दिनों से झारखंड की राजनीति में चल रहे भूचाल के बीच मंगलवार को मीडिया के समक्ष आकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने स्थिति को साफ किया है। उन्होंने कहा कि मैं यहां अपने निजी काम से आया था।

चंपाई सोरेन ने दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मुलाकात की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने किसी से मुलाकात नहीं वल्कि दिल्ली अपने निजी काम के सिलसिले में पहुंचा था। मैं अपनी बच्ची से मिलने आया था, पोता है उसका चश्मा टूट गया था बोला आइये ना दादू चश्मा बनवा दीजिये उसको बनवाने गए थे।

उन्होंने झामुमो के सिंबल पर चुनाव लड़ने के सवाल का जवाब में कहा कि मैंने इन सारी बातों की जानकारी पहले दे दी है। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पार्टी छोड़ने का संकेत दे दिया था। उन्होंने इसकी वजह पार्टी नेतृत्व द्वारा अपमान किये जाने को बताया था।

चंपई सोरेन जिस उम्मीद में दिल्ली आए थे फिलहाल उस पर पानी फिरता दिख रहा है। उनकी सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई है। चंपई को विधायकों का साथ भी नहीं मिला। जिन विधायकों को वो अपना करीबी समझ रहे थे वो अब हेमंत सोरेन के सामने वफादारी साबित करने में लग गए हैं।

हालांकि चंपाई सोरेन ने जिस तरह से सोशल मीडिया पर कहा था कि हमारे पास तीन विकल्प है। जिसमें राजनीति से संन्यास लेना संभव नहीं है। चंपाई ने कहा कि समर्थकों के अपार प्यार और समर्थन की बदौलत वे आगे भी सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि जीवन का नया अध्याय शुरू करेंगे। ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि अब उनके पास दो विकल्प खुले हैं। जिसके तहत या तो संभव है कि वे किसी साथी की तलाश करें। अन्यथा नए सिरे से संगठन बनाए, लेकिन मंत्री चंपाई सोरेन ने स्थिति साफ नहीं किया है।

मुख्यमंत्री आवास के बाहर जब एक माहिला फुट -फुट कर रोने लगी जाने क्या है उनके रोने का कारण..?


सीएम हेमंत सोरेन ने सुनी आमजनों की समस्याएं दिया त्वरित निष्पादन का निर्देश 

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : मंगलवार को कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के बाहर एक महिला फुट -फुट कर रोने लगी। रोने की वजह जब हमने जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि उनके टोटो का परमिट नहीं मिलना और चालान कटना है। जिस वजह से महिला कुछ दिनों से परेशान चल रही थी और आज अपने कुछ साथियों के साथ वे मुख्यमंत्री आवास पहुंची।

 बता दें कि आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने आवास में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए आमजनों की समस्याओं को सुन रहे थे। और त्वरित कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिया।

वहीं महिला ने यह सोचकर आया कि उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से होगी लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई हालांकि उन लोगों की मुलाकात एक अधिकारी से हुई लेकिन बात नहीं बन पायी। आपको बता दें कि पिछले दिनों ई रिक्शा चालकों ने राजधानी रांची कि सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन भी किया था।

 इनका कहना है कि शहर में 7 से 8 हजार ई रिक्शा है जबकि सरकार के द्वारा परमिट महज लगभग 900 रिक्शा को ही मिला है। ऐसे में सड़क पर चलने से इनका चालान काट दिया जाता है। यह कहते हैं कि सरकार हमें परमिट मुहैया कराए और हम परमिट लेने के लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आमजनों की सुनी समस्या, त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को दिया निर्देश

रिपोर्टर : 

रांची : कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे आमजनों की समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री आवास पहुंचे लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी-अपनी समस्याएं बताईं। मुख्यमंत्री स्वयं एक-एक लोगों के पास पहुंचे और उनसे आवेदन लिया। 

मौके पर सभी लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के आश्वासन के बाद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे लोग संतुष्ट दिखाई दिए।

मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार जन समस्याओं के समाधान का निरंतर प्रयास कर रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि मूलभूत और बुनियादी सुविधाओं को आपके गांव-घर तक पहुंचाई जाए। पिछले साढ़े चार वर्ष में जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं को प्रतिबद्धता के साथ आप तक पहुंचाया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के आदिवासी-मूलवासी, गरीब, किसान, मजदूर सहित सभी वर्ग-समुदाय का सर्वांगीण विकास उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। आने वाले समय में भी जनहित का कार्य अनवरत चलता रहेगा। आमजनों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य के साथ राज्य सरकार निरन्तर आगे बढ़ रही है।

सियासी हलचलों के बीच सीएम आवास में बड़ी हलचल, कोल्हान के कई विधायक पहुंचे हेमंत के पास


चार विधायक पहुंचे सीएम आवास, पार्टी बदलने को लेकर कहा मीडिया की उपज

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड में इस समय सियासी हलचल बढ़ी हुई है। इसके पीछे का कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री चंपई सोरेन का झारखंड मुक्ति मोर्चा को छोड़ने को लेकर है। वही सियासी गलियारों में चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा भी जोरों पर है। 

जहां पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पिछले दो दिनों से दिल्ली में है। 

वहीअब मुख्यमंत्री आवास में हलचल तेज हो गई है। हेमंत सोरेन से मुलाकात करने कोल्हान के कई विधायक पहुंचे है।

खबरे यह भी आ रही थी कि चंपाई सोरेन के साथ कोल्हान के कई विधायक भी बगावत के सुर बुलंद कर सकते है। यह सब तब हो रहा है जब विधायकों के चंपाई के संपर्क में होने की चर्चा हो रही थी। 

लेकिन हेमंत ने हालात को भांप लिया और सभी विधायकों को रांची बुलाया है। उनके साथ बैठकें की और राजनीतिक हालात को समझा।

 बैठक के बाद बाहर निकले विधायको रामदास सोरेन और समीर मोहंती ने कहा हम अपने क्षेत्र के कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने आए थे। उन्होंने बगावत की बात को लेकर सिरे से इनकार कर दिया और कहा कि हम झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ है। 

अगर चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ रहेंगे तो हम लोग का साथ देंगे।

 

 कोल्हान के टाइगर कहे जाते है से आते हैं चंपाई सोरेन, ऐसे में अगर पार्टी बदलते हैं तो झारखंड में बड़ा खेल हो सकता है। पार्टी से नाराज अब पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन अलग राह तलाशने में लगे है। ऐसे में सरकार को कोई खतरा ना हो इसकी तैयारी में हेमंत भी लग गए है। विधायकों से बात कर आगे की रणनीति को तय करेंगे। अगर कुछ हालत बनते है तो इससे कैसे बाहर आना है। साथ यह बैठक एकजुटता दिखाने की कोशिश होगी। वही झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इन सारी मुद्दों को पार्टी मीडिया की उपज बताया। उन्होंने कहा कि आगामी कैबिनेट बैठक को देखते हुए अपने क्षेत्र की जनमुद्दों की बात करने के लिए सीएम से मिलने आए थे।

आखिर चंपाई के साथ क्या कुछ बात विधायकों के साथ हुई थी और दिल्ली जाने के बाद भी क्या चंपाई ने किसी से संपर्क किया था। इन सारे विषयों पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। वही सीएम आवास से बाहर निकलते समय विधायक मंगल कालिंदी और संजीव सरदार मीडिया से बचते नजर आए। इस पूरे प्रकरण से लोबीन हेमरॉम बचते नजर आ रहे है। वो किसी से बात भी नही कर रहे है। इसे में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पर ही पूरी निगाहें टिकी है।