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स्कूल में भी असुरक्षित लड़कियां: 4 साल की दो छोटी बच्चियों के साथ स्कूल में यौन शोषण, बाथरूम का सफाईकर्मी गिरफ्तार, प्रिंसिपल पर हुई कार्रवाई



डेस्क: ठाणे के बदलापुर स्थित एक स्कूल के बाथरूम में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न किए जाने का खुलासा हुआ है। इस घटना के विरोध में स्थानीय लोग ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है। लोग रेल रोको आंदोलन करके स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।इसके बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन पर कई लोकल ट्रेनें रोक दी गईं हैं। इसकी जानकारी सीपीआरओ सेंट्रल रेलवे ने दी है। स्कूल के सफाईकर्मी पर बाथरूम में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। पुलिस ने सफाईकर्मी को अरेस्ट कर लिया है। घटना के चार दिन बाद भी स्कूल प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ पैरेंट्स का गुस्सा फूटा है। प्रदर्शनकारियों ने मुंबई जाने वाली ट्रेनों का ट्रैक ब्लॉक किया।


क्या है पूरा मामला?


ठाणे पुलिस ने अनुसार एक नर्सरी स्कूल की दो बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामने आया था। इस घटना में 23 साल के पुरुष सफाईकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज करके किया गया है। पुलिस के अनुसार उसे अरेस्ट भी कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार यौन शोषण का खुलासा तब हुआ था जब चार साल की बच्ची ने अपने अभिभावक को इस बारे में बताया था। जिसके बाद दोनों परिवारों ने मेडिकल जांच कराने की मांग की। इसके बाद उन्होंने ठाणे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।पुलिस के अनुसार यह मामला पॉस्को में दर्ज किया गया है। इस घटना पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने संज्ञान लिया है। फडणवीस ने घटन की जांच के लिए एसआईटी गठित की है।

स्कूल में चार साल की बच्चियों के साथ गंदी हरकत के खुलासे के बाद अभिभावकों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि स्कूल ने सुरक्षा को हल्के में लिया। स्कूल ने घटना के खुलासे के बाद भी कोई माफी नहीं मांगी। स्कूल प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटना को रोकने के लिए कोई आश्वासन नहीं दिया। पुलिस की जांच में स्कूल प्रबंधन की ओर से कई खामियां और लापरवाही सामने आई हैं। इसके बाद अभिभावकों को गुस्सा फूट पड़ा।

अभिभावकों के कड़े विरोध के बाद स्कूल ने अपने प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया, तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के लिए एक अधिकारी का तबादला कर दिया। अभिभावकों के प्रदर्शन के बाद पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मामले को तेजी से निपटाने और स्कूल में सुरक्षा उपाय बढ़ाने का वादा किया। पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी को एक अगस्त को स्कूल में काम पर रखा गया था। पुलिस ने उसे अरेस्ट करके कोर्ट से 21 अगस्त तक के लिए रिमांड लिया है।

बदलापुर स्कूल में बच्चियों से छेड़छाड़ की घटना को संज्ञान में लेते हुए उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्पेशल आईजी की आरती सिंह को एसआईटी का चीफ बनाया है। तो वहीं दूसरी तरफ इस घटना को लेकर बदलापुर में आक्रोश है। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों और लोगों को रेलवे ट्रैक से हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में तोड़फोड़ भी की।
सीनियर IAS अफसर गोविंद मोहन होंगे अगले केंद्रीय गृह सचिव, भल्ला की जगह लेंगे


डेस्क: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी गोविंद मोहन को बुधवार को अजय कुमार भल्ला के स्थान पर केंद्रीय गृह सचिव नियुक्त किया गया है। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है कि 1989 बैच के IAS अफसर गोलिंद मौजूदा सचिव भल्ला का कार्यकाल पूरा होने पर पद संभालेंगे। गोविंद फिलहाल संस्कृति मंत्रालय के सचिव हैं। वह गृह मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी (OSD) के रूप में कार्यभार संभालेंगे। खास बात यह है कि मोहन की नियुक्ति आने वाले दिनों में जम्मू और कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के नजरिए से काफी अहम है।

आधिकारिक आदेश में कहा गया है, 'कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने संस्कृति मंत्रालय में सचिव गोविंद मोहन, आईएएस (सिक्किम: 1989) को तत्काल प्रभाव से गृह मंत्रालय में विशेष कार्य अधिकारी नियुक्त करने को मंजूरी दी है।' आदेश में कहा गया है, “मोहन 22.08.2024 को श्री अजय कुमार भल्ला, आईएएस (असम-मेघालय: 1984) का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनके स्थान पर गृह मंत्रालय के सचिव का पदभार संभालेंगे।' बता दें कि मोहन ने BHU से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है और अक्तूबर 2021 से उन्होंने केंद्रीय संस्कृति सचिव के रूप में काम किया है। वह इससे पहले भी 2 बार गृह मंत्रालय के लिए काम कर चुके हैं।

बता दें कि इससे पहले केंद्र ने कैबिनेट सचिव पद के लिए वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन के नाम को शनिवार को मंजूरी दी थी। सोमनाथन का इस पद पर कार्यकाल 2 वर्ष का होगा और वह वर्तमान कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का स्थान लेंगे, जिनका इस पद पर पांच वर्ष का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा होगा। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सोमनाथन की कैबिनेट सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है तथा 30 अगस्त 2024 से उनका 2 साल का कार्यकाल होगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले की गाड़ियां आपस में टकराईं, साथ में मौजूद थे दोनों डिप्टी सीएम, मचा हड़कंप


डेस्क : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफिले में शामिल चार पुलिस वाहन मंगलवार दोपहर जलगांव जिले में एक-दूसरे से टकरा गए, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ। पुलिस ने यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने बताया कि शिंदे के अलावा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी काफिले में यात्रा कर रहे थे। यह घटना कुसुम्बा हवाई अड्डे के पास हुई। अधिकारी ने बताया कि पुलिस की एक कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

हालही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के विवाद को लेकर अपनी राय रखी थी और उद्धव पर जमकर निशाना साधा था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि इसकी शुरुआत शिवसेना उद्धव ठाकरे की तरफ से की गई थी। जब राज ठाकरे बीड के दौरे पर थे। यह हमारे महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। उन्होंने शुरुआत में राज ठाकरे के काफिले को रोका और उस पर पत्थर और सुपारी फेंकी। किसी को भी यह पसंद नहीं आया। ये एक्शन का रिएक्शन था।

शिंदे ने आगे कहा, "जिस दिन से हमारे सरकार की स्थापना हुई है। उस दिन से इन लोगों के भाषण आप देखिए सरकार एक महीने में गिरेगी, 2 महीने में गिरेगी। आज 2 साल हो गए सरकार दिन-ब-दिन और मजबूत हुई क्योंकि हमने अपने विचार को नहीं छोड़ा। जो लोग अपने विचार छोड़ देते हैं, उन्हें इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ता है। हर दल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्ता के लिए अपने विचारों के साथ समझौता न करें।"
सरकारी कर्मचारी की मौत पर 20% रकम माता-पिता को भी, असम में नया नियम


डेस्क: भारत में बीते कुछ दिनों से किसी सरकारी कर्मचारी की मौत पर मिलने वाले मुआवजे के बंटवारे को लेकर काफी विवाद देखने को मिला है। लोगों के बीच ये बात चर्चा का विषय रही है कि कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजे में से कुछ हिस्सा उसके माता-पिता को भी मिले। अब इस मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बड़ा ऐलान किया है। असम सरकार ने मुआवजे की राशि के बंटवारे के लिए नया नियम लाने का फैसला किया है।


असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि असम में किसी सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद मुआवजे की राशि का बंटवारा 80:20 के रेशियों में किया जाएगा। सीएम हिमंत ने बताया कि मुआवजे की 80 प्रतिशत राशि मृतक के पति/पत्नी को और 20 प्रतिशत राशि माता-पिता को दी जाएगी।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि मुआवजे के 80:20 के रेशियों में बंटवारे का नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा। सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने इस फैसले के कारण बारे में बात करते हुए कहा है कि हम नहीं चाहते कि दुख की घड़ी में परिवार बंट जाएं।

असम के मुख्यमंत्री ने जानकारी दी है कि सरकारी ट्रांसफर और पोस्टिंग भ्रष्टाचार का एक बड़ा स्रोत हैं। इसे समाप्त करने के लिए हमारी सरकार एक पोर्टल लाएगी, जिसके माध्यम से कर्मचारी स्वयं अपना ट्रांसफर कर सकेंगे। इसमें सरकारी हस्तक्षेप को न्यूनतम रखा जाएगा। असम सीएम ने ये भी कहा है कि अगले वर्ष असम का 14वां मेडिकल कॉलेज गुवाहाटी में चालू हो जाएगा जबकि 2026 में 3 और मेडिकल कॉलेज चालू हो जाएंगे।
यहूदियों और इजरायलियों ने बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए उठाई आवाज, इजरायल के राजदूत नायोर गिलोन ने जताई चिंता

डेस्क: बांग्लादेश से आई हिंदुओं की तस्वीरों को देख यहूदियों का एक संगठन भड़क गया। इसके बाद भारत में इजरायल के राजदूत नायोर गिलोन बांग्लादेश के हिंदुओं की आवाज बन गए। सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के एक बड़े यहूदियों के संगठन ने कहा कि यहूदी होने के नाते हम जानते हैं कि कट्टर इस्लामी ताकते कैसे उत्पीड़न करती हैं।


हमने बांग्लादेश से आई तस्वीरें देखी है, जिसमें हिंदुओं के साथ हिंसा हो रही है। हमारी संवेदना उनके साथ है। बांग्लादेश में जो हो रहा है वो कई देशों में हो चुका है। यही कट्टर इस्लाम का चरित्र है। हम चाहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार इस मु्द्दे पर बयान दे।

भारत में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने देश में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों और अशांति के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों सहित अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरों पर चिंता जताई। गिलोन ने एक पोस्ट में कहा कि मैं बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों और उनके मंदिरों के खिलाफ अत्याचार की खबरों से परेशान हूं।
एलन मस्क ने लिया डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति से पूछे ये सवाल

डेस्क: अरबपति और टेस्ला व एक्स के सीईओ एलन मस्क ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू लिया और हाल ही में हुए  हत्या के प्रयास के बारे में खुलकर बात की। ट्रंप ने हमले को 'कड़ी चोट' बताया और कहा कि यह एक अवास्तविक स्थिति थी। इंटरव्यू के दौरान जब एक्स के मालिक ने पूछा, "आपके लिए गोलीबारी कैसी रही? तो ट्रंप ने इसका जवाब देते हुए कहा गोलीबारी सुखद नहीं थी और यह बहुत कड़ी चोट थी। यह एक जोरदार झटका था''।


ट्रंप ने कहा कि जब कान में कुछ लगा तो मैं तुरंत समझ गया था कि यह गोली है। ट्रंप ने आगे कहा कि जिस क्षण गोली लगी और नीचे गिरे तो उनके दिमाग में एकमात्र सवाल था "कितने लोग मारे गए? क्योंकि हमारे पास वहां भारी भीड़ थी।  इसलिए मैंने कहा, 'कितने लोग मारे गए हैं? क्योंकि मुझे पता था कि अन्य गोलियां भी चल रही हैं'।

एलोन मस्क, जिन्होंने पहले डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बिडेन का समर्थन किया था ने अपना समर्थन ट्रंप को दे दिया है। यहां तक कि ट्रंप के अभियान का समर्थन करने के लिए एक सुपर पीएसी भी शुरू किया है। मस्क के समर्थन के बाद ट्रंप ने अपना रुख बदल दिया है। इस साक्षात्कार ने ट्रंप को अपने पारंपरिक आधार से परे व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का अवसर प्रदान किया।

मस्क ने कहा कि उन्होंने ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव का समर्थन इसलिए किया है क्योंकि पिछले महीने पेंसिल्वेनिया में हत्या के प्रयास के दौरान ट्रंप ने मुट्ठी बांधते हुए जो जोश दिखाया वह काबिलेतारीफ है। ट्रंप ने कहा था कि हम लड़ेंगे। पीछे नहीं हटेंगे।

बता दें कि मस्क ने ट्रंप के साथ X पर लाइव स्ट्रीम बातचीत सोमवार को रात 8:42 बजे शुरू की, क्योंकि तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसमें देरी हुई। पहले यह कार्यक्रम रात 8 बजे शुरू होने वाला था।  मस्क ने कहा कि बातचीत में देरी एक साइबर हमले के कारण हुई। मस्क ने इस देरी के लिए डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) हमले को जिम्मेदार ठहराया, हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है। 40 मिनट देरी से शुरू हुई इस बातचीत को दस लाख से ज़्यादा लोगों ने लाइव देखा।
एक और लव जिहाद.....अकील ने अखिल बनकर एक हिन्दू महिला को फंसाया, पिता और दोस्तों संग मिलकर किया घिनौना काम, FIR दर्ज


डेस्क: लखनऊ में एक युवक ने अपना नाम बदलकर शादीशुदा युवती का मोबाइल नंबर लिया फिर दोस्ती के बाद उसे झांसे में लेकर बंधक बना लिया. उसने दोस्तों और पिता के साथ मिलकर युवती के साथ बर्बरता की. मामला मोहनलालगंज थाना क्षेत्र का है जहां पर एक कंपनी में पीड़िता के साथ सोनू नाम का लड़का भी काम करता था. उसने पीड़िता का नंबर अकील अहमद को दिया. अकील ने युवती से अखिल बनकर संपर्क किया. 

कुछ ही दिनों में अकील उर्फ अखिल की युवती की दोस्ती हो गई. एक दिन अकील युवती को दूसरी जगह नौकरी दिलाने के नाम पर अपने दोस्त इंतजार अहमद और पिता खलील के साथ अन्य व्यक्ति को लेकर कैसरबाग पहुंचा, जहां युवती भी पहुंची. आरोप है कि यहां अकील की तरफ से आए वकील ने युवती से कागजों पर यह कहकर दस्तखत करा लिए कि यह नौकरी से संबंधित दस्तावेज हैं. युवती के कम पढ़े लिखे होने और वकील के कहने पर उसने दस्तखत कर दिए.    

हस्ताक्षर करने के बाद अकील और उसके पिता खलील लड़की को अपने साथ मोहनलालगंज के गोपाल खेड़ा अपने घर ले गए. यहां पर बंधक बनाकर उसे रखा गया. आरोप है कि उसके साथ दोनों ने रेप किया और उनका साथ अकील की मां ने भी दिया.

पीड़िता के अनुसार, बीते 17 जनवरी के बाद अकील के पिता खलील ने उसे हरिकंसगढ़ में एक किराए के कमरे में रख दिया. यहां अकील, उसके दोस्त इंतजार अहमद, पिता खलील और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ने उसके साथ बारी-बारी से रेप किया. इसके एवज में अकील अपने दोस्तों से पैसा लेता था. अकील ने जबरदस्ती पीड़िता को कथित तौर पर गोमांस खाने और रोजा रखने के लिए दबाव बनाया.

इन्हीं सबके बीच जब अकील अजमेर गया तब किसी तरीके से पीड़िता वहां से निकलकर अपने पति के पास पहुंची. मगर यह सिलसिला यहीं नहीं रुका. इधर जब अकील अजमेर से वापस आया तो उसने पीड़िता को फोन किया और धमकी देकर उसे वापस मोहनलालगंज बुलाया. डर के कारण पीड़िता मोहनलालगंज गई. फिर अकील उसे एक बाग में ले गया, जहां उसने कथित तौर पर उसके साथ आप्राकृतिक तरीके से यौन संबंध बनाया और बुरी तरीके से मारा पीटा.

इस पूरी घटना की जानकारी पीड़िता ने अपने पति को दी. पीड़िता के पति ने बताया कि जब वे लोग थाने पर एफआईआर दर्ज करवाने गए, तो पुलिस ने उल्टा उन्हीं के ऊपर दबाव बनाया. पीड़िता के पति ने बताया कि उसको और उसकी पत्नी को पुलिस द्वारा मानसिक प्रताड़ना दी गई. लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया गया. साथ ही साथ उसकी पत्नी को कॉल गर्ल कहकर संबोधित किया.    

पीड़िता की तरफ से उसके वकील द्वारा जब मदद की गई, तब जाकर पुलिस ने एफआईआर लिखी. पीड़िता के वकील ने बताया कि मामले में धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम के तहत धाराएं नहीं लगाई गईं. जबकि, पीड़िता की तरफ से दी गई तहरीर में साफ बताया गया है कि उसे गोमांस खिलाया गया, उसे रोजा रखने के लिए दवाब बनाया जाता था. फिलहाल, पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

मोहनलालगंज पुलिस ने बताया कि धारा 376 डी, 420, 342, 323, 506 और 377 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है. पीड़ित लड़की का 161 कलम बंद बयान लिया गया है.

पेरिस ओलंपिक में खिलाड़ियों को मिल रहे ऐसे मेडल, सिर्फ इतने ही दिन में सामने आई सच्चाई



डेस्क: पेरिस ओलंपिक 2024 का आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में किया जा रहा है। ओलंपिक में इस बार कुल 10,500 एथलीटों ने हिस्सा लिया। इन सभी एथलीटों का टारगेट अपने देश के लिए मेडल जीतना था। इसी बीच आपको बता दें कि भारत ने इस बार ओलंपिक में कुल एक सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। ओलंपिक में दिए जा रहे इन मेडलों में पेरिस में स्थित एफिल टॉवर के धातु को भी जोड़ा गया है। जोकि बीच में हेक्सागॉन आकार का है। ओलंपिक का समापन 11 अगस्त को होने वाला है। पेरिस ओलंपिक में पिछले दो सप्ताह में कई विवाद देखने को मिले, जिसमें विनेश फोगट को अयोग्य ठहराए जाने से लेकर सीन नदी में प्रदूषित पानी तक शामिल है। इसी बीच अमेरिका एक एथलीट ने मेडल की गुणवत्ता को लेकर एक बड़ा मुद्दा उठा दिया है।


ओलंपिक में इस बार स्केटबोर्ड में कांस्य पदक जीतने वाले अमेरिका के न्याजा ह्यूस्टन ने कुछ दिनों में अपने कांस्य पदक के खराब होने की कई तस्वीरें साझा की हैं। आपको बता दें कि 29 वर्षीय इस खिलाड़ी ने ला कॉनकॉर्ड में नेलबिटर फाइनल में स्केटबोर्डिंग में कांस्य पदक जीता था। उनके अमेरिकी साथी जैगर ईटन ने रजत पदक जीता जबकि जापान के युतो होरिगोम ने स्वर्ण पदक जीता। न्याजा ह्यूस्टन के मेडल की गुणवत्ता सिर्फ 10 दिन में खराब हो गई।


न्याजा ह्यूस्टन ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि जब ये ओलंपिक पदक बिल्कुल नए होते हैं, तो ये बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन जब उन्होंने इस मेडल को कुछ देर तक पहने रखा और इसपर पसीना लगा तब पता चला कि ये उतने उच्च गुणवत्ता वाले नहीं होते, जितना की सोचा जाता है। उन्होंने अपने वीडियो में कहा कि मेडल खुरदरी दिख रही है। यहां तर कि सामने का हिस्सा भी थोड़ा-थोड़ा टूटने लगा है। इसके अलावा उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा कि मुझे नहीं पता... ओलंपिक पदक की गुणवत्ता को थोड़ा और बढ़ाना होगा। उन्होंने यह भी लिखा कि मुझे लगता है कि पदक केस में रखे जाने चाहिए।
पेरिस ओलंपिक 2024 के क्लोजिंग सेरेमनी में मनु भाकर के साथ पीआर श्रीजेश होंगे भारत के ध्वजवाहक


डेस्क: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत जहां 26 जुलाई को ओपनिंग सेरेमनी के साथ हुई थी तो वहीं 11 अगस्त को क्लोजिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा। भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से ये जानकारी दी गई है कि क्लोजिंग सेरेमनी में भारत की तरफ से ध्वजवाहक की जिम्मेदारी शूटिंग में 2 ब्रॉन्ज मेडल जीतने वालीं मनु भाकर के साथ हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश संभालेंगे। इससे पहले ओपनिंग सेरेमनी में भारत के लिए पीवी सिंधु ने जहां महिला ध्वजवाहक की भूमिका अदा की थी तो वहीं शरत कमल ने पुरुष ध्वजवाहक की जिम्मेदारी को संभाला था।

इंडियन ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने दोनों ही एथलीट के नामों का ऐलान करने के साथ अपने बयान में कहा कि श्रीजेश काफी भावुक थे जब उन्हें ध्वजवाहक के रूप में चुना गया। उनके साथ शेफ-डी-मिशन गगन नारंग और भारतीय दल भी क्लोजिंग सेरेमनी में शामिल होगा। श्रीजेश ने भारतीय हॉकी टीम के लिए 2 दशक तक योगदान दिया है। वहीं पीटी ऊषा ने पुरुष ध्वजवाहक के लिए पहले जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा से बात की थी लेकिन उन्होंने श्रीजेश को ये जिम्मेदारी देने का आग्रह किया।

भारत अब तक पेरिस ओलंपिक में 5 पदक जीतने में कामयाब हुआ है जिसमें से 2 पदकों में मनु भाकर की अहम भूमिका रही। मनु ने जहां 10 मीटर एयर पिस्टल के इवेंट में ब्रॉन्ज तो वहीं दूसरा कांस्य पदक उन्होंने 10 मीटर मिक्सड पिस्टल के इवेंट में जीता था। पीआर श्रीजेश को लेकर बात की जाए तो पेरिस ओलंपिक में उन्होंने गोलकीपर के रूप में काफी अहम भूमिका अदा की जिससे भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को भी मात देने में कामयाब हो सकी थी।
पाकिस्तान ने गोल्ड मेडल जीतकर खत्म किया ओलंपिक मेडल का सूखा, आखिरी बार इतने साल पहले इस खेल में जीता था



डेस्क : पाकिस्तान के अरशद नदीम ने आखिरकार वो कर दिया, जो सालों से कोई भी एथलीट नहीं कर पाया था। ओलंपिक शुरू होने से पहले जब पता चला कि पाकिस्तान अपने केवल 7 ही एथलीट पेरिस भेज रहा है तो जिस एक खिलाड़ी से सबसे ज्यादा उम्मीदें थी, वो अरशद नदीम ही थे। वे उस पर खरे भी उतरे हैं और गोल्ड जीतने में कामयाबी हासिल कर ली। लेकिन क्या आपको पता है कि पाकिस्तान ने आखिरी बार ओलंपिक में मेडल कब जीता था और किस खेल में जीता था, चलिए आपको बताते हैं।


एक वक्त ऐसा भी था, जब हॉकी में भारत की तूती बोलती थी। पाकिस्तान का भी हॉकी में शानदार प्रदर्शन रहता था। उसमें भी कई ओलंपिक मेडल हॉकी में जीते हैं। पाकिस्तान ने इससे पहले साल 1992 में आखिरी बार ओलंपिक में मेडल जीता था। उस वक्त भी उनकी हॉकी टीम ने ही ब्रॉन्ज जीतने में सफलता हासिल की थी। इसके बाद से हर साल एथलीट ओलंपिक में प्रतिभाग तो करते थे, लेकिन मेडल दूर की कौड़ी हुआ करती थी।

इस बार अरशद नदीम ने सालों से चला आ रहा सूखा खत्म कर दिया है। उन्होंने जैवलिन थ्रो में न केवल मेडल जीता है, बल्कि गोल्ड जीता है। ऐसे में इस वक्त वे पाकिस्तान के सबसे बड़े हीरो बनकर उभरे हैं। ओलंपिक जैसे खेल में गोल्ड जीतना कोई आसान काम नहीं होता, ये हम सभी जानते ही हैं। अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो में 92.97 मीटर का थ्रो किया। इसके साथ ही उनका गोल्ड पक्का हो गया। वहीं भारत ने नीरज चोपड़ा ने इसी इवेंट में सिल्वर अपने नाम किया है। नीरज का थ्रो 89.45 मीटर का था।

पाकिस्तान ने इससे पहले पूरे ओलंपिक के इतिहास में कुल 10 ही मेडल जीते थे। अब उनको 11वां मेडल नसीब हुआ है। पाकिस्तान ने साल 1956 में पहली बार ओलंपिक मेडल जीता था, जो सिल्वर था। इसके बाद 1976 तक लगातार कोई ना कोई मेडल उनकी झोली में आता रहा। साल 1992 में बार्सिलोना में खेले गए ओलंपिक के बाद उनका डिब्बा गोल हो गया। अब एक बार फिर से नदीम ने पाकिस्तान की वापसी कराई है। देखना होगा कि आने वाले वक्त में पाकिस्तान ओलंपिक में कैसा प्रदर्शन करता है।