रक्षा-बंधन पर्व भाई-बहन के अटूट प्यार का रिश्ता है जिला मंत्री राजेश तिवारी
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज।रक्षा-बंधन पर्व भाई-बहन के अटूट प्यार का रिश्ता है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने अपने निज निवास पर अपनी बहन से कलाई पर राखी बँधवाते समय कहा।इस रक्षा-बंधन के पावन पर्व पर जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह रक्षा-बंधन पर्व हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। रक्षा-बंधन का पर्व श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।यह पर्व भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है।
भारतीय परम्पराओं का यह एक ऐसा पर्व है,जो केवल भाई-बहन के स्नेह के साथ-साथ हर सामाजिक सम्बन्ध को मजबूत करता है,इसलिए यह पर्व भाई-बहन को आपस में जोड़ने के साथ-साथ सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व भी रखता है।रक्षा-बंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है।इस पर्व से जुड़ी किवदंतियों में से एक महाकाव्य महाभारत से उत्पन्न होती है।पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण की उंगली सुदर्शन-चक्र से गलती से कट गयी थी।यह देखकर द्रौपदी ने खून रोकने के लिए अपनी साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा फाड़कर चोट पर बांध दिया।भगवान श्रीकृष्ण द्रौपदी के इस हाव-भाव से बहुत प्रभावित हुए और उन्होनें हमेशा द्रौपदी की रक्षा करने का वादा किया।
उन्होनें यह वादा तब पूरा किया जब द्रौपदी को हस्तिनापुर के शाही दरबार में सार्वजनिक अपमान का सामना करना पड़ा।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है।इस प्रकार रक्षा-बंधन के दिन भाई अपने बहन की सुरक्षा के लिए शपथ लेता है कि वह अपने बहन की सुरक्षा मरते दम तक करता रहेगा और इस दिन बहनें भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं।इस रक्षा-सूत्र बंधन के अवसर पर जिला मंत्री के परिवारी जनों सहित आस-पास के पड़ोसी भी मौजूद रहे।
Aug 19 2024, 19:27