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राज्य में झामुमो बन गयी राजनीतिक पाठशाला, कई नेता यहां सीखे दाव पेंच, फिर आजमाया दूसरी पार्टी में किस्मत

झा. डेस्क 

झारखंड में अभी सियासी घमासान चल रहा हैं. कारण हैं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को लेकर भाजपा में शामिल होने की चर्चा.यह कोई पहली बार नहीं हो रहा हैं. इसके पूर्व भी झामुमो में रहकर कई नेताओं ने अपने राजनितिक जीवन की शुरुआत की. यहां राजनीती के दावपेंच सीखा और फिर दूसरी पार्टी का हिस्सा बनकर अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की.

कुछ को सफालता मिली तो कुछ गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं.अब फिर झामुमो में चंपाई की नाराजगी, उनका एक्स पर पोस्ट और सियासी हलकों में चर्चा ने एक बार फिर इस चर्चा को बाल दे दिया हैं कि चंपाई सोरेन झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल होंगे.

इन्ही चर्चाओं के बीच राजनीतिक गलियारों में झामुमो को अक्सर झारखंड में राजनीति की पाठशाला कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई नेताओं ने राजनीति की इस पाठशाला में सियासी दांवपेच सीखने के बाद मौका मिलते ही दूसरे दलों का रुख कर अपने सियासी करियर को नया आयाम दिया। इसमें कई नेता सफल होकर झारखंड की राजनीति के कद्दावर बने।

झारखण्ड मुक्तिमोर्चा छोड़ने वालों कि रही लम्बी पेहरिस्त रही

चंपाई सोरेन से पहले पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेताओं ने झमुमो को छोड़ा.कृष्णा मार्डी उन्हीं में से एक हैं. 

झामुमो के कोल्हान क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में से एक रहे कृष्णा मार्डी झामुमो के सांसद रह चुके हैं, लेकिन एक समय ऐसा आया, जब उन्होंने पार्टी छोड़ दी. उनके अलावा पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां, पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी, पूर्व सांसद सूरज मंडल, हेमलाल मुर्मू, संताल के कद्दावर झामुमो नेता रहे साइमन मरांडी, स्टीफन मरांडी तक ने झामुमो छोड़ दूसरे दलों में अपनी राजनीतिक पारी कि शुरुआत की.

 जिन नेताओं ने झामुमो से अलग रहकर भी अपना सियासी कद बनाए रखा, उनमें अर्जुन मुंडा का नाम सबसे बड़ा है. मुंडा ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत झामुमो से की थी.

1995 में झामुमो के टिकट पर खरसावां सीट से चुनकर बिहार विधानसभा पहुंचने वाले अर्जुन मुंडा भाजपा में जाने के बाद तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और केंद्र में भी मंत्री रहे. उनका राजनीतिक कद आज भी बरकरार है. इसी तरह झामुमो छोड़ने के बाद विद्युतवरण महतो ने तीन बार लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की.

 झामुमो के सांसद रहे शैलेन्द्र महतो भी सफल माने जाएंगे, क्योंकि उन्होंने भाजपा में जाने के बाद पत्नी आभा महतो को भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचाने में सफलता पाई थी. हालांकि उन्हें भाजपा में खुद कोई खास सफलता नहीं मिली.

ताजा उदाहरण जामा विधानसभा सीट से तीन बार से विधायक रहीं सीता सोरेन का है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया थ.

इस तरह लगातार टूट के बाद भी झामुमो ने झारखण्ड में अपना अस्तित्व बनाये रखा और राजनीती के केंद्र में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ही रही. साथ ही नेतृत्व भी शिबू सोरेन के परिवार के पास ही रहा.

चम्पाई को भाजपा में जाने से क्या असर पड़ेगा झामुमो पर

दरअसल चंपाई शिबू सोरेन के साथ झामुमो के कोल्हान में एक जुझारू चेहरा रहे. उनकी जुझारूपन के कारण हीं उन्हें टाइगर के नाम से सम्बोधित कीया जाता रहा. लेकिन चंपाई को भाजपा में जाने से थोड़ा बहुत फर्क जरूर पड़ेगा लेकिन झामुमो के राजनितिक अस्तित्व पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि अभी जो चर्चा हैं की चंपाई के साथ और कई लोग भाजपा का हिस्सा बन सकते हैं इस पर ग्रहण लग गया हैं, कुछ मीडिया हलकों से आ रही खबर से यह सामने आया हैं की कुछ और नाराज लोगों ने चंपाई को अकेले छोड दिया हैं.

छात्र जाते आते रहते पर पाठशाला नहीं बंद होता

झामुमो के एक कद्दावर नेता ने बताया कि नाराजगी से पहले नेतृत्व से बात करने कि जरुरत हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ, अभी यहां चर्चा हैं, कुछ हुआ नहीं. अगर ऐसा कुछ होता हैं तो जनता सब समझती हैं, झामुमो जनता के लिए झारखण्ड कि जनता की पार्टी हैं, और पार्टी जनहित में काम करती रहेगी. झामुमो पाठशाला हैं तो पाठशाला में छात्रों का आना जाना लगा रहता हैं, पर पाठशाला बंद नहीं होता.

झारखंड के जनता के वर्तमान रुझान के अनुसार किसकी बनेगी सरकार,कौन है मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद,जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर...?

झारखंड डेस्क

कुछ ही दिनों में झारखंड में विधानसभा चुनाव होगी जिसको लेकर देश भर के लोगों में यह जिज्ञासा बनी हुई है इस बार जनादेश किसके पक्ष में जायेगा। जिसको लेकर कुछ मीडिया हाउस ने ओपिनियन पोल शुरू कर दिया है।इन ओपिनियन पोल के अनुसार लोगों का रुझान भाजपा के प्रति देखा गया गया है। 

एक मीडिया हाउस द्वारा कराए गए ओपेनियन पोल के अनुसार झारखंड की 81 सदस्‍यीय व‍िधानसभा में जेएमएम को 19 से 24 सीटें, कांग्रेस को 7 से 12 सीटें, भाजपा को 38 से 43 सीटें, आजसू को 2 से 7 सीटें और अन्य को 3 से 8 सीटें मिलने की उम्मीद है। इस ओपिनियन पोल के अनुसार झारखंड में भाजपा 42 सीटों के साथ बहुमत हास‍िल करती द‍िखाई दे रही है।

इसी तरह विधान सभा चुनाव के पूर्व अभी तत्काल का जो रुझान है उसके अनुसार जो ओपिनियन पोल आया है। इस ओपिनियन पोल में झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दूसरे नंबर पर आए हैं। भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी झारखंड के लोगों की पहली पसंद बनकर सामने आए हैं।

 ओपिनियन पोल में चार नेताओं का नाम दिया गया था, जिसमें भाजपा के एक पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल को सबसे ज्यादा लोगों ने झारखंड के सीएम के रूप में पसंद किया है।

कौन सबसे आगे...?

झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में सबसे ज्यादा लोगों ने पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को पसंद किया है। उन्हें कुल 43 प्रतिशत लोगों ने अपनी पहली पसंद बताई है।

 'टाइम्स नाउ नवभारत' के ओपिनियन पोल के अनुसार, इस दौड़ में वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछड़ गए हैं, वो दूसरे नंबर पर आए हैं। हेमंत सोरेन को कुल 32 प्रतिशत लोगों ने पहली पसंद बताया है।

 इस लिस्ट में चंपाई सोरेन और अर्जुन मुंडा का नाम भी शामिल है। अर्जुन मुंडा को 9 प्रतिशत जबकि चंपाई सोरेन को 5 प्रतिशत लोगों ने सीएम के रूप में पहली पसंद बताया है।

 झारखंड विधानसभा चुनाव की कब है सम्भावना

शुक्रवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने दो राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इसमें जम्मू-कश्मीर मे तीन चरणों में जबकि हरियाणा में एक चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। उम्मीद जताई जा रही थी इन दो राज्यों के साथ ही महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव कराया जाएगा।

 हालांकि, चुनाव आयोग ने सिर्फ दो राज्यों में चुनाव का ऐलान किया है। अब झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव इस साल के आखिरी में करवाने की संभावना है। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक इस बारे में कोई अपडेट नहीं दिया है। इस चुनावी ओपिनियन पोल से भाजपा खुश हो सकती है। हालांकि, चुनावी नतीजों के बाद ही तय होगा कि झारखंड का मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

अटकलों के बीच आया चम्पई सोरेन का बयान, भाजपा में शामिल होने के सवाल को टालते हुए कहा -हम जहाँ हैं, अभी वहीं हैं, दिल्ली अकेले आने की बात कहीं

झा. डेस्क 

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन दिल्ली पहुंच गए हैं। इधर झारखण्ड के सियासी गलियारी में चल रही अटकलों के बीच चंपाई सोरेन का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा हम अकेले दिल्ली आये हैं. 

 भाजपा में शामिल होने वाली अटकलों को लेकर उनका बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, 'हम यहां अपने निजी काम के लिए आए हैं। हमारी बच्ची रहती है, उसे देखने के लिए आए हैं। अपने निजी काम के लिए दिल्ली आना-जाना होता रहता है।'

इन्होने कहा कि 'हम अभी जहां पर हैं, वहीं पर हैं। और निजी काम के लिए दिल्ली आए हैं।' भाजपा में शामिल होने वाले सवाल पर चंपाई ने कहा, 'देखिए... हमने बोल दिया, जहां पर अभी हम हैं, वहीं पर हैं।' 

सीएम हेमंत सोरेन से नाराजगी वाले सवाल पर चंपाई ने फिर से वही कहा, 'हम यहां निजी काम के लिए आए हैं और हम जहां हैं, वहीं पर हैं।' वह भाजपा में शामिल होने वाले सवाल को बार-बार टालते रहे। उन्होंने अपनी नाराजगी पर भी कुछ नहीं कहा।

भाजपा में शामिल होने वाली बात स्वीकार नहीं किया तो इनकार भी नहीं किया

' भाजपा में शामिल होने वाले सवाल पर चंपाई ने कहा, 'देखिए... हमने बोल दिया, जहां पर अभी हम हैं, वहीं पर हैं।' सीएम हेमंत सोरेन से नाराजगी वाले सवाल पर चंपाई ने फिर से वही कहा, 'हम यहां निजी काम के लिए आए हैं और हम जहां हैं, वहीं पर हैं।' वह भाजपा में शामिल होने वाले सवाल को बार-बार टालते रहे। उन्होंने अपनी नाराजगी पर भी कुछ नहीं कहा।

छह विधायकों के साथ नहीं, अकेले पहुंचे दिल्ली

सूत्रों के हवाले से यह दावा किया जा रहा था कि चंपाई सोरेन झामुमो के छह विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। लेकिन वह दिल्ली अकेले आए हैं। बताया जा रहा है कि सीएम पद से इस्तीफा के बाद चंपाई नाराज चल रहे हैं। ऐसे में अगर चंपाई भाजपा में शामिल होते हैं तो विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन की पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। चंपाई राज्य के बड़े आदिवासी नेता हैं।

सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात से इनकार

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि चंपाई सोरेन कोलकाता में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात किए हैं। हालांकि उनसे दिल्ली पहुंचने पर जब इस बारे में पूछा गया तब उन्होंने साफ इनकार कर दिया। चंपाई ने कहा, 'हमारी अभी किसी से मुलाकात नहीं हुई है।' उन्होंने आगे कहा कि हम यहां (दिल्ली) अपने निजी काम के लिए आए हैं। बाद में हम बताएंगे।' जब उनसे एक बार और पूछा गया कि क्या आप झामुमो में रहेंगे या पार्टी छोड़ देंगे? इसपर उन्होने मुस्कुराते हुए कहा, 'हम जहां पर हैं, वहीं पर हैं।'

शहीद सैनिकों और अग्निवीरों के आश्रितों को नौकरी देगी हेमंत सरकार

मुख्यमंत्री ने दी प्रस्ताव को मंजूरी, राज्य मंत्रिपरिषद से स्वीकृति के बाद लागू हो जाएगी सुविधा



झा. डेस्क
रांची :मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान कर्तव्य निर्वहनरत वीरगति प्राप्त करने वाले राज्य निवासी सैनिक, अग्निवीर पत्नी व आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।

अब इस प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिपरिषद का अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।

*अग्नि वीरों को भी प्रावधान का मिलेगा लाभ*

ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान कर्तव्य निर्वहनरत वीरगति प्राप्त करने वाले राज्य निवासी सैनिक के पत्नी/आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान के रूप में 10 लाख रुपए एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी प्रदान करने का प्रावधान है।

वहीं, भारतीय सेना (थल, वायु एवं जल सेना) में वर्ष 2022 में अग्निवीर योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत भारतीय सेना में अग्निवीर के रूप में 4 वर्षों के लिए नियुक्ति प्रारंभ की गई है ।अग्निवीरों को नियमित सैनिकों के अनुरूप ही देश की रक्षा/ सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है।

अतः अग्निवीरों पर भी नियमित सैनिकों की भांति देश की रक्षा/ सुरक्षा हेतु समान रूप से जीवन का खतरा बना रहता है। अतः अग्निवीरों के लिए भी यह योजना लागू करने की योजना तैयार की गई है।
जंगली हाथी की पीठ में घुसी जलती मशाल, दर्द से चिंघाड़ते हुए तोड़ा दम

झा. डेस्क
झारखंड के पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में जंगली हाथी की पीठ में नुकीली मशाल घुस गई। इसकी वजह से वह काफी देर तक दर्द से तड़पता रहा, चिंघाड़ता रहा।।अंत में उसकी मौत हो गई। घटना झारखंड की सीमा से सटे झारग्राम की है।

झारग्राम राज कॉलेज परिसर में 16 अगस्त (गुरुवार) की सुबह 4 जंगली हाथी घुस गए। हाथियों को देखने के लिए काफी संख्या में लोग भी एकत्रित हो गए। इस बीच एक जंगली हाथी को निशाना बनाकर किसी ने मशाल से हमला कर दिया। मशाल लोहे की नुकीली छड़ की मदद से बनाई गई थी।

अज्ञात व्यक्ति द्वारा फेंकी गई यह मशाल हाथी की पीठ के बीचोबीच धंस गया। इसके बाद दर्द के मारे हाथी चिंघाड़ने लगा। उसकी चीत्कार से समूचा क्षेत्र गूंज उठा। दर्द से कराहते हाथी ने 17 अगस्त (शुक्रवार) की सुबह दम तोड़ दिया।
छत्तीसगढ़ी साहू समाज के लोगों ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को घेरा, धक्का-मुक्की की नौबत

जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति  के कार्यालय के बाहर शुक्रवार को उस समय अफरातफरी मच गई, जब छत्तीसगढ़ी साहू समाज के लोगों ने जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को घेर लिया। विधायक से धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई।

हालांकि सरयू भीड़ के बीच से किसी तरह जबरन निकले और गाड़ी में बैठकर चले गए। स्थिति यह रही कि विधायक की अपनी गाड़ी अक्षेस कार्यालय के अंदर ही रह गई और वे बाहर समर्थक की गाड़ी से निकले।

सरयू दोपहर में अपने विधानसभा क्षेत्र की करीब 20 करोड़ से अधिक की दर्जनों योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास समारोह में भाग लेने के लिए जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय पहुंचे थे। शिलान्यास के बाद उपनगर आयुक्त के कार्यालय में विधायक ने बैठक की। इसके बाद जैसे ही वे निकलने लगे तो बाहर करीब 100 महिला-पुरुषों के समूह ने उन्हें रोककर अपनी बात कहने की कोशिश की।

सरयू के खिलाफ नारे लगाने लगे। स्थिति भांपकर सरयू ने भीड़ में शामिल महिलाओं से कहा कि आप यहां जेएनएसी अधिकारियों से मिलने आए हैं, उनके सामने अपनी बात रखिए। मुझसे बात करनी है तो मेरे कार्यालय या निवास पर आइए।भीड़ में लोग उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। सरयू को रोककर लोग हंगामा करने लगे।

*रघुवर के कार्यकाल में बने भवन पर विवाद*

इस हंगामे की पृष्ठभूमि स्वतंत्रता दिवस के दिन ही तैयार हो चुकी थी। स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए छत्तीसगढ़ी समाज के लोग एग्रिको पोस्ट ऑफिस रोड स्थित सामुदायिक भवन पहुंचे तो उन्हें पता चला कि भवन पर ताला लगा है और सामुदायिक भवन पर बह्मषि समाज का बोर्ड लगा है। समाज के लोग इससे आक्रोशित हो उठे। उनका कहना था कि रघुवर दास ने मुख्यमंत्री रहते हुए छत्तीसगढ़ी साहू समाज की मांग पर सामुदायिक भवन बनवाया था। लेकिन, 2019 के विधानसभा चुनाव में रघुवर की हार हुई तो इस इसका हैंडओवर अटक गया।

जमशेदपुर अक्षेस ने ताला लगवा दिया। इसके विरोध के लिए शुक्रवार को समाज के लोग अक्षेस कार्यालय पहुंचे तो यहां सरयू से उनका सामना हो गया।

*सरयू राय पर समाज ने लगाए आरोप*

समाज के लोगों ने बताया कि ब्रह्मर्षि समाज को विधायक सरयू राय के निर्देश पर जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी कृष्ण कुमार ने भवन की चाबी दी है। इतना ही नहीं, इस भवन को आवंटित भी कर दिया गया है।

*हंगामा करने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष के रिश्तेदार*

सरयू राय ने कहा कि भीड़ में मेरे विधानसभा क्षेत्र के काफी कम लोग थे। अधिकतर लोग जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र तथा गोविन्दपुर, बागबेड़ा एवं अन्य क्षेत्रों के थे। मेरे विधानसभा क्षेत्र के कतिपय ऐसे महिला, पुरुष भीड़ में दिखे जो जमशेदपुर महानगर भाजपा के एक पूर्व जिलाध्यक्ष के परिवार एवं रिश्तेदारों के घर के थे।
*भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश भर के मंडल अध्यक्षों की बैठक में दिया विधानसभा जीतने का मंत्र, कहा, भाजपा के पक्ष में माहौल, अपने अपने क्षेत्र के

भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रदेश भर के मंडल अध्यक्षों की बैठक शुक्रवार को रांची में आयोजित की। बैठक में असम के मुख्यमंत्री और चुनाव सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा, संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी शामिल हुए। केंद्रीय कृषि मंत्री और चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने बैठक को ऑनलाइन संबोधित किया। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बैठक की अध्यक्षता की। मंडल अध्यक्षों को विधानसभा चुनाव में जीत का मंत्र देते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में हो रही बांग्लादेशी घुसपैठ से जनसंख्या में बदलाव हो रहा है। आदिवासी संस्कृति खतरे में है। भाजपा कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज में जाएं। इसके साथ ही हेमंत सोरेन सरकार की रोजगार, विधि व्यवस्था के मामले में असफलता से भी जनता को अवगत कराएं। *हेमंत विश्व सरमा का दावा माहौल' भाजपा के पक्ष में* उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय से ही राज्य में भाजपा के पक्ष में माहौल बना हुआ है। सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बूथ पर जीत सुनिश्चित कर भाजपा कार्यकर्ता राज्य में सरकार बनाने का लक्ष्य प्राप्त करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस अवसर पर कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने जो भ्रष्टाचार और लूट का माहौल बनाया है, उससे राज्य की जनता त्रस्त है। *वाजपेयी ने कार्यकर्ताओं से संवाद का महत्व बताया* झारखंड भाजपा के संगठन प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने चुनाव में जीत का दावा करते हुए मंडल अध्यक्षों से कहा कि प्रतिदिन बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से संवाद करें। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की वजह से ही भाजपा आज इतनी बड़ी पार्टी बनी है। बूथ जीतने से ही विधानसभा सीट जीतने का लक्ष्य पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव के समय भाजपा कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की जिस वजह से राज्य में 9 सीटों पर हमें जीत मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा से सभी नेता कार्यकर्ता मिलकर झारखंड विधानसभा चुनाव लडे़ंगे और जीत हासिल करेंगे।
*कोलकाता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की दुष्कर्म और हत्या का विरोध कर रहे डॉक्टरों पर हमले को लेकर आज झारखण्ड में डॉक्टरों का हड़ताल*

झा. डेस्क कोलकाता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की दुष्कर्म औ रउसकी हत्या का विरोध कर रहे डॉक्टरों पर हमले को डॉक्टरों ने गंभीरता से लिया है। अब झारखंड आईएमए, रिम्स जेडीए, झासा, आईएमए की महिला विंग, आरडीए सीआईपी, एचएचपीआई, आईएपी, आईडीए, आईएपी, झारखंड पारा चिकित्सक संघ सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों समेत निजी अस्पतालों ने शनिवार से अगले 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं ठप करने का एलान किया है। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी। सभी नियमित सर्जरी भी बंद कर दी गई हैं। आईएमए के बंद का स्वास्थ्य से जुड़ीं दर्जनों संस्थाओं ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है। वे महिला डॉक्टर के साथ क्रूरता करने वाले आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही जूनियर डाॅक्टर का कार्य बहिष्कार चल रहा है। ओपीडी से लेकर सर्जरी ठप कर दी गई है। पहली बार बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी ठप कर रहे चिकित्सीय सेवा आईएमए झारखंड के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इस बार पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहेंगी। राज्य के 17 हजार से अधिक डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे। साथ ही पारा मेडिकल स्टाफ से लेकर एएनएम, जीएनएम नर्स सहित फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन के साथी मिलाकर करीब 25 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल में डॉक्टरों की सुरक्षा से जुड़ा अहम मुद्दा होगा, जिसमें यहां की राज्य सरकार को भी आगे आना होगा। अभी तक सरकार द्वारा यहां के डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई सुविधा नहीं दी गई है। शुक्रवार को हजारीबाग के मेडिकल कॉलेज में एक सीनियर डॉक्टर को राउंड लेते समय एक मरीज के स्वजन ने पीट दिया। सुरक्षा को लेकर सवाल फिर उठने लगे हैं। सरकार को यहां जल्द मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना होगा।
क्या चम्पई की नाराजगी झामुमो मोर्चा पर भारी पड़ेगी,सियासी हलकों में हो रही है चर्चा,जल्द कोल्हान में लगेगी झामुमो को झटका*

झा. डेस्क कोल्हान के टाइगर चंपई सोरेन क्या झामुमो से नाराज हैं..? मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना उनके मन में गांठ बन गयी है. यह चर्चा सियासी गालियारों में पिछले कुछ दिनों से चल रही है.लेकिन 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के समय दिए गए उनके भाषण से इस बात को और पुष्ट कर दिया कि चम्पई सोरेन कुछ करने वाले हैं. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को सरायकेला स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम से मंत्री चंपई सोरेन ने जब अपना संबोधन शुरू किया, तब उपस्थित लोगों और प्रशासनिक पदाधिकारियों को लगा कि वे सरकार की उपलब्धियों का बखान करेंगे। मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने सिर्फ अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया. मुख्यमंत्री रहने के दौरान खुद को हेमंत सोरन पार्ट-टू कहने वाले चंपई सोरेन जब भी किसी भाषण को संबोधित करते थे तो उसमें कई बार हेमंत सोरेन के नाम का उल्लेख होता था. वहीं, भाजपा पर भी राज्य के साथ भेदभाव और केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग समेत कई आरोप लगाकर वह कोसते थे, लेकिन इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर सरायकेला में झंडा फहराने के बाद दिया गया चंपई सोरेन का भाषण कुछ अलग रहा. इस बार अपने भाषण में उन्होंने न तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिया और ना ही भाजपा की बुराई की। इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. को भाजपा में शामिल होने की चर्चा शुरू हो गई है। अगले कुछ दिनों में झारखंड की सियासत में बड़े उलटफेर की संभावना है. *भाजपा चम्पई के मुख्यमंत्रित्व काल कि करती है प्रशंसा, उन्हें हटाए जाने पर उठा रही है सवाल* यूँ तो चम्पाई को हेमंत सोरेन के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा ने अपना तीर चलना शुरू कर दिया. चम्पई के प्रति सहानुभूति और हेमंत सोरेन पर कटाक्ष करना शुरू कर दिया था.अब इधर चर्चा है कि चम्पई सोरेन भाजपा में शामिल हो सकते हैं. चुनाव से पहले ऐसा कुछ हो सकता है.इसके लिए तिथि भी निर्धारित हो गया है. सिर्फ इतना ही नहीं घाटशिला सीट से उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को भाजपा से टिकट दिलाने की भी चर्चा चल रही है. विदित हो कि भाजपा के बड़े नेताओं ने भी अपने कार्यक्रमों में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी से बेदखल करने की आलोचना करते आ रहे हैं। साथ ही उनके कार्यकाल की भी सराहना कर रहे हैं। *चौक-चौराहों पर चर्चा* कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन से मुख्यमंत्री की कुर्सी लेने के बाद चुप्पी साध ली थी। कहा जा रहा है कि अब यह चुप्पी जवाब देने लगी है। इस कारण झारखंड में बड़ी राजनीतिक उलटफेर की संभावना व्यक्त की जा रही है। मंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में जाने की चर्चा पूरे सरायकेला-खरसावां जिले के साथ-साथ पड़ोसी जिलों में उनके समर्थकों के बीच प्रारंभ होने लगी है। चौक-चौराहों पर भी इसकी चर्चा है। *चंपई समर्थक भी नाराज* चंपई समर्थक भी इस बात से नाराज हैं कि दो-तीन माह के लिए अगर चंपई सोरेन मुख्यमंत्री रहते को क्या अनर्थ हो जाता। ऐसी क्या ज्ल्दबाजी थी कि हेमंत सोरेन ने जेल से बाहर निकलते ही चंपई सोरेन को मुख्मंत्री पद से हटा दिया और खुद कुर्सी पर बैठ गए। *ऐसा हुआ तो भाजपा की स्थिति कोल्हान में होंगी मज़बूत* चंपई सोरेन अगर भाजपा में जाते हैं तो सरायकेला ही नहीं पूरे कोल्हान में भाजपा का कद और बढ़ेगा और मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर भाजपा के लिए और आसान हो जाएगा। इससे पहले शिबू सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा का दामन थाम कर सबको चौंका दिया था। वहीं, कांग्रेस की तत्कालीन सांसद गीता कोड़ा ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।
आज से पेट्रोलियम डीलर्स और पंपकर्मी करेंगे काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन,मांग नही मानने पर

2 सितंबर को राज्य के करीब 1600 रहेंगे पेट्रोलपंप बंद .

झा.डेस्क

झारखंड में आज 17 अगस्त से पेट्रोलियम डीलर्स और पंपकर्मी काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. ये विरोध प्रदर्शन दो सितंबर तक चलेगा. इस बीच झारखंड के सभी जिलों के डीलर्स अपने-अपने यहां के विधायकों और सांसदों को ज्ञापन सौंपेंगे. इसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 2 सितंबर को राज्य के करीब 1600 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे. झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी.

प्रेस वार्ता कर झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने अपने आंदोलन की दी जानकारी

झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की बैठक शुक्रवार को रांची के करमटोली चौक स्थित आईएमए सभागार में हुई. इसमें राज्य के सभी जिलों की कमेटी के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित हुए. बैठक में पेट्रोलियम डीलर्स ने अपनी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया और मांगों को लेकर कई कदम उठाने का निर्णय लिया.

ये हैं उनकी प्रमुख मांगें?

पेट्रोलियम डीलर्स के कमीशन में वृद्धि 2017 के बाद से अभी तक नहीं की गयी है, जबकि तेल के मूल्य बढ़े हैं. महंगाई बढ़ी है. डीलर्स के ऑपरेशन कॉस्ट बढ़े हैं. कम बिक्री वाले पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर हैं. इसलिए सरकार वैट में कटौती करे. दूसरे राज्यों से अधिक वैट होने के कारण इनकी बिक्री प्रभावित हुई है. बिहार की तर्ज पर वैट रिटर्न की अनिवार्यता खत्म की जाए. प्रदूषण जांच केंद्र पर हो रही समस्या, तेल कंपनियों के अधिकारियों का मनमाने रवैया. तेल डिपो में कई तरह की समस्याएं हो रही हैं. इन सभी का समाधान किया जाए.

डीलर मार्जिन को लेकर है असंतोष,राज्यपाल को देंगे ज्ञापन

झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि डीलर मार्जिन को लेकर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मिलकर ज्ञापन सौंपा जाएगा.

मौके पर कौन-कौन थे उपस्थित

मौके पर शरत दुदानी, आलोक सिंह, राजहंस मिश्रा, माधवेंद्र सिंह, अशोक झा, कालिका साह, प्रमोद कुमार, मानस सिन्हा, विनीत लाल, कमलेश सिंह, नीरज भट्टाचार्य समेत अन्य डीलर मौजूद थे.