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आज है पुत्रदा एकादशी, इस कथा के बिना अधूरा है पुत्रदा एकादशी व्रत, संतान की होगी प्राप्ति


नयी दिल्ली : हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है। सावन माह की पुत्रदा एकादशी का व्रत आज 16 अगस्त 2024 को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान प्राप्ति और बच्चे की तरक्की से जुड़ी सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत बिना अधूरा कथा पाठ करने से अधूरा माना जाता है ।

एकादशी तिथि को शुभ माना जाता है।

इस दिन श्रीहरि की पूजा होती है।

सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत किया जाता है। एकादशी तिथि पर विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मत है कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से साधक को भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही यश कीर्ति सुख और समृद्धि में भी वृद्धि होती है। अगर आप भी संतान की प्राप्ति चाहते हैं, तो सावन की पुत्रदा एकादशी का व्रत करें और पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करें। इससे साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होगा। आइए पढ़ते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत कथा।

पुत्रदा एकादशी व्रत कथा

प्राचीन कथा के अनुसार, द्वापर युग के शुरुआत में एक नगरी थी, जिसका नाम महिरूपति था। इस नगरी में महीजित नाम का राजा राज्य करता था। लेकिन उसको पुत्र न होने की वजह से राजा को राज्य सुखदायक नहीं लगता था।

पुत्रदा एकादशी पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

पुत्र की प्राप्ति के लिए राजा ने कई तरह के उपाय किए। लेकिन पुत्र सुख प्राप्त नहीं हुआ। एक बार राजा ने सभी ऋषि-मुनियों, सन्यासियों और विद्वानों को बुलाया और उनसे पुत्र प्राप्ति के उपाय पूछे। सभी ने राजा की समस्या को सुनकर कहा कि हे राजन तुमने पूर्व जन्म में सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तालाब से एक गाय को जल नहीं पीने दिया था, जिसकी वजह से गाय ने तुम्हे संतान न होने का श्राप दिया था। इसकी वजह से तुम पुत्र की प्राप्ति से वंचित हो।

इसके पश्चात ऋषि-मुनियों ने कहा कि अगर तुम सावन की एकादशी का व्रत विधिपूर्वक करोगे, तो इस श्राप से मुक्ति पा सकते हो। जिसके बाद तुम्हें संतान की प्राप्ति हो सकती है। इसके बाद राजा न सच्चे मन से सावन की एकादशी का व्रत किया। 

इस व्रत के पुण्य से राजा की पत्नी गर्भवती हुई और पुत्र को जन्म दिया। धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।

बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक डेविड धवन का 73वां बर्थडे आज,आइए जानते है निर्देशक की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बाते।


नयी दिल्ली : डेविड धवन बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक हैं, जिनकी फिल्मों के बिना इंडस्ट्री अधूरी है। निर्देशक अपनी फिल्मों से हंसा-हंसाकर दर्शकों के पेट में दर्द करवा चुके हैं। कई साल से वह दर्शकों का अपनी फिल्मों के जरिए मनोरंजन कर रहे हैं। लोगों का उनकी फिल्मों के साथ खास जुड़ाव रहता है। 

डेविड धवन इंडस्ट्री को अपने करियर के दो से ज्यादा के दशक में कई सुपरहिट फिल्में दे चुके हैं। निर्देशक ने बॉलीवुड के कई बड़े सुपरस्टार्स के करियर को चमकाया है। वहीं, उनकी कई बेहतरीन फिल्मों के कारण उन्हें 'किंग ऑफ कॉमेडी' का टैग भी मिला।डेविड धवन आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। चलिए इस खास मौके पर जानते हैं निर्देशक की जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बाते।

निर्देशक डेविड धवन का जन्म 16 अगस्त 1951 में अगरतला में हुआ था। उनका नाम राजिंदर धवन रखा गया। निर्देशक का पिता बैंक में मैनेजर थे, जिनका ट्रांसफर कानपुर हो गया था। डेविड ने कानपुर से अपनी पढ़ाई की। 12वीं पास करने के बाद उनका रुझान फिल्मों की और हो गया और उन्होंने सोचा कि वह फिल्म इंडस्ट्री में ही काम करेंगे। इसके बाद उन्होंने एफटीआईआई में दाखिला लिया, जहां उन्होंने अभिनय से लेकर निर्देशन और एडिटिंग तक की बारीकियां सीखीं। 

अभिनय सीखने के बावजूद डेविड ने निर्देशन और एडिटिंग का रास्ता चुना, क्योंकि वह शुरुआत में ही समझ चुके थे कि वह अभिनय नहीं कर पाएंगे, इसलिए उन्होंने फिल्म मेकिंग पर खास ध्यान दिया।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डेविड धवन ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और एडिटर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। डेविड की पहली फिल्म 1984 में आई 'सारांश' थी, जिसमें अनुपम खेर ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म का निर्देशन महेश भट्ट ने किया था और एडिटिंग डेविड धवन ने की थी। 

एडिटिंग के बाद डेविड धवन ने अपना हाथ निर्देशन में आजमाया और बहुत जल्दी इस लाइन में अपना सिक्का जमा लिया। डेविड ने 1989 में आई फिल्म 'ताकतवर' से अपना निर्देशन डेब्यू किया था, जिसमें गोविंदा और संजय दत्त मुख्य भूमिका में नजर आए थे। अपनी पहली फिल्म से ही बतौर निर्देशक डेविड धवन इंडस्ट्री में छा गए। इसके बाद लगातार वह अपनी फिल्मों के जरिए सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए।

निर्देशक में 90 के दशक से लेकर अब तक बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ काम किया, लेकिन उनकी सबसे ज्यादा जोड़ी गोविंदा के साथ जमी। इस जोड़ी ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। दोनों ने एक साथ 17 फिल्मों में काम किया, जिनमें से अधिकतर हिट साबित हुई थीं। डेविड ने 'स्वर्ग', 'आंखें', 'शोला और शबनम', 'साजन चले ससुराल', 'जुड़वा', 'बड़े मियां छोटे मियां', 'दुल्हन हम ले जायेंगे', 'मुझसे शादी करोगी', 'पार्टनर', 'चश्मे बद्दूर', 'मैं तेरा हीरो' और 'जुड़वा 2' सहित कई सुपरहिट फिल्में इंडस्ट्री को दीं। डेविड धवन ने अपने करियर में करीब 42 फिल्मों का निर्देशन किया, जिनमें से 17 फिल्में उन्होंने गोविंदा के साथ की थीं। हालांकि, बाद में दोनों के रिश्ते में दरार आने के बाद कभी वह साथ नहीं दिखे।

डेविड धवन की तमाम सुपरहिट फिल्मों की बदौलत उन्हें किंग ऑफ कॉमेडी के टैग से भी नवाजा गया। वहीं डेविड धवन की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो उन्होंने करुणा चोपड़ा धवन के साथ शादी की, जिनसे उन्हें दो बच्चे हुए- रोहित धवन और वरुण धवन। उनके बेटे वरुण धवन ने बतौर अभिनेता बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखा और अपना नाम कमाया।

आज का इतिहास:1990 में आज ही के दिन ही चीन ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था,जाने 16 अगस्त से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाक्रम


नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 16 अगस्त का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई हैं।

16 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 2012 में आज ही के दिन विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को इक्वाडोर ने राजनीतिक शरण दी थी।

2010 में 16 अगस्त को ही नई दिल्ली में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए एआर रहमान के रचे थीम गीत जियो उठो बढ़ो जीतो को स्वीकृति दी गई थी।

2018 में आज ही के दिन भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु हुई थी।

2008 में आज ही के दिन कांगो में तैनात 125 भारतीय पुलिस अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

2006 में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र परिषद ने हैती में अपने अभियान को 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था।

2004 में 16 अगस्त को ही ओलंपिक नौकायन में ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी टीम ने वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाया था।

2000 में आज ही के दिन वेरेंटर्स सागर में रूस की परमाणु पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।

1990 में 16 अगस्त के दिन ही चीन ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था।

1960 में आज ही के दिन साइप्रस को ब्रिटेन से छुटकारा मिला था और वहां इस दिन को फ्रीडम के रूप में मनाया जाता है।

1943 में 16 अगस्त को ही बुल्गारिया के जार बोरिस तृतीय अडोल्फ़ हिटलर से मिले थे।

1924 में आज ही के दिन नीदरलैंड-तुर्की के बीच शांति समझौते पर साइन हुए थे।

1918 में आज ही के दिन दूसरी लोकसभा के सदस्य टी. गणपति का जन्म हुआ था।

1787 में 16 अगस्त के दिन ही तुर्की ने रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1777 में आज ही के दिन ही अमेरिका ने ब्रिटेन को बेन्निनगटोन के युद्ध में हराया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।

आज का इतिहास:अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद 15 अगस्त को आज ही के दिन भारत ने देखा आजाद सुबह का पहला सूरज

नई दिल्ली : अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा। हालांकि, इस सूरज में बंटवारे के जख्म की लाली भी थी। बंटवारे के बाद मिली आजादी खुशी के साथ ही दंगों और सांप्रदायिक हिंसा का दर्द भी दे गई। 

इस दिन से जुड़ी अन्य घटनाओं की बात करें तो 15 अगस्त की तारीख भारतीय डाक सेवा के इतिहास में एक खास कारण से दर्ज है। 

दरअसल 1972 में 15 अगस्त के ही दिन ‘पोस्टल इंडेक्स नंबर’ अर्थात पिन कोड लागू किया गया था। हर इलाके के लिए अलग पिन कोड होने से डाक की आवाजाही में आसानी होने लगी। इसके अलावा अमेरिकी फौज के अफगानिस्तान से वापस जाने के बाद 15 अगस्त 2021 को तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर लिया और इसी के साथ पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो गया। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर चले गए।

देश-दुनिया के इतिहास में 15 अगस्त की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

1854 : ईस्ट इंडिया रेलवे ने कलकत्ता (अब कोलकाता) से हुगली तक पहली यात्री ट्रेन चलाई, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसका संचालन 1855 में शुरू हुआ। 

1866: लिकटेंस्टीन जर्मनी के शासन से मुक्त हुआ।

1872 : भारतीय दार्शनिक श्री अरबिंदो का जन्म।

1886 : भारत के महान संत एवं विचारक गुरु रामकृष्ण परमहंस उर्फ गदाधर चटर्जी का निधन।

1945: दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया दोनों आजाद हुए।

1947 : भारत को अंग्रेज़ों की हुकूमत से आजादी मिली।

1947 : रक्षा वीरता पुरस्कारों-परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र की स्थापना।

1975 : बांग्लादेश में सैनिक क्रान्ति।

1950 : भारत में 8.6 की तीव्रता वाले भूकंप के कारण जान और माल की भारी क्षति।

1960: कांगो फ्रांस की गुलामी से आज़ाद हुआ।

1971 : बहरीन ब्रिटेन के शासन से आजाद हुआ।

1972 : पोस्टल इंडेक्स नंबर अर्थात पिन कोड लागू किया गया।

1982 : राष्ट्रव्यापी रंगीन प्रसारण और टीवी के राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत।

1990 : जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश का सफल प्रक्षेपण।

2007 : दक्षिण अमेरिकी देश पेरु के मध्य तटीय इलाके में 8.0 तीव्रता के भूकंप से 500 से ज्यादा लोगों की मौत।

2021: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा।

2021: हैती में भूकंप से 724 लोगों की मौत

टाटा की कंपनी ने लाई है ऑफर,घर खरीदने पर 19 लाख की छूट!फ्री में होगी रजिस्‍ट्री,जाने है कब तक है मौका।


नई दिल्‍ली- आप भी सपनों का घर खरीदने का सपना देख रहे हैं तो हम ऐसे ऑफर की जानकारी लेकर आए हैं, जो इसे हकीकत बना सकती है. रियल एस्टेट कंपनी टाटा हाउसिंग डेवलपमेंट कंपनी ने भारी मांग के बीच बिक्री बढ़ाने के मकसद से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में देशभर में अपनी कुछ परियोजनाओं में कम स्टाम्प शुल्क और मुफ्त उपहार सहित कई अन्य पेशकश की घोषणा की है।

कंपनी ने कहा है कि वह भारत के दक्षिण और पश्चिम क्षेत्रों में अपनी प्रतिष्ठित लग्‍जरी परियोजनाओं के लिए विशेष स्वतंत्रता दिवस पेशकश कर रही है. टाटा हाउसिंग इस उच्च मांग की अवधि का लाभ उठाते हुए स्टाम्प शुल्क में कमी जैसे पर्याप्त वित्तीय लाभ प्रदान कर रही है, ताकि इस त्योहारी सत्र के दौरान खरीदारों के लिए घर खरीदना अधिक आसान और फायदेमंद हो सके।

स्‍टांप पर 19 लाख तक छूट

मुंबई के पश्चिमी क्षेत्र ठाणे में टाटा हाउसिंग की ‘सेरीन’ परियोजना पर खरीदारों को सबसे ज्‍यादा छूट मिल रही है. यहां कंपनी स्टाम्प शुल्क पर 19 लाख रुपये तक की पर्याप्त बचत की पेशकश कर रही है. इसका मतलब हुआ कि अगर आप इस प्रोजेक्‍ट में घर खरीदते हैं तो आपको स्‍टांप पर 19 लाख रुपये तक की छूट मिल जाएगी.

यहां 4 लाख तक बचत

इसके अलावा मुंबई के कल्याण इलाके में टाटा हाउसिंग का ‘अमंत्रा’ प्राजेक्‍ट चल रहा है. यहां घर खरीदारों को पहली 25 इकाई के लिए स्टाम्प शुल्क पर चार लाख रुपये तक की बचत प्रदान कर रही है. इसके अलावा पुणे में टाटा वैल्यू होम्स की ‘सेंस 66’ मजबूत भुगतान योजनाएं पेश कर रही है, जिसमें ग्राहकों को आसान किस्‍त का विकल्‍प दिया जा रहा है.

फ्री रजिस्‍ट्री, 3 लाख का वाउचर

तमिलनाडु के कोच्चि में टाटा रियल्टी की ‘त्रित्वम’ परियोजना चल रही है. इस प्रोजेक्‍ट में घर खरीदारों को शून्य स्टाम्प शुल्क का लाभ प्रदान कर रही है. इसका मतलब हुआ कि आपके मकान की रजिस्‍ट्री फ्री में हो जाएगी. इसी तरह, बैंगलोर की ‘न्यू हेवन’ परियोजना में मकान खरीदने वालों को कंपनी 3 लाख रुपये का फर्निशिंग वाउचर दे रही है।

आइए जानते हैं रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए क्या करे


आइए जानते हैं रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए क्या करें

रिलेशनशिप को मजबूत और स्वस्थ बनाना एक निरंतर प्रयास है। हर रिश्ता अनोखा होता है, लेकिन कुछ सामान्य सिद्धांत होते हैं जो किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं जो आपकी रिलेशनशिप को और भी गहरा बना सकते हैं।

1. खुली और ईमानदार बातचीत

संचार किसी भी रिश्ते की नींव होती है। अपने साथी से खुलकर बात करें, अपनी भावनाओं और विचारों को स्पष्ट रूप से साझा करें। गलतफहमियों से बचने के लिए ईमानदार और साफ-सुथरी बातचीत बहुत जरूरी है।

2. एक-दूसरे का सम्मान करें

किसी भी रिश्ते में सम्मान का विशेष महत्व होता है। एक-दूसरे की भावनाओं, विचारों और सीमाओं का सम्मान करें। इससे रिश्ता और मजबूत बनता है और आप दोनों के बीच का विश्वास बढ़ता है।

3. समय बिताना और ध्यान देना

व्यस्त जीवन में एक-दूसरे के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। एक साथ समय बिताने से आपसी समझ और गहराई बढ़ती है। एक-दूसरे पर ध्यान दें और उनकी जरूरतों को समझें।

4. विश्वास बनाए रखें

एक सफल रिश्ते की नींव में विश्वास का बड़ा योगदान होता है। एक-दूसरे पर विश्वास करें और यह सुनिश्चित करें कि आप अपने साथी के साथ ईमानदार हैं। धोखा या बेईमानी से बचें क्योंकि यह रिश्ते को कमजोर कर सकता है।

5. छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखें

छोटे-छोटे इशारों से भी प्यार जताया जा सकता है, जैसे कि सरप्राइज गिफ्ट, तारीफ, या सिर्फ एक प्यारा सा मैसेज। ये छोटे-छोटे इशारे रिश्ते को जीवंत और रोमांचक बनाए रखते हैं।

6. समझौता करना सीखें

हर रिश्ते में कभी-कभी मतभेद होते हैं। समझौता करने और अपने साथी के दृष्टिकोण को समझने की क्षमता रिश्ते को बनाए रखने में मदद करती है। अपने अहंकार को पीछे छोड़कर समझदारी से समस्याओं का समाधान करें।

7. साथ में लक्ष्य तय करें

जब आप और आपका साथी जीवन के लक्ष्यों पर साथ मिलकर काम करते हैं, तो इससे रिश्ते में गहराई और मजबूती आती है। एक-दूसरे के सपनों और महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करें और मिलकर उन्हें पूरा करने की कोशिश करें।

8. समय-समय पर रोमांस को पुनर्जीवित करें

समय के साथ रिश्तों में एकरूपता आ सकती है, लेकिन रोमांस को बनाए रखना बहुत जरूरी है। कभी-कभी डेट पर जाना, साथ में यात्रा करना या कुछ नया करने की कोशिश करना रिश्ते को ताजगी देता है।

9. स्वस्थ स्पेस देना

रिश्ते में स्वतंत्रता और स्पेस का भी महत्व होता है। अपने साथी को उनकी व्यक्तिगत जगह दें और उन पर विश्वास बनाए रखें। स्वस्थ सीमाओं का पालन करने से आप दोनों की व्यक्तिगत पहचान भी बनी रहती है।

10. एक-दूसरे को स्वीकार करें

हर इंसान की कुछ खामियां होती हैं, और रिश्ते में यह समझना जरूरी है कि आप एक-दूसरे को उसी रूप में स्वीकार करें। बदलाव की कोशिश करने के बजाय, साथी की अच्छाइयों को महत्व दें और उनकी कमजोरियों को समझें।

निष्कर्ष

रिलेशनशिप को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप इन बातों का ध्यान रखें और अपने साथी के साथ एक सकारात्मक और संतुलित रिश्ता बनाए रखें। प्यार, सम्मान, और समझदारी से हर रिश्ता और भी खूबसूरत बनता है।

पोकेमोन की मिस्टी और जेसी को आवाज देने वाली अभिनेत्री, मियावकी ईनोउ, का ब्रेस्ट कैंसर से हुआ निधन,याद में बनेगा मेमोरियल


पोकेमोन की मिस्टी और जेसी को आवाज देने वाली अभिनेत्री, मियावकी ईनोउ, का हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर के कारण निधन हो गया। मियावकी ने अपनी आवाज से इन पात्रों को जीवन दिया था, और उनकी अद्वितीय कला और योगदान के कारण उन्हें व्यापक प्रशंसा मिली थी। उनकी याद में एक मेमोरियल का आयोजन किया जाएगा ताकि उनके फैंस और साथी कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। उनका काम और उनकी आवाज हमेशा फैंस के दिलों में जीवित रहेगी।

बता दे की लंबे समय से रेचेल ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही थीं। आखिर 46 साल की उम्र में उन्होंने इस बीमारी से जंग हार ली और इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन की जानकारी दोस्त वेरोनिका टेलर ने सोशल मीडिया पर की है। इस दुखद खबर के आते ही मनोरंजन जगत में शोक की लहर दौड़ गई। लोग रेचेल लिलिस को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। जाहिर है कि पोकेमॉन: द फर्स्ट मूवी में ब्रॉक, ऐश केचम, पिकाचु और मिस्टी जैसे कैरेक्टर्स को काफी पसंद किया जाता है। वहीं मिस्टी और जेसी को आवाज रेचेल लिलिस ने दी थी। अब उनके निधन के बाद कौन इन कैरेक्टर्स को आवाज देगा यह जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।

दोस्त ने शेयर की इमोशनल पोस्ट

एक्ट्रेस रेचेल लिलिस की दोस्त वेरोनिका टेलर ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा, 'हम सभी रेचेल लिलिस को उनके निभाए गए शानदार कैरेक्टर्स के लिए जानते हैं। वो अपनी खूबसूरत आवाज, आपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग और अपने उल्लेखनीय अभिनय कौशल से हमारे शनिवार की सुबह और स्कूल के पहले और बाद के घंटों को सुकून से भर देती थीं।' वेरोनिका ने रेचेल लिलिस को 'असाधारण प्रतिभा' के रूप में याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा एक उज्ज्वल प्रकाश जो बोले या गाते हुए रेचेल की आवाज से चमकता था, उसे याद किया।

एनिमेटेड भूमिकाओं के लिए किया याद

वेरोनिका टेलर ने रेचेल लिलिस को उनकी कई एनिमेटेड भूमिकाओं के लिए श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, 'रेचेल उस उदार प्रेम और समर्थन के लिए बहुत आभारी थीं जो उन्हें उस वक्त मिला जब वो कैंसर जैसी घातक बीमारी से जंग लड़ रही थीं। उनके नकारात्मक सफर को प्यार और सपोर्ट ने सकारात्मकता में बदला है। उनका परिवार भी उनके फैंस को धन्यवाद देना चाहता है। फिलहाल वो निजी तौर पर शोक मना रहे हैं। आगे चलकर रेचेल लिलिस के लिए एक स्मारक बनवाने की योजना बनाई जा रही है।'

फैंस दे रहे श्रद्धांजलि

उधर, रेचेल लिलिस के निधन की खबर से उनके फैंस का दिल टूट गया है। उनके दोस्त और फैंस उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इस बीच एक यूजर ने लिखा, 'अलविदा और बचपन की यादों के लिए आपका धन्यवाद रेचेल लिलिस।' दूसरे यूजर ने लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है.. आपकी मौत से बहुत बुरा लगा है। हमें खेद है। आपके परिवार को हमारी तरफ से शोक संवेदनाएं।' गौरतलब है कि रेचेल लिलिस ने अपने 20 साल के करियर में 120 से ज्यादा कैरेक्टर प्ले किए थे। उन्होंने पोकेमॉन, हंटर x हंटर, रिवोल्यूशनरी गर्ल यूटेना, बर्सर्क, सोनिक एक्स और सुपर स्मैश ब्रदर्स जैसे शोज में अपनी आवाज दी थी।

आइए जानते है कौन सा योगासन करने से फेफड़े से बलगम निकलते हैं।


फेफड़ों से बलगम निकालने के लिए कुछ योगासन बहुत प्रभावी साबित हो सकते हैं। ये आसन न केवल फेफड़ों को साफ करने में मदद करते हैं, बल्कि श्वसन प्रणाली को भी मजबूत बनाते हैं। यहाँ कुछ ऐसे योगासन हैं जो बलगम निकालने में सहायक होते हैं:

1. भुजंगासन (Cobra Pose)

भुजंगासन फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह छाती को फैलाता है, जिससे फेफड़ों में हवा का प्रवाह बढ़ता है और बलगम को बाहर निकालने में आसानी होती है।

विधि:

पेट के बल लेट जाएं।

हाथों को कंधों के नीचे रखें और धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं।

सिर को ऊपर की ओर रखें और छाती को आगे की ओर खींचें।

इस स्थिति में कुछ सेकंड रुकें और गहरी सांस लें।

2. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Half Spinal Twist Pose)

यह आसन छाती को खोलता है और फेफड़ों की सफाई में मदद करता है। यह आसन फेफड़ों में जमा बलगम को निकालने के लिए बहुत उपयोगी है।

विधि:

दंडासन में बैठ जाएं और बाएं पैर को मोड़ें।

दाहिने पैर को बाएं घुटने के बाहर रखें।

बाएं हाथ को दाहिने पैर के घुटने पर रखें और दाहिने हाथ को पीछे की ओर रखें।

गहरी सांस लेते हुए शरीर को दाईं ओर मोड़ें।

इस स्थिति को कुछ समय के लिए बनाए रखें और फिर विपरीत दिशा में दोहराएं।

3. कपालभाति प्राणायाम (Skull Shining Breathing Technique)

 

कपालभाति एक प्रमुख प्राणायाम है जो फेफड़ों से बलगम निकालने में मदद करता है। यह श्वसन प्रणाली को साफ करता है और बलगम को फेफड़ों से बाहर निकालने में प्रभावी है।

विधि:

सीधे बैठें और गहरी सांस लें।

नाक से तेजी से सांस छोड़ें, जैसे पेट को अंदर की ओर खींच रहे हों।

यह प्रक्रिया तेजी से और बार-बार करें, शुरुआत में 30 बार और धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं।

4. पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)

यह आसन फेफड़ों की सफाई के लिए अच्छा माना जाता है। यह फेफड़ों पर दबाव डालता है जिससे बलगम को बाहर निकालने में सहायता मिलती है।

विधि:

सीधे बैठें और पैर सामने की ओर फैलाएं।

गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें।

हाथों से पैरों को पकड़ें और सिर को घुटनों की ओर लाने का प्रयास करें।

इस स्थिति में कुछ समय तक रहें और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आएं।

5. उत्तानासन (Standing Forward Bend)

यह आसन फेफड़ों को शक्ति प्रदान करता है और बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है।

विधि:

सीधे खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें।

सांस छोड़ते हुए कमर से झुकें और हाथों को जमीन की ओर लाएं।

सिर को ढीला छोड़ दें और इस स्थिति में कुछ समय तक बने रहें।

निष्कर्ष

उपरोक्त योगासनों का नियमित अभ्यास फेफड़ों को स्वस्थ रखने और बलगम निकालने में सहायक हो सकता है। इसके साथ ही, गहरी सांस लेने की तकनीकें और प्राणायाम भी श्वसन प्रणाली की सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी योगासन को करने से पहले अपने डॉक्टर या योग प्रशिक्षक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, खासकर अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है।

आज का इतिहास:1947 में आज ही के दिन भारत का विभाजन हुआ था और पाकिस्तान अलग राष्ट्र बना था,जाने 14 अगस्त से जुड़े महत्वपूर्ण घटना के बारे में।


नयी दिल्ली : देश और दुनिया में 14 अगस्त का इतिहास कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है और कई महत्वपूर्ण घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई है।

14 अगस्त का इतिहास काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि 1968 में 14 अगस्त के दिन ही भारत के प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया था।

1947 में आज ही के दिन भारत का विभाजन हुआ था और पाकिस्तान अलग नेशन बना था। 1938 में 14 अगस्त को ही बीबीसी की पहली फीचर फिल्म (स्टूडेंट ऑफ प्राग) टीवी पर प्रसारित हुई थी।

2010 में आज ही के दिन भारत सरकार ने काबुल में शहीद हुए सेना चिकित्सा कोर के मेजर एल ज्योतिन सिंह को अशोक चक्र और विनोद चौबे व मेजर दविंद्र सिंह जस को कीर्ति चक्र देने की घोषणा की।

2003 में आज ही के दिन पूर्वी अमेरिका और कनाडा में लंबे समय तक बिजली आपूर्ति ठप हुआ था।

1975 में 14 अगस्त को ही पाकिस्तानी सेना ने राष्ट्रपति मुजीब उर-रहमान का तख्तापलट कर दिया था।

1971 में आज ही के दिन बहरीन को 110 वर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी।

1968 में 14 अगस्त के दिन ही भारत के प्रधानमंत्री रहे मोरारजी देसाई को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया था।

1947 में आज ही के दिन भारत का विभाजन हुआ था और पाकिस्तान अलग राष्ट्र बना था।

1938 में 14 अगस्त को ही बीबीसी की पहली फीचर फिल्म (स्टूडेंट ऑफ प्राग) टेलीविजन पर प्रसारित हुई थी।

1917 में 14 अगस्त को ही चीन ने जर्मनी और ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी।

1908 में आज ही के दिन इंग्लैंड के फोकेस्टोन में पहली सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था।

1888 में 14 अगस्त को ही बिजली के मीटर का पेटेंट ओलिवर बी शैलेनबर्गर को दिया गया था।

1862 में आज ही के दिन बंबई हाई कोर्ट की स्थापना की गई थी।

1848 में 14 अगस्त को ही अमेरिका के ओरेगन क्षेत्र की स्थापना हुई थी।

1805 में आज ही के दिन अमेरिका और ट्यूनिस के बीच शांति संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।

14 अगस्त को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति

1924 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध लेखक एवं पत्रकार कुलदीप नैयर का जन्म हुआ था।

1956 में 14 अगस्त के दिन ही भारतीय फिल्म अभिनेता जॉनी लीवर का जन्म हुआ था।

1968 में आज ही के दिन भारतीय क्रिकेटर प्रवीण आमरे का जन्म हुआ था। 

14 अगस्त को हुए निधन

2017 में 14 अगस्त को ही प्रसिद्ध भारतीय कवि और साहित्यकार चंद्रकांत देवताले का निधन हुआ था।

2012 में आज ही के दिन महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री विलासराव देशमुख का निधन हुआ था।

2011 में 14 अगस्त के दिन ही प्रसिद्ध हिंदी फिल्म अभिनेता शम्मी कपूर का निधन हुआ था।

2000 में आज ही के दिन भारत के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज हवा सिंह का निधन हुआ था।

1996 में 14 अगस्त के दिन ही प्रसिद्ध उपन्यासकार, निबंधकार, समीक्षक और अनुवादक अमृतराय का निधन हुआ था।

1988 में आज ही के दिन भारत के 10वें मुख्य न्यायाधीश कैलाश नाथ वांचू का निधन हुआ था।

1984 में 14 अगस्त के दिन ही कुश्ती खिलाड़ी खाशाबा जाधव का निधन हुआ था।

1941 में आज ही के दिन प्रसिद्ध राजस्थानी कवि और स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहट का निधन हुआ था।