जन विरोधी बिजली वितरण निगम अब सरकार विरोधी हरकतों पर उतरी, घरेलू उपभोक्ताओं का जेब है कटने वाली
राज्य सरकार के दो सौ यूनिट बिजली फ्री पर JBVNL बैक डोर से पैसा वसूलने की तैयारी में जुटी
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड की स्थापना के समय से ही देखा गया है कि विभाग अपने कार्यकलापों में सुधार करने की बजाय नई दर प्रस्ताव के साथ उपस्थित हो जाता है और नई दर प्राप्त करने में वह सफल भी रहता है। महेश 3 महीने के अंतराल में ही JBVNL अपने नए प्रस्ताव के साथ उपस्थित हो गया है जिसका पूरी तरह से विरोध झारखण्ड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज कर रही है।
झारखण्ड चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के सदस्य अजय भंडारी ने कहा JBVNL ने अप्रैल महीने में नई प्रस्ताव लाई थी महज तीन महीने में फिर से नई प्रस्ताव लाई है। इसके अनुसार बड़े उपभोक्ताओं के लिए मामूली वृद्धि प्रस्तावित की गई है वहीं घरेलू व छोटे उपभोक्ताओं की बात करें तो उसमें 50 से 300% से भी अधिक की वृद्धि प्रस्तावित की गई है। जो JBVNL की मानसिकता दर्शाती है कि उपभोक्ताओं के साथ कितना ज्यादती हो रहा है। विभाग के द्वारा जो फिक्स चार्ज लगता है, इसका भावार्थ है कि उपभोक्ताओं के द्वार पर बिजली की लाइन पहुंचने व उसके रख रखाव का खर्च के लिए विभाग पैसे लेता है। लेकिन यह खर्च जो है वह ऐसे उपभोक्ता होंगे जो विगत 40 वर्षों से अधिक समय से दे रहे होंगे वह भी बढ़ते हुए दर पर, और ना मालूम भविष्य में कब तक उनसे लिया जाएगा। विभाग के इस निर्णय का सबसे अधिक प्रभाव राज्य के कमजोर और निम्न आयवर्ग वाले लोगों पर पड़ेगा। आम जनता के ऊपर इसका प्रभाव कैसे पड़ेगा।
चैम्बर के सदस्यों ने दूसरे राज्यों से इसकी तुलना भी की कि कितना ज्यादा चार्ज है। वहीं अगर बिजली व्यवस्था की बात करें तो राजधानी रांची की हालत ऐसी है की कब बिजली आता है और कब जाता है यह पता ही नहीं चलता। JBVNL अपना T&D loss 35% दीखा रही है। जमशेदपुर में जो प्राइवेट कंपनी है इसका T&D loss 2% है। भंडारी जी कहा कि अगर JBVNL अपना ये लॉस रोक ले यानी कि अपनी व्यवस्था सुधार ले तो टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी।
तो आप ने यहां समझा T&D loss को, अगर विभाग सिर्फ इसे ही सुधार देता है तो शायद टैरिफ बढ़ाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। वहीं पड़ोसी राज्यों की व्यवस्था भी आपने समझा इससे यह सवाल उठता है कि क्या हम लोग सिर्फ टैरिफ भरने के लिए है या बदले में हमें बिजली की व्यवस्था सुचारू रूप से मिलेगी। JBVNL जन विरोधी तो थी ही अब सरकार विरोधी भी हो गई है। सरकार के द्वारा घोषणा की थी 200 यूनिट बिजली फ्री देने का तो JBVNL अब बैक डोर से पैसे लेने की तैयारी में लग गई है। सरकार को शायद भनक तक नहीं है इसकी।
Aug 13 2024, 16:43