बांगलादेशी घुसपैठिये पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं करने पर हाईकोर्ट नाराज, कोर्ट ने क्या की टिप्पणी, पढ़िए पूरी खबर
झा. डेस्क
दानियल दानिश द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुये झारखंड हाई कोर्ट ने संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े मामले को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की है.
हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता है। वहां के हालात ठीक नहीं हैं। घुसपैठियों के मामले में केंद्र और राज्य सरकार उदासीन है। क्या घुसपैठियों के प्रवेश कर जाने के बाद ही केंद्र सरकार कार्रवाई करेगी।
एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने इंटेलिजेंस ब्यूरो(आईबी) के निदेशक, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, सीमा सुरक्षा के महानिदेशक, और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के महानिदेशक को प्रतिवादी बनाते हुए अगली तिथि को पक्ष रखने का निर्देश दिया।
आईबी को सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। बता दें कि संथाल इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने को लेकर दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर की है।
सुनवाई के दौरान पूर्व निर्देश के आलोक में देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों द्वारा जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर कोर्ट ने राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए के आने की बात संज्ञान में लाई गई है। ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर अबतक जवाब नहीं आना दुर्भाग्यपूर्ण है।
घुसपैठियों के आधार और वोटर कार्ड का सत्यापन करे प्रशासन
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए फर्जी ढंग से आधार कार्ड और वोटर कार्ड बना रहे हैं। वहां की भोली-भाली आदिवासी लड़कियों से शादी कर उनकी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। इसपर कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक कहा कि सरकार को संथाल परगना जैसे इलाकों में औचक निरीक्षण कर लोगों के आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड का सत्यापन करना चाहिए, ताकि घुसपैठियों की पहचान हो सके।
कोर्ट ने मौखिक कहा कि झारखंड में घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें तुरंत निकालना जरूरी है, अन्यथा और घुसपैठिए झारखंड आते रहेंगे। राज्य सरकार को झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस फोर्स को मजबूत कर घुसपैठियों को रोकना होगा। राज्य एवं केंद्र सरकार दोनों को देश एवं राज्य में घुसपैठ पर मिलकर काम करना होगा।
उपायुक्त द्वारा शपथपत्र दाखिल नहीं करने पर कोर्ट हुआ नाराज
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने संथाल परगना के छह जिलों के उपायुक्तों की बजाय कनीय अधिकारियों द्वारा शपथपत्र दाखिल किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। अदालत ने कहा था कि कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। अदालत ने देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों को दोबारा शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। अदालत ने सभी उपायुक्तों को यह निर्देश दिया था कि आपसी सामंजस्य से बांग्लादेश की तरफ से आने वाले घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजने की एक कार्ययोजना तैयार कर काम करें। संबंधित जिलों के एसपी घुसपैठ का डाटा उपलब्ध कराने में उपायुक्तों को सहयोग करेंगे। मुख्य सचिव इन सभी की निगरानी करेंगे
Aug 11 2024, 17:23