आईए जानते हैं बच्चे को कब, किस उम्र में स्वास्थ्य से जुड़ी कौन सी परेशानियां हो सकती हैं
 
 
  
माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को स्वास्थ रखने के लिए  क्या कुछ नहीं करते लेकिन कई बार जानकारी का आभाव,  उनके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में अगर हम शुरुआत से ही ये जानें कि बच्चे को कब, किस उम्र में स्वास्थ्य से जुड़ी कौन सी परेशानियां हो सकती हैं, तो हम उन्हें हमेशा मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रख सकते हैं। इसके लिए हम बच्चों को आमतौर पर हम 5 एज ग्रुप कैटेगरी में बांट सकते हैं और उसी के अनुसार उनके स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं। 
  
  
1. टॉडलर  - 1 से 3 वर्ष की उम्र के बच्चे
  
  
इस उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा मां की देखभाल की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए क्यों इस उम्र में ही बच्चा चलना, बोलना और खाना सीखता है। इस दौरान बच्चे की शारीरिक और मानसिक विकास पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। साथ ही इसी दौरान मां-पिता को बच्चे को कई बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें हर तरह का जरूरी टीके लगवा देने चाहिए। जैसे कि:जन्म के 1 साल के दौरान बच्चे को बीसीजी (BCG), ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV 0), हिपेटाइटिस बी (Hep – B1), Typhoid Conjugate Vaccine (TCV#), Measles, Mumps, and Rubella (MMR – 1) आदि ये सभी टीके लगवा दें।
  
12 महीने की उम्र में Hepatitis A (Hep – A1), Influenza का टीका हर साल लगवा लें।
  
16 से 18 महीने की उम्र में Diphtheria, Pertussis, and Tetanus (DTP B1)का टीका लगवा दें।
  
  
2. प्रीस्कूलर (preschool age)- 3 से 5 वर्ष की उम्र के बच्चे
  
  
इस उम्र के बच्चों में उनके आहार और पोषण को खास ध्यान देने की जरूरत होती है। जैसे कि इस उम्र में बच्चों को:
  
  
फल और सब्जियों से अवगत करवाएं।
  
दलिया और खिचड़ी खिलाएं।
  
बाहरी चीजों को कम ही अवगत करवाएं
  
इसके अलावा इस दौरान बच्चों को थोड़ा-थोड़ा व्यवहार और अनुशासन भी सीखाएं।
  
  
3. बड़े बच्चों - 5 से 8 वर्ष की उम्र के बच्चे
  
  
इस दौरान बच्चों में हमें काफी सारी चीजों का ध्यान रखना होता है। जैसे कि:
  
  
बच्चों का शारीरिक विकास कैसा हो रहा है।
  
उनका व्यवहार और अनुशासन कैसा है।
  
आहार और पोषण का ध्यान रखें।
  
हाइट और वेट के संतुलन का ध्यान रखें।
  
खेल गतिविधियों और पढ़ाई-लिखाई का ध्यान रखें।
  
इसी दौरान उसमें मेमोरी और कंसंट्रेशन पावर बढ़ाने की कोशिश करें।
  
  
4. 9 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चे 
  
  
इस उम्र में बच्चों के शरीर में बड़ी तेजी से बदलाव आता है। जैसे कि:
  
  
वजन बढ़ाना
  
मांसपेशियों की वृद्धि
  
परिपक्वता के साथ विकास में तेजी से अनुभव करना 
  
लड़कियों में पिट्यूटरी ग्लैंड में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन से हार्मोन उत्पन्न होना जैसे कि एस्ट्रोजन / प्रोजेस्टेरोन। यह आमतौर पर लड़कियों में  9 से 12 की उम्र में शुरू हो जाता है।
  
लड़कों में 11 से 14 वर्ष की आयु में होर्मेनल हेल्थ में विकास आता है।
  
 
  
  
 
  
  
5. टीनएजर्स –13 से लेकर 19 तक के बड़े बच्चे
  
  
त्वचा ऑयली हो जाती है और मुंहासे व दाने होने लगते हैं।
  
पसीना बढ़ता है और युवाओं को शरीर से दुर्गंध आती है।
  
प्यूबिस हेयर का ग्रोथ होता है और लड़कों में दाढ़ी आने लगती है।
  
शारीरिक अनुपात बदल जाता है जैसे कि लड़कियों में कूल्हे चौड़े और लड़कों में  कंधे चौड़े हो जाते हैं।
  
तेजी से बढ़ने के कारण जोड़ों में दर्द हो सकता है।
  
लड़कों में आवाज बदलने लगती है और मूड स्विंग्स होते हैं।
  
लड़कियों में स्तन विकसित होते हैं और ओव्यूलेशन और पीरियड्स शुरू हो जाते हैं।
  
इस दौरान बच्चे की मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो जाता है।
  
  
बच्चों की स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या- 
  
  
गले में खराश बच्चों में आम है और दर्दनाक हो सकता है, जो कि उम्र बदलने के साथ बढ़ता और घटता रहता है।
  
बच्चों में कान का दर्द होना
  
दांत में दर्द  क्योंकि इस दौरान नए दांतों का आना और पुराने दांतों का टूटना चलता रहता है।
  
मूत्र पथ के संक्रमण या यूटीआई इंफेक्शन 
  
बच्चों में त्वचा से जुड़ी समस्याएं, जैसे रैशेज, खुजली, इंफेक्शन और एक्ने आदि।
  
बच्चों में ब्रोंकाइटिस और अस्थमा की परेशानी 
  
बच्चों में सर्दी जुकाम 
  
बैक्टीरियल साइनसिसिस या साइनस की परेशानी
  
बच्चों में कफ की समस्या 
  
बच्चों में मोटापा 
  
बच्चों में डायबिटीज 
  
बच्चों में हार्मोनल परिवर्तन 
  
बच्चों में मानसिक रोग जैसे ADHD, एंग्जायटी और डिप्रेशन
  
बच्चों में तनाव 
  
  
  
नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
 
 
Aug 10 2024, 12:23
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