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अमन सेहरावत ने विनेश फोगाट से ली सबक, 10 घंटे में ही घटा लिया था 4.6 किलो वजन, जानें कैसे किया ये

#aman_sehrawat_lost_4_5_kilo_weight_in_just_10_hours_wins_bronze

भारत के महज 21 साल के पहलवान अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में शुक्रवार रात इतिहास रच दिया। अमन ने 57 किलो कैटेगिरी में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर देश को एक और पदक दिलाया। हालांकि, इस मुकाबले से पहले उन्हें रातभर वजन कम करना पड़ा। विनेश फोगाट की तरह अमन का भी वजन बढ़ गया था। बताया जा रहा है कि अमन सेहरावत ने 10 घंटे में 4.5 किलो वजन घटाकर कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल कर ली।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सेमीफाइनल मैच के बाद अमन का वजन 4.6 किलो बढ़ गया था। गुरुवार को सेमीफाइनल में हार के बाद अमन सेहरावत का वजन 61.5 किलोग्राम था। जो पुरुषों के 57 किलोग्राम में स्वीकार्य सीमा से ठीक 4.5 किलोग्राम ज्यादा था। लेकिन अगले 10 घंटों में उन्होंने अपने भारतीय कोचों के साथ अथक परिश्रम करके 4.6 किलोग्राम वजन घटाया। छह सदस्यों वाले कुश्ती दल से जुड़े दो वरिष्ठ भारतीय कोच जगमंदर सिंह और वीरेंद्र दहिया के पास अब केवल एक ही ‘मिशन’ था। विनेश फोगट के साथ जो हुआ, उसके बाद वे एक और झटका बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। 

कांस्य पदक के लिए खेले गए मुकाबले से पहले अमन पूरी रात नहीं सोए और अपने वजन को कम करने में लगे रहे। वजन घटाने के मिशन की शुरुआत डेढ़ घंटे के मैट सेशन से हुई, जिसके दौरान दो वरिष्ठ कोचों ने उन्हें कुश्ती करने के लिए प्रेरित किया और उसके बाद एक घंटे का हॉट बाथ सेशन हुआ। 12:30 बजे वे जिम गए, जहां अमन ने ट्रेडमिल पर एक घंटे तक बिना रुके दौड़ लगाई। इससे उनका पसीना बहा और उन्हें वजन कम करने से मदद मिली। फिर उन्हें 30 मिनट का ब्रेक दिया गया, उसके बाद पांच मिनट के सौना बाथ के पांच सेशन हुए।

आखिरी सेशन के अंत तक अमन का वजन अभी भी 900 ग्राम ज्यादा था। फिर उनको मसाज दी गई और फिर कोचों ने छतरसाल के प्रशिक्षु को हल्की जॉगिंग करने को कहा। इसके बाद पांच 15 मिनट के रनिंग सेशन हुए। सुबह 4.30 बजे तक अमन का वजन 56.9 किलोग्राम था। जो तय वजन से 100 ग्राम कम था। इसके बाद कोचों और पहलवान ने राहत की सांस ली।

भारतीय राष्ट्रीय कुश्ती दल के कोच विरेंद्र दहिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अमन का वजन 4.6 किलो बढ़ गया था। दहिया ने कहा, "मैंने पूरी रात कुश्ती मुकाबलों के वीडियो देखे। हम हर घंटे उसका वजन जांचते रहे। हम पूरी रात नहीं सोए, दिन में भी नहीं। वजन कम करना हमारे लिए सामान्य बात है, लेकिन पिछले दिन (विनेश के साथ) जो हुआ, उसके कारण तनाव था, बहुत तनाव था। हम एक और पदक हाथ से जाने नहीं दे सकते थे।

इससे पहले भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट ओवरवेट होने की वजह से डिस्क्वालिफाई हो गई थीं। विनेश ने 50 किलो वर्ग प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाकर सिल्वर मेडल पक्का कर लिया था लेकिन फाइनल से पहले वो तय लिमिट से 100 ग्राम ज्यादा पाई गईं और नतीजा उन्हें अयोग्य करार दिया गया। फिलहाल विनेश का मामला सीएएस में चल रहा है जिसका फैसला जल्द आ सकता है।

IPL में फिर से वापसी करेंगे रिकी पोंटिंग, कर दिया बड़ा ऐलान

हाल ही में रिकी पोंटिंग का दिल्ली कैपिटल्स के साथ उनका करार खत्म हुआ है. कोच के तौर पर पोंटिंग दिल्ली कैपिटल्स को आईपीएल का खिताब दिलाने में असमर्थ रहे जिसका उन्हें मलाल है. अब एक बार फिर पोंटिंग ने आईपीएल में कोचिंग करने को लेकर अपनी राय दी है. पोंटिंग ने माना है कि वह फिर से आईपीएल में कोच की भूमिका निभा सकते हैं. आईसीसी रिव्यू के साथ बात करते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने अपनी राय दी है. 

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने आईपीएल में कोच के तौर पर वापसी को लेकर कहा, "मैं आईपीएल में फिर से किसी फ्रेंचाइजी के लिए कोंचिंग करना पसंद करूंगा. मैंने हर साल बहुत अच्छा समय बिताया है, चाहे वह खिलाड़ी के तौर पर शुरुआती दिनों में हो या मुंबई में मुख्य कोच के तौर पर बिताए गए कुछ साल. मैंने दिल्ली में सात सीज़न खेले, जो दुर्भाग्य से उस तरह से काम नहीं आया जैसा मैं चाहता था और निश्चित रूप से जिस तरह से फ्रेंचाइजी चाहती थी. मुझे लगता है कि मेरा वहां जाना टीम के लिए कुछ हासिल करने की कोशिश थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ."

पोंटिंग को उम्मीद है कि दिल्ली अपने अगले कोच का चयन करते समय एक अलग दृष्टिकोण अपनाएगी, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने दिल्ली की कोचिंग छोड़ने के पीछे अपने कारण भी बताए. पोंटिंग ने कहा, " फ़्रेंचाइज़ी संभवतः इस पद के लिए किसी लोकल दिग्गज को नियुक्त करेगी. दिल्ली की फ्रेंचाइजी किसी ऐसे कोच की तलाश में हैं जो उन्हें ऑफ़-सीज़न के दौरान थोड़ा और समय और दे सके, मैं बस इतना नहीं कर सकता था कि मेरे पास इसके अलावा दूसरी अन्य चीज़ें हैं."

रिकी पोंटिंग को लगता है कि दिल्ली की टीम भारतीय कोच को अपने साथ अब जोड़ना चाह रही है. पोंटिंग ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, "लेकिन मैं अपने समय के लिए वास्तव में आभारी हूं जो मैंने वहां बिताया, कुछ महान लोगों से मिला, कुछ महान लोगों के साथ काम किया और जाहिर तौर पर सालों से कुछ महान खिलाड़ियों के साथ भी काम भी किया. इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि अगले कुछ महीनों में मेरे लिए कुछ अवसर आ सकते हैं और मैं अगले सीजन में फिर से आईपीएल में कोचिंग करना पसंद करूंगा. हो सकता है कि मैं फिर से आईपीएल से जुड़ जाउं."

मनीष सिसोदिया राजघाट निकलने से पहले लिया बजरंगबली का आशीर्वाद

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शुक्रवार को 17 महीने बाद आखिरकार जेल से बाहर आ गए. उनके जेल से बाहर निकलने की खबर ने आम आदमी पार्टी कामें एक बार फिर से नया जोश भर दिया है. जेल से बाहर आते ही सिसोदिया सबसे पहले केजरीवाल के घर पहुंचे और उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चों से मुलाकात की. सिसोदिया राजघाट के लिए निकल चुके हैं. इससे पहले उन्होंने बजरंगबली का आशीर्वाद लिया. 

राजघाट के लिए निकले मनीष सिसोदिया.

मनीष सिसोदिया राजघाट के लिए निकल चुके हैं. राजघाट में वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर उनको पुष्प अर्पित करेंगे. इस दौरान उनके साथ आम आदमी पार्टी के कई अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद रह सकते हैं.

केजरीवाल को भी मिलेगा बजरंगबली का आशीर्वाद'

मंदिर में पूजा करने के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा, "भगवान बजरंग बली ने मुझे आशीर्वाद दिया है. अरविंद केजरीवाल पर भी बजरंग बली का विशेष आशीर्वाद है. आप देखिए कि उनको भी बजरंगबली का इसी तरह आशीर्वाद मिलेगा."

सरकारी अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान चढ़ाई एक्सपायर सलाइन

सरकारी सिस्टम की ऐसी लापरवाही किसी की भी जान ले सकती है. तेलंगाना के निजामाबाद जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान एक्सपायर सलाइन की बोतल दी गई.

निजामाबाद के कदेम मंडल के लिंगपुर गांव के निवासी अजरुद्दीन को बीमारी के कारण खानापुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कथित तौर पर उन्हें एक्सपायरी सलाइन की बोतल दी गई थी. मरीज के परिजनों ने जांच की मांग की है. परिजनों ने अस्पताल प्रशानश के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है और जिम्मेदारों पर कर्रवाई की मांग की है.

जब उसके भाई ने एक्सपायर्ड सलाइन को देखा, तो उसने तुरंत डॉक्टरों को सूचित किया. तब तक सलाइन खत्म चुकी बोतल को बदल दिया.

एक्सपायरी दवा के नुकसान

एक्सपायरी दवा से एलर्जी, शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है. एक्सपायरी डेट का मतलब ये होता है कि कई भी दवा किस तारीख तक पूरी तरह से असरदार और सुरक्षित है. साथ ही एक्सपायरी डेट ते बाद कंपनी दवा के सुरक्षा की गारंटी नहीं लेती है.

क्रीमी लेयर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिया जवाब, जानें क्या कहा था

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अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के रिजर्वेशन को लेकर नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है।एससी-एसटी) को मिलने वाले आरक्षण के अंदर सब कोटा बनाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। सरकार ने साफ-साफ लफ्जों में बता दिया है कि आरक्षण में क्रीमी लेयर को आई सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश को लागू नहीं किया जाएगा।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिए गए एक फैसले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में उप वर्गीकरण और पिछड़ों में भी अति पिछड़ों के हक की बात कही और इसी आधार पर राज्यों को आरक्षण के कोटे में कोटा तय करने का सुझाव दिया। लेकिन कोटे में कोटे का यह मामला सियासी तौर पर इतना संवेदनशील है कि सरकार ने संविधान का हवाला देते हुए क्रीमी लेयर से किनारा कर लिया है।

इस मामले पर शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट मीटिंग खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का विरोध किया। उन्होंने भीम राव आंबेडकर के दिए संविधान का हवाला देते हुए कहा कि वहां एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां क्रीमी लेयर का मतलब उन लोगों और परिवारों से है जो उच्च आय वर्ग में आते हैं।

मोदी सरकार के पीछे कोई राजनीतिक मजबूरी?

अश्विनी वैष्णव भले ही एससी/एसटी आरक्षण पर आंबेडकर के संविधान का हवाला दे रहे हैं, लेकिन सियासी जानकार इस विरोध के पीछे राजनीतिक मजबूरी को भी एक बड़ी वजह मान रहे हैं। दरअसल, सरकार में शामिल तेलगू देशम पार्टी, एनडीए का हिस्सा केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के अलावा बीजेपी के कई सांसदों ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव का स्वागत किया है लेकिन पार्टी के ही करीब सौ एससी-एसटी सांसदों ने इसका विरोध किया है। ये सांसद पीएम मोदी से मिले और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव लागू नहीं करने की मांग की। एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी कोर्ट के सुझाव से सहमत नहीं हैं।

क्या है सुप्मी कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एसटी-एससी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं। ये फैसला चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सात जजों की संविधान पीठ ने सुनाया था। इस बेंच में चीफ जस्टिस के अलावा जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा शामिल थे। जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत के फैसले से असहमति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस बात की जांच कर रही थी कि क्या ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के उसके फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है, जिसमें यह माना गया था कि अनुसूचित जातियां एक समरूप समूह हैं और इसलिए उनके बीच कोई सब कैटेगरी नहीं हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि सब कैटेगरी की अनुमति न देने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जहां क्रीमी लेयर के लोग सभी लाभों को हड़प लेंगे। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट 2004 के उस फैसले की जांच कर रहा था, जिसमें पांच जजों की पीठ ने कहा था कि केवल राष्ट्रपति ही यह अधिसूचित कर सकते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 341 के अनुसार कौन से समुदाय आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकते हैं और राज्यों के पास इसके साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार नहीं है।

पटना के दीदारगंज में मिला अज्ञात युवक शव, इलाके मे सनसनी

पटना :  राजधानी पटना में एक बार फिर से अपराधियों का कहर  देखने को मिला है। जहां दीदारगंज के फतेहपुर में एक अज्ञात युवक का शव मिला है इसके बाद आसपास के क्षेत्र में सनसनी मच गई है। मामला दीदारगंज थाना क्षेत्र के फतेहपुर की है जहां एक 35 वर्षीय युवक का डेड बॉडी मिला है जिसकी जानकारी स्थानीय लोगो के द्वारा दिदारगंज पुलिस को दी गयी।

घटना की सूचना पाते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुँच गयी है और मामले की छानबीन में जुट गई है। जांचोपरांत यह पता चला की युवक की हत्या कर इसे यहां ठिकाना लगा दिया। जिस युवक की हत्या हुई है बो  हाफ पैंट लाल रंग का और लाल रंग का टीशर्ट पहने हुए है।

मामले में डीएसपी निखिल कुमार ने बताया कि लगभग 35 वर्षीय अज्ञात युवक का डेड बॉडी बरामद हुआ है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि हत्या कही और करके साक्ष्य को छुपाने के लिए लाश को यहां लाकर फेंक दिया गया है। फिलहाल मौके पर एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया है। मामले की जांच और शव की पहचान की कोशिश की जा रही है।
चोरों का नया कारनामा : रेलवे ट्रैक के ऊपर लगे कॉपर कैटनरी बिजली तार को बांस में आरी लगाकर काटा, घण्टो परिचालन रहा बाधित

पटना : दानापुर रेल मंडल पर पटना झाझा रेलखंड के फतुहा स्टेशन पर फतुहा स्टेशन से महज दो सौ मीटर पश्चिम रेलवे ट्रैक के ऊपर लगे कॉपर कैटनरी बिजली तार को चोरो ने काट लिया। जिसके चलते घंटो रेलसेवा बाधित रही। 

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की देर रात करीब 01:55 मिनट पर चोरों ने घटना को अंजाम दिया।  जानकारी मिलते ही फतुहा आरपीएफ के टीम ने दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुंच कर मामले की जाँच में लग गयी।हालांकि टेक्निकल टीम को भी सूचना दे दी गयी। जिसके बाद दो घंटे कड़ी मेहनत के बाद ट्रेन परिचालन को सुचारू किया गया। 

चोरों द्वारा तार कटे जाने पर बाधित रहा रेल परिचालन

जानकारी के मुताबिक चोरों ने देर रात्रि घटना को अंजाम दे कर फरार हो गए । घटना के जानकारी मिलते ही आरपीएफ के टीम मामला को लेकर जांच में जुट गई। मामले को ले डॉग स्क्वायड की टीम को भी बुलाया गया। डॉग स्क्वायड के टीम ने तुरंत चोरों के द्वारा कटे तार को बगल के ही झाड़ी से बरामद कर लिया गाय है साथ ही जिस समान से तार काटने की घटना को अंजाम दिया है। उसे डॉग स्क्वायड के टीम ने बरामद कर लिया है।

चोरों के खोज में जुटी पुलिस

आरपीएफ पोस्ट प्रभारी विनोद कुमार विश्वकर्मा ने दबे शब्दो में जानकारी दी की इस मामले को लेकर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है । 

पुलिस चोरों के खोज में लगी है। जल्द ही आरोपी तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही इस मामले में कटे तार को बरामद कर लिया गया है, तकनीकी अनुसंधान जारी है।

मां काली की मूर्ति स्थापना से पहले निकली कलश शोभा यात्रा सैंकड़ो महिलाएं कलश यात्रा में हुई शामिल

पटना : राजधानी पटना के दीदारगंज धर्मशाला स्थित बिचला टोला मंदिर में मां काली की मूर्ति स्थापित की जानी है।मां काली की मूर्ति स्थापना सोमवार को होनी है ठीक उससे पहले आज भव्य कलश यात्रा निकाला गया।

यह कलश यात्रा मंदिर प्रांगण स्थल से निकलकर दीदारगंज बालू घाट पहुँचा।कलश यात्रा में सामिल सैंकड़ो महिलाएं चुंदरी साड़ी पहने अपने सिर पर कलश ले कर गंगा जलभराई के लिए बालू घाट पहुँची। जहां जलभराई के बाद कलश यात्रा पुनः मंदिर पूजा स्थल पर आ गयी।

इस यात्रा के दौरान पूरा माहौल भक्तिमय रहा। ढोल नगाड़ों के आवाज पर लोग थिड़कते देखे गए औऱ जय माता दी की नारे लगाते रहे।

आयोजनकर्ता मंदिर कमिटी के सदस्य चंदन साहनी और सूरज साहनी ने बताया कि चार दिवसीय चलवे बाले अनुष्ठान में आज सर्वप्रथम कलश यात्रा निकाला गया। जिसके बाद शुक्रवार को मंडप प्रवेश,सोमवार को मंदिर में मां काली की मूर्ति की स्थापना एवम अंतिम दिन पूर्णाहुति हवन पूजन एवम भंडारा का आयोजन होगा। जिसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण जुटेंगे।

भविष्य में बिहार ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के समस्त कायस्थों का महाकुंभ स्थली होगा पटना का यह श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर : स्वामी चक्रपाणी महाराज

पटना : अखिल भारतीय हिन्दू महासभा और संत महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज ने कहा कि पटना के श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर जिसकी अपनी एक अति प्राचीन परम्परा है। जिसमें नंद वश के महामात्य मुद्राराक्षस से होते हुए राजा टोडरमल तक और वर्तमान में जिस प्रकार डॉ. आर.के. सिन्हा ने इसका सर्वांगीण विकास किया है, उससे न केवल बिहार बल्कि पूरे विश्व के सनातनधर्मी कायस्थों को श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर एक उपहार के रूप में मिला है। यह निश्चित रूप में आने वाले भविष्य में समस्त कायस्थों का महाकुंभ स्थली होगा। यह मंदिर अनेक एतिहासिक उतार चढ़ाव का साक्षी रहा है, यह अपने आप में एक सिद्ध स्थल है। 

श्री स्वामी जी ने बोलते हुए कहा कि विश्व के सनातनधर्मी कायस्थ और सभी जाति-वर्ग के सनातन कलमजीवी आदरणीय डॉ. आर.के. सिन्हा का ऋणी रहेगा जिन्होंने इस मंदिर की पुनर्प्रतिष्ठा एवं निर्माण हेतु अपने भौतिक संसाधनों का पूरी तरह से भगवान चित्रगुप्त के चरणों में अर्पित कर दिया। यह एक प्रेरणादायी स्थल है जो समस्त सनातन हिन्दूओं के लिए आदर्श होगा। जो धर्म परिवर्तन कर क्रिष्चियन, पारसी, मुसलमान आदि धर्म अपनाते हैं और स्वधर्म का परित्याग कर देते हैं। 

डॉ. आर.के. सिन्हा ने भगवान की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर पुर्ननिर्माण के लिए वर्ष 2006 में अपने सम्पूर्ण करोड़ों की सम्पत्ति को समर्पित करके इस मंदिर को बचाया। आज पटना के समस्त मंदिर समिति के सदस्य उनके नेतृत्व में सुचारू रूप में कार्य कर रहे और मंदिर का उत्थान हो रहा है। भगवान चित्रगुप्त की कृपा से डॉ. आर.के. सिन्हा ने 2008 में 300 करोड़ की जो सम्पत्ति गिरवी रख दिया था, वह अब 12 हजार करोड़ हो गया है। ऐसे महान व्यक्तित्व और धर्मनिष्ठ व्यक्ति का त्याग युगों-युगों तक याद किया जायेगा। जैसे भगवान शिव के भक्त हुए बैद्यनाथ जिन्होंने अपना तन, मन, धर्म भगवान की भक्ति कर सब कुछ न्योछावर कर दिया जिनके नाम से आज बैद्यनाथ धाम है। ऐसे ही डॉ. आर.के. सिन्हा ने इस प्राचीन मंदिर का पुर्ननिर्माण कर भगवान चित्रगुप्त की भक्ति की मिशाल कायम की है जो आने वाले युगों-युगों में याद किया जायेगा।

अन्त में स्वामी जी ने कहा कि जो कलम दावात की पूजा करने वाले वर्ष में यमद्वितिया के दिन भगवान की पूजा कर इतिश्री कर लेते थे उसे डॉ. आर.के. सिन्हा ने हर महीने संगत-पंगत के माध्यम से पूरे विश्व में जोड़ा और जागृत किया है। अपनी संस्कृति धर्म और समाज को जोड़ने का काम किया है, यह निश्चित रूप में भौतिक जगत और अध्यात्म स्तर पर समाज को उठाने में मिल का पत्थर साबित होगा।

स्वामी जी ने मंदिर समिति के समस्त पदाधिकारियों एवं समाजसेवियों को धन्यवाद किया और मंगल कामना एवं आशीर्वाद दिया। इसी प्रकार पूरे विश्व में श्री चित्रगुप्त आदि मंदिर जैसा कार्य हो और समाज का उत्थान हो।

ओवरब्रिज में धक्का मारने के बाद स्कूटी सवार को नीचे फेंके जाने के मामला सड़क दुर्घटना नही बल्कि हत्या थी, जानें पुरी खबर को

फतुहा। बीते रात महारानी चौक से दक्षिण रेलवे ओवरब्रिज से धक्का मारने के बाद स्कूटी सवार को नीचे फेंके जाने के मामला सड़क दुर्घटना नही बल्कि हत्या थी।

 बाइक सवार बदमाशों ने हत्या करने के नीयत से गोविंदपुर के कपड़ा व्यवसायी 40 वर्षीय विजय जायसवाल उर्फ विजय चौधरी को रेलवे ओवरब्रिज से नीचे रेलवे ट्रैक पर फेंका था। हालांकि बीते देर रात इलाज के दौरान पटना में उसकी मौत हो गयी। 

पुलिस शुक्रवार को सुबह तक इस घटना को सड़क दुर्घटना मान रही थी लेकिन मृतक फतुहा अस्पताल से रेफर होने के दौरान जो अंतिम बयान दिया, उस बयान से स्पष्ट हो गया कि बाइक सवार बदमाशों ने उसे हत्या के नीयत से ही रेलवे ओवरब्रिज से रेलवे ट्रैक पर फेंका था। उसने पत्रकारों को दिए बयान में बताया था कि वह गोविंदपुर से स्कूटी द्वारा तागादा के लिए छोटी लाइन बाजार की ओर जा रहा था।जब वह रेलवे ओवरब्रिज के पास पहुंचा तो एक बाइक ने उसके स्कूटी में धक्का मार कर सड़क पर गिरा दिया। 

इसके बाद बाइक पर सवार तीन लोग उसे सड़क पर से उठाकर नीचे रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। मृतक ने अपने बयान में यह भी बताया था कि तीनों हेल्मेट पहन रखे थे। शुक्रवार को उसकी मौत की खबर आते ही जंहा गोविंदपुर बाजार स्थित उसके घर पर परिजनों के बीच कोहराम मच गया। वहीं पुलिस भी सक्रिय हो गयी। 

फतुहा 1 डीएसपी निखिल कुमार उसके घर पहुंचे तथा परिजनों से पूछताछ की। उनके निर्देश पर घटनास्थल का भी निरीक्षण किया गया। घटना की वारिकी से जांच के लिए एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया।

 पुलिस महारानी चौक पर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालने में लगी है ताकि हेल्मेट पहने तीनों बाइक सवार की पहचान की जा सके। इस मामले में फतुहा 1 डीएसपी निखिल कुमार ने बताया कि छानबीन में प्रथम दृष्टया पैसे की लेन देन का मामला सामने आ रहा है

 जिसकी छानबीन की जा रही है। वहीं थानाध्यक्ष रुपक कुमार अम्बुज ने बताया कि जमीनी मामले में भी पैसे के लेन देन का मामला सामने आया है। वैसे अभी तक मृतक के किसी परिजन ने फर्द बयान नहीं दिया है ताकि केस दर्ज हो सके। 

फिलवक्त पुलिस हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने और बाइक सवार बदमाशों तक पहुंचने में जुटी है।