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सरकारी अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान चढ़ाई एक्सपायर सलाइन

सरकारी सिस्टम की ऐसी लापरवाही किसी की भी जान ले सकती है. तेलंगाना के निजामाबाद जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां अस्पताल में एक मरीज को इलाज के दौरान एक्सपायर सलाइन की बोतल दी गई.

निजामाबाद के कदेम मंडल के लिंगपुर गांव के निवासी अजरुद्दीन को बीमारी के कारण खानापुर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कथित तौर पर उन्हें एक्सपायरी सलाइन की बोतल दी गई थी. मरीज के परिजनों ने जांच की मांग की है. परिजनों ने अस्पताल प्रशानश के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है और जिम्मेदारों पर कर्रवाई की मांग की है.

जब उसके भाई ने एक्सपायर्ड सलाइन को देखा, तो उसने तुरंत डॉक्टरों को सूचित किया. तब तक सलाइन खत्म चुकी बोतल को बदल दिया.

एक्सपायरी दवा के नुकसान

एक्सपायरी दवा से एलर्जी, शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है. एक्सपायरी डेट का मतलब ये होता है कि कई भी दवा किस तारीख तक पूरी तरह से असरदार और सुरक्षित है. साथ ही एक्सपायरी डेट ते बाद कंपनी दवा के सुरक्षा की गारंटी नहीं लेती है.

फ्रेंडशिप डे स्पेशल:- पूरे देश देशभर में मनाया जा रहा है फ्रेंडशिप डे, पर क्या आप जानते हैं इसके पीछे की कहानी,जानें

कोई व्यक्ति जन्म के बाद खुद से जो पहला रिश्ता बनाता है, उसे दोस्ती कहते हैं। परिवार से बाहर एक दोस्त ही आपका मार्गदर्शक, सलाहकार, राजदार और शुभचिंतक होता है। इसी दोस्ती के नाम एक खास दिन समर्पित किया गया है, जिसे फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि दुनियाभर में साल में दो बार दोस्ती दिवस मनाते हैं। ऐसे में कई लोग असमंजस में हैं कि असली मित्रता दिवस किस दिन मनाएं। 

फ्रेंडशिप डे कब मनाया जाता है?

कुछ लोगों को फ्रेंडशिप डे को लेकर असमंजस है कि 30 जुलाई और अगस्त के पहले रविवार में से सही फ्रेंडशिप डे कौन सा होता है। दरअसल, साल 1930 में जॉयस हॉल ने हॉलमार्क कार्ड के रूप में उत्पन्न किया था। बाद में 30 जुलाई 1958 को आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई। लेकिन भारत समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश अगस्त के पहले रविवार को ही दोस्ती दिवस मनाते हैं।

फ्रेंडशिप डे का इतिहास

पहली बार मित्रता दिवस 1935 को अमेरिका में मनाया गया। शुरुआत में अगस्त के पहले महीने में दोस्ती के प्रतीक के तौर पर इस दिन को मनाया गया, हालांकि बाद में हर साल मित्रता दिवस अगस्त के पहले रविवार को मनाए जाने का फैसला लिया गया।

 मित्रता दिवस मनाने की शुरुआत?

अमेरिका में 1935 में अगस्त के पहले रविवार के दिन एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। कहते हैं कि इस हत्या के पीछे अमेरिकी सरकार थी। जिसकी मौत हुई थी, उसका दोस्त इस खबर से हताश हो गया और खुद भी आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती और लगाव को देखते हुए अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। इसका प्रचलन बढ़ा और भारत समेत कई देशों ने फ्रेंडशिप डे को अपनाया।

मित्रता दिवस का महत्व

व्यक्ति के जीवन में दोस्त जरूर होते हैं। अगर न हों तो एक दोस्त जरूर बनाना चाहिए। दोस्ती कभी भी हो सकती हैं, उसमें उम्र, लिंग या किसी अन्य तरीके का कोई भेद नहीं होता। दोस्त आपका ऐसा समर्थक होता है जो आपकी तरक्की के लिए अच्छी सलाह देता है और आपकी खुशी में खुश होता है। ऐसे में आपके जीवन को सरल, सुलझा हुआ और अधिक मनोरंजक बनाने के लिए दोस्ती दिवस मनाते हैं और इस मौके पर दोस्त को खास महसूस कराते हैं।

पुणे में दुकानदार की बेरहमी से हत्या,जांच में जुटी पुलिस

महाराष्ट्र के पुणे में एक दर्दनाक वारदात हुई है. इस वारदात में एक युवक पीठ पीछे चाकू (चापड़) छिपा कर लाता है और एक दुकान में बैठे युवक पर हमला कर देता है. इस युवक ने युवक को दुकान से बाहर खींच लिया और फिर उसे पशुओं की तरह से बड़ी बेरहमी से काट डाला. यह पूरी घटना मौके पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुई है. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है.मामला पुणे के दौंड तालुका में खामगांव के नागमोडी चौक का है.

पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान सूरज भुजबल के रूप में हुई है. पुलिस को आशंका है कि यह वारदात किसी पुरानी रंजिश की वजह से अंजाम दी गई है. हालांकि अभी तक वारदात के कोई ठोस कारण सामने नहीं आए हैं. सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस खौफनाक वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि आरोपी पशु काटने वाला चाकू छिपाकर धीरे धीरे दुकान पर आता है. वह दुकान के बाहर कुछ सेकंड के लिए ठहरता है और जब आश्वस्त हो जाता है कि दूसरा युवक दुकान में अकेले है तो वह झटके से अंदर घुसकर उसके ऊपर हमला कर देता है.

इस हमले से बचाव के लिए दुकान में बैठा युवक बाहर भागता है, लेकिन बाहर निकलते ही आरोपी उसके ऊपर चाकू से वार कर देता है. इससे दुकानदार जमीन पर गिर जाता है और फिर आरोपी उसके ऊपर ताबड़तोड़ चापड़ से वार करता है. इस वारदात के दौरान चीख सुनकर पास की दुकान से एक अन्य युवक बाहर निकलता है, लेकिन हालात को देखकर वह चुपचाप भाग निकलता है. इतने में आरोपी मौके से फरार हो जाता है.

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिया है. इसके अलावा पुलिस ने घटना स्थल से कुछ फिंगर प्रिंट उठाने के साथ ही मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक इस सबंध में मृतक के परिजनों और पड़ोसियों से भी पूछताछ की गई है. आशंका है कि आरोपी मृतक का जानकार है और उसने किसी पुरानी रंजिश में इस वारदात को अंजाम दिया है.

कंगना रनौत ने राहुल गांधी की एडिटेड फोटो की शेयर,सोशल मीडिया पर मचा बवाल

बीजेपी सांसद कंगना रनौत, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक तस्वीर की वजह से सुर्खियों में हैं. दरअसल, कंगना रनौत ने अपने ऑफिशियल इन्स्टाग्राम हैंडल पर राहुल गांधी की फोटो शेयर की है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है.

इस फोटो में राहुल गांधी के सिर पर मुस्लिम समुदाय की टोपी दिख रही है, माथे पर चंदन और तिलक लगा हुआ है और गले में क्रॉस भी है. इस तस्वीर के नीचे लिखा हुआ है, 'जाति जीवी जिसे बिना जाति पूछे जाति गणना करनी है.' इस एडिटेड फोटो पर कंगना काफी ट्रोल भी हो रही हैं. 

टुकड़ों में बांटने की बात मत करना'

कंगना ने एक दूसरी स्टोरी के कैप्शन में भी राहुल गांधी पर निशाना साधा. कंगना ने लिखा, 'दूसरी बार भारत को टुकड़ों में बांटने की बात मत करना. किसी भारतीय से उसकी जात पूछने जैसी छोटी बात मत करना. करने को तो बहुत कुछ है जो तुम कर सकते हो लेकिन अपने ही घर में आग लगाने जैसी बात मत करना. सुना तो तुमने भी होगा राहुल गांधी जी, बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी.'

आखिर मुद्दा क्या है?

बता दें कि केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था, 'जिसे जात नहीं पता वो जाति जनगणना की बात करता है.' अनुराग ठाकुर के इस बयान पर संसद में काफी हंगामा देखने को मिला था. राहुल गांधी ने भी लोकसभा स्पीकर से अपमान करने की बात कही थी. विपक्षी नेताओं ने भी इस टिप्पणी का खुलकर विरोध किया था. 

कंगना ने पहले क्या कहा था?

बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर शेयर की फोटो पर मचे बवाल से पहले भी राहुल गांधी पर निशाना साधा था कंगना रनौत ने जाति पर मचे सियासी घमासान पर कहा था, 'अपनी जात का कुछ अता पता नहीं, नानू मुस्लिम, दादी पारसी, मम्मी क्रिश्चियन और खुद ऐसा लगता है जैसे पास्ता को कड़ी पत्ते का तड़का लगाकर खिचड़ी बनाने की कोशिश की हो, और इनको सबकी जात पता करनी है.'

पांच मंजिला इमारत की गैलरी का स्लैब ढहा,70 लोगों को किया रेस्क्यू

महाराष्ट्र के नवी मुंबई के कोपरखैरन में शनिवार की देर रात पांच मंजिला इमारत की गैलरी का स्लैब ढह गया, जिसके बाद इमारत में रहने वाले करीब 70 लोगों को निकाला गया. अधिकारी ने बताया कि दो परिवारों को राहत शिविरों में भेज दिया गया है, जबकि अन्य को वैकल्पिक आवास मुहैया कराया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. फिलहाल दमकल कर्मियों ने मलबा हटा दिया है. वहीं जुलाई में मुंबई में एक तीन मंजिला इमारत गिर गई है.

बिल्डिंग की बालकनी का कुछ हिस्सा गिरा

भारी बारिश के बाद नवी मुंबई के शाहबाज गांव में बनी ग्राउंड प्लस तीन मंजिला इमारत अचानक से गिर गई. बिल्डिंग में कुल 24 परिवार रहते थे. बता दें कि इससे पहले मुंबई के ग्रांट रोड इलाके में एक बिल्डिंग की बालकनी का कुछ हिस्सा गिरने से एक महिला की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए. यह हादसा ग्रांट रोड रेलवे स्टेशन के पास स्थित चार मंजिला इमारत रूबिनिसा मंजिल में हुई थी.

गुजरात में भी गिरी थी तीन मंजिला इमारत

वहीं गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के जाम खंभालिया शहर में भारी बारिश के बीच एक तीन मंजिला इमारत ढह गई थी. इस हादसे में एक बुजुर्ग महिला और उसकी दो पोतियों की जान चली गई. यह घटना शहर के गगवानी फली इलाके में हुई और आधी रात तक चले करीब छह घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद तीनों शवों को बाहर निकाला गया और पांच लोगों को बचाया गया था.

दिल्ली से लेकर राजस्थान तक होगी बारिश, जानें 5 राज्यों का मौसम का हाल

देश के अलग-अलग हिस्सों में मानसून मेहरबान है. राजधानी दिल्ली में आज सुबह से बादलों ने आसमान पर डेरा डाले रखा है. ठंडी हवाओं से दिल्ली में लोगों को गर्मी से राहत है. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान में भी कहीं तेज कहीं हल्की बारिश देखी जा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में आज हल्की बारिश की संभवाना जताई गई है. 4 से 8 अगस्त के बीच दिल्ली में हल्की और मध्यम बारिश का मौसम बना रह सकता है.

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आज होने वाली बारिश की रफ्तार धीमी रह सकती है. 5 अगस्त को यहां तेज तूफान के साथ बारिश देखी जा सकती है. वहीं प्रयागराज में आज हल्की बारिश की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग के मुताबिक, कानपुर में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश के आसार हैं.

कैसा रहेगा हिमाचल प्रदेश का मौसम ?

मौसम विभाग के अनुसार, 4 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के कसौली, धर्मशाला, शिमला में बिजली की कड़क के साथ तेज बारिश की हो सकती है. वहीं मनाली, कुल्लू में हल्की बारिश की संभावना है. बादल फटने के कारण यहां के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है.

राजस्थान में यहां होगी तेज बारिश

4 अगस्त को राजस्थान के चित्तौड़गढ़, जालोर, जयपुर में सुबह से ही काले बादलों का घेरा बना हुआ है. मौसम विभाग के मुताबिक, इन जगहों पर तेज बारिश की संभावना जताई गई है. बारिश के कारण जगह-जगह पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. सड़कों पर लबालब पानी भरा हुआ है.

महाराष्ट्र का मौसम?

महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में तेज बारिश का कहर जारी है. बारिश के कारण लोगों की मुश्किलें अभी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. सड़कों पर जलजमाव के कारण गाड़ियों की गति धीमी देखी जा सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक, यहां मुंबई, थाणे में बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है वहीं पालघर, पुणे में सामान्य से ज्यादा तेज बारिश होने के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है

रिटायर एआईजी ने अपने IRS दामाद को कोर्ट परिसर में गली मारकर कर दी हत्या

चंडीगढ़ के जिला कोर्ट में अपने आईआरएस दमाद की हत्या करने वाले रिटायर एआईजी मालविंदर सिंह सिद्धू का नाम कई बार विवादों में रह चुका है. जानकारी के मुताबिक मालविंदर सिंह सिद्धू 09-05-1992 में पंजाब पुलिस में डीएसपी रैंक पर चयनित हुए थे. 

यहीं से वह प्रमोट होते-होते एआईजी मानवाधिकार पद तक पहुंच गए. एआईजी रैंक पर पहुंचने के बाद उनका नाम कई बार गंभीर आरोपों से घिरा रहा. उन्हें पुलिस गिरफ्तार भी कर चुकी है. उनके ऊपर अवैध वसूली जैसे कई आरोप लग चुके हैं.

दामाद को कोर्ट में गोलियों से भूना

मालविंदर सिंह सिद्धू की बेटी और आईआरएस दामाद के बीच तलाक का मामला चल रहा है. 

इसी मामले में शनिवार को जिला कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. जिला कोर्ट में मालविंदर भी अपने परिवार के साथ पहुंचे थे. 

दोनों पक्षों में बातचीत हो रही थी लेकिन, किसी बात पर सहमति नहीं बन रही थी. इसी मालविंदर उठे और दामाद से कहा कि वॉशरूम का रास्ता बता दो. इस बहाने से वह दामाद को बाहर लेकर आए और पिस्टल निकाल कर गोलियां चला दीं

 वहां मौजूद वकीलों ने मालविंदर को पकड़ा और पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं आईआरएस दामाद हरप्रीत की मौत हो गई.

क्यों कोई नहीं चढ़ पाया अब तक कैलाश पर्वत पर,हैरान कर देगा आपको ये राज

माउंट कैलाश, जिसे कैलाश पर्वत के नाम से भी जाना जाता है, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित एक पवित्र पर्वत है. इस पर्वत पर हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले देवों के देव महादेव का निवास स्थान है. शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव यहां अपनी पत्नी पार्वती के साथ निवास करते हैं. इस पर्वत के पास स्थित मानसरोवर झील को भी अत्यंत पवित्र माना जाता है. ये माना जाता है कि इस झील में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि यहां महादेव निवास करते हैं. इसीलिए इस पर्वत पर अब तक कोई नहीं चढ़ पाया है. अगर जिसने भी यहां चढ़ने की कोशिश की, वो लौटकर वापस आ चुका है. 

रोक देती हैं कोई शक्तियां

लेकिन यह वापस क्यों आता है? जैसा कि हम जानते हैं कि यह चोटी माउंट एवरेस्ट से बहुत छोटी है. कैलाश पर्वत की ऊंचाई लगभग 22,000 फीट (6,638 मीटर) है जबकि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है. हजारों लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं लेकिन कोई भी इस पर्वत पर क्यों नहीं चढ़ पाया? लोगों का दावा है कि जिसने भी चढ़ने की कोशिश की, वह मारा गया या डर के मारे भाग गया.

वैज्ञानिकों का कहना है कि माउंट एवरेस्ट की तुलना में यहां का मौसम बिल्कुल अलग है. कैलाश पर्वत का मौसम इतना कठिन होता है कि इस चोटी पर चढ़ना नामुमकिन है. हर वक्त पर्वत के ऊपर तेज ठंडी हवाएं चलती हैं, जो सबसे बड़ी बाधा होती हैं. यहां मौसम एक सामान्य जैसा होता ही नहीं है. इतना आप समझ लीजिए कि पर्वत पर ऐसा मौसम होता है कि कोई इंसान उसे झेल नहीं सकता है. साथ ही जिसने चढ़ने की कोशिश की, उन्होंने दावा किया कि कोई शक्ति है, जो आगे बढ़ने से रोकती हैं.  

पर्वत पर चढ़ना है बैन

इसके अलावा सरकार ने भी पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा रखा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पर्वत की चोटी पर चढ़ना अपवित्र माना जाता है. कई पर्वतारोहियों ने इस पर्वत के रहस्यों को जानने की कोशिश की, लेकिन सभी ने इसे एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण और रहस्यमय स्थान पाया

हालांकि, कैलाश पर्वत की तीर्थ यात्रा, जिसे कैलाश मानसरोवर यात्रा कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है. हर साल हजारों तीर्थयात्री इस यात्रा में भाग लेते हैं और मानसरोवर झील में स्नान करते हैं लेकिन लोगों की पहुंच बस इस झील तक ही रही है.

बच्चों के ऊपर एक जर्जर मकान की दीवार गिरी, हादसे में चार बच्चों की मौत

मध्य प्रदेश के रीवा से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई. रीवा के गढ़ थाना क्षेत्र में बच्चों के ऊपर एक जर्जर मकान की दीवार गिर गई. हादसे में चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. शनिवार की दोपहर ये हादसा हुआ. क्षेत्र के प्राइवेट स्कूल सनराइज पब्लिक स्कूल के गेट के बगल में स्थित मकान की जर्जर दीवार गिरने से 5 बच्चों समेत एक महिला इसकी चपेट में आ गए.

इस हादसे में 4 छात्रों की मौत हो गई जबकि एक छात्र और महिला बुरी तरह से घायल हो गए. दोनों घायलों को इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. जानकारी लगते ही जनप्रतिनिधी सहित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे.

निजी स्कूल के थे सारे छात्र

पूरी घटना शनिवार की दोपहर रीवा जिले के गढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत गढ़ कस्बे की है. सभी छात्र निजी स्कूल सनराइज पब्लिक स्कूल के छात्र थे. यह हादसा उस वक्त हुआ जब स्कूल की छुट्टी हो गई थी और बच्चे अपने घर जा रहे थे. उसी दौरान स्कूल के गेट के बगल में स्थित जर्जर मकान की दीवार अचानक से बच्चों के ऊपर गिर गई और 5 छात्रों सहित एक महिला जो अपने बच्चे को स्कूल लेने गईं थीं वो इसकी चपेट में आ गए.

मौके पर पहुंचे रीवा सांसद

घटना के बाद मौके पर चीखपुकार मच गई. स्थानीय लोगों ने बच्चों को मलबे से निकाला और उन्हें इलाज के लिए गंगेव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां पर डाक्टरों ने चार छात्रों को मृत घोषित कर दिया जबकि एक छात्र और महिला गंभीर रुप से घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना की जानकारी लगते ही रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा स्थानीय विधायक नरेंद्र प्रजापति सहित जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली.

सीएम यादव ने लिया मामले का संज्ञान

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और मनगंवा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने घटना को लेकर दुख जताया है वहीं जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले की जांच की बात की है. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मामले पर दुख जताया और मृतक बच्चों के परिजनों को शासन की तरफ से दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देनेकीघोषणा की है. इन दिनों बारिश का मौसम है, दीवार जर्जर थी और उसी के चलते दीवार में नमी आ गई और वो काफी कमजोर हो गई और यह हादसा हो गया. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.

भूत-प्रेत महिलाओं पर ज्यादा हमला क्यों करते हैं, जाने सच

हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि भूत-प्रेत ज्यादातर महिलाएं ही होती हैं.ऐसे में सवाल ये है कि ये महिलाएं ज्यादातर भूत-प्रेत क्यों होती हैं? 

भारत में भूत-प्रेतों के किस्से और उनसे जुड़े अंधविश्वास सदियों से समाज का हिस्सा रहे हैं. महिला पर भूतों के अटैक के मामले में कई सांस्कृतिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण शामिल होते हैं.

भारत में भूत-प्रेतों की कहानियां और उनके बारे में विश्वास लंबे समय से मौजूद हैं. भारतीय समाज में ये मान्यता है कि भूत-प्रेत अक्सर कमजोर, असुरक्षित और तनावग्रस्त व्यक्तियों पर हमला करते हैं.

भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति भी एक महत्वपूर्ण कारण है. पारंपरिक रूप से, महिलाओं को अक्सर घर की चारदीवारी में ही सीमित रखा जाता है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और अंधविश्वास की ओर धकेल जाती रही हैं

आखिर महिलाएं ही क्यों होती हैं अक्सर शिकार?

अक्सर महिलाएं सामाजिक और पारिवारिक दबावों के कारण मानसिक तनाव का शिकार हो जाती हैं. इन तनावों के कारण उन्हें अक्सर भूत-प्रेतों के होने का भ्रम हो सकता है यह एक प्रकार का मानसिक विकार होता है जिसे डिसोसिएटिव ट्रांस डिसऑर्डर कहा जाता है. 

भारत में धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वासों का गहरा असर होता है. कई बार महिलाओं को लगता है कि उन पर भूत-प्रेतों का साया है, क्योंकि वे धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन नहीं कर पातीं या किसी गलत काम में फंस जाती हैं.

ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखने को मिलता है ये

ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास और भूत-प्रेतों की कहानियां ज्यादा प्रचलित होती हैं. यहां महिलाओं पर भूत-प्रेतों के अटैक के मामले अधिक सामने आते हैं क्योंकि शिक्षा और जागरूकता की कमी होती है. शहरी इलाकों में भी ऐसे मामलों की कमी नहीं है, लेकिन यहां लोग मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देते हैं.

बता दें कि महिलाओं पर भूत-प्रेतों के अटैक के मामलों के पीछे कई कारण होते हैं जिनमें सामाजिक, सांस्कृतिक, मनोवैज्ञानिक और धार्मिक कारक शामिल हैं. 

इन सभी कारणों को समझना और समाज में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है ताकि इस प्रकार के अंधविश्वासों को कम किया जा सके और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके.