विश्व आदिवासी दिवस आज : जनजातीय सभ्यता ,संस्कृति को समझना है तो पहुंचें रांची
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को सशक्त बनाने के लिए 9 अगस्त को 42 साल पहले संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया था।
आज का यह दिन दुनिया भर के करीब 90 से अधिक देशों में निवास करने वाले जनजाति आदिवासियों को समर्पित है, जिसका मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के अधिकारों और अस्तित्व के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना है।
इससे झारखंड भी अछूता नहीं है। झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 के लिए रांची का बिरसा स्मृति पार्क सज कर तैयार है।
दो दिवसीय इस आदिवासी महोत्सव को मनाने के लिए रांची पूरी तरह से रंग में रंग गई है। बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह संग्रहालय में झारखंड आदिवासी महोत्सव 2024 का उद्घाटन दिन के 12 बजे होगा। मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, विशिष्ट अतिथि राज्य समन्वय समिति के अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन शामिल रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे।
इस आदिवासी महोत्सव में लगाए गए प्रदर्शनी शिविर, आदिवासी चित्रकार शिविर और आदिवासी व्यंजनों का लुफ्त यहां आ कर उठा सकते है। वहीं कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद उठा सकते हैं।
दो दिवसीय इस आदिवासी महोत्सव में भाग लेने के लिए देश के कई राज्यों से कलाकार रांची पहुंच चुके हैं। यहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में मिजोरम, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा आदि राज्यों के कलाकार पारंपरिक आदिवासी नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसके साथ ही अखाड़ा दर्शन, आठ जनजातियों का गीत नृत्य, पद्मश्री मुकुंद नायक द्वारा नागपुरी गीत नृत्य, जननी झूमर वर्षा लकड़ा एवं उनके समूह द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की ऐतिहासिक गाथा का वर्णनात्मक संगीतमय नृत्य नाटक झारखंड झरोखा लोक कला वाद्य यंत्र एवं वेशभूषा की प्रस्तुति मेले में की जाएगी।
आदिवासी महोत्सव के दौरान आतिशबाजी और लेजर शो खास आकर्षण होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय आदिवासी चित्रकार शिविर, कला और शिल्प प्रदर्शनी और वृत्तचित्र प्रदर्शन भी लोगों को खूब लुभाएंगे।
Aug 09 2024, 15:14