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पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन,लंबे समय से थे बीमार,80 साल के उम्र में ली अंतिम सांस


पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है. उन्होंने गुरुवार को अंतिम सांस ली. वह 80 साल के थे. बुद्धदेव भट्टाचार्य लंबे समय से बीमार चल रहे थे. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने नवंबर 2000 से मई 2011 तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।वह दक्षिण कोलकाता के बालीगंज इलाके में दो कमरे के एक छोटे से सरकारी अपार्टमेंट में रहते थे. बुद्धदेव सीपीएम के पोलित ब्यूरो सदस्य थे.

वह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित थे और पिछले कुछ वर्षों में बहुत कम ही वह घर से निकले थे. उन्हें आखिरी बार 2019 में बाहर देखा गया था जब वह सीपीआई (एम) की एक रैली में गए थे, लेकिन धूल से एलर्जी के कारण वह शामिल नहीं हो सके और घर लौट आए।

बुधवार को ही बिगड़ गई थी तबीयत

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पूर्व सीएम ने गुरुवार सुबह नाश्ता भी किया लेकिन जल्द ही उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उनकी तबीयत बुधवार को ही बिगड़ गई थी और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।हालांकि, उन्हें चिकित्सा सहायता दी गई और गुरुवार सुबह 11 बजे एक डॉक्टर को उनसे मिलने जाना था.

2011 के चुनाव में मिली हार

बुद्धदेव भट्टाचार्य ने 2011 के राज्य चुनावों में सीपीएम का नेतृत्व किया था. हालांकि सीपीएम को हार मिली थी. उस चुनाव में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिससे पूर्वी राज्य में कम्युनिस्ट शासन समाप्त हो गया था।

2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान सीपीएम ने बंगाल के मतदाताओं को संबोधित करने के लिए बुद्धदेव भट्टाचार्य का एक AI भाषण जारी किया था. उन्होंने मतदाताओं से बीजेपी और तृणमूल दोनों को खारिज करने का आग्रह किया था. बुद्धदेव भट्टाचार्य एक कवि और अनुवादक थे.

पति के नाम पर जया बच्चन के भड़कने के बाद, अमिताभ ने किया क्रिप्टिक पोस्ट

नयी दिल्ली : अमिताभ बच्चन से शादी के बाद जया भादुड़ी ने उनके सरनेम को खुशी से स्वीकार किया, लेकिन राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें 'जया अमिताभ बच्चन' कहकर पुकारा, तो वे भड़क गईं और उनसे अपने पति अमिताभ के नाम का मतलब पूछ लिया. दरअसल, जया बच्चन को यह नया चलन पसंद नहीं आया कि महिलाएं अपने पतियों के नाम से पहचानी जाएं।

जया बच्चन के नाम पर विवाद के बाद अमिताभ बच्चन ने एक क्रप्टिक पोस्ट किया है.जया बच्चन को पिछले हफ्ते भी जब राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने 'जया अमिताभ बच्चन' कहकर संबोधित किया, तो उन्होंने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

उन्होंने याद दिलाया कि वे अपनी पहचान के लिए पति के नाम पर निर्भर नहीं हैं, हालांकि हरिवंश नारायण सिंह ने तर्क में कहा कि उनके दस्तावेजों में उनका नाम 'जया अमिताभ बच्चन' दर्ज है. सभापति जगदीप धनखड़ ने भी उन्हें 'जया अमिताभ बच्चन' कहकर पुकारा, तो उन्होंने पूछा, 'आपको अमिताभ का मतलब पता है?' जया बच्चन की राज्यसभा के सभापति से नाराजगी के बाद अमिताभ बच्चन ने एक नई पोस्ट शेयर की है. अमिताभ बच्चन ने एक्स प्लेटफॉर्म पर समय को लेकर एक क्रिप्टिक पोस्ट किया है।

हालांकि यह जया बच्चन और संसद में नाम को लेकर उनकी आपत्तियों से जुड़ा नहीं लगता है. पोस्ट पढ़कर लगता है कि बिग बी 'कौन बनेगा करोड़पति' के नए सीजन के चलते बिजी कार्यक्रम का जिक्र कर रहे हैं. 

अमिताभ ने हिंदी में लिखा, 'समय बड़ा बलवान! काम के लिए समय निकाल रहे हैं.' उन्होंने अपने ब्लॉग पर भी समय को लेकर अपने विचार साझा किए. उन्होंने अपने ठिकाने के बारे में बताया. अमिताभ ने लिखा, 'काम के लिए भागना, काम से वापस आना, भागमभाग मची हुई है, लेकिन काम के बीच भी शुभचिंतकों और फैंस से जुड़ने के लिए समय निकाल रहा हूं. मेरा आभार और प्यार.'

अमिताभ बच्चन ने आगे लिखा, 'कार्य में विविधता से एक अद्भुत संतुलन मिलता है. फिल्म, टीवी, म्यूजिक, विज्ञापन, कैंपेन और सबसे खास है : बाबू जी के शब्दों की रिकॉर्डिंग. वे अनंत काल तक जीते हैं.'

बिग बी ने पोस्ट के आखिर में लिखा, 'उन लोगों को इन्हें सुनाना जो शब्दों को समझते हैं और उनमें खुद को पाते हैं, कवि की सबसे बड़ी चुनौती और आश्चर्य है. यह सर्वशक्तिमान का उपहार है. मेरा प्यार और बहुत कुछ.'

हरिवंश नारायण सिंह से नाम को लेकर बहस के कुछ दिनों बाद जया बच्चन को विवाद का मजाक उड़ाते हुए देखा गया था, जिससे संसद में भी कुछ हंसी-मजाक हुई. लेकिन यह सोच पाना भी मुश्किल था, जब जया बच्चन ने पति के नाम से पुकारे जाने पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर तंज कसा.

उपराष्ट्रपति ने जया को चुनाव प्रमाणपत्र पर नाम बदलने का सुझाव दिया. हालांकि, जया ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. जया बच्चन ने कहा, 'नहीं सर. मुझे बहुत गर्व है. मुझे अपने नाम और अपने पति और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. ये ड्रामा आप लोगों ने नया शुरू किया है, ऐसा पहले नहीं था।

गाजीपुर में नाले में मां-बेटे की मौत पर MCD पर भड़का हाईकोर्ट:आप सस्पेंड करेंगे कि हम अफसरों को निलंबित करें...


नई दिल्ली:- गाजीपुर में नाले में गिरकर हुई मां और बच्चे की मौत मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नगर निगम को फटकार लगाई है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने एमसीडी से कहा कि ऐसा लगता है आपके अधिकारी काम करने को गुनाह मानते हैं.अगर आप खुद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे तो हम अधिकारियों को निलंबित करना शुरू कर देंगे.

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान खुले नाले के आसपास तुरंत बैरिकेडिंग करने के निर्देश दिए. इसके साथ वहां पर पड़े मलबे को भी हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने जांच अधिकारी से रिपोर्ट तलब करते हुए पूछा कि घटनास्थल की ऑडियो वीडियोग्राफी की गई या नहीं. 

कोर्ट ने नाले की तस्वीर देखने के बाद कहा कि यह बहुत परेशान करने वाली तस्वीरें हैं. चिकनगुनिया, डेंगू जैसे बीमारियां भी शहर में हैं और नालों का यह हाल है. क्या नगर निगम काम कर रही है.

कोर्ट ने कहा कि वहां पर साल भर से मलबा पड़ा है. दिल्ली में इतने खुले नाले क्यों हैं? किसी प्राधिकार को यह क्यों नहीं पता है कि वह किसके अधिकार क्षेत्र में आता है? हाईकोर्ट ने कहा कि मानसून चल रहा है. अभी भी तेज बारिश हो सकती है. इस तरह की घटना दोबारा भी हो सकती है.

ज़िम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तुरंत लें एक्शन: 

सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम ने कहा कि जो नाला कवर है वह डीडीए के अंदर था और जो खुले थे उसको नगर निगम कवर करने का काम कर रही है. वहां पर रेगुलर बेस पर सफाई होती है. तब हाईकोर्ट ने निगम के वकील को टोकते हुए कहा कि ऐसा मत बोलिए, क्योंकि वहां पर मलबा साल भर से पड़ा हुआ है. 

वहा रेगुलर बेस पर सफाई नहीं होती है. लोकल कमिश्नर को वहां पर भेजिए, इसके लिए ज़िम्मेदार अधिकारी के खिलाफ तुरंत एक्शन लीजिए.

यह है पूरा मामला: 

गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी में 22 वर्षीय महिला तनुजा और उसका तीन साल का बेटा 31 जुलाई को गाजीपुर से गुजर रहे थे. काफी बारिश की वजह से गाजीपुर नाले से पानी ओवरफ्लो हो रहा था. महिला अपने बच्चे के साथ नाले में गिर पड़ी और दोनों की मौत हो गई.

हरियाली तीज का व्रत आज,आइए जानते हैं महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त


नयी दिल्ली : कहते हैं सावन में हरियाली तीज ही वो दिन था, जब माता पार्वती की श्रद्धा देखकर भोले भंडारी प्रसन्न हुए थे और उन्होंने पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसलिए इस दिन जो कोई भी पूरी श्रद्धा के साथ गौरी-शंकर की पूजा करता है मन माफिक फल पाता है।

आज हरियाली तीज है. हरियाली तीज का व्रत शीघ्र विवाह और सुखद वैवाहिक के लिए सबसे उत्तम माना गया है. कहते हैं आइए हरियाली तीज की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त जानते हैं।

हरियाली तीज का महत्व

श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य और मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए तीज का त्योहार मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया थाय वृक्ष, नदियों औक जल के देवता वरुण की भी उपासना इसी दिन की जाती है.मनचाहे वर की प्राप्ति और विवाह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए यह व्रत बहुत उत्तम माना जाता है.

पूजन विधि

हरियाली तीज पर सुबह स्नान करके उपवास और पूजा का संकल्प लें. दिनभर अधिक से अधिक शिवजी और माता गौरी का ध्यान करें. प्रदोष काल में सम्पूर्ण श्रृंगार करके शिवजी के मंदिर जाएं. भगवान शिव को पीले वस्त्र और पुष्प अर्पित करें. माता पार्वती को लाल वस्त्र और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. इसके बाद शिवजी और माता गौरी के मंत्रों का जाप करें. मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं. श्रृंगार की सामग्री किसी सुहागन स्त्री को दान कर दें.

पूजा का शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज पर आज पूजा के तीन शुभ मुहूर्त रहेंगे. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 05.46 बजे से सुबह 09.06 बजे तक रहेगा. पूजा का दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10.46 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक और तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 05:27 बजे से शाम 07.10 बजे तक रहेगा.

इन बातों का रखें ध्यान

हरियाली तीज के दिन काले, सफेद या भूरे रंग के वस्त्र धारण न करें. इस दिन घर घर में मांस-मछली या तामसिक चीजों का सेवन न करें. केवल सात्विक चीजों का ही सेवन करें. घर में लड़ाई-झगड़ा या कलह न करें. बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं या द्वार पर आए लोगों का अनादर न करें. क्रोध या अहंकार करने वालों से भोलेनाथ रुष्ट हो सकते हैं.

बंगलादेश में जारी हिंसा में उग्र भीड़ ने बांग्लादेशी एक्टर शांतो खान और उसके पिता की पीट- पीट कर की हत्या


जहां एक तरफ बांग्लादेश में अब भी हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही। वहीं इस बीच मिली खबर के अनुसार यहां अभिनेता शान्तो खान और उनके पिता की भीड़ ने पीट पीटकर की जघन्य हत्या कर दी है।प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की खबर के बाद बांग्लादेश के चांदपुर में गुस्साई भीड़ ने बांग्लादेशी अभिनेता शांतो खान (Shanto Khan) और उनके पिता सलीम खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी। टॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े एक उल्लेखनीय फिल्म निर्माता सलीम कई फिल्मों पर काम कर रहे थे, जिनमें देव अभिनीत 'कमांडो' भी शामिल थी। पिता और बेटे ने गोलीबारी करने के बाद भागने की कोशिश की, लेकिन वो पकड़े गए और भीड़ ने उन्हें मार डाला।

भीड़ ने एक्टर और उसके पिता की हत्या की

बांग्लादेशी एक्टर शांतो खान और उनके प्रोड्यूसर पिता सलीम खान को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से सलीम जुड़े थे। उन्होंने हसीना के पिता मुजीब-उर-रहमान पर बनी फिल्म प्रोड्यूस भी की थी। इस घटना से पहले सोमवार दोपहर को कोलकाता में सलीम के साथ उनकी फिल्मों में काम करने वाले टॉलीवुड के कार्यकारी निर्माता अरिंदम दास ने उनसे बात भी की थी। आपको बताते हैं कि आखिर उनकी हत्या कैसे और कहां की गई।

कैसे, कहां हुए एक्टर और उसके पिता की हत्या?

द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, चांदपुर में लक्ष्मीपुर यूनियन परिषद के अध्यक्ष सलीम खान और उनके अभिनेता बेटे शांतो खान (Shanto Khan Bangladesh) की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हसीना के इस्तीफे की खबर फैलते ही सलीम और उनके बेटे अपने गांव से भागकर बलिया यूनियन के फरक्काबाद बाजार चले गए। जब लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो वे गोलियां चलाकर भागने में कामयाब हो गए। जब वे पास के बागराबाजार इलाके में पहुंचे, तो गुस्साई भीड़ ने उन्हें पकड़ लिया और पीट-पीटकर मार डाला। चांदपुर सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी शेख मोहसिन आलम ने मामले की पुष्टि की।

अरिंदम दास ने बताया, 'मैंने सोमवार को सलीम भाई (Salim Khan Bangladesh) से बात की थी। कुछ ही घंटों बाद, 'कमांडो' के निर्देशक शमीम अहमद रोनी ने मुझे अमेरिका से फोन किया और पूछा कि क्या मुझे कोई खबर मिली है। सलीम भाई के बारे में एक दुखद खबर सुनकर उनके हाथ कांप रहे थे। जब मैंने जांच की, तो जो पता चला, उससे मैं स्तब्ध रह गया।' फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई दिग्गजों ने इस घटना पर सदमा और दुख व्यक्त किया है।

केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में अब भी 180 लोग लापता, 160 अंग मिले; अज्ञात मृतकों को दफनाया जा रहा

वायनाड:- केरल के वायनाड में भूस्खलन में मारे गए अज्ञात लोगों के शवों को जिला प्रशासन ने सामूहिक रूप से दफनाना शुरू कर दिया है। शवों को कई एंबुलेंस से कब्रिस्तान तक लाया गया। वायनाड में भूस्खलन में 308 लोगों की जान जा चुकी है।

बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। राहत एवं बचाव में जुटी टीमें लोगों की तलाश में जुटी हैं।केरल के मंत्री के. राजन जानकारी दी कि अब तक 220 शव बरामद किए जा चुके हैं। 

वहीं भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले में 180 लोग अब भी लापता हैं। 220 शवों के साथ 160 अंग भी मिले हैं। उन्होंने बताया कि 34 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। कुल 171 शवों को परिजनों को सौंप दिया गया है।

छठे दिन मलप्पुरम में मिला एक शव

बचाव अभियान के छठे दिन रविवार को मलप्पुरम से एक शव और सूजीपारा से एक शरीर का हिस्सा बरामद हुआ है। विभिन्न बलों के 1382 सदस्य और लगभग 1800 स्वयंसेवक बचाव अभियान में जुटे हैं। 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में हुए भूस्खलन में शुक्रवार तक 308 लोगों की जान जा चुकी है।

केरल पुलिस ने शुरू की गश्त

उधर, केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक चूरलमाला और मुंडक्कई इलाकों में पुलिस ने रात में गश्त शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पीड़ितों के घरों या इलाकों में रात में घुसने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। बचाव कार्यों के लिए पुलिस की अनुमति के बिना किसी को भी रात में इन जगहों के घरों प्रवेश की अनुमति नहीं है।

बंगाल में 77 मुस्लिम जातियों को आरक्षण देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को भेजा नोटिस


नई दिल्ली:- बंगाल में 77 मुस्लिम जातियों को आरक्षण देने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ममता सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर ये नोटिस दिया है। 

हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक

हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 77 मुस्लिम जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत करने को रद्द कर दिया था और 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र रद्द कर दिए थे।

सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर ममता सरकार से जवाब मांगा है कि उसने किस आधार पर मुस्लिम जातियों को ये कोटा दिया। 

जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा के साथ सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने विवादित आदेश पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य से हलफनामा दाखिल करने को कहा। 

कोर्ट ने पूछा..

कोर्ट ने जवाब मांगते हुए कहा कि सरकार ओबीसी में वर्गीकृत करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया की कोई प्रकृति बताए। सरकार बताए कि कौन सा सर्वेक्षण किया गया।

क्या ओबीसी के रूप में नामित 77 समुदायों की सूची में किसी भी समुदाय के संबंध में पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ परामर्श की कमी थी।

बच्चों को कम उम्र से ही सिखाना शुरू कर दे ये बेसिक मैनर्स,बड़े होने पे नहीं होगी परेशानी


बच्चों को भले ही किताबी ज्ञान स्कूल में मिलता हो, लेकिन बेसिक बिहेवियर का मैनर्स वह घर में ही सीखता है और इसमें सबसे अहम भूमिका पेरेंट्स की होती है. कई बार माता-पिता बच्चों पर झल्ला उठते हैं कि उन्हें मैनर्स नहीं है, लेकिन इस पर ध्यान देना जरूरी है कि धीरे-धीरे मैनर्स को आदत में बदलना पड़ता है, इसलिए कम उम्र से ही अगर बच्चों को कुछ छोटी-छोटी बातें सिखा दी जाएं तो बढ़ती उम्र में उनको किसी तरह की परेशानी नहीं होती है और फ्यूचर में एक अच्छा इंसान बनने में मदद मिलती है. वहीं पेरेंट्स को भी किसी के सामने शर्मिंदा नहीं होना पड़ता.

टाइम चाहे जितना भी बदल जाए और पैरेंटिंग का तरीका, लेकिन कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो बचपन से ही सिखानी जरूरी होती हैं. तो चलिए जान लेते हैं कि क्या होते हैं वो मैनर्स.

टेबल मैनर्स सिखाना है जरूरी

बच्चों को छोटी उम्र से ही टेबल मैनर्स सिखाने जरूरी होते हैं, जैसे तब तक खाने के लिए वेट कर जब तक कि कोई सर्व कर रहा है. 

खाने से पहले गोद में रुमाल बिछाना और जब खाना फिनिश हो जाए तो मुंह को साफ करना. इसके बाद जब सभी लोग खाना खा लें तो बिना पूछे टेबल साफ करने में हेल्प करें, जैसे खुद की प्लेट उठाकर किचन में रखने जाना.

किसी की भी चीज बिना पूछे न लें

बच्चे को सिखाने के लिए सबसे बेसिक मैनर्स में से एक होता है कि किसी का भी सामान बिना पूछे न लें, भले ही वो उनके माता-पिता या भाई बहन का कोई सामान हो. अगर किसी चीज की जरूरत हो तो पहले परमिशन लें. यह आदत बच्चे के भविष्य में भी काम आती है.

कुछ कॉमन फ्रेज सिखाना है जरूरी

बच्चे को यह छोटी उम्र से ही सिखा देना चाहिए कि जब कोई बात कर रहा हो तो बीच में सीधे बोलने की बजाय बहुत ही विनम्र तरीके से उन्हें टोके. इसके लिए कुछ फ्रेज जैसे एक्सक्यूज मी, सॉरी मैं आपको बीच में रोक रहा हूं जैसी बातें सिखाएं.

बात करने से पहले परमिशन

बच्चों को यह समझाना जरूरी होता है कि अगर उन्हें कोई सवाल पूछना है या फिर किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन हो और अपने से बड़े फिर किसी से भी उसे क्लियर करना हो तो इसके लिए सबसे पहले बात करने की परमिशन लें.

इस तरह से बच्चे को अगर छोटी-छोटी बातें कम उम्र से ही सिखानी शुरू कर दी जाएं तो यह उनकी आदत में आ जाता है और बढ़ती उम्र में उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं रहती है.

Myntra CEO नंदिता सिन्हा ही संभालेंगी Flipkart Fashion हेड का पद


नयी दिल्ली : आरिफ मोहम्मद के जाने के बाद Flipkart Fashion और Myntra अपने इंडिपेंडेंट स्ट्रक्चर को बरकरार रखेंगे, भले ही उनका नेतृत्व एक ही व्यक्ति के हाथ में होगा। Myntra जहां प्रीमियम शॉपर्स को कवर करता है।

वहीं Flipkart Fashion वैल्यू बायर्स को टारगेट करता है। फ्लिपकार्ट और मिंत्रा दोनों का मालिकाना हक अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट के पास है।

नंदिता सिन्हा एक दशक से अधिक समय से फ्लिपकार्ट समूह के साथ हैं और कंपनी के कई टॉप लीडर्स का विश्वास उन्हें हासिल है।

राज्यसभा में अमिताभ के नाम को लेकर एक बार फिर भड़की जया बच्चन


नई दिल्ली : संसद में एक बार फिर जया बच्चन के बयान पर हंगामा छिड़ गया। समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने आज एक विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने अपने पति और अभिनेता अमिताभ बच्चन का नाम लेने से इनकार कर दिया था।

सोमवार के सत्र में भी उन्होंने इसी तरह के विचार दोहराए।

धनखड़ बोले- आधिकारिक रूप से बदलें नाम

हालांकि, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस बार उन्हें खुलकर जवाब दिया। धनखड़ ने कहा,

मैडम आप बदल दीजिए, मैं बदल दूंगा। आपने अपने निर्वाचन प्रमाण पत्र के लिए जो नाम प्रस्तुत किया है, उसे बदलने की एक प्रक्रिया है। मैंने 1989 में खुद इस प्रावधान का उपयोग किया था और यह सभी सदस्यों के लिए उपलब्ध है। कृपया इसे आधिकारिक रूप से बदल दें।

मनोहर लाल ने खास अंदाज में दिया जवाब

जया बच्चन के बाद आवास एवं शहरी मामलो के मंत्री मनोहर लाल जैसे ही बोलने के लिए उठे तो जया ने कहा कि जैसे मुझे मेरे पति के नाम से बुलाया जाता है, इन सभी को भी पत्नी के नाम से बुलाएं। इस पर धनखड़ ने कहा कि मैं तो कई बार अपनी पत्नी के नाम का आगे इस्तेमाल कर चुका हूं।

मनोहर लाल ने उठते ही कहा कि अगर वो चाहती है कि मेरे नाम के साथ कुछ जोड़ा जाए तो मैं जवाब दे दूं कि मुझे ऐसा करने के लिए अगले जन्म का इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल, मनोहर लाल खट्टर ने शादी नहीं की है।