सरयू राय को जदयू की सदस्यता लेने से झारखंड की राजनीति में जदयू को कितना मिलेगा लाभ पढ़िये पूरी खबर.... ?
झारखण्ड डेस्क
झारखंड के जमशेदपुर से निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ज्वाइन कर ली है । सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी सीट से निर्दलीय विधायक है। 2019 के चुनाव में उन्होने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था।
इस बार भी सरयू राय जमशेदपुर ihसीट से चुनाव लड़ना चाहते हैl इसलिए उन्होने जेडीयू की सदस्यता ली है l और जेडीयू उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे। सरयू राय को जेडीयू की सदस्यता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दिलाई।
इस दौरान झारखंड जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो मौजूद थे। नीतीश सरकार में मंत्री श्रवण कुमार और अशोक चौधरी भी मौजूद।
सरयू राय से सियासी समर में क्या पड़ेगा असर
झारखंड में चुनाव लड़ने को लेकर जदयू की तैयारी के लिए एक ऐसा चेहरा की जरूरत थी जिसकी झारखंड में पकड़ मजबूत हो। इस मामले में पूर्व सीएम रघुवर दास को पराजित करने के बाद सरयू राय का कद झारखंड के राजनीति में बढ़ गया था , हालांकि यह कितना प्रभावी रहेगा आने वाला समय बताएगा।लेकिन सियासी हलकों में इसे जदयू के लिए शुभ माना जा रहा है।
इस बार भी सरयू राय जमशेदपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते है।
सरयू राय इस बार भी जमशेदपुर से चुनाव लड़ेंगे इसलिए उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ली है ।इस बार वे जेडीयू उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे। सरयू राय को जेडीयू की सदस्यता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दिलाई।सरयू राय नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते है.इस लिए झारखंड में उन्हें जदयू उन्हें महत्वपूर्ण ओहदा दे सकते हैं।
क्या जदयू के पूर्व नेता सरयू राय को स्वीकार करेंगे
वैसे राजनीति में सब कुछ सम्भव है ।वैसे यह सवाल इस लिए उठ रहा है कि स्थानीय जदयू नेता ने सरयू राय को बताया था सबसे बड़ा ब्लैक मेलर, अब आगे इन नेताओं की सोच बदल जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही एक जदयू नेता ने एक मामले को लेकर सरयू राय को सबसे बड़ा ब्लैकमेलर कहा था। ऐसे में सरयू राय के जदयू में शामिल होने पर अब जदयू नेता की क्या राय होगी यह देखने वाली बात होगी। यही नहीं एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि "झारखंड में जदयू का NDA से कोई गठबंधन नही है" ऐसा बोलकर सरयू राय भ्रम की स्थिति फैलाना चाहते हैं. इसमें कितनी सच्चाई है यह तो सरयू राय और जदयू के नेता ही जाने। बहरहाल सरयू राय के जदयू में शामिल हो जाने से आगामी विधानसभा में उम्मीदवारी को लेकर भ्रम की स्थिति जरूर बन गई है. अब जदयू के टिकट पर कौन कहाँ से चुनाव लड़ेगा और किसका टिकट कटेगा यह तो वक़्त ही बतायेगा. परंतु इतना तो तय है सरयू के जदयू में शामिल होने के बाद झारखंड में सिक्का उन्ही का चलेगा । यह अलग बात है कि उम्मीदवार अभी से अपनी जमीन तलाशने में जुट चुके हैं. बावजूद उसके किसकी बनी बनाई जमीन खिसक जायेगी और किसका बोया फसल कौन काट लेगा यह बताना मुश्किल है. अब आगे नेताजी पार्टी में बने रहेंगे या किस ओर करवट लेंगे सबकी निगाहें इस पर टिकी हुई है.
क्या सरयू राय से नितीश का NDA के साथ गठबंधन में पड़ेगा असर
यह दूसरी बार है जब सरयू राय ने भाजपा को चोट पहुंचाने की कोशिश की थी। पहली बार 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी व तत्कालीन मुख्य मंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर कर उसे हीं मात दे दिया।
यह भाजपा को बहुत गहरी चोट सरयू राय ने दिया था। ऐसे में यह सवाल बनता है कि सरयू राय जदयू को झारखंड में कितना मजबूत बना सकेंगे? एक ओर केंद्र में जदयू भाजपा का साथ देकर सता में बनी हुई है तो दूसरी ओर जदयू में शामिल हुए सरयू राय भाजपा के विधायक व सांसद के खिलाफ जमकर बयान बाजी करते हैं।
क्या ऐसे में झारखंड में जदयू व भाजपा का गठबंधन चल पाएगा या फिर सरयू राय को खामोशी अख्तियार करनी होगी?
सूत्रों से जो जानकारी मिली है उनके मुताबिक अभी सिर्फ सरयू राय ने जदयू की सदस्यता ली है। बहुत जल्द वे अपनी पार्टी का विलय जेडीयू में करेंगे।
झारखंड जदयू के अध्यक्ष खीरू महतो ने बताया कि दिल्ली स्थित जदयू कार्यालय में सरयू राय को पार्टी की सदस्यता दिलाई गयी है। उन्होंने कहा कि सरयू राय अपनी पार्टी का जदयू में विलय की घोषणा बहुत जल्द करेंगे।
Aug 05 2024, 16:01