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क्यों कोई नहीं चढ़ पाया अब तक कैलाश पर्वत पर,हैरान कर देगा आपको ये राज

माउंट कैलाश, जिसे कैलाश पर्वत के नाम से भी जाना जाता है, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित एक पवित्र पर्वत है. इस पर्वत पर हिंदुओं द्वारा पूजे जाने वाले देवों के देव महादेव का निवास स्थान है. शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव यहां अपनी पत्नी पार्वती के साथ निवास करते हैं. इस पर्वत के पास स्थित मानसरोवर झील को भी अत्यंत पवित्र माना जाता है. ये माना जाता है कि इस झील में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि यहां महादेव निवास करते हैं. इसीलिए इस पर्वत पर अब तक कोई नहीं चढ़ पाया है. अगर जिसने भी यहां चढ़ने की कोशिश की, वो लौटकर वापस आ चुका है. 

रोक देती हैं कोई शक्तियां

लेकिन यह वापस क्यों आता है? जैसा कि हम जानते हैं कि यह चोटी माउंट एवरेस्ट से बहुत छोटी है. कैलाश पर्वत की ऊंचाई लगभग 22,000 फीट (6,638 मीटर) है जबकि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,849 मीटर है. हजारों लोग माउंट एवरेस्ट पर चढ़ चुके हैं लेकिन कोई भी इस पर्वत पर क्यों नहीं चढ़ पाया? लोगों का दावा है कि जिसने भी चढ़ने की कोशिश की, वह मारा गया या डर के मारे भाग गया.

वैज्ञानिकों का कहना है कि माउंट एवरेस्ट की तुलना में यहां का मौसम बिल्कुल अलग है. कैलाश पर्वत का मौसम इतना कठिन होता है कि इस चोटी पर चढ़ना नामुमकिन है. हर वक्त पर्वत के ऊपर तेज ठंडी हवाएं चलती हैं, जो सबसे बड़ी बाधा होती हैं. यहां मौसम एक सामान्य जैसा होता ही नहीं है. इतना आप समझ लीजिए कि पर्वत पर ऐसा मौसम होता है कि कोई इंसान उसे झेल नहीं सकता है. साथ ही जिसने चढ़ने की कोशिश की, उन्होंने दावा किया कि कोई शक्ति है, जो आगे बढ़ने से रोकती हैं.  

पर्वत पर चढ़ना है बैन

इसके अलावा सरकार ने भी पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा रखा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पर्वत की चोटी पर चढ़ना अपवित्र माना जाता है. कई पर्वतारोहियों ने इस पर्वत के रहस्यों को जानने की कोशिश की, लेकिन सभी ने इसे एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण और रहस्यमय स्थान पाया

हालांकि, कैलाश पर्वत की तीर्थ यात्रा, जिसे कैलाश मानसरोवर यात्रा कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है. हर साल हजारों तीर्थयात्री इस यात्रा में भाग लेते हैं और मानसरोवर झील में स्नान करते हैं लेकिन लोगों की पहुंच बस इस झील तक ही रही है.

बच्चों के ऊपर एक जर्जर मकान की दीवार गिरी, हादसे में चार बच्चों की मौत

मध्य प्रदेश के रीवा से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई. रीवा के गढ़ थाना क्षेत्र में बच्चों के ऊपर एक जर्जर मकान की दीवार गिर गई. हादसे में चार बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. शनिवार की दोपहर ये हादसा हुआ. क्षेत्र के प्राइवेट स्कूल सनराइज पब्लिक स्कूल के गेट के बगल में स्थित मकान की जर्जर दीवार गिरने से 5 बच्चों समेत एक महिला इसकी चपेट में आ गए.

इस हादसे में 4 छात्रों की मौत हो गई जबकि एक छात्र और महिला बुरी तरह से घायल हो गए. दोनों घायलों को इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. जानकारी लगते ही जनप्रतिनिधी सहित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंचे.

निजी स्कूल के थे सारे छात्र

पूरी घटना शनिवार की दोपहर रीवा जिले के गढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत गढ़ कस्बे की है. सभी छात्र निजी स्कूल सनराइज पब्लिक स्कूल के छात्र थे. यह हादसा उस वक्त हुआ जब स्कूल की छुट्टी हो गई थी और बच्चे अपने घर जा रहे थे. उसी दौरान स्कूल के गेट के बगल में स्थित जर्जर मकान की दीवार अचानक से बच्चों के ऊपर गिर गई और 5 छात्रों सहित एक महिला जो अपने बच्चे को स्कूल लेने गईं थीं वो इसकी चपेट में आ गए.

मौके पर पहुंचे रीवा सांसद

घटना के बाद मौके पर चीखपुकार मच गई. स्थानीय लोगों ने बच्चों को मलबे से निकाला और उन्हें इलाज के लिए गंगेव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां पर डाक्टरों ने चार छात्रों को मृत घोषित कर दिया जबकि एक छात्र और महिला गंभीर रुप से घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना की जानकारी लगते ही रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा स्थानीय विधायक नरेंद्र प्रजापति सहित जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली.

सीएम यादव ने लिया मामले का संज्ञान

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और मनगंवा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने घटना को लेकर दुख जताया है वहीं जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने मामले की जांच की बात की है. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी मामले पर दुख जताया और मृतक बच्चों के परिजनों को शासन की तरफ से दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देनेकीघोषणा की है. इन दिनों बारिश का मौसम है, दीवार जर्जर थी और उसी के चलते दीवार में नमी आ गई और वो काफी कमजोर हो गई और यह हादसा हो गया. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.

भूत-प्रेत महिलाओं पर ज्यादा हमला क्यों करते हैं, जाने सच

हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि भूत-प्रेत ज्यादातर महिलाएं ही होती हैं.ऐसे में सवाल ये है कि ये महिलाएं ज्यादातर भूत-प्रेत क्यों होती हैं? 

भारत में भूत-प्रेतों के किस्से और उनसे जुड़े अंधविश्वास सदियों से समाज का हिस्सा रहे हैं. महिला पर भूतों के अटैक के मामले में कई सांस्कृतिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण शामिल होते हैं.

भारत में भूत-प्रेतों की कहानियां और उनके बारे में विश्वास लंबे समय से मौजूद हैं. भारतीय समाज में ये मान्यता है कि भूत-प्रेत अक्सर कमजोर, असुरक्षित और तनावग्रस्त व्यक्तियों पर हमला करते हैं.

भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति भी एक महत्वपूर्ण कारण है. पारंपरिक रूप से, महिलाओं को अक्सर घर की चारदीवारी में ही सीमित रखा जाता है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं और अंधविश्वास की ओर धकेल जाती रही हैं

आखिर महिलाएं ही क्यों होती हैं अक्सर शिकार?

अक्सर महिलाएं सामाजिक और पारिवारिक दबावों के कारण मानसिक तनाव का शिकार हो जाती हैं. इन तनावों के कारण उन्हें अक्सर भूत-प्रेतों के होने का भ्रम हो सकता है यह एक प्रकार का मानसिक विकार होता है जिसे डिसोसिएटिव ट्रांस डिसऑर्डर कहा जाता है. 

भारत में धार्मिक और आध्यात्मिक विश्वासों का गहरा असर होता है. कई बार महिलाओं को लगता है कि उन पर भूत-प्रेतों का साया है, क्योंकि वे धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन नहीं कर पातीं या किसी गलत काम में फंस जाती हैं.

ग्रामीण इलाकों में ज्यादा देखने को मिलता है ये

ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास और भूत-प्रेतों की कहानियां ज्यादा प्रचलित होती हैं. यहां महिलाओं पर भूत-प्रेतों के अटैक के मामले अधिक सामने आते हैं क्योंकि शिक्षा और जागरूकता की कमी होती है. शहरी इलाकों में भी ऐसे मामलों की कमी नहीं है, लेकिन यहां लोग मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देते हैं.

बता दें कि महिलाओं पर भूत-प्रेतों के अटैक के मामलों के पीछे कई कारण होते हैं जिनमें सामाजिक, सांस्कृतिक, मनोवैज्ञानिक और धार्मिक कारक शामिल हैं. 

इन सभी कारणों को समझना और समाज में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है ताकि इस प्रकार के अंधविश्वासों को कम किया जा सके और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके.

जल्द होगी BSNL की 5G सर्विस, सरकार ने टेस्टिंग के बाद दी हरी झंड़ी

प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों जियो-एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के रिचार्ज प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी करने के बाद लोगों ने BSNL पर अपना भरोसा जताना शुरू कर दिया है. इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आयी है कि अब BSNL 5G का रास्ता साफ हो गया है. यानी जो लोग BSNL 5G का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे उनके लिए ये बड़ी खुशखबरी है.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद इसकी टेस्टिंग की है. इसके लिए सिंधिया सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) पहुंचे और 5G टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर वीडियो कॉल की. केंद्रीय मंत्री ने खुद 5G नेटवर्क की क्षमता का परीक्षण किया. 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस 5G टेस्टिंग के बाद काफी हद तक ये साफ हो गया है कि जल्द ही लोगों के पास BSNL 5G नेटवर्क आने वाला है. ऐसे में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के लिए ये चिंता का विषय़ है. 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने X पर शेयर किया वीडियो

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसको लेकर अपने आधिकारिक X हैंडल से एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वो BSNL 5G नेटवर्क पर वीडियो कॉल करते हुए नजर आ रहे हैं. इतना ही नहीं सिंधिया ने वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि आज BSNL 5G इनेबल फोन पर वीडियो कॉल ट्राई किया गया और उन्होंने अपने पोस्ट में BSNL इंडिया को भी टैग किया

700MHz स्पैक्ट्रम पर 5G सर्विस का किया जा रहा ट्रायल

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने BSNL 5G के लिए 700MHz, 2200MHz, 3300MHz और 26GHz स्पेक्ट्रम बैंड आवंटित किया है. फिलहाल BSNL 700MHz स्पैक्ट्रम बैंड पर 5G सर्विस का ट्रायल कर रहा है. 

5 मिनट की पार्किंग के लिए महिला ने चुकाया 11 लाख रुपये का जुर्माना, जाने

आमतौर पर पार्किंग के लिए पैनल्टी 500 या 1000 रुपए हो सकती है. लेकिन क्या इस पर कभी लाखों का जुर्माना हो सकता है? जी, हां ऐसे एक मामले ने चौंका दिया है. काउंटी डरहम के डार्लिंगटन की हन्ना रॉबिन्सन, जो नियमित रूप से फ़ीथम्स लीज़र सेंटर में पार्क करती हैं, पर कथित तौर पर 5 मिनट के नियम के लिए 11,000 पाउंड (11,80465 रुपये) का जुर्माना लगाया गया है, जबकि उन्होंने परमिट के लिए पे किया था.

यह नियम यूके की एक्सेल पार्किंग सर्विसेज की ओर से लोगों को इधर-उधर घूमने से रोकने और ड्राइवरों को बिना भुगतान किए पास के सिनेमा के लिए कार पार्क का उपयोग करने से रोकने के लिए पेश किया गया था. कार पार्क में प्रवेश की निगरानी एएनपीआर कैमरों द्वारा की जाती है, जो एंट्री और एक्जिट के समय का रिकॉर्ड कैप्चर करते हैं.

2021 से रॉबिन्सन ने 67 जुर्माने जमा किए हैं, जिनमें से प्रत्येक का मूल्य लगभग 170 पाउंड (18,000 रुपये) है, जिसके बारे में उनका कहना है कि वे हमेशा पार्किंग के लिए भुगतान करती हैं, लेकिन इस नए नियम के अनुसार ग्राहकों को आगमन के पांच मिनट के भीतर अपना टिकट खरीदना होगा. कार पार्क के अंदर कोई इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, इसलिए वे अक्सर यह लेन-देन नहीं कर पाती हैं.

मिस रॉबिन्सन को लगता है कि यह नियम वैध तरीके से पार्क करने वाले ड्राइवरों पर भारी पड़ रहा है, क्योंकि पार्किंग जरूरतों का पालन करने की उनकी कोशिशों के बावजूद जुर्माने की राशि बहुत अधिक हो गई है.

महिला ने जताई निराशा

, "यह हास्यास्पद है. मैंने इसके लिए भुगतान किया,मैं पूरे पांच मिनट से कोशिश कर रही हूं. उन्हें कोई परवाह नहीं है. मैंने उनसे संपर्क करने के लिए हर संभव कोशिश की है."

अन्य ड्राइवरों से बात की, जो पकड़े गए थे, उन्होंने कहा कि पांच मिनट की सीमा उन लोगों के लिए मुश्किल हो सकती है जिन्हें चलने-फिरने में दिक्कत है या बच्चे हैं.

जौहर यूनिवर्सिटी के दो बिल्डिंग को शत्रु संपत्ति विभाग ने किया सील

रामपुर में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर सरकार एक्शन मोड में आ गई है. यूनिवर्सिटी की दो बिल्डिंग को सील कर दिया गया है. यह दोनों बिल्डिंग शत्रु सम्पत्ति की जमीन पर बनाई गई थी. एक हफ्ते पहले यानी 25 जुलाई को प्रशासन ने इस बिल्डिंग को खाली करने का आदेश दिया था.

उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थित जौहर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सहित दो बिल्डिंग को प्रशासन ने सील कर दिया है. प्रशासन ने 25 जुलाई को इस बिल्डिंग को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसमें बिल्डिंग को खाली करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया था. जौहर यूनिवर्सिटी को सपा नेता आजम खान का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है.

13.08 हेक्टेयर है जमीन शत्रु संपत्ति

बिल्डिंग को खाली करने का दिए गए नोटिस की समय सीमा 1 अगस्त को पूरी हो गई थी, जबकि उससे पहले ही यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग को खाली कर दिया गया था. शत्रु सम्पत्ति विभाग ने इस मामले में कार्रवाई की है, क्योंकि ये दोनों बिल्डिंग शत्रु संपत्ति के दायरे में बनाई गई थी. सपा नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी में 13.08 हेक्टेयर जमीन शत्रु संपत्ति है. शत्रु संपत्ति पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और सिक्योरिटी चीफ का आवास बना हुआ है.

शत्रु संपत्ति के दायरे में क्या आता है?

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आशीष पांडे ने शत्रु संपत्ति के बारे में बात करते हुए बताया, कि शत्रु संपत्ति उन लोगों की सम्पत्ति है जो पाकिस्तान और चीन में जाकर बस गए थे, लेकिन उनकी सम्पत्ति भारत में ही रह गई. भारत सरकार ने इसे शत्रु सम्पत्ति घोषित किया. इसके कंट्रोल करने के लिए सरकार ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम, 1968 लागू किया था. माना जाता है कि शत्रु संपत्ति के दायरे में जमीन और मकान शामिल होता है, लेकिन इस संपत्ति में आभूषण जैसे सोना, चांदी और बाकी कीमती चीजें आती हैं.

भारी बारिश के कारण दिल्ली में बाढ़ का खतरा,UP-बिहार में रेड अलर्ट जारी

पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में भारी बारिश हो रही है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी बारिश ने मौसम सुहाना कर रखा है. मौसम विभाग ने इस वीकेंड पर दिल्ली-एनसीआर में बारिश का अलर्ट जारी किया है. यमुना नदी के बढ़े जलस्तर से दिल्ली में बाढ़ का खतरा सताने लगा है. उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में भी शनिवार को बारिश की संभावना जताई गई है. मूसलाधार बारिश ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तबाही मचाई हुई है. कई जगह बादल फटने से जानमाल का नुकसान हुआ है.

दिल्ली में शनिवार और रविवार को बारिश होगी. यहां सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं. कई इलाकों में काले घने बादल अपना डेरा डाले हुए हैं, कभी भी झमाझम बारिश हो सकती है. कई दिनों से यहां हो रही बारिश के कारण लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में दो से तीन दिन तक तेज बारिश होने की संभावना है

दिल्ली में बाढ़ का खतरा

पहाड़ों पर हो रही बारिश ने भी दिल्लीवासियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. भारी बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. हथिनीकुंड बैराज में पानी ज्यादा आने से उसे दिल्ली के लिए छोड़ा जाना है. यह पानी ओखला बैराज की ओर आएगा. इसके कारण एक बार फिर से नदी किनारे इलाकों में पानी भर सकता है. हालांकि, इन हालातों से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कई बड़े दावे किए हैं. साथ ही पिछले वर्ष हुई इस आपदा से सबक लेते हुए इसकी तयारियों को मुकम्मल किये जाने की बात की जा रही है.

UP-बिहार में आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी

उत्तर प्रदेश के 40 जिलों में बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी की गई है. मौसम विभाग ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ समते आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, रायबरेली, मुजफ्फरनगर, मेरठ गाजियाबाद, अलीगढ़, मथुरा में बिजली गिरने और बारिश की चेतावनी दी है. आईएमडी के मुताबिक, प्रदेश में अगले 5 दिनों तक बारिश का सिलसिला बने रहने की संभावान जताई है. भारी बारिश को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है. बीते दो-तीन दिनों से हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. बारिश से धान, मक्का, बाजरा जैसी फसलों को अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. बिहार के कई जिलों में आकाशीय बिजली गिरने, तेज आंधी और बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है.

पहाड़ों पर आफत की बारिश

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी का कहर जारी है. यहां बारिश के कारण भरी नुकसान हुआ है. बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में कई लोग मारे गए हैं. सबसे ज्यादा बुरा हाल हिमाचल प्रदेश का है. यहां बारिश के कारण हुई घटनाओं में 100 से ज्यादा सड़कें बह गई हैं, कई पुल ध्वस्त हुए हैं. वहीं नदियों में भी उफान आया हुआ है. उत्तराखंड में भी हालत बद से बदतर होते जा रहे हैं. मौसम विभाग ने राजधानी देहरादून समेत 5 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है.

केरल में बारिश की तबाही

भारी बारिश ने केरल के कई इलाकों में तबाही ला दी. वायनाड में हुए भूस्खलन में 300 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं. यहां अभी भी शव मिलने का सिलसिला जारी है. राहत कार्य के लिए टीमें दिन रात काम कर रही हैं. यहां बारिश के कारण कई बार रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट पैदा हुईं. 250 से ज्यादा घायल लोगों का इलाज कई अस्पतालों में चल रहा है.

बिहार में मौसम में बड़ा बदलाव, एक हफ्ते तक होगी भारी बारिश, रेड अलर्ट जारी

सुबह से ही मौसम में अचानक बड़ा बदलाव देखने को मिलना. काले और घनघोर बादल ने पटना सहित पूरे बिहार के आसमान पर कब्जा कर लिया और दिन भर बरसते रहें. इसको लेकर कई जिलों में तो रेड अलर्ट भी जारी किया गया. आज भी मौसम का मिजाज यही रहने वाला है. आज यानी 03 अगस्त को पूरे बिहार के अधिकांश स्थानों में वर्षा का पूर्वानुमान है. 08 जिलों में भयंकर बारिश होने वाली है जबकि 07 जिलों में भारी बारिश ही संभावना है.

पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एसके पटेल ने बताया कि बिहार में मॉनसून की गतिविधियों में वृ‌द्धि होने से वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ने और बादल के नीचे होने के परिणाम स्वरुप राज्य के कुछ जिलों के एक या दो स्थानों में वज्रपात होने की भी प्रबल संभावना है. साथ ही राज्य के दक्षिण भाग के अनेक स्थानों पर तेज हवा 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है. इसीलिए ऐसी स्थिति में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.

मौसम में हुआ अचानक बदलाव

वैज्ञानिक एसके पटेल के अनुसार मॉनसून के दौरान बिहार में लंबा ड्राई स्पेल देखने को मिला. मॉनसून के इस मौसम में वर्षा का सबसे बड़ा कारक बंगाल की खाड़ी है. पिछले कई दिनों से बंगाल की खाड़ी से नमी नहीं आ रही थी. लेकिन अब पूर्वोत्तर भारत होते हुए काफी मात्रा में नमी उत्तर भारत की तरफ आ रही है. बंगाल की खाड़ी के बाद मॉनसून की अक्षिय रेखा भी वर्षा का दूसरा वजह है.

अक्षिय रेखा के नीचे अरब सागर और उपर बंगाल की खाड़ी की हवाएं चलती है. इन दोनों हवाओं के बीच का क्षेत्र काफी ज्यादा वर्षा वाला क्षेत्र होता है. मॉनसून की अक्षिय रेखा अचानक से उपर की ओर गई . इस वजह से नीचे वाली हवा को आगे की ओर जाने का मौका नहीं मिला. यही कारण है कि बादल के बनने का मौका मिला और अधिकांश जगहों पर वर्षा हो रही है.

आज से अगले एक सप्ताह तक राज्य में मॉनसून की गतिविधि सक्रिय रहने की प्रबल संभावना है. विशेषकर अगले दो दिनों तक राज्य के दक्षिणी भाग तथा इससे सटे जिलों में एक दो स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा की प्रबल संभावना बन रही है.

आज इन जिलों के लोग रहें सावधान

आज यानी 3 अगस्त को पूरे बिहार में बारिश होने की संभावना है. लेकिन भभुआ, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, सुपौल, अररिया और किशनगंज में अति भारी वर्षा यानी भयंकर बारिश होने की संभावना है. इस वजह से ऑरेन्ज अलर्ट जारी किया गया. वहीं, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका और जमुई में भारी वर्षा होने वाली है. इस वजह से येलो अलर्ट जारी किया गया है. शेष सभी जिलों में मध्यम से तेज बारिश होने वाली है.

इसके साथ ही आज पूरे बिहार में झोंकें के साथ तेज हवा चलने की संभावना है जिसकी रफ्तार 30 से 40 किमी प्रति घंटे रहेगी. इस दौरान दिनभर बिहार के सभी जिलों में ठनका गिरने की संभावना है.

इन क्षेत्रों में ज्यादा असर पड़ेगा

मौसम में हुए अचानक बदलाव के कारण जान माल की हानि होने के साथ-साथ निचले स्तरों विशेषकर कोसी, महानंदा, पुनपुन, सोन इत्यादि सहित दक्षिण बिहार के नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने की संभावना है. राज्य के निचले क्षेत्रों में जलजमाव, यातायात बाधित, बिजली सेवा बाधित होने की भी संभावना बनी रहेगी.

बिग बॉस ओटीटी के तीसरे सीजन समाप्त,सना मकबूल बनी विनर, जाने जितनी की वजह

लेकिन जिन लोगों का ये मानना है कि सना शो जीतने के योग्य नहीं थीं या फिर जो लोग ये मानते हैं कि उनका अपनी जीत को लेकर जो जज्बा था वो खराब था, तो उन सभी को एक्ट्रेस ने एक ही जवाब दिया है और वो है उनकी जीत और बिग बॉस ओटीटी 3 की ट्रॉफी. चलिए जानते हैं उन 5 वजहों के बारे में, जिनके चलते सना मकबूल इस शो की विनर बनीं और ये खिताब अपने नाम किया.

1, सना मकबूल की जीत की पहली बड़ी वजह है कि वो पहले दिन से ही अपने खेल को लेकर फोकस्ड थीं. उन्होंने डंके की चोट पर ये बात सभी के सामने कई दफा कही कि वो ये शो जीतने आई हैं. उन्होंने शो के होस्ट अनिल कपूर से लेकर बिग बॉस तक के साथ पंगा लिया. जब भी उनसे पूछा गया कि क्या वो जीत के लिए कुछ भी कर सकती हैं, तो उन्होंने खुलकर कहा हां. एक्ट्रेस शो जीतने आईं थीं और जीतकर गईं भी.

2– बिग बॉस का खेल पर्सनैलिटी, सही चीज़ों पर अपनी बात रखना और सभी टास्क को खेलकर खुद को साबित करने का होता है.

सना मकबूल इन तीनों परीक्षा में पूरे नंबर से पास हुई हैं. सना ने खुलकर अपनी पर्सनैलिटी सभी के सामने पेश की. उन्होंने सभी टास्क परफॉर्म किए. साथ ही पूरे शो के दौरान उनकी आवाज हमेशा बुलंद रही. लोगों ने उन्हें काफी टार्गेट किया, लेकिन उन्होंने सुनी सबकी लेकिन करी अपने मन की.

3,सना मकबूल के शो में आते ही उनपर कई तरह के आरोप लगे. सना को कंटेस्टेंट्स के साथ-साथ अनिल कपूर ने भी कैलक्यूलेटिव सना का टैग दिया. जिसका मतलब था वो हर रिश्ता सोच समझकर अपने फायदे के लिए बनाती हैं. उनके घर में तीन ही दोस्त नजर आए रैपर नैजी, लवकेश कटारिया और विशाल पांडे. जब भी वक्त आया उन्होंने अपनी दोस्ती साबित की और अपनी दोस्ती के रिश्ते को किसकी के सामने झुकने भी नहीं दिया.

4 – शो में जब सना मकबूल आईं तो वो जानती थीं कि रणवीर शौरी बड़े स्टार हैं. लवकेश कटारिया की फैन आर्मी का अंदाजा भी उन्हें शो के दौरान हो गया था. वहीं अरमान अपनी दोनों पत्नियों के साथ अपना सपोर्ट लेकर आए थे. लेकिन सना मकबूल फिर भी सबसे भिड़ गईं. उन्होंने किसी की भी परवाह न करते हुए हमेशा अपने मुद्दों को उठाया. रणवीर की जहां सभी घर में इज्जत करते थे, वहीं उनकी बदतमीजी पर सना ने उन्हें फटकार भी लगाई. सना किसी के भी स्टारडम से जरा भी नहीं डरीं.

5 – सना मकबूल ने विशाल पांडे के शो से बाहर होने के बाद भी उनके हक में बात की. वहीं जब बात लवकेश कटारिया को बाहर करने की थी तो सना उन्हें बचाने की कोशिश करते हुए नजर आईं. लेकिन फिर भी लवकेश बाहर हो गए. शो से बाहर होने के बाद सना को लवकेश काटारिया की फैन आर्मी का भी सपोर्ट भी मिला होगा. वहीं सना टीवी की मशहूर एक्ट्रेस हैं और छोटे पर्दे के सितारे भी उन्हें काफी सपोर्ट कर रहे थे.

कुएं से हथौड़ी निकालने के कारण पिता और बेटे समेत दो लोगों की हुई मौत

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में कुएं से हथौड़ी निकालना 4 लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ गया. गढ़ीमलहरा में एक शख्स के घर के आंगन में फर्श बनाया जा रहा था. घर में ही काम करने वाले मिस्त्री की हथौड़ी आंगन के ही एक कुएं में गिर गई, जिसे बाहर निकालने के लिए पहले पिता और पुत्र कुएं में उतरे कुछ देर बाद कुएं के अंदर ही उनकी मौत हो गई. दरअसल, कुएं में जहरीली गैस का रिसाव हो रहा था, जिसमें दम घुटने के कारण दोनों की मौत हो गई

पिता और बेटे समेत दो और लोगों की मौत इसी कुएं से हथौड़ी निकालने के कारण हो गई. ये घटना कुर्राहा गांव में घटित हुई है. घटना के बाद से घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि घर के कुएं में जहरीली गैस का रिसाव हो रही है.

30 साल पुराना कुआं

घर के आंगन में ही 30 साल पुराना कुआं था. कुआं आंगन के बीच में ही था. उसी में काम करने के दौरान ही हथौड़ी गिर गई. हथौड़ी को निकालने के लिए गए लोग जब काफी देर तक कुएं से बाहर नहीं निकले तो कुएं में रस्सी डाली गई. घटनास्थल पर मौजूद परिवार के लोग और मजदूरों ने बड़ी मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला, लेकिन तब देर हो गई थी. कुएं में गए सभी लोगों की मौत हो चुकी थी.

कैसे फैली जहरीली गैस?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कुआं काफी समय से बंद था, इसलिए उसमें जहरीली गैस फैल गई. कुआं काफी गहरा था, जिस कारण उसमें कार्बनडाई आक्साइड गैस की एक परत बन गई. कुएं में अंदर जाते ही सभी जहरीली गैस की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई.