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आज नक्सलियों ने किया झारखण्ड और बिहार बंद का आह्वान,अति संवेदनशील इलाकों में बढ़ी गश्ती, रेल विभाग भी सतर्क

झा. डेस्क
नक्सलियों ने आज गुरुवार को बिहार और झारखंड बंद की घोषणा की है. बंद को लेकर रेलवे ने अलर्ट जारी किया है. नक्सल प्रभावित इलाकों से गुजरने वाली ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. सभी स्टेशनों पर सतर्कता बरतने को कहा गया है.

अति संवेदनशील इलाकों में गश्ती बढ़ा दी गयी है. वहीं, 28 जुलाई से तीन अगस्त तक शहीद स्मृति सप्ताह को लेकर सोनुआ थाना अंतर्गत सोनुआ-लोंजो मुख्य सड़क के ग्रिड चौक और मदांगजाहिर चौक के पास नक्सलियों ने मंगलवार देर रात दर्जनों बैनर व पोस्टर लगाये. इसमें पोड़ाहाट-कोल्हान-सारंडा वन क्षेत्र को शोषण मुक्त बनाने की अपील की है. सूचना मिलने पर सोनुआ पुलिस ने बैनर, पोस्टर को जब्त कर लिया है

*क्या है बंदी का कारण..?*

नक्सली नेता कॉमरेड की पत्नी जया हेम्ब्रम समेत तीन नक्सलियों की गिरफ्तारी के विरोध में 25 जुलाई गुरुवार को झारखंड-बिहार बंद का ऐलान किया गया है. रेलवे ने वरीय अधिकारियों के नाम आदेश जारी कर चक्रधरपुर स्टेशन पर बालू भरा बैग, पानी, पंखा और लाइट का इंतजाम करने के साथ एक डीजल इंजन और लाइट इंजन को तैयार रखने को कहा है.

*चक्रधरपुर- राउरकेला सेक्शन पर विशेष अलर्ट*

चक्रधरपुर के सीनियर डीइएन को कहा गया है कि रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक ट्रैक में पेट्रोलिंग की जाये. चक्रधरपुर- राउरकेला सेक्शन में विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है. चक्रधरपुर में लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को अलर्ट रहने को कहा गया है ताकि आरपीएफ और जीआरपी को सारी सूचना का आदान प्रदान हो सके. रेल एसपी प्रवीण पुष्कर ने बताया कि नक्सली बंदी को लेकर आरपीएफ, रेलवे के पदाधिकारियों के साथ हर थाना क्षेत्र में सतर्कता बरतने को कहा गया है.
झारखंड में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठिया क्या सिर्फ चुनावी मुद्दा है या इसे रोकने के लिए जिम्मेबारी तय करने की जरूरत...?

-विनोद आनंद

गृहमंत्री अमित शाह 20 जुलाई 2024 को रांची में झारखंड विधान सभा चुनाव 2024 का शंखनाद किया और अपने कार्यकर्ताओं को जो चुनावी मुद्दा दिया उसमें कई मुद्दों में एक मुद्दा झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये का भी है।

अब सवाल उठता है कि देश के गृहमंत्री के लिए क्या बंगला देशी घुसपैठिया का मुद्दा महज़ एक चुनावी मुद्दा है।या गंभीरता के साथ इसे लेकर अपने केंद्रीय एजेंसियों से इसकी जांच कराकर   उसपर उचित कारबाई कराने की है यह एक बड़ा सवाल है।

अगर सच पूछा जाए तो इन दिनों

सिर्फ झारखंड ही नही बिहार, बंगाल मणिपुर असम और देश के विभिन्न भागों में बंगला देशी घुसपैठिये आसानी से घुसपैठ कर स्थानीय लोगों से मिलकर आधारकार्ड,वोटरकार्ड राशनकार्ड बनाकर यहां स्थायी रूप से बसते जा रहे हैं। इस पूरे मुहिम में स्थानीय लोग, स्थानीय प्रशासन और सरकार की पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में है।

 अब इन घुसपैठियों को रोकने में सरकार कहाँ विफल हो रही है, इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कहाँ चूक है,चुकी यह मामला अंतर्राज्यीय है, कहीं सीधे राज्य में बंगाला देशी घुसपैठ कर रहे हैं तो कहीं दूसरे राज्यों को पार कर दूसरे राज्य में आ रहे हैं और इन सभी मामले में इसे रोकने के लिए किसकी क्या जिम्मबरी है ? इस पर पूरे सरकारी तंत्र की समीक्षा करने और राज्य और केंद्र सरकार को आपसी समन्वय से इस गंभीर स्थिति से नियंत्रण के लिए जिम्मबरी तय करने की जरूरत है।

अब अगर हम बात करें झारखंड में बंगला देशी घुसपैठिये की तो झारखंड के बंगाल के कई सीमावर्ती इलाकों में बंगला देशी घुसपैठिये की संख्यां लगातार बढ़ती जा रही है जो चिंता का विषय है। झारखंड के संथाल परगना के कई जिलों में तो इन दिनों अचानक मुस्लिम आवादी में बृद्धि हुई है, जिसके कारण डेमोग्राफी ;( जनसांख्यिकी) चेंज हुआ है।अब बीजेपी लगातार इसको लेकर झारखंड सरकार पर सवाल खड़े कर रही है।भाजपा हर मंच से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए डेमोग्राफी चेंज की बात करती है, लेकिन सवाल यह है कि इसका असली जिम्मेवार कौन है ?  राज्य या केंद्र की सरकार! इसपर जिम्मबरी तय करने और इसे रोकने के लिए ईमानदार कोशीश नही हो रही है।

इधर साल 2011 के बाद से देश में जनगणना नहीं हुई है। ऐसे में किसकी संख्या कितनी बढ़ी या कम हुई है और डेमोग्राफी में क्या बदलाव आये है, इसके बारे में सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। डेमोग्राफी चेंज मुद्दे पर भाजपा संथाल परगना में मुखर है। बीजेपी 2011 की जनगणना के आधार पर यह मुद्दा उठा रही है। इसके अलावा और भी कई आधार हैं। जिसके कारण भाजपा हावी है।आंकड़ों की बात करें तो 2001 की जनगणना में दुमका की जनसंख्या करीब 11 लाख 7 हजार थी। साल 2011 में दुमका की जनसंख्या बढ़कर करीब 14 लाख हो गई। आंकड़े बताते हैं कि संथाल के सभी 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बढ़ गई है। बीजेपी का मानना है की यह आंकड़े एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बिना इतनी तेजी से आबादी का बढ़ना नामुमकिन है। 

संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है। पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 इसीसी फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीजेपी ने इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण बांग्लादेशी घुसपैठ को माना है। संथाल परगना के 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में यहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका रही है। जमीन दलाल गिफ्ट डीड के जरिए बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड बनने के बाद संथाल परगना में रजिस्ट्री कराने वाली जमीन खरीदने वालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

क्या कहता है भारत सरकार के गृह मंत्रालय का दस्ताबेज

13 दिसंबर 2023 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक दस्तावेज जारी किया। जिसमें बताया गया कि 120 से अधिक फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। पत्र के जरिए झारखंड को लेकर खास चेतावनी दी गई। 2 जून 2023 को झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के एसपी और डीसी को पत्र लिखा। पत्र संख्या 211/23 के जरिए स्पेशल ब्रांच ने लिखा है कि झारखंड राज्य अंतर्गत संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश की सूचना है।

 स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है। उसके बाद उनका सरकारी दस्तावेज तैयार किये जाते हैं और फिर उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। मतदाता सूची में शामिल होने के बाद उन्हें साजिश के तहत यहां बसाया जाता है। हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा भी इस मामले की सुनवाई के दौरान गंभीरता से ली गयी है ।

इस मुद्दा को लेकर झारखंड हाई कोर्ट मे पीआईएल दाखिल

जमशेदपुर के रहने वाले दानियाल दानिश ने झारखंड हाई कोर्ट में PIL फाइल की थी कि संथाल परगना में बड़ी तादाद में घुसपैठिए दाखिल हो गए हैं जिससे वहां की डेमोग्राफी चेंज हो रही है और आदिवासियों की संख्या घट रही है। याचिकाकर्ता दानियाल ने अदालत से कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओंसे शादी करके उनका धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, और उनकी ज़मीनों को गिफ्ट डीड के ज़रिए हथिया रहे हैं। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी करके उनके नाम पर रिजर्व पोस्ट को रिमोट से चला रहे हैं।

घुसपैठियों ने यहां बनवाईं मस्जिद और मदरसे

दानियाल ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से यह भी कहा कि झारखंड के बंगाल से लगने वाले जिलों में घुसपैठियों ने बहुत बड़ी तादाद में मस्जिदें और मदरसे कायम कर लिए हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने जिस मसले पर सुनवाई की,

 उसको लेकर संथाल परगना के लोग काफी दिनों से आवाज उठा रहे हैं। कई सोशल वर्कर, आदिवासियों की कम होती आबादी और बदलती डेमोग्राफी को लेकर चिंता जता चुके हैं। संथाल परगना में घुसना इसलिए आसान है क्योंकि वहां से बांग्लादेश केवल 15 किलोमीटर दूर है। संथाल परगना की सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है और वहां से बांग्लादेश बॉर्डर ज्यादा दूर नहीं है।

लेकिन सवाल अभी भी वही है, इस बदलती डेमोग्राफी का जिम्मेवार कौन है..?

 इस पर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रणधीर सिंह का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण संथाल की डेमोग्राफी प्रभावित हुई है। झारखंड में उनकी सरकार आने पर इस पर कानून बनाया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सीमाएं खुली हैं। फिर उन्होंने इसका दोष पश्चिम बंगाल सरकार पर लगा दिया।

 लेकिन अंत में उन्होंने कहा कि वे गृह मंत्री अमित शाह से इस पर रोक लगाने का अनुरोध करेंगे।'घुसपैठ रोकना केंद्र का काम' है इस मामले में झामुमो नेता प्रेमानंद मंडल का कहना है कि सीमा पर घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है।आज भाजपा कानून बनाने की बात करती है, लेकिन जब झारखंड में भाजपा की पांच साल तक रघुवर दास की सरकार के अलावा बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा की सरकार थी, तब वे क्या कर रहे थे? यह सब चुनावी हथकंडा है।

वहीं इस इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि डेमोग्राफी में बदलाव आया है, लेकिन यह सब एक दिन में नहीं हुआ, इसके लिए किसी विशेष पार्टी या सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, इसके लिए दोषी केंद्र और राज्य सरकारें दोनों हैं. अगर कोई वास्तव में इसका समाधान चाहता है तो एक सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए, जिसमें सभी दलों के बीच आपसी सहमति जरूरी है.

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अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूरों की वतन वापसी पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता,कल्पना सोरेन समेत कई जन प्रतिनिधि ने किया गिरिडीह में स्वाग

*सीएम सोरेन ने दूरभाष से बात कर दिया हर सम्भव सहयोग का आश्वासन,सरकार ने दी तत्काल 25000 रुपये अनुग्रह राशि* गिरिडीह: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश एवं श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की त्वरित पहल पर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून के याउंडे में विनायक कंस्ट्रक्शन, फेस जेंडरमेरी, Apres Auditorium और जीन पॉल टू मबांकलो कंपनी में कार्यरत झारखंड के 27 श्रमिकों की बुधवार काे सवेरे सुरक्षित घर वापसी हो गई। मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बैद्यनाथ राम, मंत्री बेबी देवी, विधायक कल्पना सोरेन और विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने श्रमिकों के गिरिडीह पहुंचने पर उनका स्वागत किया। साथ ही सभी श्रमिकों को तत्काल 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी। उन्होंने श्रमिकों से बात कर उनकी पूरी व्यथा को जाना। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी मोबाइल की जरिए श्रमिकों से संवाद किया और उन्हें राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग मदद करने का आश्वासन दिया। श्रमिकों ने विकट परिस्थितियों में दक्षिण अफ्रीका से घर लौटने के लिए राज्य सरकार के पहल पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। *यह है पूरा मामला* दक्षिण अफ्रीका में फंसे 27 श्रमिकों में बोकारो के 18, गिरिडीह के चार और हजारीबाग-पांच श्रमिक हैं। ये सभी श्रमिक इस वर्ष 29 मार्च से वहां काम कर रहे थे। उन्होंने 16 जुलाई को एक्स हैंडल पर चार महीने से पारिश्रमिक बकाया रहने और वापस भारत लौटने की इच्छा जताई थी। मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी प्राप्त होते ही श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग को आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया। साथ ही पीओई, रांची को सचिव, श्रम विभाग की ओर से मामले पर संज्ञान लेने के लिए पत्र भेजा गया। पत्र के माध्यम से कामगारों को उनका बकाया पारिश्रमिक और उनके सुरक्षित झारखंड वापसी किस दिशा में पहल करने को कहा था। *राज्य सरकार की पहल पर श्रमिकों की हुई वापसी* श्रम विभाग के तहत कार्यरत राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा एल एंड टी कंपनी से संपर्क कर निर्देशित किया गया कि जल्द से जल्द श्रमिकों के बकाया पारिश्रमिक का भुगतान किया जाय। इस संबंध में कोलकाता मुख्य कार्यालय से संपर्क कर पुन: कैमरून, दक्षिण अफ्रीका को मामले से अवगत कराया गया। राज्य सरकार के इस पहल के बाद L&T कंपनी ने 17 जुलाई को सभी 27 श्रमिकों को तीन महीने के बकाया पारिश्रमिक के रूप में 30 लाख रुपये का भुगतान किया। श्रमिकों ने बकाया पारिश्रमिक मिलने की जानकारी वीडियो के माध्यम से राज्य सरकार को दी। कंपनी ने श्रमिकों को भारत वापस भेजने के लिए एयर टिकट की भी व्यवस्था की। इसके बाद 21 जनवरी को सभी श्रमिक वहां से भारत के लिए उड़ान भरे और 22 जुलाई को मुंबई पहुंचे। फिर ट्रेन से बुधवार सुबह झारखंड के पारसनाथ स्टेशन आए।
लाठीचार्ज में घायल JBKSS नेता देवेंद्र नाथ महतो दिल्ली रेफर*

रांची:सहायक पुलिसकर्मियों पर हुए लाठीचार्ज में घायल JBKSS नेता देवेंद्र नाथ महतो को रांची RIMS से बेहतर इलाज के लिए कल बुधवार को दिल्ली रेफर किया गया है। विदित हो कि स्थायीकरण, मानदेय बढ़ोतरी एवं अन्य मांगों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो पर पुलिस प्रशासन ने क्रूरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया था। इस लाठी चार्ज में देवेंद्र नाथ महतो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद पिछले 6 दिनों से उनका इलाज रिम्स में चल रहा था। *1500 आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज* गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास का घेराव मामले में JBKSS के नेता देवेंद्रनाथ महतो सहित 1500 आंदोलनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन सभी पर गैर जमानती धाराएं लगाई गयी हैं। लालपुर थाना केस कांड संख्या-185/24 से देवेंद्रनाथ महतो सहित कुल अज्ञात 1500 पर गैर जमानती धाराएं लगाई गई है। मिली खबर के मुताबिक इन धाराओं में हत्या के प्रयास, राज्य सरकार के खिलाफ उसकाने, सरकारी काम में बाधा डालने एवं तोड़फोड़ जैसी धाराएं लगाई गई हैं।
रेलवे सुरक्षा बल ने रांची रेलवे स्टेशन से फर्जी RPF स्टाफ बनकर बुकिंग काउंटर से चोरी करने के आरोपी को किया गिरफ्तार*

रांची : रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने रांची रेलवे स्टेशन से हटिया का फर्जी RPF स्टाफ बनकर बुकिंग काउंटर से चोरी करने एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। उसे रांची स्टेशन के मुख्य द्वार के पास से पकड़ा गया और उसके कब्जे से से चोरी किये गए 29 हजार रुपये बरामद हुए।
कार्यरत शिक्षकों को टेट की अनिवार्यता पर हाई कोर्ट ने लगाया रोक, शिक्षकों ने दायर की थी याचिका


रांची : झारखंड उच्च न्यायालय में बुधवार को प्रारंभिक शिक्षकों की प्रोन्नति से संबंधित दो रीट याचिकाओं की सुनवाई न्यायाधीश दीपक रोशन के कोर्ट में हुई। पहली याचिका ग्रेड 4 से ग्रेड 7 में प्रोन्नति हेतु सभी शिक्षकों के लिए टेट की अनिवार्यता सुनिश्चित करने को लेकर था। इसमें याचिकाकर्ताओं का कहना है कि NCTE द्वारा जारी आवश्यक अहर्ता संबंधित अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि अधिसूचना से पूर्व कार्यरत शिक्षकों को अपने पद पर बने रहने के लिए तो TET की आवश्यकता नहीं है। 

परंतु एक पद से दूसरे पद में प्रोन्नति हेतु TET की आवश्यकता है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए इससे संबंधित प्रोन्नति प्रक्रिया पर अंतिम आदेश तक रोक लगा दिया है।

शिक्षकों ने दायर किया था याचिका

दूसरी याचिका दुमका, पश्चिम सिंहभूम और हजारीबाग के शिक्षकों द्वारा दायर कर गयी थी। इसमें विभागीय मार्गदर्शन पत्र 866 में सुझाए मार्गदर्शन के आधार पर ग्रेड 7 देने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इससे सीधी नियुक्ति से नियुक्त एवं साढ़े आठ वर्ष से अधिक समय से वास्तविक रूप से कार्यरत ग्रेड – 4 शिक्षकों को वर्तमान प्रभावी 1993 प्रोन्नति नियमावली के आधार पर प्रोन्नति हेतु विचार नहीं करते हुए उन्हें वरीयता सूची में स्थान नहीं दिया जा रहा है। इसके विरुद्ध यह याचिका दायर की गई थी। 

माननीय अदालत ने इसपर फैसला देते हुए अंतिम आदेश आने तक ग्रेड 7 की प्रोन्नति पर रोक लगा दी है 

झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने कोर्ट के आदेश का किया स्वागत 

उक्त मुद्दे पर बात करते हुए झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आनंद किशोर साहू कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि ग्रेड 4 की प्रोन्नति पद प्रोन्नति है।‌ इसमें निश्चित रूप से सभी के लिए टेट अनिवार्य योग्यता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ का मानना है कि किसी भी कैडर में प्रोन्नति हेतु निर्धारित मानक सभी शिक्षकों के लिए एक समान होने चाहिए।

प्रोन्नति मिलनी चाहिए परंतु समानता के साथ : बलजीत 

ग्रेड 7 प्रोन्नति पर रोक संबंधी फैसले पर बात करते हुए प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने कहा कि इसी प्रकार की रोक एक अन्य याचिका में भी लगी हुई है। मूलत: यह रोक मार्गदर्शन पत्र 866 के क्रियान्वयन और उसके जरिए हो रहे भेदभावपूर्ण व्यवहार पर है। उन्होंने कहा कि प्रोन्नति मिलनी चाहिए परंतु यह समानता का व्यवहार के साथ और नियम सम्मत होना चाहिए।

केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम ने रांची के मैक्लुस्कीगंज,लातेहार और चंदवा में नक्सली समर्थक के यहाँ की छापामारी



केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीमों ने रांची के मैक्लुस्कीगंज और लातेहार चंदवा के कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र के लपरा में जितेन्द्रनाथ पांडेय व रोहित यादव नाम के दो लोगों के घर पर एनआइए का छापा पड़ा है.

एनआइए की टीम सुबह चार बजे ही मैक्लुस्कीगंज थाना पहुंची थी. 5:30 बजे से कार्रवाई शुरू हुई. पुलिस ने दोनों घरों को घेर लिया है.घरों के पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. किसी को भी घरों से निकलने या अंदर जाने की अनुमति नहीं है.

दरअसल, रोहित यादव के लपरा स्थित घर, चंदवा थाना के निंद्रा घर अन्य व्यवसायिक ठिकानों पर और जितेन्द्रनाथ पांडेय का लपरा स्थित घर सहित अन्य ठिकानों पर छापामारी चल रही है.

बता दें कि रोहित यादव कुख्यात नक्सली नकुल यादव व 15 लाख के इनामी नक्सली रविन्द्र गंझू का समर्थक बताया जाता है. कुछ वर्ष पूर्व लपरा स्थित रोहित यादव के घर पर पुलिस ने छापेमारी की थी और मामले में जेल भी जा चुका है. वहीं जितेन्द्रनाथ पांडेय ठेकेदारी से जुड़े हुए हैं.

झारखंड के इतिहास में पहली बार: 12 दारोगा का होगा डिमोशन,

12 पुलिसकर्मी 16 साल दारोगा रहे, अब बनेंगे सिपाही, विभाग में मचा हडकंप

रांची। वीरता के आधार पर आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन से दारोगा में प्रोन्नत 12 पुलिसकर्मी फिर सिपाही बन गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने 22 जुलाई को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

इसमें कुल 13 पुलिसकर्मियों को प्रोन्नति मिली थी, जिनमें एक दारोगा अमरनाथ-2 को पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नति मिली थी और 12 सिपाहियों को दारोगा बनाया गया था। पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नत अमरनाथ-2 पलामू जिला बल में थे, जहां उनकी मृत्यु हो चुकी है।

इन्हें सिमडेगा के बांसजोर ओपी पर एक जनवरी 2008 की रात उग्रवादियों के हमले के दौरान अभूतपूर्व व अदम्य साहस के लिए आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन दिया गया था। 

इनके प्रोमोशन के लिए सिमडेगा के तत्कालीन एसपी ने अनुशंसा की थी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 25 जनवरी 2008 को इन्हें प्रोन्नति दी थी।

झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रोन्नति वापस लेने का दिया था आदेश

आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन के विरोध में अरुण कुमार नामक एक व्यक्ति ने झारखंड उच्च न्यायालय में 2019 में याचिका दाखिल की थी।

 उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने 16 दिसंबर 2022 को राज्य सरकार को यह आदेश दिया था कि मुठभेड़ में वीरता पूर्ण कार्य के आधार पर प्रोमोशन दिया जाना अवैध है। जिन्हें भी इस कार्य के बदले में प्रोमोशन मिला है, उनकी प्रोन्नति वापस लें।

18 जुलाई को दोबारा पुराने पद पर किया बहाल

इसके बाद भी जब सरकार के स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तब हाई कोर्ट में अवमाननावाद दायर हुई। अवमाननावाद पर झारखंड हाई कोर्ट ने 16 जनवरी 2024 को फिर सरकार को आदेश दिया कि वे सभी 13 पुलिसकर्मियों की प्रोन्नति को वापस लें।

झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश की समीक्षा के बाद राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 18 जुलाई 2024 को पुलिस मुख्यालय को प्रोन्नति रद करते हुए पुराने पद पर बहाल करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 22 जुलाई को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

ये 12 सिपाही जो दारोगा के पद पर प्रोन्नत होकर कर रहे थे ड्यूटी

ये पुलिसकर्मी दारोगा से बनेंगे सिपाही

 • धनंजय कुमार सिंह : बोकारो जिला बल • 

रामाकांत राय : पलामू जिला बल 

• विशु उरांव : सरायकेला जिला बल 

• मारवाड़ी उरांव : देवघर जिला बल

 • सलन पाल केरकेट्टा : धनबाद जिला बल 

• योघ्या उरांव : देवघर जिला बल 

• महेश्वर महतो : रामगढ़ जिला बल

 • भूतनाथ सिंह मुंडा : चाईबासा जिला बल 

• सुखराम नाग : बोकारो जिला बल 

• मोहम्मद अबरार : हजारीबाग जिला बल 

• उपेंद्र कुमार राय : सरायकेला जिला बल

 • संजय कुमार शर्मा : बोकारो जिला बल

सीएम ने 183 चयनित अभ्यर्थियों को सौंपा नियुक्ति पत्र


झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 183 चयनित अभ्यर्थियों को झारखंड मंत्रालय के सभागार में आयोजित समारोह में नियुक्ति पत्र सौंपा।

 उन्होंने कहा कि UPSC की तरह JPSC और JSSC से चयनित अफसर भी बेहत कार्य करने पर सम्मानित किए जाएंगे। राज्य के सर्वांगीण विकास में नवनियुक्त अभ्यर्थियों की अहम भूमिका है। 

. आशा है आप शहरों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

चयनित अभ्यर्थियों में असिस्टेंट टाउन प्लानर, जूनियर इंजीनियर (मैकेनिकल) मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर, माइनिंग इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल), स्ट्रीट लाइट इंस्पेक्टर और पाइपलाइन इंस्पेक्टर शामिल हैं।

सीएम सोरेन ने बरहेट में 132 के. वी. एवं पाकुड़-राजमहल में द्विपथ लिलो संचरण लाइन का उद्घाटन किया

झा. डेस्क 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 132/33 के. वी. ग्रिड सब-स्टेशन (बरहेट) एवं 132 के. वी. (पाकुड़-राजमहल) द्विपथ लिलो संचरण लाइन का उद्घाटन किया.

इस अवसर पर अपने संवाधन में उन्होंने कहा आज मुख्य रूप से आपके बीच आने का उद्देश्य आप सभी के घरों को रोशन करना है। शहर का घर हो या फिर गांव में बसी कोई झोपड़ी, अब सभी घर रोशन रहे,यही हमारा उद्देश्य है..’ 

 उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कल साहेबगंज जिला के बरहेट प्रखंड अंतर्गत सिंगा मैदान में आयोजित 132/33 के.वी. ग्रिड सब-स्टेशन (बरहेट) एवं 132 के.वी (पाकुड़-राजमहल) द्विपथ लिलो संचरण लाइन का शुभारम्भ एवं विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास तथा परिसम्पत्ति वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहीं। 

इस अवसर पर राजमहल सांसद विजय कुमार हांसदा, पूर्व मंत्री हेमलाल मुर्मू, जिला परिषद अध्यक्ष मोनिका किस्कू, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के प्रबंध निदेशक के. के. वर्मा, आयुक्त संथाल परगना प्रमंडल लालचंद डाडेल सहित जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में अन्य लोग उपस्थित थे। 

शहर हर गांव तक पहुंचेगी बिजली

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर ऊर्जा, हर घर बिजली की उपलब्धता हमारी सरकार की प्राथमिकता है।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह संकल्प हम लोगों का था कि शहर ही नहीं, बल्कि गांव में भी बिजली की पर्याप्त सुविधा होनी चाहिए। लम्बे समय से बरहेट आसपास क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीण बिजली की समस्या का दंश झेल रहे थे। आज उसका निदान उनकी सरकार कर रही है। 

इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने कहा कि आज हम सभी लोग यहां इन्ही समस्याओं के समाधान करने के लिए एकत्रित हुए हैं। आज आप सभी की उपस्थिति में बरहेट बिजली सब-स्टेशन ग्रिड का विधिवत उद्घाटन हुआ है।’ 

हेमंत 200 यूनिट बिजली नि:शुल्क दे रही राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ बिजली ग्रिड का उद्घाटन ही नहीं हुआ है, बल्कि राज्य के हमारे गरीब, गुरबा, गांव-देहात के लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके लिए भी राज्य सरकार ने बड़ी सौगात देने का काम किया है। अब राज्य सरकार झारखंडवासियों को 200 यूनिट बिजली भी मुफ्त उपलब्ध करा रही है।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगह से यह शिकायत आती है कि किसी के घर में मीटर नहीं लगा है, फिर भी बिजली का बिल आ रहा है और उन्हें 200 यूनिट का लाभ नहीं मिल रहा है। इन सभी शिकायतों का समाधान हम लोग शीघ्र कर देंगे। आगामी 24 तारीख को आयोजित होनेवाले कैबिनेट की बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा, ताकि राज्यवासियों की बिजली से सम्बन्धित सभी समस्या का समाधान हो सके।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ उद्घाटन नहीं है, बल्कि बिजली विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यह ग्रिड सब-स्टेशन सुचारु रूप से संचालित होनी चाहिए। ग्रिड सब-स्टेशन में ब्रेकडाउन न के बराबर हो, इसका पुख्ता इंतजाम रहे। इसमें किसी भी प्रकार से बाधा उत्पन्न न हो और ब्रेकडाउन की स्थिति नहीं आनी चाहिए। 

जारी रहेगा नियुक्ति का सिलसिला 

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिर से ‘आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम का शुभारम्भ होने जा रहा है। जल्द हमारी सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करनेवाले परिवारों के 21 वर्ष से अधिक और 50 वर्ष से कम उम्र की पात्र महिलाओं को सम्मान राशि देगी। लगभग 40 लाख महिलाएं इस योजना के दायरे में आयेंगी और उन्हें योजना के लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द पुलिस बहाली के लिए दौड़ का आयोजन होगा।

 इसकी तैयारी हो गयी है। सिपाही भर्ती के लाखों आवेदन प्राप्त हुए हैं, उसकी भी बहाली शुरू हो जायेगी। कुछ दिनों पूर्व 1500 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत तेजी से अड़चनों को दूर कर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। नियुक्ति देने का सिलसिला निरन्तर जारी रहेगा।

चुनौतियों के बावजूद जनकल्याण की योजनाओं को धरातल पर उतारा

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार गठन होने के साथ ही वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण ने दस्तक दी। लगभग दो वर्षों तक कोविड-19 का प्रभाव विकास कार्यों पर पड़ा। सीएम ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारी सरकार ने राज्य के भीतर जनकल्याण की कई महत्त्वाकांक्षी योजनाओं को लागू किया, जिसका लाभ झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, दलित, शोषित, पिछड़े सहित सभी वर्ग-समुदाय के लोगों को बखूबी मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वजन पेंशन योजना लागू करनेवाला झारखंड देश का पहला राज्य बना। सर्वजन पेंशन योजना के अंतर्गत आज के समय में सभी पात्र लाभुकों को पेंशन योजना से आच्छादित किया जा चुका है। अब कोई भी वृद्धजन, विधवा, दिव्यांग पेंशन योजना से छूटे नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सभी वर्ग-समुदाय के लोगों को उनका हक-अधिकार उपलब्ध करा रही है।

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा ‘शिवगादी’

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजमहल स्थित ‘शिवगादी’ को धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालु यहां आते हैं और वे लम्बी दूरी तय कर महादेव को जल अर्पित करते हैं। राज्य सरकार ने तय किया है कि यहां सीढ़ियों के साथ-साथ रोप-वे की व्यवस्था हो, ताकि यहां और भी श्रद्धालु जुड़ें और यह स्थल देश में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में जाना जा सके। आनेवाले समय में यह धार्मिक स्थल उच्चस्तरीय सुविधाओं से आच्छादित होगा।

मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं की दी सौगात

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 7064 लाख रुपये की लागत से 100 एमवीए क्षमता का 132/33 के. वी. ग्रीड सब-स्टेशन एवं 132 के. वी. द्विपथ लिलो संचरण लाईन का उद्घाटन किया।

 वहीं, 16581.866 लाख रुपये की कुल 05 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया। इसमें 7064 लाख रुपये का उद्घाटन और 9517.866 लाख रुपये की 04 योजनाओं की आधारशिला रखी। वहीं, मुख्यमंत्री ने राजमहल एवं बरहेट प्रखंड में कुल 1039 लाभुकों के बीच 3880.955 लाख रुपये की परिसम्पत्तियां बांटीं। 

बरहेट बिजली सब-स्टेशन ग्रेड योजना का विवरण

योजना का नाम : 132/33 के.वी. ग्रीड सब-स्टेशन, बरहेट एवं सम्बन्धित द्विपथ लिलो संचरण लाइन।

– ग्रीड की क्षमता 2 ७ 50 एमवीए = 100 एमवीए

– परियोजना राशि रु. 70.64 करोड़

– लाभान्वित क्षेत्र : सीतापहाड़, पतना, बरहरवा एवं बरहेट के क्षेत्र।

– लाइन की लम्बाई : 27.414 किलोमीटर