खामी के पर्याप्त सबूत नहीं...दोबारा नहीं होगी NEET परीक्षा, आ गया सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला
NEET केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. नीट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. सीजेआई की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया था.
चीफ जस्टिस की बेंच ने फैसला सुरक्षित करते हुए कहा था कि इन मामलों में इस न्यायालय के समक्ष उठाया जा रहा मुख्य मुद्दा यह है कि इस आधार पर पुनः परीक्षण (Re-Test) आयोजित करने का निर्देश जारी किया जाए कि प्रश्नपत्र लीक हुआ था और परीक्षा के संचालन में प्रणालीगत खामियां थी. नीट यूजी परीक्षा 571 शहरों के 4750 केंद्रों के अलावा 14 विदेशी शहरों में आयोजित की गई थी.
सीजेआई ने आदेश की शुरुआत में मामले के तथ्यों और दोनों पक्षों की व्यापक दलीलें दर्ज कीं. उन्होंने कहा कि 1,08,000 सीटों के लिए 24 लाख छात्र प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. अदालत को इस तथ्य से अवगत कराया गया है कि 50 प्रतिशत कट ऑफ का प्रतिशत दर्शाता है. परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं और गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक होता है. यह प्रस्तुत किया गया कि पेपरलीक प्रकृति में प्रणालीगत था और संरचनात्मक कमियों के साथ मिलकर कार्रवाई का एकमात्र स्वीकार्य तरीका री-टेस्ट करना होगा. लेकिन, परीक्षा की पवित्रता भंग होने के पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
NEET का 4 जून को रिजल्ट आने के बाद से पेपर लीक को लेकर छात्रो का आक्रोश सामने आया था. सबसे पहले इस परीक्षा में बिहार में पेपर लीक की खबर ने तूल पकड़ा था. उसके बाद रिजल्ट आने पर परीक्षा में 67 टॉपर और एक ही परीक्षा केंद्र से कई टॉपर आना, एक सवाल के दो उत्तर, ग्रेस मार्क्स जैसे प्वाइंट्स किसी को हजम नहीं हो रहे थे. उसी दौरान नेशनल टेस्टिंंग एजेंसी पर भड़के छात्रों ने पूरे देश में रिजल्ट में हेरफेर और पेपरलीक को लेकर प्रदर्शन किया.
परीक्षा में पेपर लीक के संदेह पर देशभर के हाईकोर्ट में दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर याचिकाओं का सिलसिला शुरू हुआ. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सभी याचिकाओं को सुनने की कार्यवाही शुरू हुई. इस सुनवाई में बिहार पेपर लीक से लेकर हजारीबाग, सीकर और गोधरा तक के मामलों की जांच, एक सवाल के दो उत्तर, सीबीआई जांच जैसे सभी मुद्दों पर बहस हुई. सर्वोच्च अदालत की बेंच ने सभी पहलुओं पर बहस सुनने के बाद यह तय किया कि इस पर जल्द से जल्द फैसला देना होगा, क्योंकि छात्रों को किसी भी हाल में लटकाकर नहीं रख सकते. इसी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया है.









फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किए जाने का मामला सामने आया है। पर्यटक महिला ने पुलिस में इसकी शिकायत की। ऑस्ट्रेलिया की महिला टूरिस्ट ने पांच लोगों के खिलाफ गैंगरेप का आरोप लगाया है। पेरिस ओलंपिक 2024 का कुछ ही दिन बाद आयोजन होना है। ऐसे में पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। वारदात के बाद की एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। फुटेज में महिला कबाब की दुकान में नजर आ रही है। जो अपने लिए मदद की भीख मांग रही है। दुकान मालिक के अनुसार महिला रो रही थी। फ्रांस की पुलिस महिला के आरोपों की जांच कर रही है। महिला ने आरोप लगाया था कि मौलिन रूज कैबरे के आसपास के क्लबों में शुक्रवार रात को उसने ड्रिंक की थी। लौटते समय अज्ञात लोगों ने उसे दबोच लिया और सेंट्रल पेरिस की किसी सुनसान जगह पर ले गए। यहां आरोपियों ने उससे गैंगरेप कर मारपीट की। पेरिस घूमने आई महिला ने पुलिस को बताया कि उसे इन पाँचों ने तब निशाना बनाया जब वह फ्रेंच नहीं बोल पाई और हड़बड़ी में दिखी। इसके बाद पाँचों ने उसे निशाना बनाया और गैंगरेप किया। पाँचों आरोपित अफ्रीकाई प्रवासी बताए जा रहे हैं, हालाँकि उनकी पहचान सामने नहीं आई है। वहीं ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस मामले में एक्शन लिया है। फ्रांस में स्थित ऑस्ट्रेलियाई दूतावास ने महिला को राजनयिक मदद देने की बात कही है। दूतावास ने कहा है कि उसने महिला पर हमले की जानकारी के बाद फ़्रांस के अधिकारियों को तलब किया है।

Jul 24 2024, 16:01
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