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बजट के खिलाफ आज संसद के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन, सदन के अंदर भी बवाल के आसार

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मंगलवार को मोदी सरकार के कार्यकाल कुल 11वां बजट पेश हुआ। तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट था। अंतरिम बजट से इतर इस बार का बजट सबको साधने वाला रहा। मिडिल क्लास, महिलाएं गरीब और रोजगार के लिए भटक रहे यवाओं के लिए काफी घोषणाएं की गईं। इसके अलावा सोना-चांदी, मोबाइल फोन जैसी चीजों को सस्ता कर दिया गया है। हालांकि इस बार के बजट से विपक्ष निराश है। आज बजट के विरोध में उसने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। विपक्ष का कहना है कि गठबंधन बचाने के लिए बजट लाया गया, गैर बीजेपी राज्यों को कुछ नहीं मिला है।

आम बजट 2024 के विरोध में आज विपक्षी सांसद सुबह सत्र शुरू होने से पहले संसद के एंट्री गेट के पास प्रदर्शन करेंगे। बजट आने के बाद से ही विपक्ष नाखुश है। उसका कहना है कि यह बजट सिर्फ अपने ,सहयोगियों को खुश करने के लिए लाया गया है। विपक्षी शासित राज्यों के लिए इसमें कुछ नहीं है।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने मंगलवार को फैसला किया कि वे केंद्रीय बजट में विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ किए गए ‘भेदभाव और अन्याय’ के खिलाफ बुधवार को संसद के बाहर और भीतर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। बजट पेश होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर विपक्ष दलो के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास ‘10 राजाजी मार्ग’ पर ‘इंडिया’गठबंधन के घटक दलों के सदन में नेताओं की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक-ओ-ब्रायन और कल्याण बनर्जी, द्रमुक के टीआर बालू, जेएमएम की महुआ माझी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और संजय सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए।

कांग्रेस को बजट पर 4 घंटे तक बोलने का समय

लोकसभा में बजट पर कांग्रेस को लगभग 4 घंटे का समय बोलने के लिए मिला है। चर्चा की शुरुआत कुमारी शैलजा और शशि थरूर करेंगे। चर्चा में प्रणीति शिंदे भी हिस्सा लेंगी। मंगलवार को कांग्रेस सांसदों के साथ हुई बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि सभी सांसदों को मौका मिलना चाहिए। मैं एक बार स्पीच दे चुका हूं. इसलिए मेरे बोलने की जरूरत नहीं है। राहुल गांधी के मुताबिक, वह चाहते हैं कि पार्टी के सारे सांसद हर मुद्दे पर अपनी राय रखे। कोई एक या दो नेता ही हर मुद्दे पर ना बोले। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी बजट पर बोलने के लिए ज्यादा इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, पार्टी चाहती है कि नेता विपक्ष के रूप में वो बोलें।

अभिनव बिंद्रा को मिलेगा ओलंपिक ऑर्डर सम्मान, पहली बार किसी भारतीय को मिलने जा रहा ऐसा अवार्ड

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भारत के दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को ओलिंपिक ऑर्डर अवॉर्ड मिलने जा रहा है। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) 10 अगस्त को पेरिस में आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित करेगी। 

IOC के प्रेसिडेंट थॉमस बाच ने अभिनव बिंद्रा को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। पत्र में लिखा गया- 'IOC एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने तय किया है कि आपको ओलिंपिक मोमेंट की सराहनीय सेवा के लिए ओलिंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया जाए।'बाच ने अभिनव को अवॉर्ड सेरेमनी के लिए आमंत्रित भी किया है। 

बिंद्रा को यह अवॉर्ड दिए जाने पर भारत के खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने खुशी जाहिर की है। मनसुख मंडाविया ने ‘ओलिंपिक ऑर्डर’ से सम्मानित होने पर बिंद्रा को बधाई दी। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘ओलिंपिक आंदोलन में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘ओलिंपिक ऑर्डर से सम्मानित होने पर अभिनव बिंद्रा को बधाई।’ उन्होंने कहा, ‘उनकी उपलब्धि हमें गौरवान्वित करती है और वह वास्तव में इसके योग्य है। उन्होंने निशानेबाजों और ओलिंपिक में भाग लेने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया है।’

‘ओलिंपिक ऑर्डर’ आईओसी का सर्वोच्च पुरस्कार है, जो ओलिंपिक आंदोलन में विशिष्ट योगदान के लिए दिये जाते हैं। यह उस व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है जिसने अपने कार्यों के माध्यम से ओलंपिक आदर्श को दर्शाया हो, खेल जगत में उल्लेखनीय योग्यता हासिल की हो, या ओलंपिक के लिए अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि या खेल के विकास में अपने योगदान के माध्यम से उत्कृष्ट सेवाएं दी हों।इसके लिए नामांकन ओलिंपिक ऑर्डर समिति द्वारा प्रस्तावित किए जाते हैं और कार्यकारी बोर्ड द्वारा निर्णय लिया जाता है।

बता दें कि 41 वर्षीय बिंद्रा ने 2008 बीजिंग खेलों में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता जीतकर भारत के पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। वह 2010 से 2020 तक अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) की एथलीट समिति के सदस्य थे। 2014 से इसके अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। वह 2018 से आईओसी एथलीट आयोग के सदस्य हैं।

बजट पर खरगे का वार, बताया- कुर्सी बचाने और 2 लोगों का भला करने वाला बजट, जानें दूसरे विपक्षी नेताओं की राय

#oppositionleadersreactionsonunion_budget

मोदी सरकार के आम बजट 2024 पर लगातार राजनीतिक प्रतिक्रयाएं भी आ रही हैं। एनडीए नेताओं ने जहां बजट को जनकल्याणकारी करार दिया है। वहीं, विपक्षी नेताओं ने इसे बिहार और आंध्र प्रदेश का बजट बता रहे हैं।

मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट पर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का 'नकलची बजट'। मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी "रेवड़ियां" बांट रहा है, ताकि एनडीए बची रहे। खरगे ने कहा, ये 'देश की तरक्की' का बजट नहीं, 'मोदी सरकार बचाओ' बजट है। उन्होंने ये भी कहा कि 10 साल बाद उन युवाओं के लिए सीमित घोषणाएं हुईं हैं, जो सालाना दो करोड़ नौकरियों के जुमले को झेल रहे हैं। किसानों को लिए केवल सतही बातें हुई हैं, डेढ़ गुना एमएसपी और आय दोगुना करना - सब चुनावी धोखेबाज़ी निकली। ग्रामीण वेतन को बढ़ाने का इस सरकार का कोई इरादा नहीं है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गरीबों और दलितों के लिए कुछ नहीं किया है। हो सकता है कि चुनाव में दलित वर्ग ने इंडिया गठबंधन को वोट दिया है, इस वजह से वो गुस्सा हों। बजट में जातीय जनगणना के लिए पैसे की व्यवस्था होनी चाहिए थी। मगर, इसका भी कोई जिक्र नहीं किया है।मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम को इस सरकार ने कांग्रेस की योजना से कॉपी पेस्ट किया है। देश महंगाई से परेशान है, इससे कैसे निजात मिलेगी, बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है। इस बजट में मिडिल क्लास को भी कुछ नहीं मिला है। कुर्सी बचाने के लिए जो एक-दो लोगों को खुश करना था, वही इन्होंने किया है।

कुर्सी बचाओ बजट- राहुल गांधी

बजट 2024 पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी खरगे की बात को दुहराया। राहुल ने लिखा- "कुर्सी बचाओ बजट।" राहुल गांधी ने कहा है कि अन्य राज्यों की कीमत पर सहयोगियों को खुश करने के लिए खोखले वादे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बजट से आम भारतीय को कोई राहत नहीं है। राहुल ने बजट को कांग्रेस के घोषणापत्र और पिछले बजट की कॉपी बताया है। 

अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर कहा कि अगर हम उत्तर प्रदेश को देखें तो निवेश की स्थिति क्या है? इनके जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वह कभी समय पर पूरे नहीं हुए। अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा राज्य जो प्रधानमंत्री देता है क्या वहां के किसानों के लिए बजट में कुछ है? अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर कहा कि जब तक किसान और नौजवानों की पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं होगा तब तक जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचेगा। 

बजट में कुछ भी नहीं- डिंपल यादव

केंद्रीय बजट 2024 पर मैनपुरी से सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "महिलाओं की सुरक्षा को लेकर होना चाहिए था, (बजट में)कुछ भी नहीं है...किचन का ध्यान नहीं रखा गया है क्योंकि सरकार मंहगाई के बारे में कोई कदम नहीं उठाना चाह रही है..." 

कल्याण बनर्जी ने कहा, 'कुर्सी बचाओ' बजट

केंद्रीय बजट पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, "यह 'कुर्सी बचाओ' बजट है। जो एनडीए में है, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को अपने साथ रखने के लिए यह बजट है, यह बजट देश के लिए नहीं है। बंगाल के लिए तो कुछ भी नहीं है, वे बंगाल को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, उनका बंगाल से सफाया होगा।

मायावती ने बताया धन्नासेठों का बजट

बजट 2024 पर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है। देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव। बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा? देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।

दोबारा नहीं होगी नीट-यूजी परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट का रि-एग्जाम का आदेश देने से इनकार*

#supreme_court_decision_on_neet_ug_2024

सुप्रीम कोर्ट मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र और एनटीए की तरफ से दलीलें पेश की। केस की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। इसको साथ ही कोर्ट ने करीब 24 लाख छात्रों को बड़ी राहत प्रदान की है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि पेपर लीक हुआ है, इसमें कोई विवाद नहीं है।सीजेआई ने कहा, अदालत ने एनटीए द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए डेटा की स्वतंत्र रूप से जांच की है। वर्तमान चरण में रिकॉर्ड पर साक्ष्यों या सामग्री का अभाव है। इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि परीक्षा का परिणाम खराब हो गया है या परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है। सीजेआई ने कहा कि सीबीआई की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने एनटीए से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और एनटीए ने अपने जवाब में आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया।

सीजेआई ने कहा- फिलहाल, हम दागी स्टूडेंट्स को बेदागी स्टूडेंट्स से अलग कर सकते हैं। अगर जांच के दौरान दागियों की पहचान होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई स्टूडेंट्स इस फ्रॉड में शामिल पाया जाता है तो उसे एडमिशन नहीं मिलेगा। कोर्ट ने अभी अपना फैसला सुरक्षित रखा है जिसके लिए कोई डेट जारी नहीं की है।

सीजेआई की बेंच के सामने मंगलवार को पांचवीं सुनवाई हुई। सीजेआई ने कहा- हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना रीएग्जाम का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि सीबीआई जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए, लेकिन आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है।

ने आगे कहा कि कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, साथ ही मेडिकल एजुकेशन के सिलेबस पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य डॉक्टरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था।

जानिए बजट में डिफेंस को क्या मिला, अंतरिम बजट की तुलना में रक्षा क्षेत्र के आवंटन में 1.67 लाख करोड़ की कटौती

#budget2024defence_budget 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिजिटल टेक्नोलॉजी तक सरकार का खास ध्यान है। सरकार ने बजट में किसान, युवाओं और मिडिल क्लास पर तो फोकस किया ही है साथ ही रक्षा क्षेत्र का भी पूरा ध्यान रखा है। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा सेक्टर के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जो कि पिछले आवंटन 4.55 लाख करोड़ रुपये से कम है। डिफेंस बजट का 67.7% हिस्सा रेवेन्यू और पेंशन बजट को मिला है, जिसका ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन बांटने में खर्च होता है।

अंतरिम बजट की तुलना में रक्षा क्षेत्र का आवंटन 1.67 लाख करोड़ रुपये कम

वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.54 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे पहले फरवरी में आए अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को 6.21 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया गया था। यानी चार महीने पहले आए अंतरिम बजट की तुलना में अब पूर्ण बजट में रक्षा क्षेत्र का आवंटन 1.67 लाख करोड़ रुपये कम हो गया है।

रक्षा बजट को 4 भागों में बांटा गया

रक्षा बजट को 4 भागों में बांटा गया है, इनमें पहला पार्ट है सिविल का, दूसरा हिस्सा है रेवेन्यू, तीसरा कैपिटल एक्सपैंडीचर और चौथा पेंशन। इसमें सिविल से बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन, ट्रिब्यूनल समेत सड़क व अन्य डेवलपमेंट के काम होते हैं, इसके लिए 25 हजार 963 करोड़ रुपये रखे गए हैं। रेवेन्यू बजट से रक्षा क्षेत्र में सैलरी बांटी जाती है। इसके लिए 2 लाख 82 हजार 772 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इसके अलावा कैपिटल एक्सपैंडीचर से हथियार और अन्य जरूरी उपकरण खरीदे जाते हैं, जिसके लिए बजट में 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं। तीसरा और सबसे जरूरी हिस्सा होता है पेंशन, इसके लिए बजट में 1लाख 41 हजार 205 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

हथियार-उपकरण खरीद के लिए 1 लाख 72 हजार करोड़

किसी भी देश की सेना की सबसे बड़ी ताकत उसके हथियार, फाइटर प्लेन और गोला बारूद होते हैं। रक्षा बजट में हथियार और उपकरण खरीदने के लिए सरकार ने 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस पैसे से एयरक्राफ्ट और एयरोइंजन उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके अलावा हैवी और मीडियम व्हीकल, अन्य हथियार और गोला बारूद खरीदे जाएंगे। इसके अलावा अन्य तकनीकी उपकरणों से भी सेना को सुसज्जित किए जाने की योजना है। सेना के लिए स्पेशल रेलवे वैगन खरीदे जाएंगे।

6 लाख करोड़ से ज्यादा की थी उम्मीद

पिछले साल आए बजट तक देखें तो बीते 4 साल के दौरान रक्षा क्षेत्र के बजट में 6.5 फीसदी की सालाना दर (सीएजीआर) से बढ़ोतरी हो रही थी. मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की महात्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. सरकार चाहती है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों का ज्यादा से ज्यादा सामान खुद तैयार करे और आयात पर निर्भरता कम हो. इसके साथ ही सरकार का जोर सेनाओं के आधुनिकीकरण पर है. ऐसे में लोग रक्षा क्षेत्र का बजट 6 लाख करोड़ रुपये से तो ऊपर ही रहने की उम्मीद कर रहे थे

यूपीए सरकार में 162% तो एनडीए सरकार में 172% बढ़ा डिफेंस बजट

बता दें कि मनमोहन सिंह ने 2004 में जब पहला बजट पेश किया, तब डिफेंस को 77 हजार करोड़ रुपए मिले थे। 2013 में मनमोहन सिंह ने आखिरी बजट पेश किया, तब डिफेंस बजट 2.03 लाख करोड़ रुपए था। यानी, 10 साल में 163% का इजाफा और एवरेज ग्रोथ रेट 16.3%। 

नरेंद्र मोदी ने 2014 में जब पहला बजट पेश किया, तब डिफेंस को 2.18 लाख करोड़ रुपए मिले थे। 2023 में मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल का जब आखिरी बजट पेश किया, तब डिफेंस बजट 5.93 लाख करोड़ रुपए था। यानी, 10 साल में 172% की बढ़ोतरी और ग्रोथ रेट 17.2%। यानी, UPA के मुकाबले 0.9% ज्यादा।

धूमधाम से निकली बाबा महाकाल की प्रथम सवारी, चांदी के रथ पर निकले राजाधिराज, दर्शन को उमड़ी भीड़, CM भी हुए शामिल, लगे जयकारे

 हर साल बाबा महाकाल महाराज श्रावण मास के पहले सोमवार को अपने धाम से निकलकर नगर भ्रमण के लिए जाते हैं। इस बार भी बाबा महाकाल आज अपनी प्रथम सवारी पर निकले। बाबा महाकाल की प्रथम सवारी में भक्तों की भीड़ देखने ही लायक थी। वहीं इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बाबा महाकाल के भक्तों को प्रथम सवारी शुभकामनाएं दी हैं।

भगवान महाकाल की पहली सवारी बड़ी धूमधाम से निकाली गई। बाबा चांदी की पालकी में बैठकर अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए निकले। प्रथम सवारी के दौरान बाबा महाकाल के मनमहेश रूप के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ देखते ही बढ़ रही थी। महाकाल भगवान की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना के बाद शाम 4 बजे पर आरंभ हुई। बाबा की प्रथम सवारी मंदिर के मुख्यद्वार पर पहुंची। यह सवारी महाकाल लोक गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंच रही है। महाकाल महाराज की प्रथम सवारी कई सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। इन वीडियों में आप सवारी के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देख सकते हैं।

राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सावन के महीने के पहले सोमवार के दिन बाबा महाकाल अपने पहले नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। वह इस बार भी प्रथम सवारी के लिए निकले हैं। हर बार की तरह इस बात भी देश और दुनिया से श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने आए हैं। इसके दौरान उन्होंने बाबा महाकाल की प्रथम सवारी के लिए उनके श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं।

मशहूर पाकिस्तानी सिंगर राहत फतेह अली खान को दुबई एयरपोर्ट पर पुलिस ने किया गिरफ्तार! चल रहा था ये विवाद

मशहूर पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान को दुबई एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया है। बताया जा रहा है कि उनके पूर्व मैनेजर ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है। राहत फतेह अली खान के एक्स मैनेजर का नाम सलमान अहमद है। पिछले कुछ महीने से दोनों के बीच विवाद चल रहा था। 

बताया जा रहा है कि पहले उन्हें प्लेन पर चढ़ने से रोका गया, फिर उन्हें हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके फॉर्मर मैनेजर सलमान अहमद ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। राहत अपनी म्यूजिक परफॉर्मेंस के लिए दुबई गए हुए थे। बता दें, राहत एक मशहूर सिंगर हैं जिनकी दुनियाभर में भी गजब की फैन फॉलोइंग हैं। उन्होंने भारत में रहते हुए भी अपना खूब नाम कमाया। बॉलीवुड में उनके नाम से ऐसे कई गाने हैं, जो लोगों के बीच आज भी काफी मशहूर हैं। 

वीडियो में राहत फतेह अली खान अपनी गिरफ्तारी की बात को नकारते दिखे। हालांकि ऐसा उन्होंने सीधे सीधे नहीं कहा। उन्होंने गिरफ्तारी की बात को नजरअंदाज करते हुए कहा कि मैं दुबई में अपने गाने रिकॉर्ड करने के लिए आया हुआ हूं। और सब ठीक है। मैं यही आपसे गुजारिश करूंगा कि ऐसे घटिया अफवाहों पर बिल्कुल भी कान ना धरें। ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा दुश्मन सोच रहे हैं। मैं जल्द ही अपने वतन लौटूंगा और आपको नए गाने से सरप्राइज करूंगा।

छोटे कारोबारियों के लिए अहम खबर, मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख बढ़ी, 5 करोड़ आदिवासियों को भी लाभ देने का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रहीं हैं। अपने बजट भाषण में सीतारमण ने भारत की अर्थव्यवस्था की निरंतर मजबूत वृद्धि और स्थिर महंगाई पर प्रकाश डाला, जो 4% के लक्ष्य के करीब है। बजट का एक महत्वपूर्ण फोकस MSME और विनिर्माण क्षेत्र पर है। संकट की अवधि के दौरान MSME को बैंक ऋण की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक नई प्रणाली शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे छोटे व्यवसायों को और अधिक सहायता मिलेगी।

आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया गया है। यह योजना 63,000 गांवों को कवर करेगी, जिससे आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के लिए संतृप्ति कवरेज को अपनाकर 5 करोड़ आदिवासी लोगों को लाभ होगा। युवाओं को रोजगार देने के लिए एक नई योजना 500 शीर्ष कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी। इंटर्न को 5000 रुपये प्रति माह भत्ता और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता मिलेगी, जिसका उद्देश्य उनके कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ाना है।

बजट में महिलाओं और लड़कियों पर भी ध्यान दिया गया है, जिसमें उन्हें लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, बैंकिंग पहुंच में सुधार के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 से अधिक शाखाएँ स्थापित की जाएँगी। देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पर्थी क्षेत्र और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओर्वाकल क्षेत्र में विकास के लिए धन आवंटित किया जाएगा। ये उपाय आर्थिक स्थिरता, एमएसएमई के लिए समर्थन, आदिवासी समुदायों में सुधार, युवा रोजगार, महिला कल्याण और क्षेत्रीय विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

*'ये भारत को समृद्ध करने वाला बजट' पीएम मोदी ने कहा-हर वर्ग को मिलेगी ताकत

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को देश का सालाना बजट पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देश को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला बजट बताते हुए वित्तमंत्री सीतारमण की तारीफ की है।उन्होंने कहा कि यह बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है। यह देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला है। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है। इस बजट से शिक्षा और स्किल को नई ऊंचाइ मिलेगी।

छोटे व्यापारियों, एमएसएमई को उनकी प्रगति का नया रास्ता मिलेगा-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि इस बजट से छोटे व्यापारियों, एमएसएमई को उनकी प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। बजट में मैन्युफैक्चरिंग पर भी बल है और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी बल है। इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब, मिडिल क्लास को टैक्स में छूट दी गई है। TDS के नियमों को सरल किया गया है। पूर्वी भारत के विकास को जोड़ दिया गया है।

रोजगार और स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसर देना हमारी सरकार की पहचान-पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि रोजगार और स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसर देना हमारी सरकार की पहचान रही है। आज का बजट इसे और मजबूत करता है।प्रधानमंत्री के अनुसार, इस बजट में सरकार ने एमप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेटिव का एलान किया है। इस योजना के तहत जीवन में पहली नौकरी पाने वाले युवा की पहली तनख्वाह हमारी सरकार देगी। कौशल विकास और उच्च शिक्षा के लिए मदद हो या फिर एक करोड़ नौजवानों को इंटर्नशिप की योजना, इसे युवाओं के, गरीब के, मेरे बेटे-बेटी, देश की टॉप कंपनियों में काम करेंगे। उनके लिए संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे।

किसानों पर बड़ा फोकस

पीएम ने कहा, ‘इस बजट का एक बहुत बड़ा फोकस देश के किसान हैं। अन्न भंडारण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्कीम के बाद अब हम सब्जी उत्पादन क्लस्टर बनाने जा रहे हैं। इससे छोटे किसानों को सब्जियों-फल, अन्य उपज के लिए नए बाजार मिलेंगे और बेहतर दाम मिलेंगे।’

'अगर आपके पास पैसे हैं, तो आप भारतीय शिक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं..', NEET पर संसद में बोले राहुल गांधी

 संसद के बजट सत्र में आज सोमवार (22 जुलाई) को पहले ही दिन तीखी नोकझोंक हो गई जब कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2024 में कथित लीक को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा, "पूरे देश के सामने यह बात स्पष्ट है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में बहुत गंभीर समस्या है, सिर्फ NEET में ही नहीं बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में फ्रॉड है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधान ने कहा कि, "सिर्फ़ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है।"

राहुल गांधी ने आगे कहा कि, ''मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) ने खुद को छोड़कर सभी को दोषी ठहराया है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें यहां चल रही बुनियादी बातों की समझ भी है।" राहुल गांधी ने भारतीय परीक्षा प्रणाली की अखंडता पर चिंता व्यक्त करते हुए दावा किया कि लाखों छात्र मानते हैं कि यह धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा, "लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और विपक्ष भी यही सोचता है।" उन्होंने इस मामले पर एक दिन की अलग चर्चा की मांग की।

हालांकि, प्रधान ने गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पिछले 7 वर्षों में 70 पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है, ऐसा कोई डाटा मौजूद नहीं है। हाँ कुछ गड़बड़ियां हुईं हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं। यह (NEET) मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।" शिक्षा मंत्री को और घेरने के प्रयास में राहुल गांधी ने पूछा, "चूंकि यह (NEET) एक व्यवस्थित मुद्दा है, तो आप इस मुद्दे को ठीक करने के लिए वास्तव में क्या कर रहे हैं?" 

इस पर प्रधान ने संसद में राहुल के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से निपटने के उद्देश्य से एक नया कानून बनाया है। मंत्री ने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती UPA सरकार में भी इसी तरह के विधेयक पेश किए गए थे, मगर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने "दबाव में" उन्हें रद्द कर दिया था। चर्चा तब और अधिक विवादास्पद हो गई जब समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव भी इस मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना करते हुए इसमें शामिल हो गए।

यादव ने कहा, "यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी।" "कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां 2,000 से ज़्यादा छात्र पास हो गए हैं। जब तक यह मंत्री (शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान) वहां हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा।" अखिलेश को जवाब देते हुए प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नतीजे सार्वजनिक किए गए हैं। उन्होंने कहा, "मैं राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन मेरे पास अखिलेश यादव के शासनकाल में कितने पेपर लीक हुए, इसकी सूची है।"