राजर्षि टंडन एप विकसित करेगा मुक्त विश्वविद्यालय: प्रोफेसर सत्यकाम
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए यूपीआरटीओ एप विकसित करेगा। जिससे एक ही क्लिक पर नामांकित छात्र को प्रवेश से लेकर परीक्षा और परिणाम की सभी सूचनाएं प्राप्त होगी।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने गोरखपुर क्षेत्र केंद्र से संबंध अध्ययन केदो के समन्वय को की कार्यशाला में दी। वह रविवार को दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज में कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में समन्वयकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज हर युवा के हाथ में मोबाइल फोन है। विश्वविद्यालय ने अधुनातन टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए महत्वपूर्ण सूचनाओं से आच्छादित ऐप को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। जिसका सुपरिणाम शीघ्र देखने को मिलेगा। जब राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के बारे में युवा आधिकाधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। एक क्लिक पर प्रवेश, काउंसलिंग, अधिन्यास, परीक्षा एवं रिजल्ट की जानकारी उन्हें प्राप्त हो सकेगी।
इसके पूर्व इग्नू में दूरस्थ शिक्षा के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान करने वाले प्रोफेसर सत्यकाम छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण एवं कौशल विकास पर आधारित शिक्षा देने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि आज इग्नू के स्टूडेंट को लोग सम्मान के भाव से देखते हैं। हमें राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों की गुणवत्ता को बढ़ाना है जिससे हमारे विद्यार्थियों की पहुंच अंतरराष्ट्रीय स्तर तक हो। इसके लिए हमें सभी अध्ययन केंद्र समन्वयकों का भरपूर सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि कई ऐसे अध्ययन केंद्र समन्वयक हैं जिन्होंने अभी तक मुक्त विश्वविद्यालय नहीं देखा है। हम उनकी योग्यता के आधार पर विश्वविद्यालय का परीक्षक नियुक्त करेंगे जिससे वह विश्वविद्यालय में आकर मूल्यांकन कार्य कर सकें।
अध्यक्षता करते हुए जननायक विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय की नामांकन संख्या संवाद, सम्पर्क, समन्वय एवं सहयोग के माध्यम से ही बढ़ाई जा सकती है। नामांकन कराने के लिए संवाद एवं संपर्क बहुत जरूरी है। इसके उपरांत समन्वय और सहयोग के भाव से ही विद्यार्थी के अंदर संतुष्टि का भाव आएगा। प्रोफेसर गुप्ता ने समन्वयकों से कहा कि वह खुले मन से अपने शिक्षार्थियों से संवाद अवश्य करें जिससे वह शिकायतें लेकर अध्ययन केंद्र पर उपस्थित न हो। मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र के 6 वर्षों तक समन्वयक का दायित्व निभा चुके प्रोफेसर गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय की सेवा करने के लिए कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। कृतज्ञता के भाव से ही समाज में जो अंधकार है उसे दूर किया जा सकता है। व्यक्ति के जीवन की सार्थकता तभी है जब उसका उपयोग समाज की सेवा के लिए हो।
इस अवसर पर गोरखपुर क्षेत्रीय केंद्र से संबद्ध गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर तथा सिद्धार्थ नगर जिले से आए डॉ राजीव श्रीवास्तव, डॉ विकास कुमार श्रीवास्तव, डॉ वेद प्रकाश पांडेय, प्रोफेसर महबूब आलम, डॉ सुशील कुमार पांडेय आदि ने छात्र संख्या बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए तथा कई समस्याओं की तरफ ध्यान इंगित किया।कार्यशाला में प्रभारी प्रवेश प्रोफेसर जयप्रकाश यादव ने समर्थ पोर्टल पर प्रवेश प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी समन्वयकों को दी। उन्होंने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित वीडियो वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। समन्वयक उसे देखकर छात्रों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
परीक्षा नियंत्रक डीपी सिंह ने प्रतिभागियों की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रयोगात्मक परीक्षा हेतु सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने जाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह समाज सेवा के भाव से ही प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र से सभी सुख सुविधाओं को छोड़कर विश्वविद्यालय की सेवा में आए। यही भाव समन्वयकों में भी होना चाहिए और कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम द्वारा दिए गए लक्ष्य एक लाख की प्रवेश संख्या को 1 लाख 20 हजार तक पहुंचाने के लिए अपना पूरा दमखम लगा दें। मेहनत से किए गए कार्य में सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
कार्यशाला का संचालन डॉ ब्रजेश मिश्रा ने तथा क्षेत्रीय केंद्र, गोरखपुर के समन्वयक डॉ प्रवीण कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ बृजेश पांडेय, प्राचार्य, रामजी सहाय डिग्री कॉलेज ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ संजय पांडेय ने किया।
इसके पूर्व उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने रविवार को विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र के लिए अधिकृत भूखंड पर वृक्षारोपण जन अभियान-2024 के अंतर्गत प्रदेश में पौधरोपण महाभियान में अपना योगदान देते हुए एक वृक्ष राजर्षि के नाम पर रोपित किया। इससे पूर्व शनिवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय में इस महाअभियान की शुरूआत की गई। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए यह अभियान सतत रूप से जारी रहेगा। विश्वविद्यालय से बाहर भी हम वृक्षारोपण अभियान चलाते रहेंगे। जिससे मानवता की सेवा हो सके।
विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने समाज के नागरिकों से अपील की कि सभी को मानवता की सेवा करते हुए पर्यावरण को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए। इस अभियान में जो भी पौधा लगाया जाए उसकी परवरिश का जिम्मा जरूर उठाना चाहिए। जिससे वह बड़ा होकर लोगों को छांव दे सके। जलवायु परिवर्तन के इस दौर में वृक्ष ही हमें जीवन दायिनी शक्ति प्रदान कर सकते हैं। इस दौरान कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधियों को कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने भूखंड पर निर्माण कार्य में गति लाने के लिए निर्देशित किया। गोरखपुर क्षेत्रीय केन्द्र के सहयोग से इस अवसर पर विश्वविद्यालय के भूखंड पर विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों ने एक पेड़ राजर्षि के नाम पर लगाया।
Jul 23 2024, 19:58