भूजल सप्ताह दिवस का विकास खण्ड मेजा में किया गया आयोजन
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Sb न्यूज से ब्यूरो चीफ- विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज।विकास खण्ड मेजा में अवर अभियंता लघु सिंचाई प्रदीप अवस्थी के अध्यक्षता में भूजल सप्ताह दिवस का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।ज्ञातव्य कराते चले कि प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई से 22 जुलाई तक इस भूजल सप्ताह का आयोजन पूरे प्रदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।इस भूजल सप्ताह के आयोजन के माध्यम से लोगों को जल संचयन करने हेतु जागरूक किया जाता है।अवर अभियंता लघु सिंचाई प्रदीप अवस्थी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें व्यर्थ का भूजल का दोहन नही करना चाहिए एवं साथ ही साथ वर्षा के जल का भी शोकपिट पाइप प्रणाली एवं गड्ढे में जल का संचयन कर भूजल का स्ट्रैटा ऊपर लाने का प्रयास करना चाहिए।तालाब के समीप बसे लोगों को वर्षा के जल की धारा को तालाब से जोड़ देना चाहिए जिससे तालाब भर जाए और भूजल का स्ट्रैटा ऊपर की ओर आ जाए।इन माध्यमों से भूजल स्ट्रेटा को ऊपर लाया जा सकता है।विकास खण्ड मेजा में कार्यरत बोरिंग टेक्नीशियन एवं प्रयागराज बोरिंग टेक्नीशियन संघ के मंत्री राजेश तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जल है तो कल है।हमसभी को मिलकर वर्षा के जल का संचयन एवं भूगर्भ जल का बहुतायत मात्रा में दोहन रोकने हेतु हरसम्भव प्रयास करना होगा अन्यथा कि स्थिति में हमें शुद्ध पेयजल भी नही प्राप्त होगा।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि वर्षा के जल के संचयन हेतु अवर अभियंता लघु सिंचाई मेजा द्वारा बतलाए गए दिशा-मार्ग पर चलकर हम वर्षा के जल का भी संचयन कर सकते हैं और इससे हमारे क्षेत्र का भूजल स्तर अच्छा-खासा बना रहेगा और भविष्य में हमें पेयजल सम्बन्धी कोई परेशानी नही उठानी पड़ेगी।इस अवसर पर बोरिंग टेक्नीशियन अशोक सिंह ने कहा कि हमें वर्षा के समय अपने मकानों के छत के पानी को शोकपिट गड्ढे या नजदीक कोई तालाबों से जोड़ देना चाहिए जिससे उस क्षेत्र के भू-भाग का जल स्तर नीचे न जाने पाए और पेयजल सहित सिंचाई हेतु पर्याप्त जल मिल सके।इस अवसर पर आषुतोष मिश्रा एवं मयंक शुक्ला सहित विकास खण्ड मेजा के बहुत से अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।


प्रयागराज। अध्ययन केन्द्र समन्वयक विश्वविद्यालय की रीढ़ हैं। केंद्र समन्वयकों के सहयोग से हम विश्वविद्यालय की छात्र संख्या को शीघ्र एक लाख तक पहुंचा सकते हैं। दूरस्थ शिक्षा विविधता से परिपूर्ण है। यहां किन्नर, जेल बन्दी, ग्रामीण, नौकरी पेशा लोगों के लिए कई तरह की सुविधा उपलब्ध है। विश्वविद्यालय कौशल विकास पर आधारित कई शैक्षिक कार्यक्रमों की शिक्षा युवाओं का प्रदान कर रहा है।
उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के वाराणसी क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध अध्ययन केन्द्रों के प्राचार्य एवं समन्वयकों की शुक्रवार को संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने व्यक्त किये।
प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ज्ञानात्मक अध्ययन के साथ ही कौशल का भी अध्ययन कर सकते हैं। मुक्त विश्वविद्यालय कौशल युक्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए संकल्पबद्ध है। हमारे विद्यार्थियों के पास कौशल युक्त शिक्षा होगी तो वह नौकरी के लिए दर-दर नहीं भटकेंगे। उन्होंने लोकल फार वोकल पर जोर देते हुए कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय कौशल युक्त शिक्षा प्रदान कर विद्यार्थियों को सशक्त कर रहे हैं।
Jul 20 2024, 19:58
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