रात में जिला परिषद का ऑफिस खोलकर अधिकारियों द्वारा किया जा रहा था लाखों का ट्रांजैक्शन, जिला परिषद अध्यक्ष व सदस्य पहुंचकर काटा बवाल
गया। रात के अंधेरे में ऑफिस खोल कर लाखों रुपए के लेन-देन किए जाने का भांडाफोड़ किया गया है। जिला परिषद अध्यक्ष व पार्षद ने शुक्रवार की देर रात किया है। जिला पार्षद के अधिकारी किसी विशेष को 20 लाख रुपए से अधिक का पेमेंट करने जा रहे थे। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई थी।
खास बात यह कि जिसे पेमेंट किया जाना था, उसकी पेमेंट पर हाईकोर्ट की रोक लगी है। ऐसा जिला परिषद अध्यक्ष नैना देवी का कहना है।
जिला परिषद अध्यक्ष नैना देवी का कहना है कि आफिस का समय दिन में होता है न की रात में। रात के समय आफिस खोलकर पेमेंट निर्गत किया जाना गलत किए जाने की ओर इशारा कर रहा है। ऐसी कौन सी जरूर आनी पड़ी की अधिकारियों को रात में ही पेमेंट करना आवश्यक हो गया था।
उन्होंने कहा कि यहां जब हमलोग पहुंचे तो पेमेंट किये जाने की कार्रवाई को रोक दिया गया। पूछताछ में पता चला कि 20 लाख रुपए का पेमेंट किया जाना था।पेमेंट जेई सुबोध कुमार को किया जाना था। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश हाईकोर्ट का आ चुका है। बावजूद इसके जेई को पेमेंट किया जा रहा था। यह पूरी तरह से गलत है। ऐसे अधिकारियों को यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है।
वहीं जिला परिषद सदस्य स्वेता यादव ने कहा कि यहां दुनिया का हर सरकारी आफिस दिन में खुलता है और सारे काम उसी समय होते हैं। लेकिन यहां उलटी गंगा बह रही थी। रात में ऑफिस खोलकर जिला परिषद के अधिकारी लाखों रुपए के लेन-देन करने में जुटे थे। हमलोगों के पहुंचने से मामला रुक गया। उन्होंने कहा कि पार्षद के लिए विभाग के पास धन नहीं है और रात में चोरी से पेमेंट किए जाने के लिए विभाग के पैसे हैं। यही नहीं पेमेंट उसे किया जा रहा है जिसके खिलाफ हाईकोर्ट का आदेश है।
वहीं डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर दुष्यंत सिंह का कहना है कि पेमेंट किया नहीं गया है। अभी तो कागजी कार्रवाई ही कि जा रही थी। जांच पड़ताल के बाद ही पेमेंट की कार्रवाई की जाती है।
रिपोर्ट: मनीष कुमार।
Jul 20 2024, 18:24