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सोनभद्र: चकबंदी पूरी हुई नहीं, बांटने लगे चक परिवर्तन का फॉर्म, ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का लगाया आरोप

विकास कुमार अग्रहरि, सोनभद्र। घोरावल ब्लॉक के भैंसवर गांव में चकबंदी प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर गांव में चौपाल लगाकर समस्याओं को निस्तारित करने की मांग की। एसडीएम राजेश कुमार सिंह को ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। तहसील परिसर में करीब 200 की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने करीब एक घंटे तक जोरदार तरीके से प्रदर्शन केग। कहा कि गांव में फॉर्म 35 बांटा जा रहा है, जे चक परिवर्तन के लिए होता है। जब गांव में चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई तो फॉर्म 35 बाटने का क्या चित्य है। अभी तक पूरे गांव की नापी नहीं की गई केबल एक भाग को ही नापा गया है।

बावजूद अधिकारी चक परिवर्तन का फॉर्म बांटने लगे। प्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों को 15 जुलाई तक पूरे गांव की नापी करके डीडीसी और एसओसी को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन नापी तो की नहीं गई और अधिकारी आगे की प्रक्रिया में कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से कार्य करने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों ने मांग किया कि गांव की चकबंदी प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को सही ढंग से निस्तारित करने के लिए गांव में स्थित बचनार देव के पास खुले में एसडीएम की निगरानी में प्रक्रिया पूर्ण की जाय।

एसडीएम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है।

ग्रामीण मौके पर एसडीएम के चलने पर अड़े रहे। गांव में चौपल लगाकर एसडीएम ने समस्याओं को सुनने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कराया। इस अवसर पर शांति प्रकाश, बिरजू पूर्व ग्राम प्रधान संजय यादव, शिवपूजन पाल, ज्ञानेंद्र सिंह, गजेंद्र बहादुर आदि रहे।

सोनभद्र: चकबंदी पूरी हुई नहीं, बांटने लगे चक परिवर्तन का फॉर्म, ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का लगाया आरोप

विकास कुमार अग्रहरि, सोनभद्र। घोरावल ब्लॉक के भैंसवर गांव में चकबंदी प्रक्रिया के विरोध में ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर गांव में चौपाल लगाकर समस्याओं को निस्तारित करने की मांग की। एसडीएम राजेश कुमार सिंह को ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर चकबंदी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया। तहसील परिसर में करीब 200 की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने करीब एक घंटे तक जोरदार तरीके से प्रदर्शन केग। कहा कि गांव में फॉर्म 35 बांटा जा रहा है, जे चक परिवर्तन के लिए होता है। जब गांव में चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई तो फॉर्म 35 बाटने का क्या चित्य है। अभी तक पूरे गांव की नापी नहीं की गई केबल एक भाग को ही नापा गया है।

बावजूद अधिकारी चक परिवर्तन का फॉर्म बांटने लगे। प्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों को 15 जुलाई तक पूरे गांव की नापी करके डीडीसी और एसओसी को रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन नापी तो की नहीं गई और अधिकारी आगे की प्रक्रिया में कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नियत से कार्य करने में लगे हुए हैं। ग्रामीणों ने मांग किया कि गांव की चकबंदी प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को सही ढंग से निस्तारित करने के लिए गांव में स्थित बचनार देव के पास खुले में एसडीएम की निगरानी में प्रक्रिया पूर्ण की जाय।

एसडीएम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चकबंदी प्रक्रिया में उनकी कोई भूमिका नहीं होती है।

ग्रामीण मौके पर एसडीएम के चलने पर अड़े रहे। गांव में चौपल लगाकर एसडीएम ने समस्याओं को सुनने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कराया। इस अवसर पर शांति प्रकाश, बिरजू पूर्व ग्राम प्रधान संजय यादव, शिवपूजन पाल, ज्ञानेंद्र सिंह, गजेंद्र बहादुर आदि रहे।

सोनभद्र: ओबरा इंटर कॉलेज में छात्रों से की जा रही मनमानी वसूली, बढ़ रहा आक्रोश, वायरल हुआ वीडियो

सोनभद्र। जिले के ओबरा कस्बा स्थित ओबरा इंटर कॉलेज में धन वसूली को लेकर छात्रों में आक्रोश गहराने लगा है। जहां प्रवेश से लेकर नाम काटने तक में खेला होने का मामला सामने आया है। जिसका वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। छात्रों ने ओबरा इंटर कॉलेज को वसूली का गढ़  बताते हुए कई आरोप भी लगाए हैं।

छात्र नेता तथा सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक अग्रहरि ने बताया कि यहां पर छात्रों से नाम कटवाने के नाम पर भी धन उगाही किया जा रहा है साथ ही साथ कालेज में प्रवेश के नाम पर जो फीस ली गई थी नाम कटवाने के बाद वह फीस भी वापस नहीं की जा रही है। ऐसे कई छात्र और उनके अभिभावकों को पिछले दो महीना से कालेज का चक्कर काटने पर विवश होना पड़ा है, लेकिन कॉलेज प्रशासन मौन साधा हुआ है।


बताते चलें कि बड़े स्तर पर ग्रामीण और जनजाति बच्चों के साथ शोषण किया जा रहा है।  जिसकी और ना तो किसी का ध्यान जा रहा है और ना ही कोई इन छात्रों की फरियाद को सुनने वाला है। कॉलेज प्रशासन की मनमानी पर कॉलेज के उच्च अधिकारी भी ध्यान देने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।
सोनभद्र : बाबा भूतेश्वर दरबार में भोजपुरी फिल्म के सावन गीतों की हुई शूटिंग, देखने के लिए उमड़े लोग


विकास कुमार अग्रहरि ,सोनभद्र। जिले की हरी भरी वादियां, जंगल और पहाड़ महज़ सैलानियों को ही नहीं लुभाते हैं, बल्कि यह हिन्दी और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोगों के लिए भी मुफीद बने हुए हैं।

पिछले कुछ दिनों से जिले के ओबरा नगर स्थित ओबरा थर्मल पॉवर प्लांट कालोनी स्थित पहाड़ पर बाबा भूतेश्वर दरबार में भोजपुरी फिल्म की शुटिंग देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही हैं। भोजपुरी सावन गीत की शूटिंग कॉम्प्लिट दीपक कुमार सुर संग्रामा फेम महुआ टीवी गायक और उनकी पूरी टीम जिसमें मनीष गुप्ता, साक्षी शर्मा, दिलीप गुप्ता और उनकी झांकी की टीम, कैमरामैन ओपी शर्मा इत्यादि शामिल हैं ने भूतेश्वर दरबार पहाड़ी पर अलग-अलग शाट लेते हुए फिल्मांकन किया।

बताया गया कि दोनों सावन के भजन गीत जेड सीरीज कंपनी से सुनने को मिलेंगे। बाबा भूतेश्वर दरबार पहाड़ी फिल्म यूनिट के लिए बेहतर प्लेस रहा, सो सावन गीतों की रिकार्डिंग करने के साथ अलग-अलग रील तैयार किए गए। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
सोनभद्र : रात के अंधेरे में फल फूल रहा बालू का अवैध खनन
विकास कुमार अग्रहरी, सोनभद्र। जिले के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के अमवार क्षेत्र में बालू का अवैध खनन इन दिनों ट्रैक्टर के माध्यम से धड़ले के साथ किया जा रहा है वह भी रात के अंधेरे में, ताकि किसी को इसकी भनक न होने पाएं। मजे की बात है कि संबंधित अधिकारी हाथ पर हाथ रख कर बैठे हुए है। सूत्रों की माने तो कनहर नदी से रात के अंधेरे में बड़े धड़ल्ले के साथ अवैध खनन को अंजाम देकर इससे जुड़े लोग मालामाल हो रहे हैं।

बालू माफिया रात को नदी से बालू निकाल कर ऊंचे दामों पर बेखौफ बेच रहे हैं। इससे संबंधित अधिकारी भी मालामाल हो रहे हैं। बताया जाता है कि रात के अंधेरे में बालू माफिया के द्वारा नदी में ट्रैक्टर लगाकर बालू निकालकर ऊंचे दामों पर बेचे जा रहे हैं। बताया जाता है कि बालू माफिया ट्रैक्टर के माध्यम से अमवार और कोरची क्षेत्र से रात में अवैध खनन कर बेच रहे हैं और डंप कर रहे हैं। लोगों ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि ऐसे खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए नदी से हो रहे अवैध खनन को रोका जाएं।

सोनभद्र : 13 वर्षो से बनने की आस में है तेलगुड़वा से लेकर कोन तक की सड़क, चलाया जा रहा है आंदोलन

विकास कुमार अग्रहरि ,सोनभद्र। इसे विडंबना नहीं तो और क्या कहेंगे कि एक तरफ जहां लोग चांद पर बसने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर आदिवासी जिले के तेलगुड़वा से लेकर कोन तक की रोड 13 वर्षों से बनी ही नहीं है। जहां  लाखों लोगों का आवागमन है। हद तो यह है कि ग्रामीण सांसद विधायक से लगाय जिला प्रशासन को भी अवगत कराते हुए आएं हैं लेकिन अभी तक किसी ने भी इस झांकना मुनासिब नहीं समझा है। तकरीबन एक दशक से ज्यादा समय से सड़क का ना बनना जहां सरकार की छवि खराब करने का काम कर रहा है तो वहीं जनप्रतिनिधियों की उपेक्षात्मक रवैए को भी दर्शा रहा है।

ग्रामीणों की मानें तो इन क्षेत्रों में लगातार बालू  खनन का कार्य होता रहा है 10 किलोमीटर दूरी पर ग्राम पंचायत बिल्ली-मारकुंडी और डाला में पत्थर खनन होता है‌ इन सभी का जिला खनिज निधि में अरबो रुपए बेकार में पड़ा हुआ है अगर इस खनिज निधि से ही उक्त रोड बना दिया जाए तो लोगों को सड़क की सुलभता हो जाए। यह रोड लगभग 35 किलोमीटर की है जिसमें से 5 से 7 किलोमीटर की रोड  बन चुकी है। लगभग 25 से 27 किलोमीटर दूरी के रोड का बनना बाकी है। सोनभद्र के जिला खनिज नीधि में अरबों रुपए रखे हुए हैं। यह रोड झारखंड प्रदेश से भी मिलती है। इतने सब के बाद भी यह रोड नहीं बन पा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में उपजिलाधिकारी को पत्र दिया गया था। 7 जुलाई 2024 को राष्ट्रीय नवनिर्माण सेना द्वारा तेलगुड़वा से लेकर कोन तक की रोड बनाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया।

चेतावनी दी गई है कि यह रोड जब तक नहीं  बनेगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा और 7 जुलाई 2024 को प्रथम चरण में तेलगुड़वा में हस्ताक्षर अभियान का शुभारम्भ भी कर दिया गया है। 14 जुलाई 2024 को कोन में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया जिसमें सैकड़ो लोगों ने अपना समर्थन देते हुए हस्ताक्षर किया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यह रोड अगर नहीं बनाई गई तो आने वाले दिनों में एक बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा।

जिसमें भूख  हड़ताल, धरना प्रदर्शन होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। इस दौरान सेना के नेताओ ने बताया कि आम आदमी को उसका अधिकार दिलाना ही राष्ट्रीय नवनिर्माण सेना का उद्देश्य है। इसके लिए वह संघर्ष जारी रखेंगे।
सोनभद्र: 24 घंटे के भीतर ओबरा थर्मल पावर की दो इकाइयां बंद, यूपी के कई इलाकों में आपात बिजली कटौती
सोनभद्र। ओबरा तापीय परियोजना की पहली इकाई बंद होने के बाद चौबीस घंटे के अंदर दूसरी परियोजना भी तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गई। इससे कई इलाकों में बिजली संकट उत्पन्न हो गया। पिछले चौबीस घंटे के भीतर ओबरा तापीय परियोजना की दो इकाइयां बंद हो गईं। इकाइयों के बंद होने से सूबे के अलग-अलग हिस्सों में हुई आपात बिजली कटौती से लोगों को उमस भरी गर्मी में काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी है।

सोमवार दोपहर एक बजे ब्वायलर ट्यूब लीकेज के कारण ओबरा तापीय परियोजना की तेरहवीं इकाई बंद करनी पड़ी। इकाई के बंद होने के बाद अभियंताओं ने लीकेज को दूर कर इकाई को पुनः लाइटअप करने का प्रयास युद्धस्तर पर शुरू कर दिया, लेकिन अगले 20 घंटों में ही बुधवार सुबह लगभग आठ बजे परियोजना की बारहवीं इकाई भी तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गयी। इससे कई स्थानों पर हुई बिजली कटौती से सूबेवासियों को काफी समस्या उठानी पड़ी।चौबीस घंटों के भीतर दो इकाइयों के बंद होने पर प्रबंधन ने इकाइयों को जल्द से जल्द चालू करने का प्रयास शुरू कर दिया। जिनसे जल्द ही उत्पादन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। दोपहर तक परियोजना के ''ब'' ताप विद्युत गृह की उत्पानरत नौवीं इकाई से 139 मेगावाट, दसवीं इकाई से 151 मेगावाट और ग्यारहवीं इकाई से 81 मेगावाट उत्पादन होने के साथ ही ओबरा ''सी'' परियोजना की पहली इकाई से 405 मेगावाट उत्पादन हो रहा था।
सोनभद्र : ओबरा में प्रदेश का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्लांट, बावजूद इसके नगर की जनता बिजली को तरसे

विकाश कुमार अग्रहरी

सोनभद्र। सुनने में विचित्र किन्तु सत्य है, कि जुलाई माह प्रारंभ होते ही नगरवासियों को अनियंत्रित उटपटांग विधुत कटौती का कष्टदायक सामना करना पड़ रहा है। सुबह ठीक 5 बजे तथा दोपहर 1 बजे उमस भरे मौसम में लाइन काट दी जाती है। कब आएगी भगवान जाने। फाल्ट के कारण दिनरात मिलाकर कई बार बिजली आती जाती है यों कहें कि कभी खुशी कभी गम प्रदान करती है।

उमस और गर्मी से बेहाल गरीब से लोग नींद पूरी न होने से बीमार पड़ रहे हैं। सुबह की कटौती कोढ़ में खाज पैदा कर रही है।पहाड़ होने के कारण जहरीले जन्तु निकलते रहते हैं, लोगों को अंधेरे में जान जोखिम में डालकर शौचालय जाना पड़ता हैं। योगी जी की संवेदनशील जनहित के लिए समर्पित सरकार में षड्यंत्र के तहत विपरीत मौसम में आराम के समय विधुत कटौती का ऊटपटांग रोस्टर तैयार किया गया है। पहले भी तहसील मुख्यालय ओबरा में सुबह 8 से 9 व 4 से 7 बजे कटौती होती थी।

समझ से परे ओबरा विधुत राजधानी है, किसी सरकार में नगर में सुबह के समय एवं भरी दोपहर में कटौती नहीं होती थी।जनता-जनार्दन के कष्टदायक पीड़ा को देखते हुए पावर प्लांट के 5 किलोमीटर के दायरे को कटौती मुक्त किया जाए। अनाप-शनाप जनहित के विपरीत नियम बनाने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए। जनहित के विपरीत कार्य जनता-जनार्दन को परेशान एवं दुखी करते,सरकार के अस्तित्व को नुकसान पहुंचाते हैं। इस संवेदनशील समस्या पर सभी नेता मौन क्यों हैं ,एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।

सोनभद्र: संदिग्धावस्था में नाबालिका की हुई मौत,शव दफनाने के बाद मिले साक्ष्य के आधार पर पोस्टमार्टम जांच किये जाने की पिता ने की मांग

विकाश कुमार अग्रहरी

सोनभद्र। जिले के चोपन थाना क्षेत्र में एक नाबालिका की संदिग्धावस्था में हुई मौत पुलिस के लिए गले की हड्डी बन गई है। बालिका के पिता ने पोस्टमार्टम करते हुए कार्रवाई की मांग की है। चोपन थाना अंतर्गत ग्राम बरदिया निवासी राजेन्द्र पुत्र बालरूप ने बताया की उनकी पुत्री की तबियत 13 जुलाई 2024 रात करीब 8 बजे खराब हो गई थी।

उसके मुंह से झाग निकल रहा था जिस पर उसे घबराकर चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये। जहां डॉक्टर ने स्थिति नाजुक देखकर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। जहां पहुंचने पर बालिका को भर्ती करने में हिला-हवाली करने लगे थे और तो और न तो ईलाज कर रहे थें। और न ही कुछ बता रहे थे न ही बालिका की हालत को देखते हुए गंभीर थे। परिणामस्वरूप कुछ समय बाद उनकी पुत्री को मृत घोषित कर दिया गया।

पीड़ित पिता ने आरोप लगाया है कि समय रहते यदि उनकी पुत्री का समय रहते उपचार किया गया होता तो उसे बचाया जा सकता था। मृत पुत्री को लेकर वह अपने घर आ गया। इसके पश्चात नाबालिग होने के कारण परिवार के अन्य सदस्यों के सलाह मशविरा करके मिट्टी में दफना दिया। दूसरे दिन 14 जुलाई 2024 को पुत्री के कमरे की सफाई के दौरान एक मोबाइल मिला जिसमे घर के पास रहने वाले एक लड़के से बातचीत के सम्बन्ध में साक्ष्य मिले हैं और यह भी पता चला कि तबियत खराब होने के पहले तक उनकी लड़की उस लड़के से बातचीत की थी।

पिता राजेंद्र को यह सम्पूर्ण विश्वास है कि उनकी लड़की और उस लड़के के बीच कुछ ऐसी बातचीत हुई जिसकी वजह से उनकी पुत्री ने जहर खा लिया है। इसकी प्रमाणिकता बिना पोस्टमार्टम कराए संभव नही है। पीड़ित पिता राजेंद्र ने पुलिस अधीक्षक सोनभद्र से मांग किया की मामले को संज्ञान में लेते हुए निर्णय ले कर हुए उक्त घटना कि सूचना दर्ज कर बिना समय गंवाए दफनायें गये शव को बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम कराई जाएं। दूसरी ओर मामला संज्ञान मे आते ही पुलिस अधीक्षक सोनभद्र ने प्रकरण के सम्बन्ध में प्रभारी निरीक्षक चोपन को मृतका के परिजनों से संपर्क कर तद्नुसार परिस्थितिजन्य यथोचित कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया हैं।

सोनभद्र : कनहर डैम के सभी 16 फाटक खुले ,लगी सैलानियों की भीड़

विकास कुमार अग्रहरि

सोनभद्र। जिले के दुद्धी तहसील के अमवार स्थित कनहर डैम के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। सभी फाटकों से पूरे वेग से पानी निकाला जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में रुक-रुक कर हो रही बरसात से कनहर व पांगन नदी उफान पर है, जिससे कनहर बांध के जलस्तर में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। पानी रविवार की सुबह 8 बजे 251.9 मीटर के लेबल पर था जो 12 बजे दोपहर तक 253.2 के लेबल पर पहुंच गया। सोमवार को भी लेबल बढ़ता रहा है।

सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर डूब क्षेत्र में भयावह स्थिति से निपटने के लिए बांध के सभी 16 फाटक खोल दिये गए हैं।कनहर डैम के सभी फाटकों से पूरी वेग से पानी गिरना शुरू हो गया है। वहीं बांध के निचले हिस्से में अमवार से कुदरी जाने वाला अस्थाई रपटा भी बह गया है जिससे आवागमन भी प्रभावित हो गया है।

लोगों को नदी के उस पार जाने वाले ग्रामीणों को अब 45-50 किमी घूम कर जाना पड़ रहा है। बांध से गिर रहे जलप्रपात को निहारने के लिए सैलानियों की भीड़ उमड़ने लगी है।