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क्या राष्ट्रपति चुनाव की रेस से बाहर होंगे बाइडन? जल्द ले सकते हैं बड़ा फैसला

#joe_biden_expected_to_major_announcement_on_us_president_race 

अमेरिका में पिछले कई महीनों से नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति पद के चुनावों को लेकर हलचल मची हुई है। इसी बीच खबर आ रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो सकते हैं।माना जा रहा है कि वह जल्द ही चुनावी रेस से हटने का फैसला ले सकते हैं। बाइडन पर उनकी पार्टी के कई सीनियर नेताओं की ओर से चुनावी मैदान से हटने का दबाव डाला जा रहा है। बता दें कि पूर्व डोनाल्ड ट्रंप में हुए जानलेवा हमले के बाद बाइडन प्रशासन की मुश्किलें और भी बढ़ गईं हैं। पूरे देश को ट्रंप को बंपर समर्थन और सहानुभूति मिल रही है।

कुछ दिनों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद से उन पर चुनावी रेस से बाहर निकलने का दबाव बनाया जा रहा है। हाल ही में इस बाइडेन के चुनावी रेस से बाहर निकलने की खबर में बहुत तेजी आ गई है और अब कहा जा रहा है कि बाइडेन इस चुनाव से हटने को लेकर कभी भी फैसला कर सकते हैं, यहां तक कि बाइडेन के टीम से जुड़े एक सोर्स ने कहा है कि इस बात का ऐलान इस रविवार यानी 21 जुलाई को ही हो सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइडन के कई करीबी लोगों ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को भी अब लगने लगा है कि वह नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत नहीं पाएंगे। ऐसे में उन्हें अपनी पार्टी के कई सदस्यों के भारी दबाव के आगे झुकते हुए दौड़ से बाहर होना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रेसिडेंशियल डिबेट में खराब प्रदर्शन, खराब सेहत और प्रतिद्वंद्वी ट्रंप पर गोली चलने के बाद कई डेमोक्रेटिक नेताओं ने सुझाव दिया है कि बाइडन अपनी उम्मीदवारी छोड़ दें। बाइडन को राष्ट्रपति पद की रेस छोड़ने के लिए कहने वालों में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, पूर्व हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी और चक शूमर जैसे डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष नेता शामिल हैं।

अधिकांश मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बाइडन की फिर से चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर घोषणा मिल्वौकी में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के समापन के बाद हो सकती है। हालांकि, यह भी बताया जा रहा है कि उनके करीबी लोगों में से एक ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति ने अपनी बात पर अडिग हैं कि वे ही राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने अभी तक दौड़ से बाहर होने का मन नहीं बनाया है। कुछ भी उन्हें इस रेस से बाहर नहीं कर सकता।

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में खराबी, भारत और अमेरिका समेत दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंकिग समेत कई सेवाएं प्रभावित

#microsoft_reports_major_service_outage_affecting_users_worldwide_airlines 

आज दुनियाभर के तमाम कंप्यूटर और लैपटॉप अचानक बंद पड़ गए हैं। इसके चलते तमाम विमान कंपनियों, माडिया हाउस और बैंक का कामकाज ठप पड़ गया है। देश और दुनिया में सर्वर ठप से हाहाकार मच गया है। माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में आई समस्या के चलते ऐसा हो रहा है। माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस के ठप होने के कारण भारत और अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों की एयरलाइंस प्रभावित हुई हैं। कई एयरलाइंस कंपनियों की फ्लाइट कैंसिल हुई हैं। इस आउटेज के कारण फ्लाइट बुकिंग, कैंसिलेशन से लेकर चेक-इन तक की सेवाएं प्रभावित हुईं हैं। 

माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि वो इस समस्या की जांच कर रहे हैं जिसके कारण उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऐप्स और सेवाओं तक पहुंचने में परेशानी हो रही है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया था जिसके बाद MS विंडोज पर चलने वाले सभी कंप्यूटर्स और लैपटॉप अचानक क्रैश कर रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में आई दिक्कत की वजह से अन्य सेवाओं पर भी असर पड़ा है। लोगों को माइक्रोसॉफ्ट 360, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट टीम, माइक्रोसॉफ्ट Azure, माइक्रोसॉफ्ट स्टोर और माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड-पावर्ड सर्विस के इस्तेमाल में दिक्कत हो रही है। 74% यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट स्टोर में लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं 36% यूजर्स को ऐप में प्रॉब्लम आ रही है।

दिल्ली एयरपोर्ट की तरफ से जानकारी दी गई है कि दिल्ली एयरपोर्ट में चेक इन का काम मैन्युअल मॉड से हो रहा है। सर्वर ठप का बहुत ज्यादा असर नहीं है लेकिन काम धीरे-धीरे हो रहे हैं। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 की तुलना में t2 टर्मिनल पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है।बताया जा रहा है कि जो भी कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर हैं, उनके कामों पर असर पड़ रहा है।

माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में गड़बड़ी की वजह से अमेरिका की फ्रंटियर एयरलाइन सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। फ्रंटियर एयरलाइन ने बयान जारी कर कहा है कि सर्वर में आई समस्या की वजह से 131 फ्लाइट रद्द कर दी गई है। 200 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई है। इस गड़बड़ी के चलत अमेरिकी इमरजेंसी सर्विस भी प्रभावित हुई है।

चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस दुर्घटना पर राहुल गांधी ने सरकार को घेरा, कुप्रबंधन और उपेक्षा को ठहराया जिम्मेदार

#dibrugarh_express_accident_rahul_gandhi_target_govt_for_mismanagement

उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुए रेल हादसे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दुख जताया है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्य में सहयोग की अपील की। साथ ही हादसे के लिए सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद ने रेल हादसे को सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा बताया।बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से डिब्रूगढ़ जा रही एक ट्रेन के आठ डिब्बे मोतीगंज तथा झिलाही रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी से उतर गये। इस घटना में 3 यात्रियों की मौत हो गयी तथा 30 अन्य घायल हो गये।

नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, उत्तर प्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतरने से कई यात्रियों की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि वे राहत एवं बचाव कार्यों में हर संभव सहायता प्रदान करें।

कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं अत्यंत चिंताजनक हैं और सरकार के कुप्रबंधन और उपेक्षा का परिणाम है। राहुल गांधी ने कहा, लगातार हो रही रेल दुर्घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं और ये सरकार के कुप्रबंधन और लापरवाही का नतीजा हैं। कुछ दिन पहले लोको पायलटों से हुई चर्चा और हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं पर रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट से भी यह बात स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा, सरकार को तत्काल इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और यात्रियों की सुरक्षा तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए अपनी रणनीति देश को बतानी चाहिए।

बता दें कि यूपी के गोंडा में गुरुवार को चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह हादसा बुधवार दोपहर करीब 2.35 बजे हुआ। हादसे में तीन यात्रियों की मौत हो गई, जबकि करीब 30 लोग घायल हो गए। यह दुर्घटना उत्तर प्रदेश के गोंडा और झिलाही के बीच स्थित पिकौरा में हुई। गोंडा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। दुर्घटना के कारण कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को घटनास्थल पर पहुंचने और तुरंत राहत उपायों में तेजी लाने का निर्देश दिया था। यूपी के सीएम ने जिला प्रशासन को घायलों का उचित इलाज करने का आदेश दिया है।

*बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन तेज, हिंसा में 39 लोगों की मौत

#bangladesh_violence_student_protest_against_reservation

नौकरी में आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे बांग्लादेश के छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया है। सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका समेत अन्य जगहों पर हिंसा भड़क गई है। जिसमें अब तक 39 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 2,500 से अधिक लोग घायल हो गए। 

ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने ढाका के रामपुरा इलाके में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन भवन की घेराबंदी कर दी और इसके अगले हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही वहां खड़े अनेक वाहनों को आग लगा दी। इससे वहां पत्रकारों सहित कई कर्मचारी फंस गए। दरअसल एक दिन पहले यानी बुधवार को ही बांग्लादेश के सरकारी टीवी बीटीवी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना का इंटरव्यू लिया था। 

स्कूल-कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद

बढ़ती हिंसा के कारण अधिकारियों को गुरुवार दोपहर से ढाका आने-जाने वाली रेलवे सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा। आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को विफल करने के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है। शेख हसीना सरकार ने हिंसा को देखते हुए देश के सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही हालात को काबू करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही राजधानी सहित देश भर में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया गया है। 

बांग्लादेश मे बवाल की वजह

बांग्लादेश को साल 1971 में आजादी मिली थी। आजादी के बाद से ही बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था लागू है। इसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को 30 प्रतिशत, देश के पिछड़े जिलों के युवाओं को 10 प्रतिशत, महिलाओं को 10 प्रतिशत, अल्पसंख्यकों के लिए 5 प्रतिशत और दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। इस तरह बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 56 प्रतिशत आरक्षण था। साल 2018 में बांग्लादेश के युवाओं ने इस आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन किया। कई महीने तक चले प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश सरकार ने आरक्षण खत्म करने का एलान किया। 

बीते महीने 5 जून को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने देश में फिर से आरक्षण की पुरानी व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया। शेख हसीना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील भी की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को बरकरार रखा। इससे छात्र नाराज हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों से शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन अब बढ़ते-बढ़ते हिंसा में तब्दील हो गया है।

मनुष्य सुपरमैन बनना चाहता है, इसके बाद देवता फिर भगवान”, भागवत के इस बयान ने कांग्रेस को कर दिया खुश

#congress_jabs_pm_modi_over_rss_chief_mohan_bhagwat_bhagwan_remark

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में ऐसा बयान दिया, जिससे सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि आत्म-विकास करते समय एक मनुष्य सुपरमैन बनना चाहता है, इसके बाद वह देवता और फिर भगवान बनना चाहता है और विश्वरूप की भी आकांक्षा रखता है लेकिन वहां से आगे भी कुछ है क्या, यह कोई नहीं जानता है। मोहन भागवत के इस बयान ने कांग्रेस को खुश कर दिया है। कांग्रेस का दावा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत की हाल की टिप्पणी पीएम की आलोचना करती है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में एक गैर लाभाकारी संगठन द्वारा आयोजित ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता बैठक को संबोधित किया। आरएसएस सरसंघचालक ने कहा कि प्रगति का कभी कोई अंत होता। जब हम अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं, तो हम देखते हैं कि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि एक आदमी सुपरमैन बनना चाहता है, फिर एक देव और फिर भगवान। आंतरिक और बाह्य दोनों ही प्रकार के विकासों का कोई अंत नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है। बहुत कुछ किया जा चुका है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है।मोहन भागवत ने आगे कहा कि लोगों को मानव जाति के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए, क्योंकि विकास और मानव महत्वकांक्षा का कोई अंत नहीं है।

मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस को बैठे बिठाए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसने का मौका मिल गया है। कांग्रेस ने संघ प्रमुख के बयान के आधार पर पीएम मोदी पर 'नॉन-बायोलॉजिकल पीएम' वाले अपने तंज को धार दी है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। 

कांग्रेस नेता ने एक्स पर पोस्ट किया,"मुझे यकीन है कि स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इस ताज़ा अग्नि मिसाइल की ख़बर मिल गई होगी, जिसे नागपुर ने झारखंड से लोक कल्याण मार्ग को निशाना बनाकर दागा है।"

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कथित तौर पर कहा था कि वह 'बायोलॉजिकल नहीं बल्कि भगवान द्वारा भेजे गए है।'पीएम मोदी ने कहा था, 'जब तक मेरी मां जीवित थीं, मुझे लगता था कि मैं बायोलॉजिकली रूप से पैदा हुआ हूं।उनके निधन के बाद, जब मैं अपने अनुभवों को देखता हूं, तो मुझे यकीन हो जाता है कि मुझे भगवान ने भेजा है। यह ताकत मेरे शरीर से नहीं है। यह मुझे भगवान ने दी है। इसलिए भगवान ने मुझे ऐसा करने की क्षमता, शक्ति, शुद्ध हृदय और प्रेरणा भी दी है। मैं भगवान द्वारा भेजा गया एक इंस्ट्रूमेंट मात्र हूं।' 

भागवत के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में चर्चा फिर शुरू हो गई कि क्या आरएसएस और बीजेपी में वैचारिक टकराव तेज हो गया है। जिस तरह से मोहन भागवत ने सुपरमैन, भगवान बनने जैसे कमेंट किए, ऐसी अटकलें लग रही कि प्रधानमंत्री और बीजेपी के वैचारिक स्रोत में टकराव की स्थिति है। मोहन भागवत के कमेंट को कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज के तौर पर ही पेश किया है।

मनुष्य सुपरमैन बनना चाहता है, इसके बाद देवता फिर भगवान”, भागवत के इस बयान ने कांग्रेस को कर दिया खुश
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में ऐसा बयान दिया, जिससे सियासी पारा चढ़ता दिख रहा है। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को कहा कि आत्म-विकास करते समय एक मनुष्य सुपरमैन बनना चाहता है, इसके बाद वह देवता और फिर भगवान बनना चाहता है और विश्वरूप की भी आकांक्षा रखता है लेकिन वहां से आगे भी कुछ है क्या, यह कोई नहीं जानता है। मोहन भागवत के इस बयान ने कांग्रेस को खुश कर दिया है। कांग्रेस का दावा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत की हाल की टिप्पणी पीएम की आलोचना करती है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में एक गैर लाभाकारी संगठन द्वारा आयोजित ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता बैठक को संबोधित किया। आरएसएस सरसंघचालक ने कहा कि प्रगति का कभी कोई अंत होता। जब हम अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं, तो हम देखते हैं कि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि एक आदमी सुपरमैन बनना चाहता है, फिर एक देव और फिर भगवान। आंतरिक और बाह्य दोनों ही प्रकार के विकासों का कोई अंत नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है। बहुत कुछ किया जा चुका है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है।मोहन भागवत ने आगे कहा कि लोगों को मानव जाति के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए, क्योंकि विकास और मानव महत्वकांक्षा का कोई अंत नहीं है। मोहन भागवत के बयान पर कांग्रेस को बैठे बिठाए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज कसने का मौका मिल गया है। कांग्रेस ने संघ प्रमुख के बयान के आधार पर पीएम मोदी पर 'नॉन-बायोलॉजिकल पीएम' वाले अपने तंज को धार दी है। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने एक्स पर पोस्ट किया,"मुझे यकीन है कि स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इस ताज़ा अग्नि मिसाइल की ख़बर मिल गई होगी, जिसे नागपुर ने झारखंड से लोक कल्याण मार्ग को निशाना बनाकर दागा है।" बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कथित तौर पर कहा था कि वह 'बायोलॉजिकल नहीं बल्कि भगवान द्वारा भेजे गए है।'पीएम मोदी ने कहा था, 'जब तक मेरी मां जीवित थीं, मुझे लगता था कि मैं बायोलॉजिकली रूप से पैदा हुआ हूं।उनके निधन के बाद, जब मैं अपने अनुभवों को देखता हूं, तो मुझे यकीन हो जाता है कि मुझे भगवान ने भेजा है। यह ताकत मेरे शरीर से नहीं है। यह मुझे भगवान ने दी है। इसलिए भगवान ने मुझे ऐसा करने की क्षमता, शक्ति, शुद्ध हृदय और प्रेरणा भी दी है। मैं भगवान द्वारा भेजा गया एक इंस्ट्रूमेंट मात्र हूं।' भागवत के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में चर्चा फिर शुरू हो गई कि क्या आरएसएस और बीजेपी में वैचारिक टकराव तेज हो गया है। जिस तरह से मोहन भागवत ने सुपरमैन, भगवान बनने जैसे कमेंट किए, ऐसी अटकलें लग रही कि प्रधानमंत्री और बीजेपी के वैचारिक स्रोत में टकराव की स्थिति है। मोहन भागवत के कमेंट को कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज के तौर पर ही पेश किया है।
ट्रिगर दबाने वाली थीं आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां, पुणे पुलिस ने कोर्ट को बताई ये गंभीर बातें....

आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के खिलाफ एफआईआर में आईपीसी की धारा 307 जोड़ने को उचित ठहराते हुए, पुणे पुलिस ने गुरुवार को महाराष्ट्र की एक अदालत को बताया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के सिर पर बंदूक तान दी थी। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अभियोक्ता ने अदालत को बताया कि जब वह ट्रिगर दबाने वाली थीं, तो शिकायतकर्ता डर के मारे झुक गईं, जबकि अन्य आरोपियों ने उन्हें रोक लिया।

भूमि विवाद मामले में मनोरमा खेडकर की पांच दिनों की हिरासत की मांग करते हुए, पुणे पुलिस ने उन्हें, उनके पति दिलीप और तीन अन्य लोगों को, जिन्हें एफआईआर में आरोपी के रूप में दिखाया गया है, “प्रभावशाली और राजनीतिक रूप से सक्रिय” व्यक्ति बताया, पौड की अदालत ने उन्हें 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। इससे पहले गुरुवार को पुणे ग्रामीण पुलिस ने रायगढ़ जिले के महाड में एक लॉज से मनोरमा खेडकर को हिरासत में लिया और गिरफ्तार करने से पहले पौड पुलिस स्टेशन ले आई, पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने पहले बताया था।

धडवली के 65 वर्षीय किसान पंढरीनाथ पासलकर ने मनोरमा खेडकर, उनके पति दिलीपराव खेडकर और कई अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323, 504, 506, 143, 144, 147, 148 और 149 और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुणे ग्रामीण पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) भी लगाई है।

पुलिस ने मनोरमा और दिलीप खेडकर की तलाश शुरू की थी, जब एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह 2023 में पुणे के मुलशी तहसील के धडवाली गांव में भूमि विवाद को लेकर कुछ लोगों को बंदूक से धमकाते हुए दिखाई दे रही थी। मनोरमा, उसके पति दिलीप और तीन अन्य पर 4 जून, 2023 को पुणे के मुलशी तहसील के धडवाली गांव में भूमि विवाद को लेकर पंढरीनाथ पासलकर को बंदूक से धमकाने का आरोप है।

पुलिस ने आरोप लगाया कि मनोरमा न तो जांचकर्ताओं के साथ सहयोग कर रही थी और न ही दिलीप खेडकर और अन्य तीन आरोपियों के ठिकाने और अपराध में इस्तेमाल की गई पिस्तौल और चार पहिया वाहन के बारे में जानकारी साझा कर रही थी।

पुलिस ने कहा कि वे हथियार जब्त करना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि पुलिस मामले में अन्य आरोपियों का पता लगाना चाहती है। बचाव पक्ष के वकील निखिल मलानी ने पुलिस हिरासत के लिए अभियोजन पक्ष की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मनोरमा ने इस मामले में शिकायतकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि उस मामले में आरोप पत्र भी दाखिल किया गया था। 

मलानी ने कहा, "मौजूदा शिकायतकर्ता (अपने खिलाफ दर्ज मामले के कारण) बैकफुट पर था। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद, वह आगे आया और अपने मुवक्किल के खिलाफ मामला दर्ज कराया।" उन्होंने तर्क दिया कि जब उनके मुवक्किल के खिलाफ पहली बार मामला दर्ज किया गया था, तो एफआईआर में सभी धाराएं गैर-जमानती थीं, लेकिन पुलिस ने 17 जुलाई को अचानक आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ दी। उन्होंने कहा कि चूंकि यह गैर-जमानती धारा है, इसलिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने अदालत को बताया कि मनोरमा के खिलाफ मामला "बाद में" दर्ज किया गया था क्योंकि यह कथित घटना के 13 महीने बाद दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा, "एफआईआर में धारा 307 (हत्या का प्रयास) के बारे में कोई वैध आशंका या तर्क नहीं है।" दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने मनोरमा को 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।

पूजा खेडकर कौन हैं और क्या विवाद है?

पूजा खेडकर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की उम्मीदवारी में विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र के बारे में अपने दावों के साथ-साथ पुणे कलेक्टर कार्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान अपने आचरण के लिए जांच के दायरे में हैं। विवाद के बीच, सरकार ने मंगलवार को पूजा खेडकर के 'जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम' को रोक दिया, जिन्हें पहले पुणे से सुपरन्यूमेरी सहायक कलेक्टर के रूप में वाशिम स्थानांतरित किया गया था, क्योंकि उन्हें "आवश्यक कार्रवाई" के लिए मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में वापस बुलाया गया था।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को पीटीआई को बताया कि पुणे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इकाई को पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर, जो एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं, के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के संबंध में खुली जांच की मांग करने वाली एक शिकायत मिली है। कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ एसीबी के नासिक डिवीजन द्वारा पहले से ही जांच चल रही है। इसलिए, भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की पुणे इकाई ने एसीबी मुख्यालय से निर्देश मांगे हैं कि या तो नई शिकायत को चल रही जांच में शामिल किया जाए या एक अलग खुली जांच की जाए।

बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन तेज, हिंसा में 39 लोगों की मौत
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नौकरी में आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे बांग्लादेश के छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया है। सरकारी नौकरियों के लिए आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान राजधानी ढाका समेत अन्य जगहों पर हिंसा भड़क गई है। जिसमें अब तक 39 लोगों की मौत हो गई। वहीं, 2,500 से अधिक लोग घायल हो गए। ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने ढाका के रामपुरा इलाके में सरकारी बांग्लादेश टेलीविजन भवन की घेराबंदी कर दी और इसके अगले हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया। साथ ही वहां खड़े अनेक वाहनों को आग लगा दी। इससे वहां पत्रकारों सहित कई कर्मचारी फंस गए। दरअसल एक दिन पहले यानी बुधवार को ही बांग्लादेश के सरकारी टीवी बीटीवी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना का इंटरव्यू लिया था। *स्कूल-कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद* बढ़ती हिंसा के कारण अधिकारियों को गुरुवार दोपहर से ढाका आने-जाने वाली रेलवे सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद करना पड़ा। आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को विफल करने के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया है। शेख हसीना सरकार ने हिंसा को देखते हुए देश के सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही हालात को काबू करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही राजधानी सहित देश भर में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया गया है। *बांग्लादेश मे बवाल की वजह* बांग्लादेश को साल 1971 में आजादी मिली थी। आजादी के बाद से ही बांग्लादेश में आरक्षण व्यवस्था लागू है। इसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को 30 प्रतिशत, देश के पिछड़े जिलों के युवाओं को 10 प्रतिशत, महिलाओं को 10 प्रतिशत, अल्पसंख्यकों के लिए 5 प्रतिशत और दिव्यांगों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। इस तरह बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 56 प्रतिशत आरक्षण था। साल 2018 में बांग्लादेश के युवाओं ने इस आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन किया। कई महीने तक चले प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश सरकार ने आरक्षण खत्म करने का एलान किया। बीते महीने 5 जून को बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने देश में फिर से आरक्षण की पुरानी व्यवस्था लागू करने का आदेश दिया। शेख हसीना सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील भी की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को बरकरार रखा। इससे छात्र नाराज हो गए और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों से शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन अब बढ़ते-बढ़ते हिंसा में तब्दील हो गया है।
श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान, टी20 में सूर्यकुमार यादव को मिली कप्तानी, जानें उपकप्तान से भी कैसे चूके पंड्या

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भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा हो गई है।सूर्यकुमार यादव को टी20 कप्तान बनाया गया है। बड़ी खबर ये है कि हार्दिक पंड्या अब टी20 टीम के उपकप्तान भी नहीं रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुभमन गिल को वनडे टीम का भी उपकप्तान बना दिया गया है। वनडे सीरीज की बात करें तो रोहित शर्मा कमान संभालेंगे।

अगर श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया को देखें तो इसमें कई अहम बदलाव हुए हैं। सिलेक्शन कमेटी ने सूर्या पर भरोसा जताया है। सूर्या को टी20 की कप्तानी मिली है। वहीं शुभमन पर भी भरोसा जताया है। उन्हें टी20 के साथ-साथ वनडे टीम का भी उपकप्तान बनाया है। सिलेक्शन से पहले चर्चा थी कि हार्दिक पांड्या और सूर्या में कप्तानी को लेकर होड़ है। लेकिन बोर्ड ने अब इन खबरों पर विराम लगा दिया है।

रोहित शर्मा की टी20 में वापसी से पहले उनको ही अमेरिका और वेस्टइंडीज की मेजबानी में हुए विश्व कप का कप्तान माना जा रहा था। चयनकर्ताओं ने रोहित पर भरोसा जताया और हार्दिक को उप कप्तान बनाकर टी20 टीम का चयन किया। विश्व कप जीतने के बाद जब रोहित शर्मा ने इस फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की तो यह मान कर चला जा रहा था कि हार्दिक को ही कप्तान बनाया जाएगा।

हालांकि, चयनकर्ताओं ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए सूर्या को कप्तान बनाया। अब इस बारे में काफी चर्चा हो रही है कि हार्दिक को कप्तान क्यों नहीं बनाया गया। इसको लेकर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के मन में हार्दिक को लेकर असहजता की भावना ने सूर्यकुमार को कप्तान बनाने में मदद की।

पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के विश्वास के कारण वोट सूर्यकुमार के पक्ष में गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीसीसीआई को जो 'फीडबैक' मिला, वह यह है कि खिलाड़ियों ने पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा किया और उनके अंदर खेलने को लेकर सहज थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो दिनों में कई घंटों तक चली चयन बैठक किसी भी अन्य बैठक के विपरीत थी, क्योंकि गर्म बहस और विचारों में मतभेद थे। उन खिलाड़ियों को कॉल किए गए, जो चयनकर्ताओं के दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल थे।

भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा

भारत की टी20 टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), यशस्वी जयसवाल, रिंकू सिंह, रियान पराग, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, रवि बिश्नोई , अर्शदीप सिंह, खलील अहमद, मोहम्मद सिराज। 

वनडे टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा।

हत्या के प्रयास के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया अपना पहला भाषण, कहा: 'ईश्वर मेरे साथ थे'

डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में मुख्य भाषण देते हुए कहा कि वे नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में "अविश्वसनीय जीत" हासिल करेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प ने रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन स्वीकार किया, जो उनकी हत्या से बच निकलने पर उत्साहित थी और जो बिडेन के पुनर्निर्वाचन अभियान के स्पष्ट विस्फोट से उत्साहित थी। मिल्वौकी में भीड़ से डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "अब से चार महीने बाद, हमें एक अविश्वसनीय जीत मिलेगी," इसके बाद उन्होंने "अमेरिका के आधे हिस्से के लिए नहीं, बल्कि पूरे अमेरिका के लिए राष्ट्रपति बनने" की कसम खाई।

पिछले सप्ताहांत एक रैली के दौरान 20 वर्षीय व्यक्ति द्वारा उन पर गोली चलाने के बाद यह डोनाल्ड ट्रम्प का पहला भाषण था, जिससे उनके एक कान में मामूली चोट आई, लेकिन एक राहगीर की मौत हो गई। डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले के अपने अनुभव का वर्णन करते हुए कहा कि हर जगह खून बह रहा था, और फिर भी, एक तरह से "मुझे बहुत सुरक्षित महसूस हुआ, क्योंकि ईश्वर मेरे साथ थे"। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "अगर मैंने आखिरी क्षण में अपना सिर नहीं हिलाया होता, तो हत्यारे की गोली बिल्कुल निशाने पर लगती और मैं आज रात आपके साथ नहीं होता।" उन्होंने कहा, "मुझे आज रात यहाँ नहीं होना चाहिए था," उन्होंने आगे कहा, "मैं केवल सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा से ही इस क्षेत्र में आपके सामने खड़ा हूँ। बहुत से लोग कहते हैं कि यह एक दैवीय क्षण था।" 

ट्रम्प ने कहा, "इस सप्ताह के सम्मेलन में जब वक्ता गोलीबारी पर चर्चा कर रहे थे, तब हमने ईश्वरीय हस्तक्षेप के कुछ संदर्भ सुने हैं, और ट्रम्प यहाँ भी इसी विषय पर बात कर रहे हैं।" ट्रम्प ने कहा, "मैं पूरे अमेरिका के लिए राष्ट्रपति बनने की दौड़ में हूँ, आधे अमेरिका के लिए नहीं, क्योंकि आधे अमेरिका के लिए जीतने में कोई जीत नहीं है," उन्होंने अभी भी अपने कान पर पट्टी बाँधी हुई थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने भीड़ से "यूएसए" के नारे के बीच मंच संभाला, जिसमें लोगों ने उनके बारे में दैवीय शब्दों में बात की। वार्म-अप एक्ट में 1980 के दशक के कुश्ती आइकन हल्क होगन की शर्ट फाड़ना और षड्यंत्र सिद्धांतकार और दूर-दराज़ मीडिया गुरु टकर कार्लसन शामिल थे, जिन्होंने ट्रम्प के बचने को एक ऐतिहासिक क्षण बताया।

कार्लसन ने कहा कि हत्या के प्रयास में, ट्रम्प "एक राष्ट्र के नेता" बन गए।

78 वर्षीय ट्रम्प ने घोटालों की झड़ी को पीछे छोड़ दिया है, बिडेन से 2020 के चुनाव में अपनी हार को पलटने का उनका अभूतपूर्व प्रयास, और मई में न्यूयॉर्क आपराधिक मुकदमे में उनके 34 गुंडागर्दी के मामले के बाद अब, जब रिपब्लिकन उनके पीछे पहले से कहीं ज़्यादा एकजुट हैं, तो वे सत्ता में वापसी को लेकर तेज़ी से उत्साहित हैं।

जो बिडेन लड़खड़ा रहे हैं

शुक्रवार को, 81 वर्षीय जो बिडेन अपनी ही डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा वापस लेने और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस या किसी अन्य उम्मीदवार के लिए रास्ता बनाने के लिए मजबूर होने के करीब थे, क्योंकि उनके लड़खड़ाते शारीरिक स्वास्थ्य के कारण नवंबर में उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है।

ट्रम्प के वरिष्ठ सलाहकार जेसन मिलर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि अगर बिडेन बाहर हो जाते हैं तो ट्रम्प के लिए "कुछ भी मौलिक रूप से नहीं बदलेगा" उनके भाषण के दौरान ट्रम्प का परिवार भी मौजूद था, उनके बेटे एरिक ने भीड़ को "लड़ो, लड़ो, लड़ो!" के नारे लगाने के लिए उकसाया

ट्रम्प की पत्नी मेलानिया, जो पूरे अभियान के दौरान ज्यादातर अनुपस्थित रही हैं, तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पहुँचीं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा - ऐसे आयोजनों में अमेरिकी राजनीतिक परंपरा से यह एक उल्लेखनीय बदलाव है ।