सरायकेला : दालग्राम में 108 कलश स्थापना के साथ नवनिर्मित शिव मन्दिर का संस्कार और शिव जी का प्राण प्रतिष्ठा पूजा का हुआ शुभारंभ।
सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के रुदिया पंचायत के दालग्राम में नवनिर्मित सार्वजनिक शिव मंदिर का संस्कार और शिव शंकर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मंदिर समिति द्वारा कलश यात्रा निकाला गया।
कलश यात्रा में दालग्राम सहित आस-पास के महिलाओं ने 108 कलश में वामनी नदी से जल उठाकर पूरे भक्तिमय वातावरण में हर-हर महादेव के जयकारे के साथ मंदिर पहुंची। जहां पुजारी पंडित के द्वारा सभी कलशों को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित करने के पश्चात मन्दिर के संस्कार के साथ प्राण प्रतिष्ठा का पूजा का शुभारंभ किया गया। वहीं मन्दिर के पूजारी ने बताया की यह पूजा अगले तीन दिनों तक चलेगी।
वहीं इस दौरान मन्दिर समिति के पदाधिकारी सहित विभिन्न गांव के सैकड़ों लोगों ने कलश यात्रा और प्राण प्रतिष्ठा पूजन में समिल्लित होकर गांव के सुख समृद्धि और शांति की कामना की। इस मौके पर चांडिल निवासी गिरीधारी कुंडू ने कहा यह अत्यंत खुशी की बात है की दालग्राम स्थित प्राचीन शिव मन्दिर का निर्माण में गांव तथा आसपास के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जिसका परिणाम आज मंदिर के निर्माण के रूप में देखने को मिला।
उन्होंने कहा इस प्रकार के धार्मिक अयोजन से वातावरण में शुद्धता आती है और जीवन के सभी कष्ट दुःख दूर होते हैं। उन्होंने मन्दिर निर्माण में अहम भुमिका निभाने वाले दालग्राम निवासी संदीप मण्डल सहित अन्य लोगों के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया। वहीं श्री कुंडू ने गांव की उन्नति और समृद्धि के लिए बाबा भोलेनाथ से हाथ जोड़कर कामना की। मौके पर शिवराम मण्डल, शंभू सिंह, सुबोध साव, समीर तंतुबाई, चुनु साव, रमेश तंतुबाई, भीमसेन मुंडा, अमित तंतुबाई, गीता तंतुबाई, मोनिका मण्डल, नमिता मुंडा सहित सैकड़ो महिलाएं व पुरुष उपस्थित होकर धार्मिक अयोजन को सफल बनाने के लिए सक्रिय रहें।











सरायकेला : जिला के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चार प्रखण्ड के ग्रामीण हाथी की आतंक से भयभीत है और दहशत में जीने पर मजबूर हैं । जिसको देखते हुए सुखराम हेंब्रम द्वारा उड़िया पंचायत के ग्रामीणों के बीच टॉर्च लाइट बड़ा और फटाके दिया गया । वन विभाग की ओर से हाथी को भागने की समुचित व्यवस्था आज विफलता देखा गया । हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्राम वासी हाथी के दहशत में जीने पर विवश हैं।
सुखराम हेम्ब्रम ने कहा कि फॉरेस्ट विभाग का लापरवाही के कारण हमारे ग्रामीणों को घर से बेघर होना पड़ रहा है ओर हमे जान भी गवाना पड़ रहा है। दलमा सेंचुरी को हर साल सरकार द्वारा लाखों ,करोड़ों फण्ड देती है, हाथियों को दलमा सेंचुरी के अंदर रखने के लिए। लेकिन हाथी आज जंगल मे ना रहकर गांव की ओर जाने में विबश हो गई है । इसका कारण है कि दलमा सेंचुरी में हाथियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं कि जा रही हैं ओर सरकार की सारे फण्ड का बन्दर बांट करके हज़म किया जा रहा है।
Jul 19 2024, 12:58
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