10 मुहर्रम पर छुरियों से मातम कर ताजियों को किया गया दफन
लहरपुर सीतापुर बुधवार 10 मोहर्रम को इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत पर शिया मुस्लिम धर्मालंबियों ने सीनाजनी कर छुरियों का मातम किया।
नगर के मोहल्ला काजी टोला स्थित इमामबाड़े में मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना हसनैन रन्नवी ने फरमाया कि कर्बला के मैदान में ज़ालिम हुकूमत के खिलाफ लड़ते हुए इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हो गए थे, कर्बला में दुनिया की पहली जंग थी जो आतंकवाद के खिलाफ इमाम हुसैन ने लड़ी थी और आज अगर इमाम हुसैन के उसूल अपना लिए जाय तो आतंकवाद को खत्म होने में देर नहीं लगेगी, क्योंकि जो मुसलमान है वो आतंकवादी नहीं हो सकता और जो आतंकवादी है वो मुसलमान नहीं हो सकता, इस्लाम हमेशा से ही आतंकवाद और ज़ुल्म के खिलाफ रहा है, मजलिस के बाद कर्बला के शहीदों की याद में इमामबाड़े सरकारें हुसैनी से एक जुलूस उठाया गया जिसमें अंजुमन लश्करे हुसैनी ने नौहाखानी और सीनाज़नी करी और फिर छुरियों का मातम भी हुआ
जिसमें सामिन अब्बास,अकमाल अब्बास,मीसम अब्बास, आकिल रिज़वी नाजिर हुसैन, अमर, तक़ी, शहनवाज़,समर, बादशाह अली, शहंशाह खां,ताज मियां, फ़राज़, ज़बीर गुलफाम, शानू रिज़वी, साहिल अब्बास,आसिर, मोजिज़, मसर्रत हुसैन, गुलाम हसन,शरफ अब्बास, मोहम्मद, आदि ने शिरकत की। जुलूस खेमकरण कालेज के पास स्थित कर्बला में ताजियों को दफन करके समाप्त हो गया। ज्ञातव्य है कि नगर क्षेत्र लहरपुर में ताजिया बृहस्पतिवार को उठा कर दफ़नाये जाते हैं।
Jul 18 2024, 16:08