बिहार में बढ़ते अपराध और गिर रहे पुलों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तकरार, दोनो के अपने-अपने दलील
डेस्क : बिहार मे इनदिनों अपराध और गिर रहे पुलों को लेकर सियासत चरम पर है। विपक्ष जहां बिहार में बीते एक महीने के अंदर दर्जन भर पुलों के धाराशायी होने और बढ़े अपराध को लेकर प्रदेश की एनडीए सरकार पर हमलावर है। वहीं सत्ता पक्ष और खासकर बीजेपी इसके लिए बार-बार विपक्षी राजद को जिम्मेवार बता रही है।
पिछले दिनों विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़े अपराध का पूरा डॉटा जारी करते हुए सरकार पर हमला बोला था। वहीं पुलों के एक के बाद एक धारासायी होने पर भी सरकार से जवाब मांगा था। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी लगातार इन मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावार है।
वहीं सत्ता पक्ष ने इसके जवाब में लगातार लालू-राबड़ी के शासन याद दिलाते हुए प्रदेश में सबकुछ ठीक-ठाक होने का दावा कर रहा है।
आइए अब आपको बताते है दोनो के आरोप-प्रत्यारोप में कितना दम है। इसके लिए सबसे पहले हम बिहार में अपराध की बात करते है। इसके लिए आपको को 2005 में लिए चलते है।
बिहार में 2005 बड़ा सत्ता परिवर्तन हुआ था। राजद के शासन का अंत होकर प्रदेश में एनडीए की सरकार बनी थी। जो बीच के कुछ समय को छोड़ दिया जाए तो लगातार बनी हुई है। दरअसल जब 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तो उन्होंने वादा किया था कि बिहार से अपराध को खत्म करके कानून व्यवस्था को लागू करेंगे। इसी वादे को आधार बनाकर उन्होंने लालू यादव परिवार के 15 साल के शासन को उखाड़ फेंका था।
यह भी सही है कि 1990 से 2005 का दौर बिहार के लिए बड़े पैमाने पर अपराध और भ्रष्टाचार का दौर रहा था। प्रदेश के कई लोगों के जेहन से अभी भी उस वक्त का खौफ नहीं निकला है। बिहार के ज्यादातर इलाकों में लोग, जिनमें गांव से लेकर शहर तक शामिल थे, अंधेरा होते ही घरों में कैद हो जाते थे। जिसकी बात तकरीबन हर सभा में सीएम नीतीश कुमार आज भी करते है।
यह सही है कि सत्ता हाथ में आते ही नीतीश कुमार ने जो जनता से वायदा किया था उसपर उन्होंने काम भी किया। कानून व्यवस्था को लेकर बिहार में स्थिति 2005 के मुकाबले काफी बेहतर हुई। पहले जहां दिन-दहाड़े अपहरण, हत्या, रंगदारी की मांग और लूट की घटना को अंजाम दिया जाता था। उसपर लगाम लग गया। अपराधियों को लगने लगा कि अब उनकी मनमानी नही चलेगी। लेकिन बीते कुछ वर्षों में एकबार फिर बिहार की स्थिति बदली है। प्रदेश में एकबार फिर से अपराध बढ़ रहा है। बालू माफियाओं और शराब माफियाओं के हौसले काफी बढ़ गए है। हत्या और लूट जैसी घटना में बढ़ोत्तरी हुई है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री व बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बढ़ते अपराध को लेकर अब सरकार पर ज्यादा हमलावर हैं। बीते दिनों उन्होंने महज एक हफ्ते के अंदर प्रदेश में हुई हत्या और लूट की घटना का पूरा ब्यौरा देते हुए सरकार पर हमला बोला था। तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा था... गोपालगंज में मां के सामने बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मधुबनी में दबंगों ने पीट-पीटकर महिला को मार डाला, मधुबनी में मजदूरी मांगने पर महिला के सिर पर वार कर हत्या कर दी,बांका जिले के चांदन प्रखंड में महिला की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी गई,जमुई में 13 साल के बच्चे की हत्या कर दी गई, बैंक डकैती तो लगातार हो रही है...यह है बिहार में डबल इंजन वाली सुशासन की सरकार।
तेजस्वी के इस हमले पर सत्ता पक्ष की ओर से पलटवार किया गया। सत्ता पक्ष ने कहा कि तेजस्वी ने अपने माता-पिता के शासनकाल को देखा नहीं है। इसलिए वे बिहार में अपराध की बात कर रहे है। बिहार में अपराध कर अपराधी बच नहीं सकते है। जो भी ऐसी घटना को अंजाम दे रहे है वे सलाखों के पीछे जा रहे है।
वहीं अब बिहार में लगातार गिर रहे पुलों पर हो रही सियासत पर नजर डालते है। बीते दिनों महज सप्ताह भर के अंदर तकरीबन दर्जन भर पुल-पुलिया धरासायी हो गए। इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला। सोशल मीडिया साइट एक्स पर राजद नेता तेजस्वी ने लिखा कि देखिए, कैसे आज
Jul 14 2024, 10:41