रूस-चीन के रिश्ते से क्यों उड़ी नाटो की नींद?
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उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देश इस वक्त अमेरिका के वाशिंगटन में हैं। नाटो की 75वीं सालगिरह पर इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है। समिट में नाटो के सदस्य देशों ने रूस और चीन के बीच गहराते संबंधों पर गहरी चिंता जाहिर की है। रूस और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों को देख नाटो की नींद उड़ गई है।नाटो नेताओं ने बुधवार (10 जुलाई) को चीन को यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध में "निर्णायक समर्थक" करार दिया और उस पर मॉस्को के हमले में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया।
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन में अपने शिखर सम्मेलन से साझा किए गए एक घोषणापत्र में, नाटो नेताओं ने रूस के साथ चीन के गहरे होते संबंधों पर "गहरी चिंता" व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चीन रक्षा औद्योगिक आधार के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन के माध्यम से यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का निर्णायक समर्थक बन गया है।"
नाटो ने अपने वाशिंगटन शिखर सम्मेलन घोषणापत्र में कहा कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) की महत्वाकांक्षाएं और आक्रामक नीतियां लगातार हमारे हितों, सुरक्षा और मूल्यों को चुनौती दे रही हैं। रूस और पीआरसी के बीच गहराती रणनीतिक साझेदारी तथा नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कमजोर करने और नया आकार देने के दोनों देशों के प्रयास गंभीर चिंता का विषय हैं।
नाटो डिक्लेरेशन में ये कहा गया है कि चीन, रूस और कई दूसरे गुटों की ओर से हम हाइब्रिड, साइबर, स्पेस अन्य खतरों का सामना कर रहे हैं। रूस चीन, ईरान और नॉर्थ कोरिया के साथ मिलके एक नए ग्रुप खड़ा करने के कोशिश कर रहा है। ये तीनों देश ने यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस की आर्थिक, सैन्य और रणनीतिक मदद की है। जिसने नाटो देशों की चिंता को बढ़ा दिया है।
समिट में चीन से रूस के युद्ध प्रयासों के लिए सभी सामग्री और राजनीतिक समर्थन बंद करने का आह्वान किया गया, जिसमें "हथियार घटकों, उपकरण और कच्चे माल जैसे दोहरे उपयोग वाली सामग्रियों का हस्तांतरण शामिल है जो रूस के रक्षा क्षेत्र के लिए इनपुट के रूप में काम करते हैं।
नाटो ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि रूस संगठन के सदस्य देशों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्रत्यक्ष खतरा बना हुआ है। इसमें कहा गया है, “आतंकवाद, अपने सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों में, हमारे नागरिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं समृद्धि के लिए सबसे प्रत्यक्ष खतरा है। हम जिन खतरों का सामना कर रहे हैं, वे वैश्विक और परस्पर जुड़े हुए हैं।” इसलिए सतर्कता के साथ नाटो ने बीजिंग समेत अन्य के खिलाफ अपनी प्रतिरोधक क्षमता और रक्षा तंत्र को मजबूत करने, रूस से लड़ाई में यूक्रेन को दीर्घकालिक समर्थन बढ़ाने और नाटो के सदस्य देशों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए कदम उठाए जाने पर जोर दिया है।
Jul 12 2024, 14:11