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प्रधानमंत्री आवास योजना से रवींद्र पांडे का पक्का मकान बनाने का सपना हुआ साकार


रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृतसंकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की इसी पहल से नारायणपुर जिले के कुम्हारपारा निवासी रवींद्र पांडे और उनके बड़े भाई काशीराम पांडे का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हुआ है।

रवींद्र पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। पुराने दिनों की कठिनाइयों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि पहले कच्चे घरौंदे में रहना काफी तकलीफदायक था। मौसम के अनुसार विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था; कभी छत टपकती थी तो कभी ठंड से रात भर नींद पूरी नहीं होती थी। अब पक्का मकान मिलने से उनकी ये समस्याएं दूर हो गई हैं। उनके परिवार में उनके बड़े भाई और उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पक्का मकान बना है।

श्री रवींद्र ने बताया कि उनके परिवार को महतारी वंदना योजना के तहत प्रतिमाह 1 हजार रुपए, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और इस वर्ष 3100 रुपए समर्थन मूल्य पर धान बिक्री का लाभ मिला है। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभ पहुंचाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है, जिससे वे बिना परेशानियों के अपना जीवन व्यतीत कर सकें। आज इस योजना का लाभ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने इस योजना के माध्यम से कई परिवारों की जिंदगी को बदल दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल लोगों को आवास प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर जीवन जीने का अवसर भी देती है। यह योजना प्रदेश में उन सभी लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो अपने घर का सपना देख रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सरकार की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाती है, जिससे लाखों लोगों को अपने सपनों का घर मिल रहा है।

प्रवेश एवं प्रतियोगी परीक्षाओं एवं मौसमी बीमारियों के संबंध में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश, मुख्य सचिव श्री जैन ने कलेक्टरों की वर्चुअल बैठक

रायपुर-  मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर राज्य के सभी संभागायुक्त और कलेक्टर्स की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक ली। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न संस्थानों में भर्ती परीक्षाओं सहित अन्य रोजगार परीक्षाओं में सुचिता और सुरक्षा को लेकर भारत सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलो के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं को लेकर सर्तकता एवं संवेदनशीलता से कार्य करें। इस संबंध में मुख्य सचिव ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार परीक्षा केन्द्रों पर सतर्कता बरती जाए। इसी तरह से भारत सरकार द्वारा एक जुलाई से 31 अगस्त 2024 तक स्टॉप डायरिया अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य सचिव ने डायरिया नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।

मुख्य सचिव ने आगामी दिनों में आयोजित होने वाली नीट-पीजी, यूजीसीे-नेट सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अत्यंत सतर्कता बरतने के निर्देश दिए है। उन्होंने प्रत्येक जिले में आयोजित होने वाली परीक्षाओं के लिए जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है जिले के अंदर आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिए बनाये जाने वाले परीक्षा केन्द्रों पर अत्यंत सुरक्षा और अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की जाए। इसी तरह से स्टॉप डायरिया अभियान के अंतर्गत ऐसे संवेदनशील क्षेत्र जहां पिछले वर्षों में डायरिया के प्रकरण हुए है वहां अत्यंत सतर्कता बरती जाए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को ओआरएस और जिंक की गोलियां घर-घर जाकर मितानिनों के माध्यम से वितरित की जाए। जहां पर कहीं डायरिया के प्रकरण की जानकारी मिलती है तो वहां पर तुरंत मेडिकल टीम भेजकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। डायरिया से पीड़ितों का समुचित इलाज कराया जाए। मुख्य सचिव ने पेयजल के स्त्रोतों की साफ-सफाई, पाइपों के लिकेज होने की शिकायत पर तत्काल पाइपों का सुधार एवं नए पाइप लगाए जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, गृह एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, सभी संभागायुक्त एवं कलेक्टर सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

मुख्य सचिव श्री जैन ने छत्तीसगढ़ विजन 2047 के संबंध में संभागायुक्तों और कलेक्टरों की बैठक ली

रायपुर-   मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन और उपाध्यक्ष, राज्य नीति आयोग अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों की महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 डाक्यूमेंट पर सभी संभागों, जिलों से सुझावों लिए गए। छत्तीसगढ़ के विकास और भविष्य की योजनाओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। जिला स्तर पर विशिष्ट समस्याओं, आवश्यकताओं और क्षमताओं पर जिला कलेक्टरों से प्राप्त सुझावों पर गहन चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं, क्षमताओं को पहचानें और उन्हें विजन डाक्यूमेंट में शामिल करने जरूरी कार्यवाही करें। उन्होंने विजन डाक्यूमेंट के संबंध में जिलों के जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और विद्यार्थियों के सुझाव प्राथमिकता से लिए जाए। जिससे विजन 2047 दस्तावेज वास्तव में समावेशी और हर क्षेत्र की वास्तविक जरूरतों को पूरा कर सके। आगामी दिनों में विजन डाक्यूमेंट 2047 के संबंध में आयोजित संवाद कार्यक्रम में लोगों की जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए।

गौरतलब है कि आजादी के अमृतकाल (2047) तक भारत को विकसित बनाने प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान किया है। प्रदेश सरकार द्वारा 2047 तक छत्तीसगढ़ के समग्र विकास व नागरिकों की समृद्धि का रोडमैप तय करने के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जिसे प्रदेश स्थापना दिवस को नागरिकों को समर्पित किया जाएगा। राज्य शासन ने विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का दायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। सदस्य, राज्य नीति आयोग ने इस अवसर पर बताया कि विजन डाक्यूमेंट का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को विकास के नए आयामों तक पहुंचाना है। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे जनता की आवाज को प्राथमिकता दें और विकास योजनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करें। बैठक में सभी संभागायुक्तों और जिला कलेक्टरों ने अपने-अपने क्षेत्रों की विशेष जरूरतों और विकास योजनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। बैठक में प्राप्त सुझावों और विचारों को विजन 2047 डाक्यूमेंट में सम्मिलित किया जाएगा, जिससे यह डाक्यूमेंट वास्तविक धरातल पर प्रभावी रूप से लागू हो सके। बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद, राज्य नीति आयोग की ओर से सदस्य डॉ के सुब्रमणियम, सदस्य सचिव अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गोरड़िया भी शामिल थे।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर वनांचल ग्राम चिल्फीघाटी में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

रायपुर- उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के पहल पर 10 जुलाई को कबीरधाम जिले के बोड़ला विकासखंड के वनांचल क्षेत्र ग्राम चिल्फीघाटी में विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह शिविर प्रत्येक माह की 10 और 25 तारीख को 3 माह तक आयोजित किया जाएगा।

ग्राम चिल्फी में आयोजित इस शिविर में 178 लोगों ने विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया। शिविर में विशेषज्ञ शिशु रोग, हड्डी रोग, स्त्री रोग, नेत्र, दंत, चर्म, फिजियोथेरेपी, मनोरोग और सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार संबंधी इलाज की सेवाएं प्रदान की गईं। एनसीडी प्रोग्राम के तहत 70 लोगों की स्क्रीनिंग जांच भी की गई।

बोड़ला बीएमओ डॉ. विवेक चंद्रवंशी ने बताया कि शिविर में 178 मरीजों का जांच कर उपचार किया गया। एनसीडी प्रोग्राम के तहत 70 लोगों की एनसीडी स्क्रीनिंग की गई। 15 लोगों का मलेरिया, 30 लोगों का नेत्र परीक्षण किया गया, जिसमें 9 लोगों को मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चिन्हित कर जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन की सलाह दी गई। स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा 35 महिलाओं का चेकअप किया गया, जिसमें से 1 महिला को जिला अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई। शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा 52 मरीजों का इलाज किया गया, जिसमें 2 बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती के लिए चिन्हित किया गया। ऑर्थोपेडिक्स विशेषज्ञ द्वारा 20 मरीजों का, सर्जरी रोग विशेषज्ञ द्वारा 14 मरीजों का उपचार किया गया और मरीजों को सर्जरी के लिए चिन्हांकित किया गया। दंत चिकित्सक द्वारा 9 मरीजों का उपचार किया गया।

यह स्वास्थ्य शिविर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर आयोजित किया गया है, जिससे वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित किया जा सके। इस प्रकार के शिविरों से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उनके निकटतम स्थान पर ही उपलब्ध हो रही हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और वे गंभीर बीमारियों से बचाव कर पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ महा वृक्षारोपण अभियान-2024 का किया शुभारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर के अटल नगर स्थित जैव विविधता पार्क में ‘एक पेड़ मां के नाम’ महावृक्षारोपण अभियान-2024 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्ण विधि विधान से पूजन कर पीपल के पौधे का रोपण कर महावृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री द्वारा अभियान का बैनर जारी किया गया। इस अभियान के तहत वन विभाग द्वारा प्रदेशभर में 4 करोड़ वृक्ष लगाये जाएंगे। इसी के अंतर्गत में आज प्रदेश के 33 जिलों में कुल 4 लाख पेड़ लगाए गए। आज महावृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ के मौके पर जैव विविधता पार्क में मुख्यमंत्री श्री साय के साथ सभी कैबिनेट मंत्रीगणों, स्कूली बच्चों, सीआरपीएफ के जवानों, पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने 20 हजार पेड़ लगाए। मुख्यमंत्री श्री साय ने ओपन जिप्सी में वृक्षारोपण क्षेत्र का भ्रमण कर अभियान में हिस्सा ले रहे लोगों का उत्साह वर्धन किया।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि उप मुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, खेल मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक इंद्र कुमार साहू एवं गुरु खुशवंत साहेब उपस्थित थे। सभी ने एक पेड़ मां के नाम वृक्षारोपण किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 140 करोड़ लोगों से आह्वान किया है कि सभी अपनी मां के नाम से एक पेड़ लगाएं। उनके आह्वान पर यह एक आंदोलन बन गया है, हम लोग छत्तीसगढ़ में भी इसको अभियान के रूप में ले रहे हैं और अकेले वन विभाग का 4 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के 33 जिलों में वन विभाग द्वारा 6 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। बहुत सी प्रजातियों के पेड़ लगाएं जा रहे हैं। पीपल का पेड़ जो 24 घंटा ऑक्सीजन देता है, नीम का पेड़, हर्रा बहेड़ा आंवला जैसे गुणकारी पौधे लगाए जा रहे हैं हर किसी को पेड़ लगाना बहुत आवश्यक है आप सब लोग देख रहे हैं कि पेड़ कम होने से गर्मी के दिनों में गर्मी बहुत बढ़ रही है इस साल तो रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पूरे देश में पड़ी है। पारा 50 डिग्री पहुंच गया। पूरे विश्व में गर्मी से मरने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है, ऐसे समय में बहुत आवश्यक हो जाता है कि हम सभी पेड़ लगाएं। आज वृक्षारोपण अभियान में हमारे स्कूली बच्चे शामिल हुए, हमारे सीआरपीएफ के जवान शामिल हुए, हमारे वन और पुलिस विभाग का अमला भी शामिल हुआ। इन सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। मुख्यमंत्री ने सभी स्कूलों से भी आह्वान किया है कि बच्चे अपने स्कूल परिसर में अपनी मां के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाएं।

महतारी वंदन योजना की बहनों से भी करेंगे पेड़ लगाने की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना की बहनों को राशि वितरण के लिए अगस्त माह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में वे माता-बहनों से अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाने की अपील करेंगे। यदि 70 लाख महिलाएं पेड़ लगाएंगी तो लक्ष्य आसानी से पूरा होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर एक वृक्ष अपने मां के सम्मान में लगाकर उसकी देखभाल करें, उसकी रक्षा करें। यह गौरव का विषय है कि आज हमारे राज्य के सभी वन रेंज में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केन्द्रीय वित्त आयोग से मांगा छत्तीसगढ़ के लिए विशेष अनुदान

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ के प्रवास पर आए 16वें वित्त आयोग के साथ बैठक में राज्य की विशेष परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ को विशेष अनुदान देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ नवोदित राज्य है, जो जनजातीय बहुल, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों से घिरा एवं माओवाद प्रभावित है। छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की बराबरी में लाने के लिए अधिक वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता होगी।

बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया, उप मुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, वित्त आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, एन्नी जार्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्यकांति घोष, सचिव रित्विक पांडे सहित दल के सदस्य उपस्थित थे।

बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं, साथ ही माओवाद पर अंकुश लगाने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। इन क्षेत्रों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अधोसंरचना विकास के कार्यों में अतिरिक्त व्यय भार आता है। नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग से राज्य को अधिक वित्तीय सहायता की अनुशंसा की जाती है, तो निश्चित ही पिछड़े इलाकों में लोकहित के कार्यों को बड़े पैमाने पर किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि देश तेजी से आर्थिक महाशक्ति बन रहा है और इसके लिए छत्तीसगढ़ भी पूरी मेहनत से काम कर रहा है। विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण हम करेंगे। हमारी अपेक्षा है केंद्रीय वित्त आयोग छत्तीसगढ़ के हमारे विजन को अमल में लाने के लिए अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कठिन भौगोलिक परिस्थ्तिियों के कारण रेल, सड़क, दूरसंचार, ऊर्जा, सिंचाई की परियोजनाओं की लागत एवं समय-सीमा में वृद्धि के कारण हमें अतिरिक्त व्यय भार वहन करना पड़ रहा है। खनन गतिविधियों के कारण पर्यावरण को होने वाली क्षति और लोगों पर स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों से निपटने के लिए हमें अतिरिक्त धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जीएसटी खपत एवं गन्तव्य आधारित कर प्रणाली के कारण खनन गतिविधियों का वास्तविक लाभ छत्तीसगढ़ को न मिलकर उन राज्यों को मिल रहा है जहां खनिजों का वैल्यू-एडिशन हो रहा है और खनिजों की खपत हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के समय मात्र 29 हजार 539 करोड़ रुपए की छोटी सी अर्थव्यवस्था के साथ इस राज्य ने शुरूआत की थी। वर्ष 2023-24 में राज्य 5 लाख 9 हजार करोड़ रुपए के जीएसडीपी के लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है। आने वाले पांच वर्षों में हम जीएसडीपी के आकार को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी योजनाएं जिनका संचालन केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के अंशदान से हो रहा है, उनमें केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि का अनुपात बढ़ाया जाए।

केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रगति की रफ्तार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश में तेजी से प्रगति हो रही हैै। नवा रायपुर को बहुत सुन्दर और व्यवस्थित तरीके से बसाया गया है। छत्तीसगढ़ बहुत ही सुन्दर राज्य है। विकसित भारत एवं विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स पर जोर देना होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में राजकोषीय स्थिरता के साथ आर्थिक वृद्धि एवं सामाजिक सूचकांकों में तेजी से सुधार हुआ है। छत्तीसगढ़ एक नवोदित एवं तेजी से बढ़ता राज्य है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के संबंध में कहा कि यहां का सबसे बड़ा संसाधन मानव शक्ति है। जिनको मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के लिए स्किल्ड बनाना होगा।

वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य के वित्तीय परिदृश्य पर प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि नवा रायपुर को ग्रीन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां अधोसंरचना विकास के लिए केन्द्र से और अधिक संसाधन मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ निर्धारित मापदंडों के अनुसार वित्तीय अनुशासन का पालन कर रहे हैं और आगे भी इसे जारी रखेंगे। कर प्रणाली में आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर लीकेज को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा केन्द्र और राज्यों के बीच करों के बटवारें के मापदंडों के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उप मुख्यमंत्रियों और मंत्रिगणों ने भी वित्त आयोग के समक्ष अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी देते हुए अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किये।

मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने स्वागत भाषण दिया। पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने पुलिस बल के लिए संसाधनों की आवश्यकताओं पर तथा एनआरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौरभ कुमार ने नवा रायपुर की परियोजनाओं के लिए संसाधनों की जरूरतों पर प्रस्तुतीकरण दिया।

आर्थिक सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन को बढ़ावा दे रही आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना, किराना दुकान चलाकर दशोदा हुई आत्मनिर्भर

रायपुर-  महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए केन्द्र और राज्य शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है एवं उनके उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है। महिलाओं को उनकी आय एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाना शासन का मुख्य उद्देश्य है। आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना उन्हीं योजनाओ में से एक है जिसके द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं स्वावलंबी बनाया जा रहा है। उनकी शिक्षा, रोजगार, कौशल सुधार, स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए उन्हें समर्थन देकर आदिवासी समुदाय के बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा किया जाना ही योजना का उद्देश्य है।

नयापारा महासमुंद जिले के निवासी दशोदा ध्रुव ने आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना का लाभ लेकर एक आदर्श उद्यमिता की मिसाल पेश की है। 47 वर्षीय श्रीमती ध्रुव को योजना के तहत 1 लाख रूपए का ऋण प्राप्त हुआ है जिससे उन्होंने एक किराना दुकान शुरू किया है, जिसका वह सफलता पूर्वक संचालन कर रही है। दुकान से हर माह वेे 8 से 10 हजार रूपए कमा रही है और अपने परिवार का भरण पोषण कर रही है। श्रीमती ध्रुव ने बताया कि उनके पति पहले एक मजदूर के रूप में कार्य करते थे और वे एक गृहिणी थी। उन्होंने बताया कि दुकान खोलने से उनकी मासिक आय में वृद्धि हुई है। जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, और आत्मनिर्भर हुई है।

दशोदा ध्रुव की यह सफलता न केवल उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सही समर्थन और संसाधनों के साथ, महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना कर सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं। आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना ने उनके सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

गौरतलब है कि आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना पात्र अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के आर्थिक विकास के लिए एक विशेष रियायती योजना है। जिसमें राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से आवश्यकता के आधार पर ऋण दिए जाते हैं। लाभार्थियों को एनएसटीएफडीसी के पात्रता मानदंडों को पूरा करना पड़ता है और एससीए द्वारा उधार देने के नियमों और शर्तों का पालन करना होता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से बदली रवींद्र की तकदीर

रायपुर-  खुद के पक्के घर में निश्चिंत होकर कौन नहीं रहना चाहता। यह सभी का एक बड़ा सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिये हर व्यक्ति जी जान से मेहनत करता है। रविन्द्र पाण्डे भी पक्के घर का सपना दिल में लिए जी रहे थे। श्री पाण्डे की किस्मत रंग लाई और अब उसे प्रधानमंत्री आवास योजना से खुद का पक्का घर मिल गया है। पक्का घर पाकर वे बेहद प्रसन्न हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृतसंकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार की इसी पहल से नारायणपुर जिले के कुम्हारपारा निवासी रवीन्द्र पांडे एवं बड़े भाई काशीराम पाण्डे का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हुआ है। श्री रवीन्द्र ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। उन्होंने पुराने दिनों की कठिनाइयों को याद करते हुए बताया कि पहले कच्चे घरौंदे में रहना काफी तकलीफदायक था। मौसम के अनुसार विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था, कभी छत टपकती थी तो कभी ठंड से रात भर नींद पूरी नहीं होती थी। अब पक्का मकान मिलने से उनकी ये समस्याएं दूर हो गई हैं। उनके परिवार में उनके बड़े भाई और उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत् पक्का मकान बना है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार को महतारी वंदन योजना के तहत् प्रतिमाह 1 हजार रुपए, उज्जवला योजना के तहत् गैस कनेक्शन सहित इस वर्ष 3100 रुपए समर्थन मूल्य में धान बिक्री किया है। श्री रवीन्द्र ने जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभ पहुंचाने के देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है, जिससे वें लोग बिना परेशानियों का अपना जीवन व्यतीत कर सकें। आज इस योजना का लाभ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने इस योजना के माध्यम से कई परिवारों की जिंदगी को बदल दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल लोगों को आवास प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर जीवन जीने का अवसर भी देती है। यह योजना प्रदेश में उन सभी लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो अपने घर का सपना देख रहे हैं।

वित्त आयोग ने छ्त्तीसगढ़ के विकास मॉडल की तारीफ, मुख्यमंत्री बोले, भौगोलिक परिस्थितियों के चलते अधोसंरचना में अतिरिक्त व्यय भार आता है

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज वित्त आयोग की बैठक में शिरकत की। बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं मंत्रिमण्डल के सहयोगी के अलावे आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया सहित आयोग के सदस्य तथा अधिकारीगण बैठक में मौजूद रहे। इस दौरान वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य की वित्तीय स्थिति एवं राज्य की आवश्यकताओं के संबंध में आयोग के समक्ष अपनी बात रखी, वहीं मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्य की वित्तीय जरूरतों को लेकर प्रजेंटेशन दिया।

इस दौरान बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते अधोसंरचना में अतिरिक्त व्यय भार आता है। माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य किए जा रहे हैं। नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। साथ ही माओवाद पर अंकुश लगाने की दिशा में प्रदेश में प्रभावी कार्य किया जा रहा है। केंद्रीय वित्त आयोग से राज्य को अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त हो तो निश्चित ही लोकहित कार्यों को बड़े पैमाने पर बढ़ाया जा सकता है।

विकसित भारत के साथ ही विकसित छत्तीसगढ़ तैयार करने के लिए हम काम कर रहे हैं। देश तेजी से आर्थिक महाशक्ति बन रहा है और इसके लिए छत्तीसगढ़ भी पूरी मेहनत से काम कर रहा है। हमारी अपेक्षा है केंद्रीय वित्त आयोग छत्तीसगढ़ के हमारे विजन को बढ़ने में अधिक वित्तीय सहायता प्रदान करें।

वहीं इस दौरान वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग की बैठक में अपने संबोधन में आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द पनगढ़िया ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रगति की रफ्तार की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश में तेजी से प्रगति हो रही हैै। नवा रायपुर को बहुत सुन्दर और व्यवस्थित तरीके से बसाया गया है। छत्तीसगढ़ बहुत ही सुन्दर राज्य है। विकसित भारत एवं विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स पर जोर देना होगा।यहां छत्तीसगढ़ पहुंचकर मुझे बहुत अच्छा लगा है। आत्मीय स्वागत से मन प्रसन्न हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलकर मुझे बड़ी प्रसन्नता हुई।

1000 दीदियों की बाड़ी में मचान विधि से लगाई जा रही है सब्जी

रायपुर-   मचान विधि से किसानो को सब्जी की फसल लेने के लिए प्रेरित करने मिशन बिहान अंतर्गत जिला दंतेवाड़ा मे 1000 दीदियों की बाड़ी में मचान बनाने का कार्य किया जा रहा है।

मचान अधिकतर बाड़ियों में बनाया जाता है। लता या बेल वाली सब्जी को सहारा देने के लिए मचान विधि का उपयोग किया जाता है। गांव के अधिकतर घरों में जहां सब्जी उगाई जाती है वहां आपको मचान देखने को आसानी मिल जाएगा। गांव के किसान परिवार अपने सुविधा और मौसम के अनुसार अपनी बाड़ियों और खेतों में भिंडी, कुम्हड़ा, भटा, करेला, लौकी, विभिन्न प्रकार की सब्जी आदि लगाते हैं। इस कड़ी में दंतेवाड़ा जिला के ग्राम पंचायत कुपेर के स्व सहायता समूह की दीदी झुनकी यादव के मकान की 3.8 डिसमिल भूमि में ’’मचान विधि’’ से करेला लगाने के लिए नर्सरी बेड तैयार किया गया है। दंतेवाड़ा जिले के किसानों का रुझान सदैव जैविक कृषि की ओर रहा है अतः मिशन बिहान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जैविक सब्जी एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिले के अंतर्गत 1000 दीदियों की बाड़ियों में ’’मचान’’ विधि से सब्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जहां वे मचान विधि से सब्जियों का उत्पादन करके आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे। कृषि एवं उद्यान विभाग द्वारा अन्य दीदियों के घर के बाड़ियों में इसी विधि से सब्जी लगाने को प्रेरित किया जा रहा है।

महिला किसानों के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत उन्हें जोड़ने का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। बाड़ियों में उगने वाले करेला, तोरई, बरबट्टी, सेम की लताओं के लिए मचान विधि फायदेमंद रहती है। इसमें लताओं के फलने फूलने के लिए रस्सी और तार के माध्यम से मचान निर्मित किया जाता है। इसका सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि पौधे में आने वाली सब्जी खराब नहीं होती है और उनकी गुणवत्ता भी अच्छी रहती है साथ ही इनकी फलने की अवधि में भी बढ़ जाती है।