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बड़ी खबर :ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाइकोर्ट द्वारा दी गयी जमानत को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती*


झारखण्ड डेस्क रांची से एक बड़ी खबर सामने आई है, ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड के हाइकोर्ट द्वारा दी गयी जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ईडी की ओर से इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर कर दी गयी। फिलहाल अदालत ने ईडी की याचिका पर सुनवाई के लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं की है। आइए जानें पूरा मामला बता दें कि, बड़गाईं अंचल की 8।86 एकड़ जमीन पर कब्जे के आरोप में इडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी 2024 को गिरफ्तार किया था। पीएमएलए कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दायर की। न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में याचिका की सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने 28 जून 2024 को अपना फैला सुनाया और हेमंत सोरेन को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि हेमंत सोरेन जमानत देने के लिए पीएमएलए की धारा-45 में निर्धारित दोनों शर्तों को पूरा करते हैं। हाइकोर्ट द्वारा फैसला सुनाये जाने के दिन ही निचली अदालत में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन ने सीएम पद की शपथ ली थी और राज्य के फिर से मुख्यमंत्री बन गए थे। पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद हेमंत ने 4 जून को शपथ ली और 8 जून को विधानसभा में बहुमत हासिल कर लेने के बाद कैबिनेट विस्तार किया।
हेमंत सोरेन ने किया मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा, यहां देखें सूची

झा. डेस्क

रांची। हेमंत सोरेन ने अपनी कैबिनेट का विस्‍तार किया था। इसमें कांग्रेस कोटे से एक मंत्री को हटा दिया गया है। कांग्रेस के दो विधायक को कैबिनेट में जगह दी गई है। झामुमो से बैद्यनाथ राम को मंत्री बनाया गया है।

चम्पाई सोरेन, रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, बैद्यनाथ राम, दीपक बिरुवा, बन्ना गुप्ता, इरफान अंसारी, मिथिलेश कुमार ठाकुर, हफीजुल हसन, श्रीमती बेबी देवी एवं श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह ने आज झारखंड के मंत्री पद की शपथ ली।

शपथ ग्रहण के कुछ ही देर में मुख्‍यमंत्री ने मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा कर दिया। डॉ रामेश्‍वर उरांव और बन्‍ना गुप्‍ता के पूर्व के विभागों में थोड़ा बदलाव किया गया है।

ये है पूरी सूची

झारखण्ड में भाजपा के एक बड़े नेता ने दिया पार्टी से इस्तीफा, क्या बताया वज़ह जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर


झारखण्ड डेस्क 

पूर्व विधायक व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी की भाजपा से अपना इस्तीफा दे दिया है। त्यागपत्र में षाडंगी ने कहा कि राजनीति में आने का मकसद यहां पूरा नहीं हो पा रहा है। कुषाल षाडंगी ने बीते माह 17 मई को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे था। उन्होंने अपने साथ संगठन के स्तर पर भेदभाव की बात कही थी।

प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को प्रेषित पत्र में उन्होंने लिखा है कि पूर्वी सिंहभूम जिले की समस्या को वो लगातार उठाते रहे हैं। पार्टी का प्रदेश नेतृत्व इस मामले में उदासीन है।

ये बताई इस्तीफे की वजह

उन्होंने संगठन के आंतरिक अनुशासन के साथ युवाओं के मुद्दे पर भी पार्टी के मौन रहने को इस्तीफे की वजह बताया है। पत्र में कुणाल षाडंगी ने लिखा है कि पिछले दिनों पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता पद उन्होंने छोड़ा था। इसके बाद भी पार्टी ने उनके उठाए गए मुद्दों पर संज्ञान नहीं लिया।

अब उन्हें लगता है कि भाजपा में रहकर पूर्वी सिंहभूम जिले की समस्याओं का हल वो नहीं निकाल सकते हैं। भाजपा की कार्यशैली से असहमति जताते हुए उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से अपना इस्तीफा स्वीकार करने को कहा है। बीते महीने षाडंगी ने पार्टी में अपने पद से भी इस्तीफा दे दिया था।

विश्वास मत प्राप्त करने के बाद हेमंत सोरेन की सरकार करेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार, नए मंत्री के रूप में दीपिका, इरफ़ान और बैधनाथ राम को मिलेगी जगह


झारखण्ड डेस्क 

आज विधानसभा के विशेष सत्र में सरकार ने विश्वास जीता। सदन में प्रस्ताव के पक्ष में 45 वोट मिले। वहीं वेल में जाने के कारण प्रस्ताव के विपक्ष में वोटों की गिनती नहीं हुई।

विश्वास मत जीतने के बाद आज ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। मंत्रिमंडल में 3 नये चेहरे नजर आयेंगे। इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार Congress विधायक दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और झामुमो विधायक वैद्यनाथ राम मंत्रिपद की शपथ लेंगे।

दीपिका पांडेय सिंह, कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख की जगह लेंगी। इरफान अंसारी, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम की जगह मंत्रिपद की शपथ लेंगे। वहीं, वैद्यनाथ राम 12वें मंत्री के रूप में शपथ लेंगे।

गौरतलब है कि मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के लिए राजभवन से दोपहर 3:30 बजे का समय मांगा गया है। वहीं मिली जानकारी के अनुसार राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

हेमंत सोरेन ने जीता विश्वास मत,सरकार के पक्ष में 45 विधायकों ने वोट किया. विपक्ष में 0 (शून्य) वोट पड़े.


झा. डेस्क 

झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन की सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है. सरकार के पक्ष में 45 विधायकों ने वोट किया. विपक्ष में 0 (शून्य) वोट पड़े. 

सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

हेमंत की कैबिनेट में किसे मिलेगी जगह, कौन होंगे अंदर कौन होंगे बाहर सियासी गलियारी में चर्चा तेज


झारखण्ड डेस्क 

रांची: हेमंत सोरेन की कैबिनेट में किसे मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह, कौन होंगे अंदर, कौन होंगे बाहर इसको लेकर सियासी गलियारी में चर्चा तेज हो गयी.

सवाल और सस्पेंस के बीच सबसे ज्यादा निगाहें किसी एक नाम पर टिकी है, तो वो है कल्पना सोरेन। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्पना सोरेन की झारखंड की राजनीति में क्या भूमिका होगी, ये बस कुछ घंटे में साफ हो जायेगा। 

क्या वे सत्ता में भागीदार बनेगी? या फिर संगठन में बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी। सियासत के जानकारों की इसमें बंटी हुई राय है।

कई जानकार उनकी भूमिका सत्ता में देख रहे हैं, तो वहीं लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी के बाद कई उन्हें भावी अध्यक्ष के तौर पर भी देखने लगे हैं। जानकारों की मानें तो हेमंत सोरेन पर खतरा टला नहीं है, ऐसे में कभी भी ये नौबत आ सकती है, कि हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ जाये। लिहाजा सत्ता की बारीकियों को समझाने के लिए हेमंत सोरेन उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं, ताकि संगठन के साथ-साथ सत्ता का नेतृत्व करना भी वो सीख सकें। 

JMM प्रवक्ता ने भी इस बात से इंकार नहीं किया है कि मंत्रिमंडलम झामुमो की तरफ से कोई नया चेहरा नहीं हो सकता है।

दूसरी तरफ संगठन में भी कल्पना की डिमांड है। उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। उनकी भाषण शैली और आक्रामक अंदाज को लोकसभा चुनाव के दौरान काफी पसंद किया गया। कल्पना ने जिस अंदाज में मुश्किल परिस्थिति में पार्टी को संभाला, उससे कोई शक नहीं कि विधानसभा चुनाव में भी पार्टी में बड़ी भूमिका दी जाये। 

लिहाजा कल्पना सोरेन के लिए संगठन में जगह ज्यादा मुफीद दिख रही है। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन जिस तरह से झारखंड की राजनीति में एक्टिव हुई हैं, उसके मुताबिक आने वाले दिनों उन्हें निश्चित तौर पर उन्हें कोई बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।

 हालांकि कल्पना पर आखिरी फैसला सोरेन परिवार ही करेगा, मतलब गुरुजी और हेमंत सोरेन ही फैसला लेंगे। हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में सीएम को छोड़कर 6-4-1 के फॉर्मूले के तहत कैबिनेट का विस्तार होगा।

झलकने लगी है पूर्व सीएम चम्पई सोरेन की टीस,भाजपा उसे हवा देकर नेरेटिव सेट करने के मुहीम में जूटे

झा डेस्क 

चम्पई सोरेन मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार जब अपने गृह जिला सरायकेला पहुंचे तो चंपई सोरेन का स्वागत भारी संख्यां में कार्यकर्त्ता जूट कर किया. इस मौक़े पर उनके समर्थकों की भीड़ जूट गयी. 

कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर वे बहुत अहल्लादित हुए और कहा कि अगर और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और कुछ काम करता.उनके मन का टीस बाहर आया, उनके भाव भंगिमा से यह साफ झलकने लगा कि उन्हें पद से हटाए जाने से तकलीफ है.

चम्पई ने क्या कहा...?

हेमंत सोरेन सरकार को मुख्यमंत्री बनने के बाद उनसे पूछे गए सवाल पर चंपई ने कहा कि उन्हें पद की लालसा नहीं है. जनता के बीच रहकर ही जनता की सेवा करना चाहता हूं. कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि महागठबंधन जो भी निर्णय लेगा, मैं उसका स्वागत करूंगा. लोगों का प्यार देखकर एक बार चंपई भावुक भी हुए.इस अवसर पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि काम करने वाले व्यक्ति की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती.

 थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ कर पाता, लेकिन सार्वजनिक जीवन में संगठन, अनुशासन, मर्यादा, नैतिकता का धर्म निभाना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.

चंपई ने अपने कार्यकाल का दिया लेखा-जोखा

चम्पई ने अपने कार्यकाल का लेख लेखा-जोखा देते हुए चंपई ने कहा कि उन्होंने सीमित समय में राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर करने का भरसक प्रयास किया। उनके नेतृत्व में पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती और रोज़गार से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए गए.

चंपई ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के साथ-साथ अन्य विभागों में भी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. युवाओं को नियुक्ति पत्र खुद के हाथों से देने की तमन्ना थी, जो अधूरी रह गई.

 कार्यकाल को बताया सफल

अपने पांच महीने के कार्यकाल को सफल बताते हुए चंपई ने कहा कि इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई। शिक्षक बहाली, पुलिस विभाग में भर्ती, जनजातीय भाषाओं पर आधारित शिक्षकों की भर्ती और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं।

चंपई ने यह भी बताया कि उनके गृह जिला सरायकेला में लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में डिग्री कॉलेज की मांग को देखते हुए दो नए डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई।

चम्पई को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद क्या होगा साइड इफेक्ट..?

पूर्व सीएम चम्पई कोल्हान क्षेत्र के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, इसी लिए वे लगातार जीत कर विधानसभा में आते रहे हैं, जमीन से उठे, साधारण परिवार में पले बढे चम्पई आज भी साधारण व्यक्ति के तरह जीवन जीते हैं.

उन्होंने अपने मुख्यमंत्रितव कल में जिस तरह काम किया उसमे अनुभव का छाप स्पष्ट दीखता है. उन्हें सीएम पद से हटते हीं एक नेरेटिव भाजपा ने सेट करना शुरू कर दिया कि चम्पई को हटा कर पून:सत्ता कि बागडोर एक परिवार के हाथ में आ गया, अब देखना है कि इस नेरेटिव को भाजपा आगामी चुनाव में किस तरह भुना पाती है.

अब फिर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का भविष्य वाणी कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होंगे, भाजपा सत्ता में आएगी


झारखण्ड: अपने ब्यान और भविष्यवाणी को लेकर चर्चा में रहने वाले गोड्डा सांसद डाॅ. निशिकांत दुबे ने फिर आज एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि ढाई महीने में विधानसभा चुनाव होंगे और नये साल में भाजपा सत्ता मेंआयेगी.

निशिकांत दुबे ने कहा कि मैंने पहले भी कई भविष्यवाणियां की हैं और वे सभी सच हुईं. दुमका में मैंने कहा था, हेमंत सोरेन जेल जायेंगे, जेल जायेंगे, मैंने कहा था चंपई सोरेन मुख्यमंत्री होंगे, उन्हें होना चाहिए, मैंने कहा कि एक बार सोरेन विधायक बन जाएं तो चंपई सोरेन को इस्तीफा दे देना चाहिए. ''सीएम ने पोस्ट किया...एक और बात मैं कहना चाहूंगा कि कुछ महीनों में यहां चुनाव होंगे।

हमें उम्मीद है कि 2024 के अंत तक बीजेपी की सरकार बनेगी. 

 निशिकांत दुबे ने कहा कि परिवारवाद के कारण हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने. अब मेरी नई भविष्यवाणी प्रेडिक्शन यह ​​है कि झारखंड में ढाई महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होंगे जिसके बाद राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी.निशिकांत दुबे ने कहा कि बीजेपी को लिखित में घोषणा करनी चाहिए कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटें जीतने का इरादा रखती है.

 इस सांसद ने कहा, ''यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया है.'

' इस सांसद ने कहा : आलमगीर आलम भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं. ईडी उसकी जांच कर रही है. जांच के दौरान ईडी इस मामले की तह तक पहुंचेगी और कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे.

आज सीएम आवास में फ्लोर टेस्ट के पूर्व गठबंधन के विधायकों कि होंगी बैठक,फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने पर होंगी चर्चा




झारखण्ड डेस्क 

रांची। , झारखंड में मुख्यमंत्री पद पर हेमंत सोरेन द्वारा शपथ लिए जाने के बाद राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने हेमंत को एक हफ्ते में पहले फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने को कहा है।

इधर झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि, राज्यपाल ने जो न्योता दिया, उसमें एक हफ्ते में फ्लोर टेस्ट करने को कहा गया है। गठबंधन के सभी विधायक मुख्यमंत्री के साथ हैं और उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। गठबंधन की ओर से सात जुलाई को फ्लोर टेस्ट में रणनीति तय करने के लिए सीएम आवास में आज बैठक बुलाई गई है।

गठबंधन की बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद 3 जुलाई को पूर्व सीएम चंपाई सोरन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दिया था। इसके बाद हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद के लिए पद और गोपनीयता की शपथ ली।

हेमंत सोरेन ने अकेले ही शपथ ली थी। उनके साथ किसी विधायक ने शपथ नहीं ली थी। इसी को लेकर रविवार को सीएम आवास में बैठक होगी, जिसमें फ्लोर टेस्ट को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।

गठबंधन के पास फिलहाल कुल 43 विधायक हैं। पांच विधायक या तो लोकसभा चुनाव में सांसद बन चुके हैं या तो पार्टी छोड़ चुके हैं। वहीं बीजेपी के पास 24 विधायक हैं। 2 विधायक मनीष जायसवाल और ढुल्लू महतो सांसद बन गए हैं। वहीं आजसू के पास 3 और एनसीपी के पास एक विधायक हैं। 2 निर्दलीय विधायक का बीजेपी के खेमे में हैं।

पुलिस कारवाई से क्षुब्ध नक्सलियों ने 9 जुलाई की रात्रि से लेकर 10 जुलाई के रात तक किया बंद का एलान,रेल प्रशासन एलर्ट


झारखंड डेस्क 

कोल्हान में पुलिस द्वारा नक्सली के सफाया के लिए चलाये जा रहे अभियान में  नक्सली नेताओं की एनकाउंटर और गिरफ्तारी के बिरोध में विभिन्न नक्सली

संगठनों ने 9 जुलाई को रात 12 बजे से लेकर 10 जुलाई की रात 12 बजे तक कोल्हान प्रमंडल के बंद का आह्वान किया है।

कोल्हान में सबसे ज्यादा नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. यही वजह है कि नक्सलियों के रेड जोन से गुजरने वाली ट्रेनों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है.

9 से 10 जुलाई की रात तक नक्सलियों के इस एलान से ट्रेनों की रफ्तार कम करने को कहा गया है. मुंबई, दिल्ली, कोलकाता समेत अन्य स्थानों की ओर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहेंगे. ट्रेनों को स्कॉट कर चलाने को कहा गया है. चक्रधरपुर रेल मंडल के उग्रवाद प्रभावित माने जाने वाले सेक्शन में भी ट्रेनों की स्पीड कम कर दी गई है.

मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के आगे चलेंगे पायलट इंजन

गौरतलब है कि पिछले बंदी में नक्सलियों ने रेल पटरी उड़ा दी थी. आरपीएफ डीआइजी ने नक्सली बंदी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. बंद के दौरान किसी खास गतिविधि की खुफिया सूचना अब तक नहीं मिली है. बंद के दौरान नक्सली रेलवे ट्रैक और रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसको लेकर महत्वपूर्ण मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के आगे पायलट इंजन चलाने का निर्णय लिया गया है. ट्रैक मैन कीमैन अलर्ट रहेंगे. ब्रिज और रेलवे ट्रैक पर नियमित पेट्रोलिंग करेंगे.

 स्टेशन मास्टर, केबिन मैन, ड्राइवर गार्ड समेत सभी स्टेशन कर्मचारी अलर्ट रहेंगे. चक्रधरपुर रेल मंडल के सरायकेला, खरसावां, चाईबासा, चक्रधरपुर, मनोहरपुर, पोसैता समेत अन्य स्थानों के सारे रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा बल रहेंगे.

बंद को लेकर नक्सलियों प्रेस रिलीज जारी किया है. जिसमें लिखा है कि 23 मई को लोवादा गांव के पास कॉमरेड बुधवाम समेत तीन लोगों को पुलिस ने मार डाला. इसके अलावा लिपुंगा में भी 17 जून को उनके साथियों को मारा गया. जिसका नक्सली संगठन विरोध करता है.

रेल एसपी टाटानगर रेल एसपी प्रवीण पुष्कर ने बताया कि नक्सली बंदी को लेकर अलर्ट पर पूरी पुलिस टीम है. आरपीएफ के साथ समन्वय स्थापित कर सुरक्षा के बंदोबस्त किये जा रहे हैं.