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हेमंत सोरेन ने जीता विश्वास मत,सरकार के पक्ष में 45 विधायकों ने वोट किया. विपक्ष में 0 (शून्य) वोट पड़े.


झा. डेस्क 

झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन की सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है. सरकार के पक्ष में 45 विधायकों ने वोट किया. विपक्ष में 0 (शून्य) वोट पड़े. 

सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.

हेमंत की कैबिनेट में किसे मिलेगी जगह, कौन होंगे अंदर कौन होंगे बाहर सियासी गलियारी में चर्चा तेज


झारखण्ड डेस्क 

रांची: हेमंत सोरेन की कैबिनेट में किसे मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह, कौन होंगे अंदर, कौन होंगे बाहर इसको लेकर सियासी गलियारी में चर्चा तेज हो गयी.

सवाल और सस्पेंस के बीच सबसे ज्यादा निगाहें किसी एक नाम पर टिकी है, तो वो है कल्पना सोरेन। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्पना सोरेन की झारखंड की राजनीति में क्या भूमिका होगी, ये बस कुछ घंटे में साफ हो जायेगा। 

क्या वे सत्ता में भागीदार बनेगी? या फिर संगठन में बड़ी जिम्मेदारी संभालेंगी। सियासत के जानकारों की इसमें बंटी हुई राय है।

कई जानकार उनकी भूमिका सत्ता में देख रहे हैं, तो वहीं लोकसभा चुनाव में मिली कामयाबी के बाद कई उन्हें भावी अध्यक्ष के तौर पर भी देखने लगे हैं। जानकारों की मानें तो हेमंत सोरेन पर खतरा टला नहीं है, ऐसे में कभी भी ये नौबत आ सकती है, कि हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ जाये। लिहाजा सत्ता की बारीकियों को समझाने के लिए हेमंत सोरेन उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं, ताकि संगठन के साथ-साथ सत्ता का नेतृत्व करना भी वो सीख सकें। 

JMM प्रवक्ता ने भी इस बात से इंकार नहीं किया है कि मंत्रिमंडलम झामुमो की तरफ से कोई नया चेहरा नहीं हो सकता है।

दूसरी तरफ संगठन में भी कल्पना की डिमांड है। उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। उनकी भाषण शैली और आक्रामक अंदाज को लोकसभा चुनाव के दौरान काफी पसंद किया गया। कल्पना ने जिस अंदाज में मुश्किल परिस्थिति में पार्टी को संभाला, उससे कोई शक नहीं कि विधानसभा चुनाव में भी पार्टी में बड़ी भूमिका दी जाये। 

लिहाजा कल्पना सोरेन के लिए संगठन में जगह ज्यादा मुफीद दिख रही है। हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद कल्पना सोरेन जिस तरह से झारखंड की राजनीति में एक्टिव हुई हैं, उसके मुताबिक आने वाले दिनों उन्हें निश्चित तौर पर उन्हें कोई बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती है।

 हालांकि कल्पना पर आखिरी फैसला सोरेन परिवार ही करेगा, मतलब गुरुजी और हेमंत सोरेन ही फैसला लेंगे। हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में सीएम को छोड़कर 6-4-1 के फॉर्मूले के तहत कैबिनेट का विस्तार होगा।

झलकने लगी है पूर्व सीएम चम्पई सोरेन की टीस,भाजपा उसे हवा देकर नेरेटिव सेट करने के मुहीम में जूटे

झा डेस्क 

चम्पई सोरेन मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार जब अपने गृह जिला सरायकेला पहुंचे तो चंपई सोरेन का स्वागत भारी संख्यां में कार्यकर्त्ता जूट कर किया. इस मौक़े पर उनके समर्थकों की भीड़ जूट गयी. 

कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर वे बहुत अहल्लादित हुए और कहा कि अगर और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और कुछ काम करता.उनके मन का टीस बाहर आया, उनके भाव भंगिमा से यह साफ झलकने लगा कि उन्हें पद से हटाए जाने से तकलीफ है.

चम्पई ने क्या कहा...?

हेमंत सोरेन सरकार को मुख्यमंत्री बनने के बाद उनसे पूछे गए सवाल पर चंपई ने कहा कि उन्हें पद की लालसा नहीं है. जनता के बीच रहकर ही जनता की सेवा करना चाहता हूं. कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि महागठबंधन जो भी निर्णय लेगा, मैं उसका स्वागत करूंगा. लोगों का प्यार देखकर एक बार चंपई भावुक भी हुए.इस अवसर पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि काम करने वाले व्यक्ति की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती.

 थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ कर पाता, लेकिन सार्वजनिक जीवन में संगठन, अनुशासन, मर्यादा, नैतिकता का धर्म निभाना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.

चंपई ने अपने कार्यकाल का दिया लेखा-जोखा

चम्पई ने अपने कार्यकाल का लेख लेखा-जोखा देते हुए चंपई ने कहा कि उन्होंने सीमित समय में राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर करने का भरसक प्रयास किया। उनके नेतृत्व में पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती और रोज़गार से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए गए.

चंपई ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के साथ-साथ अन्य विभागों में भी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. युवाओं को नियुक्ति पत्र खुद के हाथों से देने की तमन्ना थी, जो अधूरी रह गई.

 कार्यकाल को बताया सफल

अपने पांच महीने के कार्यकाल को सफल बताते हुए चंपई ने कहा कि इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई। शिक्षक बहाली, पुलिस विभाग में भर्ती, जनजातीय भाषाओं पर आधारित शिक्षकों की भर्ती और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं।

चंपई ने यह भी बताया कि उनके गृह जिला सरायकेला में लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में डिग्री कॉलेज की मांग को देखते हुए दो नए डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई।

चम्पई को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद क्या होगा साइड इफेक्ट..?

पूर्व सीएम चम्पई कोल्हान क्षेत्र के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, इसी लिए वे लगातार जीत कर विधानसभा में आते रहे हैं, जमीन से उठे, साधारण परिवार में पले बढे चम्पई आज भी साधारण व्यक्ति के तरह जीवन जीते हैं.

उन्होंने अपने मुख्यमंत्रितव कल में जिस तरह काम किया उसमे अनुभव का छाप स्पष्ट दीखता है. उन्हें सीएम पद से हटते हीं एक नेरेटिव भाजपा ने सेट करना शुरू कर दिया कि चम्पई को हटा कर पून:सत्ता कि बागडोर एक परिवार के हाथ में आ गया, अब देखना है कि इस नेरेटिव को भाजपा आगामी चुनाव में किस तरह भुना पाती है.

अब फिर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का भविष्य वाणी कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होंगे, भाजपा सत्ता में आएगी


झारखण्ड: अपने ब्यान और भविष्यवाणी को लेकर चर्चा में रहने वाले गोड्डा सांसद डाॅ. निशिकांत दुबे ने फिर आज एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि ढाई महीने में विधानसभा चुनाव होंगे और नये साल में भाजपा सत्ता मेंआयेगी.

निशिकांत दुबे ने कहा कि मैंने पहले भी कई भविष्यवाणियां की हैं और वे सभी सच हुईं. दुमका में मैंने कहा था, हेमंत सोरेन जेल जायेंगे, जेल जायेंगे, मैंने कहा था चंपई सोरेन मुख्यमंत्री होंगे, उन्हें होना चाहिए, मैंने कहा कि एक बार सोरेन विधायक बन जाएं तो चंपई सोरेन को इस्तीफा दे देना चाहिए. ''सीएम ने पोस्ट किया...एक और बात मैं कहना चाहूंगा कि कुछ महीनों में यहां चुनाव होंगे।

हमें उम्मीद है कि 2024 के अंत तक बीजेपी की सरकार बनेगी. 

 निशिकांत दुबे ने कहा कि परिवारवाद के कारण हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने. अब मेरी नई भविष्यवाणी प्रेडिक्शन यह ​​है कि झारखंड में ढाई महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होंगे जिसके बाद राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी.निशिकांत दुबे ने कहा कि बीजेपी को लिखित में घोषणा करनी चाहिए कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटें जीतने का इरादा रखती है.

 इस सांसद ने कहा, ''यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया है.'

' इस सांसद ने कहा : आलमगीर आलम भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं. ईडी उसकी जांच कर रही है. जांच के दौरान ईडी इस मामले की तह तक पहुंचेगी और कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे.

आज सीएम आवास में फ्लोर टेस्ट के पूर्व गठबंधन के विधायकों कि होंगी बैठक,फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने पर होंगी चर्चा




झारखण्ड डेस्क 

रांची। , झारखंड में मुख्यमंत्री पद पर हेमंत सोरेन द्वारा शपथ लिए जाने के बाद राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने हेमंत को एक हफ्ते में पहले फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने को कहा है।

इधर झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि, राज्यपाल ने जो न्योता दिया, उसमें एक हफ्ते में फ्लोर टेस्ट करने को कहा गया है। गठबंधन के सभी विधायक मुख्यमंत्री के साथ हैं और उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। गठबंधन की ओर से सात जुलाई को फ्लोर टेस्ट में रणनीति तय करने के लिए सीएम आवास में आज बैठक बुलाई गई है।

गठबंधन की बैठक में हेमंत सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया था। इसके बाद 3 जुलाई को पूर्व सीएम चंपाई सोरन ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दिया था। इसके बाद हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद के लिए पद और गोपनीयता की शपथ ली।

हेमंत सोरेन ने अकेले ही शपथ ली थी। उनके साथ किसी विधायक ने शपथ नहीं ली थी। इसी को लेकर रविवार को सीएम आवास में बैठक होगी, जिसमें फ्लोर टेस्ट को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।

गठबंधन के पास फिलहाल कुल 43 विधायक हैं। पांच विधायक या तो लोकसभा चुनाव में सांसद बन चुके हैं या तो पार्टी छोड़ चुके हैं। वहीं बीजेपी के पास 24 विधायक हैं। 2 विधायक मनीष जायसवाल और ढुल्लू महतो सांसद बन गए हैं। वहीं आजसू के पास 3 और एनसीपी के पास एक विधायक हैं। 2 निर्दलीय विधायक का बीजेपी के खेमे में हैं।

पुलिस कारवाई से क्षुब्ध नक्सलियों ने 9 जुलाई की रात्रि से लेकर 10 जुलाई के रात तक किया बंद का एलान,रेल प्रशासन एलर्ट


झारखंड डेस्क 

कोल्हान में पुलिस द्वारा नक्सली के सफाया के लिए चलाये जा रहे अभियान में  नक्सली नेताओं की एनकाउंटर और गिरफ्तारी के बिरोध में विभिन्न नक्सली

संगठनों ने 9 जुलाई को रात 12 बजे से लेकर 10 जुलाई की रात 12 बजे तक कोल्हान प्रमंडल के बंद का आह्वान किया है।

कोल्हान में सबसे ज्यादा नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. यही वजह है कि नक्सलियों के रेड जोन से गुजरने वाली ट्रेनों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है.

9 से 10 जुलाई की रात तक नक्सलियों के इस एलान से ट्रेनों की रफ्तार कम करने को कहा गया है. मुंबई, दिल्ली, कोलकाता समेत अन्य स्थानों की ओर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहेंगे. ट्रेनों को स्कॉट कर चलाने को कहा गया है. चक्रधरपुर रेल मंडल के उग्रवाद प्रभावित माने जाने वाले सेक्शन में भी ट्रेनों की स्पीड कम कर दी गई है.

मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के आगे चलेंगे पायलट इंजन

गौरतलब है कि पिछले बंदी में नक्सलियों ने रेल पटरी उड़ा दी थी. आरपीएफ डीआइजी ने नक्सली बंदी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है. बंद के दौरान किसी खास गतिविधि की खुफिया सूचना अब तक नहीं मिली है. बंद के दौरान नक्सली रेलवे ट्रैक और रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसको लेकर महत्वपूर्ण मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के आगे पायलट इंजन चलाने का निर्णय लिया गया है. ट्रैक मैन कीमैन अलर्ट रहेंगे. ब्रिज और रेलवे ट्रैक पर नियमित पेट्रोलिंग करेंगे.

 स्टेशन मास्टर, केबिन मैन, ड्राइवर गार्ड समेत सभी स्टेशन कर्मचारी अलर्ट रहेंगे. चक्रधरपुर रेल मंडल के सरायकेला, खरसावां, चाईबासा, चक्रधरपुर, मनोहरपुर, पोसैता समेत अन्य स्थानों के सारे रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा बल रहेंगे.

बंद को लेकर नक्सलियों प्रेस रिलीज जारी किया है. जिसमें लिखा है कि 23 मई को लोवादा गांव के पास कॉमरेड बुधवाम समेत तीन लोगों को पुलिस ने मार डाला. इसके अलावा लिपुंगा में भी 17 जून को उनके साथियों को मारा गया. जिसका नक्सली संगठन विरोध करता है.

रेल एसपी टाटानगर रेल एसपी प्रवीण पुष्कर ने बताया कि नक्सली बंदी को लेकर अलर्ट पर पूरी पुलिस टीम है. आरपीएफ के साथ समन्वय स्थापित कर सुरक्षा के बंदोबस्त किये जा रहे हैं.

धनबाद में लोकसभा सीट की हार, और आगामी विधानसभा में सभी 6 सीटों पर जीत को लेकर किया कांग्रेस ने बैठक,डॉ प्रदीप बालमुचू

झा.डेस्क

 धैया स्थित पंचशील विवाह भवन में हुई इस बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री डॉ प्रदीप कुमार बलमुचु ने की. उन्होंने कहा कि धनबाद में संगठन बेहतर काम कर रहा है. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सभी नेता व कार्यकर्ताओं ने मजबूती के साथ काम किया और परिणाम स्वरूप चुनाव में वोट की वृद्धि हुई है.

 उन्होंने सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में मजबूती के साथ जुट जाने का आह्वान किया. संगठन में अनुशासन पर जोर देते हुए कहा कि संगठन में अनुशासन सर्वोपरि है. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डॉ बलमुचु ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा की जा रही है. प्रखंड अध्यक्षों की बातों को सुना गया है. कई कार्यकर्ताओं ने लिखित रूप में भी अपनी बातें रखी हैं.

 सभी का अध्ययन करने बाद किसी नतीजे पर पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि संगठन की शक्ति व कार्यकर्ताओं के उत्साह को किस तरह से आनेवाले विधानसभा चुनाव में लगाया जाये, इस पर पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ मंथन किया जा रहा है.

डॉ बलमुचु ने कहा कि वर्तमान में धनबाद लोकसभा क्षेत्र का दो विधानसभा सीट इंडिया गठबंधन के पास है, कैसे अगले चुनाव में अन्य चार विस क्षेत्र भी इंडिया गठबंधन के पाले में आये, इस पर मंथन किया जा रहा है. धनबाद की सभी छह सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करना लक्ष्य है.

 हेमंत सोरेन को फिर से मुख्यमंत्री बनाये जाने के सवाल पर श्री बलमुचु ने कहा कि यह गठबंधन का निर्णय है. भाजपा बेवजह हाय तौबा मचा रही है, क्योंकि उसको लग रहा है कि चंपाई सोरेन सीएम रहते, तो आगामी विधानसभा चुनाव में ज्यादा फायदा मिलता.

बंद कमरे में कार्यकर्ताओं के साथ किया मंथन :

कांग्रेस के चुनाव परिणाम समिति की समीक्षा बैठक में आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चला. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने हंगामा भी किया, पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर वो शांत हो गये. इसके बाद परिणाम समिति ने पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ बंद कमरे में रायशुमारी की. श्री बलमुचु ने धनबाद जिले के सभी नेताओं व प्रखंड व नगर अध्यक्षों के साथ बंद कमरे में ही बारी-बारी से रायशुमारी की. किसी ने बाहरी प्रत्याशी होने, तो किसी ने टिकट वितरण में देरी का मुद्दा उठाया. इस पर डॉ बलमुचु ने सभी की मेहनत की सराहना करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया. मौके पर पूर्व सांसद सह परिणाम समिति के सदस्य प्रदीप तुलस्यान, भीम कुमार, सुल्तान अहमद, झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, रशीद राजा अंसारी, मदन महतो, रवींद्र वर्मा, शमशेर आलम, दुर्गा दास, आमिर हाशमी, मनोज यादव, लक्ष्मण तिवारी, शाहिद कमर, राजेश्वर सिंह यादव, रमेश जिंदल, अक्ष्यवर प्रसाद, जावेद राजा, उपेंद्र सिंह, अशोक मालाकार, शेखर सहाय, पप्पू कुमार तिवारी, मसूद आलम, कुमार गौरव, गोपाल कृष्णा चौधरी, जहीर अंसारी, राजू दास, सीता राणा, डीके सिंह, प्रसाद निधि, मृत्युंजय सिंह, जयप्रकाश चौहान, पप्पू पासवान, रोशन कुमार, इम्तियाज अली व अजय कुमार के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.

कुर्सी नहीं रहने पर नाराज हुईं झरिया विधायक :

कांग्रेस की समीक्षा बैठक में झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह जब पहुंचीं, तो उनके लिए कुर्सी खाली नहीं थी. इस पर वह नाराज हो गयीं. उन्होंने कहा कि उनके लिए कुर्सी नहीं है, तो वह जा रही हैं. इसी दौरान जिलाध्यक्ष संतोष सिंह व अन्य नेता उठे और उन्हें कुर्सी उपलब्ध करायी. बैठक को संबोधित करते हुए विधायक श्रीमती सिंह ने पार्टी के पदाधिकारियों को एक दूसरे की बुराई छोड़ पार्टी की भलाई के लिए काम करने की सलाह दी.

 उन्होंने कहा कि पार्टी व संगठन को मजबूत करना चाहते हैं, तो एक दूसरे की टांग खींचना बंद करें. अगर पार्टी ने कोई निर्णय लिया है, तो सबकी जिम्मेदारी बनती है, उस निर्णय के आलोक में काम करे. इस दौरान अनवर शमीम, मनोज सिंह, हुमायू राजा, मोइन अंसारी समेत अन्य कांग्रेस के कुछ लोगों ने पार्टी की हार के लिए जिलाध्यक्ष व कार्यकारी अध्यक्ष को जिम्मेदारी ठहराया.

झारखंड में गरीबों को राशन देने के लिए बने पूर्व सीएम चम्पई सोरेन की तस्वीर वाली झोले को लेकर डीलर संशय में ..?


झा. डेस्क 

रांची :चम्पई सोरेन को सीएम रहते समय गरीबों को राशन देने के लिए झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की तस्वीर और राज्य सरकार का लोगो लगे 66 लाख झोले बनाये गये.

 सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से 14 रुपये प्रति झोला की दर से इसे प्रिंट कराया गया था जिस पर करीब 9.24 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. 

इन झोलों पर चंपाई सोरेन की ओर से स्वीकृत योजनाओं का विवरण लिखा है. इन झोलों में करीब 22 लाख झोले गरीबों को राशन के साथ बांटे जा चुके हैं. अब भी 44 लाख झोले नहीं बांटे गये हैं. सीएम बदल जाने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के डीलर संशय में है.कि इन झोलों का क्या होगा.

 यह भी जानकारी आ रही है कि कई डीलरों ने अभी ग्राहकों को झोला दिया ही नहीं. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से झोला को प्रिंट कराया गया था. योजना थी कि राशन लेनेवाले लाभुकों को इसी झोले में राशन दिया जाये. मार्च में झोला कई डीलरों को भेज दिया गया था.

53 करोड़ की लागत से तस्वीर लगे टैब भी बांटा था रघुवर सरकार ने

तत्कालीन रघुवर दास सरकार ने भी वर्ष 2019 में 53 करोड़ की लागत से स्कूलों में शिक्षकों के बीच टैब बांटे थे. इनमें उनकी तस्वीर लगी हुई थी. जब सरकार बदली तो टैब में तस्वीर हटाने का निर्देश दिया गया था. पर प्रक्रिया जटिल थी. बाद में टैब बेकार हो गये.

सरकारी झोला के एक ओर सफेद रंग और दूसरी ओर हरे रंग का बैकग्राउंड है, जिसपर तत्कालीन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का फोटो लगा है. इस पर 1932 का खतियान सबसे ऊपर, ओबीसी को 27 फीसदी, एसटी को 28 व एससी को 12 फीसदी आरक्षण, सीएम उत्कृष्ट विद्यालय, सर्वजन पेंशन, मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी समेत राज्य सरकार की अन्य योजनाओं की जानकारी दी गयी है.

छुट्टी में घर आ रहे झारखण्ड निवासी सीमा सुरक्षा बल के जवान अमित शुक्ला की सड़क हादसे में मौत, चचरे भाई के शादी में पालमू आ रहे थे


झा. डेस्क 

छुट्टी में घर आ रहे जवान अमित शुक्ला की सड़क हादसे में मौत हो गयी। घटना जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले की है।

 चेनानी-नाशरी सुरंग के अंदर एक कैब पलट जाने से बीएसएफ जवान अमित कुमार शुक्ला (30) की जान चली गई। अधिकारियों ने बताया कि अमित शुक्ला जो जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। वह छुट्टी पर झारखंड स्थित अपने घर पलामू आ रहे थे। 

जानकारी के मुताबिक बीएसएफ जवान अमित शुक्ला ( 30) सदर प्रखंड के सिंगरा निवासी उपेंद्र शुक्ला के पुत्र थे। अमित शुक्ला के घर में चचेरे भाई की शादी है। इसी शादी में शामिल होने के लिए वह घर पर ड्यूटी से छुट्टी लेकर आ रहे थे। 

काश्मीर के छिंदवाड़ा में एक साल पहले उनकी पोस्टिंग हुई थी। रात दस बजे छिंदवाड़ा कैंप से जम्मू रेलवे स्टेशन जाने के लिए जाइलो वाहन से निकले थे। 

इसमें सीमा सुरक्षा बल के 26 वीं वाहिनी के आठ जवान सवार थे। सभी अपने घर छुट्टी में जाने के लिए स्टेशन से ट्रेन पकड़ने निकले थे। शनिवार की अहले सुबह करीब चार बजे जम्मू के चिनैनी नाशरी टनल में तेज रफ्तार जाइलो पलट गई।

देवघर में हुआ बड़ा हादसा, तीन मंजिला इमारत गिरी, एक की मौत,निशिकांत दुबे पहुंचे मौके पर

झारखण्ड डेस्क 

देवघर :शहर में रविवार को सुबह-सुबह बड़ा हादसा हो गया। एक तीन मंजिली इमारत ढह गई, जिसमें दस से बारह लोग फंसे गए। सीता होटल के पास गिरी इमारत के मलबे से अब तक दो लोगों को निकाला गया है। इनमें से एक मनीष दत्त की मृत्यु हो गई। 

जेसीबी और मजदूरों को बुलाकर गिरी हुई इमारत का मालवा हटवाया जा रहा है।

पहला रेस्क्यू सुबह 8:30 बजे हुआ। एनडीआरएफ टीम ने अनुपमा देवी को बाहर निकाला। दूसरा रेस्क्यू 9:35 बजे हुआ। अनुपमा के पति मनीष दत्त को निकालकर एनडीआरएफ टीम ने सदर अस्पताल भेजा, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।

  सीता होटल के समीप बमबम बाबा पथ हंसकुप मुहल्ले में जिस वक्त हादसा हुआ, भवन में तीन परिवार की तीन महिला समेत कुल नौ लोग अंदर में थे। मुहल्ले वालों ने दो लड़कियों सुभानी कुमारी और पीहू कुमारी को निकाला, लेकिन तीन महिला सहित सात लोग फंसे रह गए।

 दिनेश वर्णवाल, दिनेश की पत्नी अनुपमा देवी, सुनील कुमार यादव, सुनील की पत्नी सोनी देवी व सुनील का पुत्र सत्यम कुमार मलबे में फंसा है। सभी को निकालने में एनडीआरएफ की टीम जुटी है। इस हादसे की सूचना मिलते ही गोड्डा के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि सुबह 6 बजे सूचना मिली कि एक इमारत गिर गई है।

 लोग परेशान हैं। सभी लोग आ गए, लेकिन रेस्क्यू टीम एक घंटे बाद पहुंची।