तीन नए कानूनों को लेकर दिया प्रशिक्षण
गोण्डा। आज पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के निर्देशन में 03 नये आपराधिक कानूनों (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) के तहत प्रशिक्षण एंव कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत के नेतृत्व में डी0सी0 राजदीप यादव द्वारा पुलिस लाइन सभागार कक्ष में उपस्थित पुलिस कर्मचारियों को 03 नए कानूनों के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में थाने पर नियुक्त विवेचकगण(निरीक्षक, उपनिरीक्षक) एवं सीसीटीएनएस. कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया ।
प्रशिक्षण के द्वारा बताया गया कि नए कानून (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधि0 2023) एक जुलाई से लागू हो चुका है । इन नए कानूनों के लागू होने से अपराध एव अपराधियों पर और प्रभावी ढंग से शिंकजा कसा जा रहा है । इन तीन नए प्रमुख कानूनों का उद्देश्य दंड देने की बजाय न्याय देना है । नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव हुआ है जैसे हत्या के लिए लगायी जाने वाली धारा 302 अब धारा 101, ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316, हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 हो गयी है। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 हो गयी है ।
भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 111 के तहत संगठित अपराधों (जैसे – अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, अवैध वसूली, भूमि-हथियाना, आर्थिक लाभ, साइबर अपराध, अनुबन्ध हत्या, व्यक्तियों व नशीले पदार्थ एवं हथियारों की तस्करी, वैश्यावृत्ति के लिए मानव तस्करी आदि) में सामिल व उनके सहयोगियों को कम से कम 05 वर्ष की कैद व अधिकतम उम्र कैद या मृत्यु दण्ड एवं कम से कम 05 लाख का जुर्माना का प्रवधान है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत संज्ञेय अपराध घटित होने की सूचना राज्य के किसी पुलिस स्टेशन के अधिकारी को दी जा सकती है चाहे वह अपराध पुलिस स्टेशन के अधिकारी क्षेत्र में घटित हुआ हो या नही। थाना प्रभारी द्वारा अपराध की सूचना प्राप्त होते ही घटनास्थल पर विचार किए बिना जीरो एफ0आई0आर0 दर्ज किया जाएगा नए कानूनों में फोरेंसिक साक्ष्य संकलन और फॉरेसिंक लैब की स्थापना पर विशेष बल दिया गया है तथा इन कानूनों में ई-रिकार्ड का प्रावधान किया गया है ।
ई0- एफ0आई0आर0 व चार्जशीट डिजिटल होगे । 07 साल या उससे अधिक की सजा वाले गंभीर अपराधों में फॉरेसिक टीम द्वारा वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही को अनिवार्य किया गया है । नए कानूनों में अपराधी को दण्ड एवं पीड़ित को न्याय के विशेष प्रावधानों का उल्लेख है । कानून में संशोधन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और न्याय को प्राथमिकता दी गई है। आतंक और संगठित अपराध के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। वैज्ञानिक और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के महत्व को नए कानून में स्पष्ट किया गया है। अब थाने से कोर्ट तक की सभी प्रक्रिया आनलाइन होगी। प्रशिक्षण के दौरान समस्त थानों से आये हुए विवेचक (निरीक्षक, उपनिरीक्षक) व सी.सी.टी.एन.एस. कर्मी आदि मौजूद रहे।
Jul 07 2024, 15:09