अगर ऐसा ही चलता रहा, तो भारत की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक हो जाएगी, इसे रोका जाना बेहद जरूरी : इलाहाबाद हाई कोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार (2 जुलाई) को कहा कि यदि धर्मांतरण कराने वाले धार्मिक आयोजनों को नहीं रोका गया तो देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जाएगी। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह बात कही।
दरअसल, अदालत को बताया गया कि सूचना देने वाले के भाई को उसके गांव से दिल्ली में आयोजित "कल्याण" सभा में भाग लेने के लिए ले जाया गया था। उसके साथ गांव के कई लोगों को भी ईसाई धर्म अपनाने के लिए वहां ले जाया गया था। इस संदर्भ में न्यायालय ने कहा कि यदि इस तरह की प्रथा जारी रही तो बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जायेगी। जज रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि यदि इस प्रक्रिया को जारी रहने दिया गया, तो इस देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक हो जाएगी और ऐसे धार्मिक आयोजनों को तुरंत रोका जाना चाहिए जहां धर्मांतरण हो रहा हो और भारत के नागरिकों का धर्म परिवर्तन हो रहा हो।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 25, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार की आज़ादी देता है , लेकिन एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण का प्रावधान नहीं करता है। उन्होंने कहा कि, इसमें "प्रचार" शब्द का अर्थ बढ़ावा देना है, लेकिन इसका अर्थ किसी व्यक्ति को उसके धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करना नहीं है।
हाई कोर्ट के जज ने कहा कि आर्थिक रूप से गरीब व्यक्तियों सहित अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति जातियों और अन्य जातियों के लोगों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने की गैरकानूनी गतिविधि पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जा रही है। इस प्रकार, अदालत ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, यह न्यायालय प्रथम दृष्टया पाता है कि आवेदक जमानत का हकदार नहीं है। इसलिए, उपरोक्त मामले में शामिल आवेदक की जमानत याचिका खारिज की जाती है।
भारत में धर्मान्तरण का खेल
बता दें कि, देश में धर्मान्तरण का खेल कई तरीकों से चल रहा है। यहाँ तक की ऑनलाइन गेम के जरिए बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। इस गिरोह का सरगना शाहनवाज और उसके गुर्गे पहले नाबालिग बच्चों को पहले ऑनलाइन गेम में हराते थे, बाद में उन्हें इस्लामी दुआएं पढ़ने को कहते थे, जिसके बाद वे खुद बच्चों को जीता देते थे और कहते थे कि ये इस्लाम की ताकत है, इस तरह से कट्टरपंथियों ने ब्रेनवाश कर कई बच्चों को मुस्लिम बना दिया था। अकेले महाराष्ट्र में 400 बच्चे मुस्लिम बन गए थे। एक पिता को ये तब पता चला, जब बच्चा कुछ तय समय पर बिना कुछ बताए बाहर जाने लगा, जब पिता ने पता किया तो मालूम चला कि वो नमाज़ पढ़ने मस्जिद जाने लगा हैl
इसके अलावा हनी ट्रैप का मामला भी सामने आया था। नेहा उर्फ मेहर नाम की एक औरत ने अपने साथियों के साथ मिलकर 25 से 50 वर्ष के उम्र के लोगों को फंसाया, उनके साथ संबंध बनाए और फिर उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए कहा, ना मानने पर उनके वीडियो वायरल करने की धमकी दी। ये महिला मुंबई से गिरफ्तार हुई थी।
लव जिहाद के बारे में सभी जानते ही हैं, नाम छिपाकर मित्रता करना, फिर प्रेमजाल में फंसाकर शादी करना और फिर शादी के बाद अपना असली रूप दिखाते हुए लड़की को धर्मान्तरण करने के लिए मजबूर करना, न मानने पर उसका क़त्ल कर देना या उसे प्रताड़ित करना, ऐसे काफी केस भारत में सामने आ चुके हैं। इसमें पीड़िताएं, हिन्दू, सिख और ईसाई समुदाय की ही पाई गई हैं। इसके अलावा लालच देकर, डरा-धमकाकर, ब्रेनवाश करके, कई तरीकों से लोगों का धर्मान्तरण किया जा रहा है, जो देश के लिए एक बड़ी समस्या है, क्योंकि मध्य प्रदेश के जबलपुर से कई ऐसे आतंकी भी पकड़ाए हैं, जो पहले हिन्दू हुआ करते थे, उनका ब्रेनवाश कर उन्हें पहले मुस्लिम बनाया गया और फिर आतंकी। इसके बाद ये लोग, दूसरे गैर-मुस्लिमों को भी आतंक के रास्ते पर धकेलने के मिशन में जुटे हुए थे। इस तरह ये कट्टरपंथी, भारत के ही लोगों को भारत के खिलाफ लड़ाने की साजिश रच रहे हैं, जिसके खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
हालाँकि, कई राज्यों में धर्मान्तरण विरोधी सख्त कानून है। लेकिन, कांग्रेस शासित कर्नाटक और INDIA गठबंधन शासित कुछ अन्य राज्यों में पूर्व की सरकारों द्वारा अवैध धर्मान्तरण रोकने के लिए बनाया गया धर्मान्तरण विरोधी कानून हटा दिया है, जिससे कट्टरपंथियों को लोगों का धर्मान्तरण करने की खुली छूट मिल गई है और वे इसके लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं।
Jul 02 2024, 14:04