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अगर ऐसा ही चलता रहा, तो भारत की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक हो जाएगी, इसे रोका जाना बेहद जरूरी : इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार (2 जुलाई) को कहा कि यदि धर्मांतरण कराने वाले धार्मिक आयोजनों को नहीं रोका गया तो देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जाएगी। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए यह बात कही।

दरअसल, अदालत को बताया गया कि सूचना देने वाले के भाई को उसके गांव से दिल्ली में आयोजित "कल्याण" सभा में भाग लेने के लिए ले जाया गया था। उसके साथ गांव के कई लोगों को भी ईसाई धर्म अपनाने के लिए वहां ले जाया गया था। इस संदर्भ में न्यायालय ने कहा कि यदि इस तरह की प्रथा जारी रही तो बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक बन जायेगी। जज रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा कि यदि इस प्रक्रिया को जारी रहने दिया गया, तो इस देश की बहुसंख्यक आबादी एक दिन अल्पसंख्यक हो जाएगी और ऐसे धार्मिक आयोजनों को तुरंत रोका जाना चाहिए जहां धर्मांतरण हो रहा हो और भारत के नागरिकों का धर्म परिवर्तन हो रहा हो।

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 25, अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार की आज़ादी देता है , लेकिन एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण का प्रावधान नहीं करता है। उन्होंने कहा कि, इसमें "प्रचार" शब्द का अर्थ बढ़ावा देना है, लेकिन इसका अर्थ किसी व्यक्ति को उसके धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करना नहीं है। 

हाई कोर्ट के जज ने कहा कि आर्थिक रूप से गरीब व्यक्तियों सहित अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति जातियों और अन्य जातियों के लोगों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण करने की गैरकानूनी गतिविधि पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जा रही है। इस प्रकार, अदालत ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, यह न्यायालय प्रथम दृष्टया पाता है कि आवेदक जमानत का हकदार नहीं है। इसलिए, उपरोक्त मामले में शामिल आवेदक की जमानत याचिका खारिज की जाती है।

भारत में धर्मान्तरण का खेल

बता दें कि, देश में धर्मान्तरण का खेल कई तरीकों से चल रहा है। यहाँ तक की ऑनलाइन गेम के जरिए बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है। इस गिरोह का सरगना शाहनवाज और उसके गुर्गे पहले नाबालिग बच्चों को पहले ऑनलाइन गेम में हराते थे, बाद में उन्हें इस्लामी दुआएं पढ़ने को कहते थे, जिसके बाद वे खुद बच्चों को जीता देते थे और कहते थे कि ये इस्लाम की ताकत है, इस तरह से कट्टरपंथियों ने ब्रेनवाश कर कई बच्चों को मुस्लिम बना दिया था। अकेले महाराष्ट्र में 400 बच्चे मुस्लिम बन गए थे। एक पिता को ये तब पता चला, जब बच्चा कुछ तय समय पर बिना कुछ बताए बाहर जाने लगा, जब पिता ने पता किया तो मालूम चला कि वो नमाज़ पढ़ने मस्जिद जाने लगा हैl

इसके अलावा हनी ट्रैप का मामला भी सामने आया था। नेहा उर्फ मेहर नाम की एक औरत ने अपने साथियों के साथ मिलकर 25 से 50 वर्ष के उम्र के लोगों को फंसाया, उनके साथ संबंध बनाए और फिर उन्हें इस्लाम कबूल करने के लिए कहा, ना मानने पर उनके वीडियो वायरल करने की धमकी दी। ये महिला मुंबई से गिरफ्तार हुई थी। 

लव जिहाद के बारे में सभी जानते ही हैं, नाम छिपाकर मित्रता करना, फिर प्रेमजाल में फंसाकर शादी करना और फिर शादी के बाद अपना असली रूप दिखाते हुए लड़की को धर्मान्तरण करने के लिए मजबूर करना, न मानने पर उसका क़त्ल कर देना या उसे प्रताड़ित करना, ऐसे काफी केस भारत में सामने आ चुके हैं। इसमें पीड़िताएं, हिन्दू, सिख और ईसाई समुदाय की ही पाई गई हैं। इसके अलावा लालच देकर, डरा-धमकाकर, ब्रेनवाश करके, कई तरीकों से लोगों का धर्मान्तरण किया जा रहा है, जो देश के लिए एक बड़ी समस्या है, क्योंकि मध्य प्रदेश के जबलपुर से कई ऐसे आतंकी भी पकड़ाए हैं, जो पहले हिन्दू हुआ करते थे, उनका ब्रेनवाश कर उन्हें पहले मुस्लिम बनाया गया और फिर आतंकी। इसके बाद ये लोग, दूसरे गैर-मुस्लिमों को भी आतंक के रास्ते पर धकेलने के मिशन में जुटे हुए थे। इस तरह ये कट्टरपंथी, भारत के ही लोगों को भारत के खिलाफ लड़ाने की साजिश रच रहे हैं, जिसके खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। 

हालाँकि, कई राज्यों में धर्मान्तरण विरोधी सख्त कानून है। लेकिन, कांग्रेस शासित कर्नाटक और INDIA गठबंधन शासित कुछ अन्य राज्यों में पूर्व की सरकारों द्वारा अवैध धर्मान्तरण रोकने के लिए बनाया गया धर्मान्तरण विरोधी कानून हटा दिया है, जिससे कट्टरपंथियों को लोगों का धर्मान्तरण करने की खुली छूट मिल गई है और वे इसके लिए तरह-तरह के तरीके अपना रहे हैं।

आप पीएम के सामने झुके, मेरे सामने नहीं..! राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर पर लगाया बड़ा आरोप तो...


विपक्ष के नेता राहुल गांधी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच सोमवार को सदन के अंदर बहस देखने को मिली, हालाँकि स्पीकर ने मुस्कुराते हुए ही राहुल के सवाल का जवाब दिया। दरअसल, राहुल गांधी ने उनसे सवाल किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने (बिरला ने) उनके सामने झुककर प्रणाम क्यों किया ? विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि, जब आपने (स्पीकर ओम बिरला) मुझसे हाथ मिलाया तो मैंने एक बात नोटिस की। जब आपने मुझसे हाथ मिलाया तो आप सीधे खड़े थे। लेकिन जब आपने मोदीजी से हाथ मिलाया तो आप उनके सामने झुके हुए थे। राहुल गांधी के बयान पर जहां विपक्षी INDIA गठबंधन के सदस्यों ने जमकर मेज पीटी और खुशी जताई, वहीं एनडीए सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने खड़े होकर कहा कि यह सीधे आसन के खिलाफ आरोप है। हालाँकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुस्कुराते हुए राहुल गांधी को जवाब दिया कि, मेरी संस्कृति और संस्कार ये कहते हैं कि व्यक्तिगत जीवन में या सार्वजनिक जीवन में तथा इस आसन पर भी कि जो हमसे बड़े हैं, उनसे झुककर और आवश्यक हो तो पैर छूकर प्रणाम करो। वहीं, अपने बराबर वालों से या उम्र से छोटे से बराबर का व्यवहार करो. प्रधानमंत्री सदन के नेता हैं, और उम्र में मुझसे बड़े भी, यही मैंने सीखा है और मैं इसी संस्कार का पालन करता हूं।
राहुल गांधी के बाद लोकसभा में खूब गरजे अखिलेश यादव, बोले- बड़ा गमगीन बेनूर है.... लग रहा है हारी हुई सरकार विराजमान है*
#sp_chief_akhilesh_yadav_address_lok_sabha कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अखिलेश यादव लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। राहुल गांधी की ही तरह अखिलेश ने भी पेपर लीक, अग्निवीर और ईवीएम जैसे मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया। पेपर लीक को लेकर अखिलेश ने कहा कि सरकार इसलिए पेपर लीक करवा रही है ताकि किसी को नौकरी न देना पड़े। साथ ही ईवीएम को लेकर अखिलेश ने कहा कि हम इसके समर्थन में कभी नहीं थे और इसके खिलाफ हम संघर्ष करते रहेंगे। अखिलेश ने अग्निवीर योजना को खत्म किए जाने की बात कही। *400 पार पर समझदार जनता को धन्यवाद-अखिलेश* लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर मंगलवार को शुरू हुई। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव स्पीकर ओम बिरला को बोलने का मौका देने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद। उन्होंने कहा, 'आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है। क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं।' *अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी-अखिलेश* अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए जिम्मेदारी का संदेश देता है और यह परिणाम सांप्रदायिक राजनीति का अंत कर सामुदायिक राजनीति की शुरुआत करने वाला है। उन्होंने कहा, जो लोग चुनाव को अपनी तरह से मोड़ते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस चुनाव के परिणाम में तोड़ने वाली राजनीति की हार हुई है। वहीं जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। इस चुनाव में धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है। यह चुनाव सकारात्मक का दौर शुरू हुआ है। संविधान ही संजीवनी है। यह संविधान मंथन में हैं। संविधान रक्षकों की जीत हुई है। मैं कहना चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आंकाक्षा से चलेगा। मतलब अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी। *10 साल में शिक्षा माफिया का जन्म- अखिलेश* पेपर लीक मामले में सरकार पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौजवान जब तैयारी करके परीक्षा देने जाता था और बाद में उसके पता चलता था कि पेपर लीक हो गया है। उत्तर प्रदेश में केवल एक पेपर लीक नहीं हुआ है, जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सब लीक हुई हैं. सिर्फ यूपी ही नहीं देश के कई अन्य प्रदेश भी हैं जहां पर पेपर लीक हुई है। 4 जून को परिणाम आने के बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया। उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार ये पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि ये सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े। पिछले 10 सालों में सरकार की उपलब्धि यही रही है कि एक शिक्षा माफिया का जन्म हुआ। ऐसा लगता है कि परीक्षा-शिक्षा माफिया ने अमृतकाल में युवाओं की आशा को जहर दे दिया है। *अर्शव्यवस्था पर सरकार आंकड़े क्यों छिपा-अखिलेश* सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सरकार कहने को तो कहती है कि यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। मगर सरकार आंकड़े क्यों छिपा रही है कि अगर यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है। हमने देखा है कि अगर दिल्ली सरकार ने कहा होगा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी, तो जहां से पीएम से चुनकर आती है, तो वहां की प्रदेश सरकार कह रही है कि हम एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बना लेंगे। अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनना है तो 35 फीसदी की ग्रोथ चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि इतनी ग्रोथ हो पाएगी। *अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज* सपा सांसद ने अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा कि जनता का जागरण काल आ गया है। देश में एक जीत और हुई है। हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं, होइहीं सोई जो राम रची राखा। अयोध्या की जीत देश के परिपक्व मतदाताओं की जीत है। अयोध्या की जीत हमारी मर्यादा की जीत है। ये उसका फैसला है जिसकी लाठी में आवाज नहीं होती. जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार। *आरक्षण के साथ खिलवाड़-अखिलेश* अखिलेश यादव ने सदन में कहा कि हम जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं, क्योंकि इसके बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ अग्निवीर योजना लागू कर समझौता किया गया है। हम अग्निवीर योजना को स्वीकार नहीं करते, जब कभी ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा, तो हम इस योजना को खत्म कर देंगे।
एनडीए संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी की बड़ी नसीहत, बोले-गैरजरूरी बयानबाजी से बचें, मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाएं*
#nda_parliamentary_party_meeting_pm_narendra_modi_advised

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब दे सकते हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आज पहली बार आज पहली बार एनडीए सांसदों के साथ बैठक की और उन्हें संबोधित किया। तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मोदी ने पहली बार सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों को संबोधित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद भवन परिसर स्थित पार्लियामेंट लाइब्रेरी बिल्डिंग के जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम में एनडीए सांसदों की बैठक हुई। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के सांसदों को संबोधित करते हुए खास मंत्र दिया। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए सांसदों से संसदीय नियमों का पालन करने और अपने मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाने को कहा है। पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों से गैरजरूरी बयानबाजी से बचने की भी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सभी सांसद देशसेवा के लिए आए हैं और सभी सांसदों को देश सेवा को सर्वोपरि रखना है। पीएम मोदी ने संसदीय दल की बैठक में कहा कि सांसदों का व्यवहार और आचरण ठीक रखना चाहिए। अपने अपने क्षेत्र के विषयों को ठीक से रखना चाहिए। सांसदों को संसद के नियम के अनुसार आचरण करना चाहिए। सांसदों को जिन विषयों में विशेष रुचि है, उसको शेयर करना चाहिए। हर एमपी को अपने जड़ से जुड़ा रहना चाहिए, इधर उधर भाषण की बजाए बेहतर ढ़ंग से अपनी बात उचित फोरम पर रखना चाहिए। पीएम ने संसदीय दल बैठक में नए सांसदों को हिदायत दी कि उनसे कई लोग चिपकने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे लोगों को वेरिफिकेशन के बाद ही अपने साथ लाएं या संपर्क रखें। मीडिया में अनावश्यक बयानबाजी से बचें. उन्होंने सांसदों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों को पूरा समय दें और तैयारी के साथ ही संसद में आएं। बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा नेहरू के बाद कई पीएम रहे, कुछ प्रत्यक्ष तो कुछ रिमोट से। गांधी परिवार ये सहन नहीं कर पा रहा है कि उनके परिवार के बाहर कोई प्रधानमंत्री कैसे बन सकता है। उनको ये बेचैनी है कि नेहरू के बाद तीन बार लगातार जीतने का काम जो वो नहीं कर पाए, वो एक चायवाले ने कैसे कर दिया और उनकी ये छटपटाहट दिख भी रही है।
व्हाट्सऐप ने भारत में 66 लाख से ज्यादा अकाउंट बैन किए, जानिए क्या है कारण
#whatsapp_banned_over_66_lakh_accounts_in_india_in_may मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने बड़ा एक्शन लिया है। व्हाट्सएप का दावा है कि उसने मई में भारत में 66 लाख से ज़्यादा अकाउंट्स को बैन कर दिया है। व्हाट्सएप ने सोमवार को कहा कि उसने मई में भारत में 66 लाख से ज़्यादा अकाउंट्स को देश के कानूनों का उल्लंघन करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। व्हाट्सएप ने ये भी बताया कि इन 66 लाख अकाउंट्स में से 12 लाख से ज़्यादा अकाउंट्स को यूजर्स की किसी शिकायत के पहले ही कंपनी ने खुद ही बंद कर दिया था। भारत सरकार के आईटी नियमों के तहत कंपनियों को हर महीने अपनी रिपोर्ट देनी होती है। इसमें कंपनियां हर प्रकार का डेटा पेश करती हैं। इसी में व्हाट्सऐप की तरफ से दावा किया गया है कि उन्होंने कई अकाउंट्स पर एक्शन लिया है और उन्हें बैन करने का फैसला लिया गया है। इसमें बताया गया कि उन्हें 13 हजार से ज्यादा शिकायतें मिली थीं, लेकिन इसमें 31 शिकायतों पर ही कार्रवाई की गई है। व्हाट्सएप की रिपोर्ट में बताए गए "कार्रवाई किए गए" अकाउंट्स वो हैं जिनपर यूजर्स की शिकायत के बाद व्हाट्सएप ने कोई ना कोई कदम उठाया है। इसमें अकाउंट बंद करना या फिर कोई पाबंदी लगाना शामिल हो सकता है। इसके अलावा, व्हाट्सएप को देश की एक समिति से भी 11 शिकायतें मिली थीं, जिनपर उन्होंने जरूरी कार्रवाई की। कंपनी का कहना है कि वो भविष्य में भी इतनी ही ट्रांसपेरेंसी बनाए रखेंगे और अपनी रिपोर्ट में किए गए कार्यों की जानकारी देते रहेंगे। व्हाट्सऐप के भारत में 550 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं। इसमें व्हाट्सऐप को अगर किसी अकाउंट की शिकायत मिलती हैं तो उस पर कार्रवाई की जाती है। ऐसी ही कार्रवाई अप्रैल के महीने में की गई थी जब 71 लाख अकाउंट को बैन कर दिया गया था। मार्च में व्हाट्सऐप को 10,554 शिकायतें मिली थीं। ॉ
बारबाडोस से भारतीय क्रिकेट टीम को लेकर आई खुशखबरी, इस दिन लौट सकते हैं वर्ल्ड चैंपियंस*
#good_news_for_barbados_may_leave_for_delhi_on_tuesday
पूरा देश वर्ल्ड चैंपियन बने अपनी टीम का इंतजार कर रही है। दरअसल, भारतीय क्रिकेट टीम ने बारबाडोस में दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीता। 29 जून शनिवार को रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया चैंपियन बनी थी। चैंपियन बनने के बाद टीम इंडिया को भारत लौटना था, लेकिन बेरिल नाम के चक्रवाती तूफान के कारण टीम बारबाडोस में ही फंस गई। उनकी स्वदेश वापसी नहीं हो पा रही है। हालांकि, अब बारबाडोस से अच्छी खबर आई है। अब तूफान का असर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। अगर अगले कुछ घंटों में सब शांत हो जाता है, तो एयरपोर्ट समेत सभी सुविधाओं को फिर से चालू कर दिया जाएगा। इसके बाद रोहित शर्मा पूरी टीम के साथ मंगलवार की शाम तक भारत के लिए रवाना हो सकते हैं। कुछ ही घंटों में तूफान का असर पूरी तरह खत्म होने का अनुमान है, जिसके बाद बारबाडोस एयरपोर्ट को मंगलवार शाम तक चालू किया जा सकता है। इसके बाद बारबाडोस के लोकल टाइम के अनुसार, शाम 6.30 बजे पूरी टीम भारत के लिए रवाना हो जाएगी और बुधवार शाम 7.45 तक दिल्ली में लैंड करेगी। बताया जा रहा है कि बीसीसीआई ने भारतीय टीम के बारबाडोस के निकलने के लिए स्पेशल फ्लाइट का इंतजाम कर दिया है। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम, उसके सहयोगी स्टाफ, कुछ बीसीसीआई अधिकारी और खिलाड़ियों का परिवार तूफान बेरिल के कारण पिछले दो दिनों से बारबाडोस में फंसे हुए हैं। टीम ने शनिवार को फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को सात रन से हराकर खिताब जीता था। इसके बाद से टीम वहीं अपने होटल में है। बता दें कि बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल के मैदान पर भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर 2024 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। यह टीम इंडिया का दूसरा टी20 वर्ल्ड कप था। सबसे पहले भारत ने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। इसके बाद भारत को फॉर्मेट का दूसरा खिताब जीतने में 17 सालों का वक़्त लग गया। भारत ने टी20 वर्ल्ड कप का पहला खिताब एमएस धोनी की कप्तानी में जीता था। अब टीम को दूसरा खिताब रोहित शर्मा की कप्तानी में मिला।
लोकसभा में दिए राहुल गांधी के भाषण पर चली कैंची, इन शब्दों को हटाया गया

#rahul_gandhi_lok_sabha_speech_several_portions_have_been_expunged

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सोमवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।सोमवार को राहुल गांधी ने बतौर नेता विपक्ष अपना पहला भाषण दिया। राहुल गांधी ने अपने भाषण में भाजपा और केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस सांसद ने संसद में 90 मिनट का भाषण दिया और हिंदू, अग्निवीर समेत 20 मुद्दों पर बोले।ढाई घंटे के अपने भाषण के दौरान राहुल ने कई विवादित बातें बोलीं जो सत्ता पक्ष खासकर बीजेपी को नागवार गुजरीं। अब राहुल की स्पीच से इन विवादित हिस्सों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है। खुद स्पीकर ओम बिरला ने इसके निर्देश दिए हैं।

हिंदुओं को लेकर उनके बयान समेत भाषण के कुछ हिस्सों को अब सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है। जनसंपर्क शाखा के संयुक्त निदेशक बैकुंठनाथ महापात्र(लोकसभा सचिवालय) ने अपने पत्र में लिखा कि माननीय महोदय/महोदया लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की ओर से इन विवादित हिस्सों को निरस्त/गैर-रिकॉर्डेड कर दिया गया है।

इधर, राहुल गांधी के विवादित भाषण की कुछ लाइनों पर आपत्ति जताने वाले बीजेपी नेताओं ने उनसे माफी की मांग की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,जेपी नड्डा, अश्विनी वैष्णव और एनडीए के नेता चिराग पासवान सहित सत्ता पक्ष के कई सांसदों ने राहुल से माफी मांगने को कहा।

राहुल गांधी, सरकार को घेरने के लिए भगवान शिव, गुरुनानक और जीसस क्राइस्ट की तस्वीर लाए थे। राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान भगवान शिव की तस्वीर दिखाई और कहा कि शिव जी किसी से न डरना सिखाते हैं और न ही किसी को डराना। राहुल गांधी ने 20 मुद्दों पर सरकार को घेरा। इसमें हिंदू, अग्निवीर, किसान, मणिपुर, नीट, बेरोजगारी, नोटबंदी, जीएसटी, एमेसपी, हिंसा, भय, धर्म, अयोध्या, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, प्रधानमंत्री और स्पीकर शामिल हैं।

राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 'जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं, वह 24 घंटे हिंसा, नफरत और झूठ बोलते रहते हैं। ये हिंदू हैं ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सच के साथ खड़ा होना चाहिए और सच से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। अहिंसा फैलानी चाहिए।'

धन्यवाद प्रस्ताव पर आज लोकसभा में जवाब देंगे पीएम मोदी, राहुल गांधी पर कर सकते हैं पलटवार*
#pm_narendra_modi_lok_sabha_motion_of_thanks_debate
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण से जुड़े धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देंगे। पीएम मोदी लोकसभा में शाम 4 बजे के आसपास चर्चा का जवाब देंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने सुबह एनडीए सांसदों की मीटिंग बुलाई है। इसमें पीएम मोदी सांसदों के साथ सदन के अंदर की रणनीति पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी लोकसभा में राहुल गांधी पर बड़ा हमला कर सकते हैं। धन्यवाद प्रस्ताव सोमवार को शुरू हुई चर्चा देर रात तक चलती रही। चर्चा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी अपनी बात रखी। राहुल गांधी ने हिंदुत्व, अयोध्या, जम्मू-कश्मीर, अग्निवीर समेत कई अहम मुद्दों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। पूरी संभावना है कि प्रधानमंत्री राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करेंगे। आपको बता दें कि सोमवार को पहली बार लोकसभा में नेता विपक्ष बने राहुल गांधी बोले थे। राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत से ही सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन फिर राहुल गांधी ने हिंदुओं के मुद्दे पर ऐसा बयान दे दिया, जिसके बाद लोकसभा का पारा अचानक हाई हो गया। राहुल ने बीजेपी पर देश में हिंसा, नफरत तथा डर फैलाने का आरोप लगाया और दावा किया कि ये लोग हिंदू नहीं हैं। राहुल गांधी के इस बयान के बाद लोकसभा में दोनों तरफ से जबरदस्त हंगामा हुआ। राहुल के इस दावे का सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विरोध भी जताया। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है। सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी से अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की। साथ में लोकसभा स्पीकर से कार्रवाई की गुहार लगाई। राहुल गांधी ने लोकसभा में 90 मिनट तक भाषण दिया। इस दौरान राहुल ने किसान, मणिपुर, नीट, अग्निवीर समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अग्निवीर सरकार के लिए यूज एंड थ्रो मजदूर हैं। सरकार अग्निवीर की मौत को शहीद नहीं मानती। उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता है। राहुल गांधी के इस बयान पर तुरंत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब दिया। राजनाथ सिंह ने कहा नेता प्रतिपक्ष अग्निवीर योजना पर सदन को गुमराह न करें। वहीं, किसानों के मुद्दे पर भी राहुल गांधी ने सरकार को घेरने की कोशिश की। राहुल ने किसानों को उचित एमएसपी नहीं दिए जाने का भी दावा किया। इस पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी को इसे साबित करने का चैलेंज दे दिया।
मेधा पाटकर को 5 माह की सजा, मानहानि मामले में दिल्ली की कोर्ट ने सुनाया फैसला

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दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पांच महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई।दिल्ली की एक अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 23 साल पुराने मानहानि के एक मामले में पांच महीने के साधारण कारावास की सोमवार को सजा सुनाई। कोर्ट ने मेधा पाटकर पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया और जुर्माने की राशि वीके सक्सेना को देने का निर्देश दिया।यह मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने उनके खिलाफ उस वक्त दायर किया था जब वह (सक्सेना) गुजरात में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के प्रमुख थे।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को मानहानि का दोषी पाया और उन्हें सक्सेना की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने उम्र का हावला देने वाली दलील को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह केस 25 साल तक चला। ‘प्रोबेशन’ पर रिहा करने के पाटकर के अनुरोध को खारिज करते हुए जज ने कहा, "तथ्यों... नुकसान, उम्र और बीमारी (आरोपी की) को देखते हुए, मैं अधिक सजा सुनाने के पक्ष में नहीं हूं।" इस अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष तक की साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। हालांकि, अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 389(3) के तहत उनकी सजा को 1 अगस्त तक निलंबित कर दिया ताकि वह आदेश के खिलाफ अपील कर सके।

अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए पाटकर ने कहा, "सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता. हमने किसी को बदनाम करने की कोशिश नहीं की, हम केवल अपना काम करते हैं. हम अदालत के फैसले को चुनौती देंगे।"

क्या था मामला?

पाटकर और सक्सेना के बीच वर्ष 2000 से ही एक कानूनी लड़ाई जारी है, जब पाटकर ने अपने और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए सक्सेना के विरुद्ध एक वाद दायर किया था। पाटकर ने दावा किया था कि ये विज्ञापन उनके और एनबीए के लिए अपमानजनक थे। इसके जवाब में, सक्सेना ने पाटकर के खिलाफ मानहानि के दो मामले दर्ज कराए थे। पहला, टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान उनके बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए और दूसरा, पाटकर द्वारा जारी एक प्रेस बयान से जुड़ा था। सक्सेना तब अहमदाबाद के एक एनजीओ ‘काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज’ के अध्यक्ष थे। पाटकर की सजा के लिए आदेश देते हुए जज ने कहा कि प्रतिष्ठा किसी भी व्यक्ति की सबसे मूल्यवान संपत्तियों में से एक है।

राहुल गांधी ने कहा अग्निवीर के बलिदान पर मुआवजा नहीं दिया जा रहा, राजनाथ सिंह बोले-सदन को किया जा रहा गुमराह

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना पर सवाल उठाए। सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा, मोदी सरकार अग्निवीर को शहीद का दर्जा नहीं देती। उन्हें मुआवजा भी नहीं दिया जाता।वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अग्निवीर योजना पर दिए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए या युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।

दरअसल, राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा के उन्होंने हाल ही में अग्निवीर अजय सिंह के परिवार से बात की। जनवरी में जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक लैंडमाइन विस्फोट में अजय सिंह ने सर्वोच्च बलिदान दिया था।राहुल गांधी ने कहा ‘उस घर में तीन बहनें बैठी हुईं रो रहीं थीं। मैंने उस युवक की फोटो देखी और उसकी शक्ल फिल्मी कलाकार जैसी थी। छटे से घर का अग्निवीर लैंडमाइन ब्लास्ट में अग्निवीर शहीद हुआ। मैं उसे शहीद कह रहा हूं लेकिन, नरेंद्र मोदी सरकार उसे शहीद नहीं कहती। नरेंद्र मोदी उसे अग्निवीर कहते हैं। उस घर को पेंशन नहीं मिलेगी। उस घर को मुआवजा नहीं मिलेगा, शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा। आम जवान को पेंशन मिलती है और हिंदुस्तान की सरकार आम जवान की मदद करेगी लेकिन अग्निवीर को जवान नहीं कहा जाता है। अग्निवीर, इस्तेमाल करो और फेंको (यूज एंड थ्रो) मजदूर है।’

राहुल गांधी ने आगे कहा कि अग्निवीर, सेना की नहीं बल्कि केंद्र सरकार की योजना है और केंद्र सरकार जबरन इस योजना को देश के सैनिकों पर थोप रही है। उन्होंने आगे कहा, ‘चीन की सेना में जवानों को पांच वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि भारत में अग्निवीरों को छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाता है। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, ‘केंद्र सरकार ने अग्निवीरों के मन में भय पैदा कर दिया है। चीन के प्रशिक्षित सैनिकों के सामने जब छह महीने का प्रशिक्षण प्राप्त अग्निवीर राइफल लेकर खड़ा होता है, तो उसके मन में भय पैदा होता है। केंद्र सरकार एक जवान और दूसरे जवान के बीच में फूट डालने का काम कर रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक को पेंशन मिलेगी और शहीद का दर्जा मिलेगा और अग्निवीर को ये सब नहीं मिलेगा।

राहुल गांधी के बयान पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, युद्ध के दौरान या सेना की सुरक्षा के दौरान अगर कोई अग्निवीर का जवान शहीद होता है तो उसे एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाता है। राहुल गांधी अग्निवीरों पर गलत बयान न दें। वो सदन को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।