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गोविंदपुर पुलिस ने अवैध बालू लदे पांच वाहनों को किया जब्त

*धनबाद :एनजीटी के रोक के बावजूद धनबाद जिले के विभिन्न जगहों से अवैध बालू का कारोबार फल फूल रहा है।इसी क्रम में बालू के अवैध कारोबार को रोकने छापेमारी जारी है । 

आज सुबह सहराज के समीप गोबिंदपुर पुलिस ने पांच बालू लदे वाहनों को जब्त किया है।इनमे चार ट्रैक्टर है एवम और एक वाहन शामिल है।

आपको बता दें कि एनजीटी के रोक के बावजूद प्रत्येक रोज सिजूआ एवं बेजड़ा घाट में अवैध बालू का बाजार रौशन होता है।ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रही है फिर भी बालू के अवैध कारोबार पर अंकुश क्यों नहीं लग रहा है ? सूत्रों के अनुसार रात के अंधेरे में भी हो रहा है अवैध बालू का कारोबार।

बिहार में पुल धराशायी होने कि घटना के बाद अब झारखंड में भी एक निर्माणधीन पुल हुआ जमींदोज


झारखंड डेस्क 

बिहार में पुलों के लगातार धराशायी होने की खबर के बीच अब झारखंड में भी एक निर्माणाधीन पुल गिर गया है. गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड में अरगा नदी पर बन रहे पुल का पिलर धंस गया जिससे गार्डर टूटा और पुल जमींदोज हो गया.

यह पुल फतेहपुर-भेलवाघाटी सड़क पर कारीपहरी गांव में अरगा नदी के ऊपर बनाया जा रहा था जो मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया. 

दरअसल शनिवार की शाम में हुई मूसलाधार बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ गया था.

नदी की तेज बहाव में निर्माणधीन पुल का का पिलर धंस गया जिससे गार्डर टूट कर गिर गया. वहीं एक अन्य पिलर भी टेढ़ा हो गया है. स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक तेज बारिश के दौरान रात करीब आठ बजे एक पाया टेढ़ा हो गया. 

इसके बाद तेज आवाज के साथ निर्माणाधीन पुल का गार्डर टूट कर नदी में गिर गया.

आवाज इतनी तेज थी कि उसे सुनकर आसपास के घरों में रहने वाले लोग बुरी तरह डर गए. जानकारी के मुताबिक इस पुल का निर्माण पथ निर्माण विभाग द्वारा साढ़े पांच करोड़ की लागत से करवाया जा रहा था. इस पुल को बनाने का ठेका ओम नमः शिवाय नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था.

पूर्व सीएम, हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और राज्य के मुख्य मंत्री चंपई सोरेन ने हुल दिवस पर सिद्धू -क़ानू के प्रतिमा पर पुष्पाजलि कर दी श्रद्धांजलि


झारखंड डेस्क 

आज साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड के भोगनाडीह में हुल दिवस का आयोजन किया गया.इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और गांडेय विधायक तथा हेमंत सोरेन कि धर्म पत्नी कल्पना सोरेन बरहेट पहुंची और सिद्धू क़ानू के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.

 इस अवसर पर राजमहल सांसद विजय हांसदा भी मौजूद थे . आज, हूल दिवस पर वीर शहीद को नमन करने साहिबगंज जिले के बरहेट प्रखंड के भोगनाडीह में राज्य के दिग्गज नेताओं का जुटान हुआ . बता दें कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक हेमंत सोरेन जेल से निकलने के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचें. जहां कार्यकर्ताओं को संबोधित किया 

 इसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां कर ली गई थी . इस अवसर पर सीएम चम्पाई सोरेन ने लाभकों के बीच पर संपत्तियों का वितरण और योजनाओं का शिलान्यास भी कर रहे हैं .

इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें झूठे केस में फँसा कर लोकसभा चुनाव के दौरान जेल में रखा गया. लेकिन हमें आप सभी पर भरोसा है और हम लोकतान्त्रिक तरीका से जवाब देंगे. हम झुकेंगे नहीं बल्कि हम अपनी ताकत और एक जुटता से उन ताकतों से लड़गे जो हमें हमारे अधिकार से वंचित करने का प्रयास करेगा.

हूल दिवस आज:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई थी आदिवासी की हूल क्रांति जानते है इसका इतिहास


रांची:- जिस दिन झारखंड के आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाया था, यानी विद्रोह किया था। उस दिन को 'हूल क्रांति दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में करीब 20 हजार आदिवासियों ने अपनी जान दे दी थी।

आजादी की पहली लड़ाई.....

हालांकि आजादी की पहली लड़ाई तो सन 1857 में मानी जाती है। लेकिन झारखंड के आदिवासियों ने 1855 में ही विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया था। 30 जून, 1855 को सिद्धू और कान्हू के नेतृत्व में, मौजूदा साहेबगंज जिले के भगनाडीह गांव से विद्रोह शुरू हुआ था। इस मौके पर सिद्धू ने नारा दिया था, 'करो या मरो, अंग्रेजों हमारी माटी छोड़ो'।

आंदोलन का कारण.....

 मौजूदा संथाल परगना का इलाका बंगाल प्रेसिडेंसी के अधीन पहाड़ियों एवं जंगलों से घिरा क्षेत्र था। इस इलाके में रहने वाले पहाड़िया, संथाल और अन्य निवासी खेती-बाड़ी करके जीवन-यापन करते थे और जमीन का किसी को राजस्व नहीं देते थे। ईस्ट इंडिया कंपनी ने राजस्व बढ़ाने के मकसद से जमींदार की फौज तैयार की । जो पहाड़िया, संथाल और अन्य निवासियों से जबरन लगान वसूलने लगे। लगान देने के लिए उनलोगों को साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता और साहूकार के भी अत्याचार का सामना करना पड़ता था। इससे लोगों में असंतोष की भावना मजबूत होती गई। सिद्धू, कान्हू, चांद और भैरव चारों भाइयों ने लोगों के असंतोष को आंदोलन में बदल दिया। 

आंदोलन की शुरुआत.....

30 जून, 1855 को 400 गांवों के करीब 50 हजार आदिवासी भगनाडीह गांव पहुंचे और आंदोलन की शुरुआत हुई। इसी सभा में यह घोषणा कर दी गई कि , वे अब मालगुजारी नहीं देंगे। इसके बाद अंग्रेजों ने, सिद्धू, कान्हू, चांद तथा भैरव- इन चारों भाइयों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। जिस दरोगा को चारों भाइयों को गिरफ्तार करने के लिए वहां भेजा गया था, संथालियों ने उसकी गर्दन काट कर हत्या कर दी। इस दौरान सरकारी अधिकारियों में भी इस आंदोलन को लेकर भय पैदा हो गया था। 

आंदोलन का परिणाम.....

आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेजों ने इस इलाके में सेना भेज दी। जमकर आदिवासियों की गिरफ्तारियां की गईं और विद्रोहियों पर गोलियां बरसने लगीं। आंदोलनकारियों को नियंत्रित करने के लिए मार्शल लॉ लगा दिया गया। आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी के लिए अंग्रेज सरकार ने पुरस्कारों की भी घोषणा की थी। बहराइच में अंग्रेजों और आंदोलनकारियों की लड़ाई में चांद और भैरव शहीद हो गए। प्रसिद्ध अंग्रेज इतिहासकार हंटर ने अपनी पुस्तक 'एनल्स ऑफ रूलर बंगाल' में लिखा है, 'संथालों को आत्मसमर्पण की जानकारी नहीं थी, जिस कारण डुगडुगी बजती रही और लोग लड़ते रहे।' जब तक एक भी आंदोलनकारी जिंदा रहा, वह लड़ता रहा।

 इस युद्ध में करीब 20 हजार आदिवासियों ने अपनी जान दी थी। सिद्धू और कान्हू के करीबी साथियों को पैसे का लालच देकर दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया और फिर 26 जुलाई को दोनों भाइयों को भगनाडीह गांव में खुलेआम एक पेड़ पर टांगकर फांसी की सजा दे दी गई। इस तरह सिद्धू, कान्हू, चांद और भैरव, ये चारों भाई सदा के लिए भारतीय इतिहास में अपना अमिट स्थान बना गए।

पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में आगजनी की घटना,पुलिस कर रही है जांच,पिछले दिन यहां दो पक्ष में हुआ विवाद

झारखंड डेस्क

पिछले दिन हुए हिंसा प्रभावित गांव में रविवार की सुबह एक घर में आगजनी की घटना सामने आयी है।घटना पाकुड़ जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के हिंसा प्रभावित गांव गोपीनाथपुर की है।

सूचना अनुसार आज रविवार की सुबह एक घर में आगजनी का मामला सामने आया है। गांव में मुहाने में स्थित इस घर में रविवार की सुबह लोगों ने आग लगा हुआ देखा। आगजनी से घर को काफी नुकसान हुआ है। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच की।

मामले को लेकर पुलिस अधिकारी का आया बयान सामने 

थाना प्रभारी संजीव झा ने बताया कि घर में आग लगने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच कर जांच कर रही है। गांव में शांति है लेकिन घटना के कारण का पता लगाया जा रहा है।

वैसे गोपीनाथपुर गांव में पिछले दिन दो पक्षों में काफी विवाद हुआ था जो हिंसक झड़प का रूप ले लिया था। घटना के बाद से गांव में पुलिस तैनात थी । शनिवार को पुलिस की संख्या में कमी की गई थी। थाना प्रभारी ने बताया कि गांव में गश्ती टीम तैनात थी ऐसे घटना के कारणों के साथ सभी पहलुओं पर जांच किया जा रहा है।

इस गांव मह पिछले दिन हुई घटना के बाद नेताओं ने किया था दौरा

पिछले दिन इस गांव में हिंसा होने के बाद जिला पुलिस द्वारा

 बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। ताकि गांव में स्थिती सामान्य हो जाए। घटना के बाद एसपी प्रभात कुमार लगातार नजर बनाये हुए थे। वहीं गांव में स्थिती सामान्य हो गयी ।

 इस बीच भाजपा नेता अमर बाउरी, राजमहल सांसद विजय हांसदा ने इलाके का दौरा कर क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाये रखने को लेकर लोगों से बातचीत की। नेताओं के दौरे के बाद स्थिती सामान्य देखी जा रही है।

गांव में दुकान और अन्य काम सुचारु रुप से चलने लगे थे लेकिन इस घटना के बाद फिर गांव के लोगों में चिंता देखी जा रही है।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के सातवीं कक्षा की तीन छात्राओं ने एक छात्रा का किया गला घोंट कर मारने का प्रयास,कारण जान कर राह जाएंगे हैरान


गुमला: झारखंड के गुमला जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय रायडीह में शनिवार को सातवीं कक्षा की छात्रा संतोषी कुमारी को विद्यालय की ही तीन छात्राओं ने दुपट्टा से गला घोंटकर मारने का प्रयास किया। तीनों छात्राएं भी सातवीं में ही पढ़ती हैं।

घटना के कारणों की बात करें तो, शुक्रवार की शाम इन्हीं तीनों छात्राओं ने नौवीं कक्षा की एक छात्रा का बेड, कपड़े, और पुस्तकों में आग लगा दी थी, जिसे संतोषी ने देख लिया था।

साक्ष्य छुपाने की नीयत से तीनो छात्राओं ने शनिवार को संतोषी को अपने कमरे में बुलाया और उसके गले में दुपट्टा लपेटकर उसे मारने का प्रयास किया। जबउसकी स्थिति मरनासन्न हो गई, उसे तड़पता छोड़कर तीनों भाग खड़ी हुई।

संयोग से दर्द से कराहती संतोषी पर महिला गार्ड पवंती केरकेट्टा की नजर पड़ी और उसे आनन-फानन में गुमला सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

संतोषी को जान से मारने के प्रयास में शामिल छात्राओं के अनुसार, वे कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ना नहीं चाहती हैं। इनमें से दो छात्राएं स्कूल की चारदीवारी फांदकर एक बार घर भाग चुकी है। बाद में उनके माता पिता ने उन्हें जबरन स्कूल पहुंचा दिया था।

छात्राओं के अनुसार, उनकी सोच थी कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के बाद स्कूल बंद हो जाएगा और छात्राएं पढ़ाई से मुक्त हो जाएंगी।

वार्डन के खिलाफ होगा एक्शन

प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी अभिजीत के अनुसार, वार्डन द्वारा तीनों छात्राओं के कारनामे को उच्चाधिकारियों तक नहीं पहुंचाने से यह घटना घटी।

इधर, जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. नूर आलम के अनुसार, विद्यालय में छात्राओं के बीच मारपीट की घटना हुई है। पूरे मामले की जांच होगी, जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

पंख एक नई दिशा संस्था ने बुजुर्गों को गर्मी से राहत के लिए सप्रेम भेंट की एयर कूलर

धनबाद :शनिवार को सबलपुर सहयोगी नगर स्थित बुजुर्गों के आश्रय स्थल ओल्ड एज होम में पंख एक नई दिशा संस्था की ओर से इस भीषण गर्मी से वृद्ध जनों की सुविधा के लिए एयर कुलर दिया गया। 

साथ ही बुजुर्गों को फल वितरण कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। आश्रम के अध्यक्ष नौशाद गद्दी ने कहा पिछले दिनों से ओल्ड एज होम के बुजुर्ग इस गर्मी से काफ़ी परेशान थे उनके आग्रह पर संस्था की उपाध्यक्ष नम्रता गुप्ता के द्वारा एक एयर कुलर भेंट स्वरूप दिया गया।

 जिससे वृद्धजन को काफी राहत है। साथ ही ओल्ड एज होम में बुजुर्गों की सेवा में संस्था की अध्यक्ष पिंकी गुप्ता, सुषमा प्रसाद,सुधा गुप्ता,श्रुति गुप्ता,शशि शेखर गुप्ता,मनीष गुप्ता,शिव शंकर गुप्ता सक्रिय थे।बुजुर्गों का सेवा सम्मान व ध्यान रखने के लिए लालमणि वृद्धा सेवा आश्रम सेवा श्रम के अध्यक्ष एवं ओल्ड एज होम के संचालक नौशाद गद्दी ने संस्था के सदस्यों का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया।

धनबाद : उपायुक्त की अध्यक्षता में खनन टास्क फोर्स की बैठक ,अवैध कारोबार के चिन्हित हॉटस्पॉट पर छापेमारी का निर्देश


बीसीसीएल को सीसीटीवी, हाई मास्क लाइट लगाने का निर्देश

झारखंड डेस्क 

धनबाद :उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी माधवी मिश्रा की अध्यक्षता में शनिवार को जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई। बैठक के दौरान उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ह्रदीप पी जनार्दनन ने खनिज संपदाओं के अवैध खनन, परिवहन, भंडारण के रोकथाम व कोयले के अवैध खनन में संलिप्त लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिशा निर्देश दिए। 

खनन क्षेत्र में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश करने एवं कोयला चोरी किए जाने की शिकायत पर चर्चा की गई। इस दौरान खनन क्षेत्र में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश के रोकथाम के लिए पूर्व के बैठकों में दिए गए दिशा निर्देशों की उपायुक्त द्वारा समीक्षा की गई। इसको लेकर उपायुक्त ने बीसीसीएल के पदाधिकारियों को सीसीटीवी, हाई मास्क लाइट, चहारदिवारी समेत अन्य व्यवस्थाओं हेतु निर्देशित किया। 

उपायुक्त ने जिला खनन पदाधिकारी से खनन टास्क फोर्स द्वारा कारवाई, गिरफ्तारी, अवैध कोयला, बालू की जब्ती, हाइवों की जब्ती, मशीन एवं उपकरणों की जब्ती की रिपोर्ट की जा सके।

विशेष लोक अदालत में एक अरब 66 करोड़ से अधिक परिसंपत्तियों का हुआ वितरण


कुल एक लाख 63 हजार 441 विवादों का हुआ निस्तारण

 

धनबाद : झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा बीसीसीएल सामुदायिक भवन, कोयला नगर धनबाद मे एक दिवसीय भू अधिग्रहण, राजस्व संग्रहण, पुनर्वास से संबंधित मुकदमों के निपटारे के लिए स्पेशल लोक अदालत का आयोजन हुआ। 

विशेष लोक अदालत में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सुजीत नारायण प्रसाद न्यायाधीश आनंदा सेन, न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। 

जिनके द्वारा विभिन्न तरह के विवादों का ऑन स्पॉट निस्तारण कर एक अरब 66 करोड़ 34 लाख 63 हजार रुपए की परिसंपत्तियों,व नियुक्ति पत्र का वितरण किया गया।वहीं एक लाख 63 हजार 441 विवादों का ऑनस्पॉट निष्पादन कर दिया गया । 

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई, जिसके बाद नालसा का थीम सोंग हुआ। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा द्वारा स्वागत भाषण किया गया।

 जिसके बाद न्यायमूर्ति आनंदा सेन ने सभागार में उपस्थित लोगों को संबोधित किया अपने संबोधन मे न्यायाधीश श्री सेन ने कहा कि भू अधिग्रहण से संबंधित विवाद के मामले में ज्यादा बढ़ते जाते हैं जल्द से जल्द उन्हें पुनर्वासित करने तथा उसे समुचित मुआवजा दिलाना हम लोगों का सामाजिक दायित्व और कर्तव्य है।विशेष लोक अदालत में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि मुआवजा का अर्थ केवल यह नहीं कि उन्हें रुपए का भुगतान कर दिया जाए परंतु बल्कि मुआवजा का अर्थ यह भी है कि सामाजिक सुरक्षा के तहत उनके परिवार के जीवन यापन और उन्हें रहने के लिए छत की व्यवस्था करना जस्टिस श्री नारायण ने डीसी धनबाद एवं सीएमडी बीसीसीएल से अनुरोध किया कि वह मुआवजा संबंधित विवादों का निस्तारण तीस दोनों के अंदर करें ताकि लोगों को समुचित उसका लाभ मिल सके वह वह दर -दर की ठोकर खाने से बच जाए ।इसके बाद नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया जिसमें अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से विस्थापित किए गए लोगों के दर्द को दिखाया गया,डालसा के प्रयास से उन्हें नया घर मिला।मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए न्यायाधीश श्री नारायण ने कहा कि चुकी धनबाद में कोयला उत्खनन व भू अधिग्रहण के ज्यादातर मामले पाए गए जिसमें लोगों को समय पर मुआवजा नहीं मिल पाया था इस कारण धनबाद को ही विशेष आयोजन के लिए चुना गया उन्होंने जिला प्रशासन हुआ समस्त पीएसयू कंपनी के अधिकारियों को सुझाव दिया कि पीड़ित के जगह व खुद को रखकर देखें तब जाकर समस्या का जल्द से जल्द समाधान होगा।

हाथी ने कुचला डालसा ने दिलाया मुआवजा

छह माह पूर्व टुंडी के एक युवक की मौत हाथी द्वारा कुचल देने के कारण हो गई थी उसकी विधवा रेशोमुनि सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते थक गई थी परंतु उसे मुआवजा नहीं मिला था डालसा ने उसकी सुध ली और मृतक की पत्नी रेशोमुनी को वन विभाग से चार लाख रुपए मुआवजा का भुगतान कराया।

 वहीं बिजली के पोल में गाय के सट जाने और उसकी मौत हो जाने के मामले में भी डालसा ने पहल करते हुए गाय के मालिक मंटू यादव,एवं अरविंद कुमार को बिजली विभाग से तीस तीस हजार रुपए मुआवजा का भुगतान कराया।

भूअधिग्रहण के मामले में लाभुकों को मिला चेक

नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने के मामले में महीनो दफ्तर का चक्कर लगाते थक गए राजबल मुरमुर को 2 करोड़ 9 लाख 42 हजार 211 रूपए, जीतन मांझी को 5 लाख54 हजार 843 रूपए। जिला प्रशासन द्वार अजय कुमार महतो को 2 लाख 51 हजार 547 रूपए,अर्जुन रवानी को 15 लाख 14 हजार 438 रूपए का भुगतान किया गया ।

44 को मिला ऑनस्पाट नियुक्ति पत्र 

विशेष लोक अदालत में न्यायाधीश द्वारा कल 44 लोगों को ऑन स्पॉट नियुक्ति पत्र सौंपा गया बीसीसीएल द्वारा 40 लोगों की नियुक्ति अनुकंपा के आधार पर दी गई, वहीं टाटा द्वारा दो एवं रेलवे के द्वारा दो लोगों को नियुक्ति दी गई। नियुक्ति पत्र मिलने पर इबरान अंसारी ,अमन चौहान, स्वप्ननिल कुमार, कपिल चंद्र दास ,अश्वनी कुमार, उज्जवल कुमार पासवान, विनीता देवी, ने बताया कि वह सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते थक गए थे डालसा ने उन्हें न्याय दिलाया ।

 इस मौके पर झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार की मेंबर सेक्रेटरी रंजना अस्थाना,डिप्टी सेक्रेटरी अभिषेक कुमार ,उपायुक्त माधवी मिश्रा, बीसीसीएल सीएमडी समीरन दत्ता, निदेशक फाइनेंस राकेश कुमार सहाय, निदेशक ऑपरेशन एस के सिंह, डीडीसी सादत अनवर, एसएसपी एच पी जनार्नदन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीकांत पाठक,प्रभाकर सिंह, सुजीत कुमार सिंह,डी सी अवस्थी,स्वयंभू, कुलदीप,नीरज विश्वकर्मा,एस एन मिश्रा, प्रफुल्ल कुमार,संजय कुमार सिंह,साकेत कुमार,अंजनी अनुज, पारस कुमार सिन्हा, राकेश कुमार, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी,अवर न्यायाधीश निताशा बारला,स्वेता कुमारी, ऐजोलिना जॉन,नगर आयुक्त,नेशनल हाईवे के डायरेक्टर अरविंद कुमार सिंह,सिटी एसपी, विकास पालिवाल डीएफओ धनबाद,मिणा लाल चीफ लीगल ऑफिसर टाटा,ईसीएल, सीसीएल व विभिन्न विभागों के पदधिकारी, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय महासचिव जीतेंद्र कुमार लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के चीफ कुमार विमलेंदु डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट सहायक कांउसिल,पैरा लीगल वालंटियर,मेडिएटर समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

प्रसव कराने के नाम पर किया रांची का जेनेटिक अस्पताल 4 लाख का डिमांड, जमीन बेच कर 2 लाख दिया,

2 लाख और नहीं दे पाने पर नवजात को छोड़ कर माँ को 23 दिनों तक बनाये रखा बंधक, अब रांची हाई कोर्ट ने लिया स्वत सज्ञान


झारखंड डेस्क 

जिस चिकित्सक को धरती का भगवान कहा जाता है. जो बच्चे जब चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा का संकल्प लेते हैं तब उस से यही उम्मीद बांधती है की अपनी सेवा भाव से लोगों का इलाज़ करेंगे और मानवीय आचरण के साथ सेवा भाव रखेंगे. लेकिन आज चिकित्सा ऐसा व्यवसाय बन गया है कि जिसमे मानवता तो छोड़िये दया धर्म सब भूल कर लोगों को इलाज़ के नाम पर लूटने तक का काम कुछ लोग करने लगे हैं. ऐसा हीं एक मामला झारखण्ड के रांची स्थित जेनेटिक अस्पताल का एक मामला आया जहाँ प्रसव में अनाप शनाप बील नहीं चूका पाने के लिए माँ को बंधक बना लिया.और माँ को बच्चे से अलग कर दिया.इस पुरे मामले का शुक्रवार को हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया। जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने स्वास्थ्य 

सचिव को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। 

सिविल सर्जन को भी अस्पताल के निबंधन की जांच का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।

शुक्रवार को रिम्स से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि जेनेटिक अस्पताल ने मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार किया है।

 खूंटी के रनिया की सुनीता कुमारी को 28 मई को प्रसव पीड़ा होने के बाद रिम्स रेफर किया गया था पर ऑटो चालक महिला के पति को झांसा देकर उनको जेनेटिक अस्पताल ले गया। जहां बच्चे के जन्म के बाद यह घटना घटी।

जमीन बेचकर दिए दो लाख

अस्पताल प्रबंधन ने साधारण प्रसव कराने के लिए मंगलू से 4 लाख रुपए मांगे। उसने जमीन बेचकर 2 लाख दे दिए। शेष 2 लाख देने में उसने असमर्थता जतायी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने सुनीता को बंधक बना लिया था। सूचना मिलने पर सीआईडी की टीम ने 27 जून को सुनीता को अस्पताल से मुक्त कराया।

 लम्बे समय तक बच्चे को दूध नहीं पिलाने के कारण मां का दूध सूख गया

23 दिनों के बाद जब सुनीता घर आकर अपने कलेजे के टुकड़े को देखा तो दौड़कर उसे सीने से लगा लिया। उसे अपना दूध पिलाने लगी। पर, मां का दूध सूख चुका था। गांव की महिलाओं ने बताया कि जन्म देने के बाद लंबे समय तक बच्चे को दूध नहीं पिलाने से मां का दूध सूख जाता है। इसके बाद सुनीता रोने लगी।

अस्पताल में बंधक माँ को खाना तक नहीं दिया जाता था

सुनीता बताती हैं कि अस्पताल ने उसे खाना देना भी बंद कर दिया था। बच्चे को पहले बूस्टर समेत और कोई टीका नहीं लगाया गया। बानाबीरा निवासी आशिष साहू ने सुनीता की रिहाई में सराहनीय कार्य किया है। आशिष ने बंधक बनाने की जानकारी सीआईडी के डीआईजी अनुराग गुप्ता को दी थी, जिसके बाद छुड़ाया गया।

सीडब्ल्यूसी ने लिया स्वत संज्ञान

कोर्ट को यह भी बताया गया कि जब अस्पताल प्रबंधन ने महिला के पति को नवजात शिशु के साथ घर भेज दिया तो उसने बकरी का दूध पिलाकर शिशु को जिंदा रखा, जब उसकी पत्नी अस्पताल से मुक्त होकर बीते गुरुवार को घर पहुंची तो करीब 23 दिन के बाद बच्चे ने अपनी मां का दूध पिया। इस मामले में सीडब्ल्यूसी ने भी स्वत संज्ञान लिया है।

पहले कई अन्य तरह के मामलों में दोषी रहा यह अस्पताल ब्लैकलिस्ट है

बूटी रोड स्थित जेनेटिक अस्पताल प्रबंधन महिला को बंधक बनाने से पहले कई अन्य तरह के मामलों में दोषी पाया जा चुका है। अस्पताल एक साल पहले से ही आयुष्मान योजना से ब्लैक लिस्टेड है। अस्पताल प्रबंधन पर आयुष्मान भारत योजना के तहत 62 मामलों में फर्जी तरीके से क्लेम लेने का मामला था। इसमें जांच में जेनेटिक अस्पताल प्रबंधन को दोषी पाते हुए 1.12 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाते हुए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। अस्पताल अब भी ब्लैक लिस्टेड ही है।