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कई राज्यों में बारिश से भारी तबाही, अरुणाचल में फटा बादल, असम में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित, 37 लोगों की मौत

पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। असम में बाढ़ के कारण 10 जिलों में एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। वहीं, अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में रविवार को बादल फटने से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। असम की बाढ़ को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि राज्य में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है और 10 जिलों में 1.17 लाख से अधिक आबादी प्रभावित है। इस साल बाढ़ और लैंडस्लाइड से मरने वालों का आंकड़ा 37 हो गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकार ने 100 रिलीफ कैंप लगाए हैं। राहत सामग्री देने के लिए 125 सेंटर बनाए हैं।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इन जिलों के 27 राजस्व क्षेत्र के 968 गांव बाढ़ से जलमग्न हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी वर्तमान में 134 राहत शिविर और 94 राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहे हैं, जहां कुल 17,661 लोगों ने शरण ले रखी है। असम राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकारी (एएसडीएमए) के अनुसार, हालांकि दो लोगों की मौत हो गई, लेकिन शनिवार को बाढ़ प्रभावितों की संख्या घटने के साथ स्थिति में मामूली सुधार हुआ है।

वहीं, अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में रविवार को बादल फटा है। जिसके बाद भूस्खलन हुआ और बाढ़ जैसे हालात बन गए। प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है, लेकिन पिछले दो दिनों में स्थिति में सुधार हुआ है।अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं जताया गया था।

आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह करीब साढ़े दस बजे बादल फटने की घटना के बाद ईटानगर के कई हिस्सों में और उसके आसपास के इलाकों से भूस्खलन की खबरें हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भारी बारिश के कारण ‘एनर्जी पार्क’ और बैंक तिनाली इलाकों के पास के घरों में पानी भर गया। जिला प्रशासन ने लोगों को नदियों या भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के पास न जाने की सलाह दी है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।

देश के लगभग आधे से ज्यादा राज्यों में मॉनसून की एंट्री हो चुकी है। वहीं कुछ राज्यों में प्री-मॉनसून गतिविधियां शुरू हो गई हैं, जिससे लोगों को चिलचिलाती गर्मी और लू से राहत मिली है। मौसम विभाग की मानें तो आज यानी 24 जून को कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बिहार और झारखंड में 25 जून को अति भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान कुछ हिस्सों में अभी भी हीटवेव का प्रकोप जारी है।

बड़ी खबर: जोधपुर में भड़की हिंसा पर पुलिस की कड़ी नजर, दंगाइयों की पहचान के लिए ड्रोन कैमरा से किया जा रहा निगरानी

जोधपुर में पिछले 21 जून को भड़की हिंसा के बाद स्थिति नियंत्रण में है.स्थिति पर नज़र रखने के लिए तथा दंगाइयों की पहचान करने और छतों पर रखे पत्थरों का पता लगाने के लिए ड्रोन से निगरानी किया जा रहा है. कट्टरपंथियों ने हनुमान मंदिर के सामने ईदगाह का दूसरा गेट खोलने की कोशिश की थी।

इस पुरे घटनाक्रम में एक हिंदू महिला की एक आंख की रोशनी चली गई है।

हिंसा के दौरान एक दुकान और एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया गया। कई पुलिस अधिकारी भी घायल हुए।

तीसरे कार्यकाल में 3 गुना काम करेंगे, देश को एक अच्छे विपक्ष की अपेक्षा...PM मोदी ने 15 दिन में आज दूसरी बार ली शपथ

लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। नरेंद्र मोदी ने 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। नरेंद्र मोदी ने अब 16 दिन के भीतर दूसरी बार शपथ ली है। अंतर इतना है कि 9 जून को नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी और अब 24 जून को यानि आज उन्होंने लगातार तीसरी बार संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। 

18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। सबसे पहले सदन में राष्ट्रगान हुआ, उसके बाद पिछले सदन के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद पीएम मोदी ने लोकसभा सदस्य की शपथ ली। पीएम मोदी ने लोकसभा सत्र को लेकर कहा कि लोगों ने हमारी सरकार को तीसरे कार्यकाल के लिए जनादेश दिया है, हमारी नीतियों, इरादों पर सहमति की मुहर लगायी है। हम हमेशा सभी को साथ लेकर चलने, देश की सेवा करने के लिए आम सहमति बनाने, लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र के लिए आज का दिन गौरव का दिन है। विकसित भारत के संकल्प के साथ आज से संसद के सत्र का आगाज हो रहा है। देश की जनता ने लगातार तीसरी बार किसी सरकार पर भरोसा किया है। आजादी के बाद दूसरी बार ऐसा हुआ है। इसका मतलब है कि उन्होंने सरकार की नीति और नीयत पर मुहर लगाई है। मैं इसके लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। 

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार चलाने के लिए बहुमत जरूरी है, लेकिन देश चलाने के लिए आम सहमति जरूरी है। हर किसी की सहमति से देश को आगे लेकर चलना है। उन्होंने कहा कि तीसरे कार्यकाल में तीन गुना ज्यादा काम करेंगे। देश को अच्छे विपक्ष की आवश्यकता है। उम्मीद है विपक्ष इस बार सार्थक चर्चा करेगा और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखेगा। हम जनता का विश्वास और मजबूत करेंगे। हमारे पास दो बार सरकार चलाने का अनुभव है. लोग नहीं चाहते कि संसद में नखरे और ड्रामा हो। 

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का नाम जब शपथ के लिए बुलाया गया तो विपक्ष ने NEET-NEET, शेम-शेम बोलना शुरू कर दिया। विपक्ष NEET पेपर धांधली में उनके इस्तीफे की भी मांग कर चुका है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, संसद में आज और कल नए सांसद शपथ लेंगे। इससे पहले भाजपा सांसद भर्तुहरि महताब को सोमवार सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे।

नौ महीने में पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा श्रीराम मंदिर, रोजाना 1 लाख लोग कर रहे प्रभु श्री राम के दर्शन

 अयोध्या के राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रविवार को मंदिर निर्माण के कार्यों की समीक्षा की। चल रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया। इसके बाद पत्रकारों को बताया कि राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण 90 फीसदी पूरा हो चुका है। आगामी जुलाई तक प्रथम तल पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इसके बाद प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की जाएगी। मार्च 2025 तक परकोटे समेत राम मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। मार्च तक निर्मार्ण का कोई काम बाकी नहीं रह जाएगा।  

नृपेंद्र ने बताया कि प्रथम तल पर स्थापित होने वाले राम दरबार की मूर्तियां संगमरमर की होंगी। इसके लिए राजस्थान के चार मूर्तिकारों से बात हुई है। टेंडर भी निकाला जा चुका है। इसी माह के अंत तक टेंडर खुल जाएगा। फिर मूर्ति निर्माण के लिए मूर्तिकार का चयन होगा। भीषण गर्मी के बावजूद रामलला के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। रामजन्मभूमि पथ से लेकर मंदिर परिसर तक भक्तों के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की गई हैं। इस समय रामलला के दरबार में रोजाना एक लाख भक्त दर्शन कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब तक करीब दो करोड़ लोग रामलला के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। पहले दिन की बैठक में राममंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा व संग्रहालय निर्माण पर मंथन हुआ है।

राम मंदिर में चंदन टीका लगाने व चरणामृत देने पर लगी रोक संबंधित खबर वायरल होने के बाद ट्रस्ट ने इसका खंडन किया है। शनिवार को पहले राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने वायरल खबर का खंडन किया था। साफ कहा था कि राम मंदिर में चंदन टीका व चरणामृत देने पर कोई रोक नही लगाई गई है। अब मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने भी इसको लेकर बयान जारी किया है।

राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में शामिल होने अयोध्या पहुंचे निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने रविवार को कहा कि चंदन टीका और चरणामृत नहीं दिया जाना है, यह भ्रामक बात है। किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है। सबसे सामान व्यवहार किया जा रहा है। पहले भी श्रद्धालुओं को चंदन टीका व चरणामृत नहीं दिया जाता रहा है, क्योंकि यह संभव नहीं है। केवल कुछ विशेष लोगों को जो वीआईपी मार्ग से दर्शन करने आते थे, उनको टीका लगा दिया जाता था। टीका व भगवान का जल यानी चरणामृत नहीं दिया जा रहा है, यह कहना पूरी तरह भ्रामक है। किसी प्रकार की नई रोक नहीं लगाई गई है।

रात में कमरे में बुलाते हैं इंस्पेक्टर, कहते हैं मेरे साथ...महिला SI ने इंस्पेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप, पुलिस विभाग में मचा हड़कंप

एक इंस्पेक्टर पर महिला एसआई ने गंभीर आरोप लगाया है। महिला दारोगा का कहना है कि रात में इंस्पेक्टर मुझे बुलाते हैं और कहते हैं कि बहुत गर्मी है आज मेरे साथ सो जाओ, विरोध करने पर धमकी देते हैं। आरोप लगने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आरोपों की जांच में प्रथमदृष्टया मामला सही पाया गया है। इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। पूरा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा का है। आगरा शहर के एत्माद्दौला थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार मिश्र पर ट्रेनी महिला दरोगा ने गंभीर आरोप लगाए। आरोप है कि इंस्पेक्टर साहब एसी वाले कमरे पर बुलाते है। कहते है कि गर्मी बहुत है। यही मेरे कमरे पर सोया करो। महिला ट्रेनी महिला दरोगा का आरोप है कि थाना में 17 मार्च को आमद कराई जिसके बाद से ही इंस्पेक्टर लगातार अश्लील कमेंट करते रहते थे। अपने ऑफिस में बैठाकर अश्लील बाते करते है और विरोध करने पर धमकी देते है। आरोप है कि मोबाइल फोन पर अश्लील मैसेज करते है। ट्रेनी महिला दरोगा ने आखिरकार तंग आकर आगरा पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ से शिकायत की। ट्रेनी महिला दरोगा का आरोप है इंस्पेक्टर रात में कॉल करके कमरे में बुलाते हैं। वहीं ट्रेनी महिला का कहना है कि होली पर तो इंस्पेक्टर ने तो सारी हदें पार कर दी। होली पर अपने ऑफिस में बैठाया और फिर अश्लील बातें करने लगे और फिर पास आ गए। आराेप है कि जबरदस्ती अश्लील हरकतें करने लगे। जिसका विरोध किया तो धमकी देने लगे कहा कि अगर मेरी बात नहीं मानी तो रिपोर्ट लगा दूंगा। नई नौकरी लगी है छूट जाएगी। किसी कुछ भी बताना नहीं। अपने घरवालों से शादी की मना कर दो। मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं जब ट्रेनी महिला दरोगा को छुट्टी पर अपने घर जाना था तो छुट्टी पर भी जाने से मना कर दिया। मेरे मोबाइल की गलत तरीके से लोकेशन निकाली गई। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि प्रशिक्षु महिला दारोगा ने एत्मादउद्दौला थाना के इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसकी लिखित शिकायत भी की गई है। इस शिकायत से पहले महिला दरोगा की भी एक शिकायत मिली थी। दोनों प्रकरण की एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा जांच कर रही हैं। उन्हें दो दिन में रिपोर्ट देनी हैं। एसीपी एत्मादपुर सुकन्या शर्मा की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर इंस्पेक्टर और थाने के एक एसआई को निलंबित कर दिया है।
ED-CBI से NEET की जांच करवाने की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार !

सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच ED और CBI समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को करे।

याचिकाकर्ता ने NEET-UG विवाद की ED और CBI से जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। 20 जून को शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित कथित लीक और कदाचार के सभी मामलों पर रोक लगा दी थी।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सात उच्च न्यायालयों में सभी NEET से संबंधित याचिकाओं को स्थानांतरित करने और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई के लिए बुलाने की मांग की गई है। पीठ ने उनकी अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और NTA को नोटिस जारी किया।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 14 याचिकाएं सुनी गईं। इनमें से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन की ओर से दायर की गई थीं। वहीं, बाकी चार याचिकाएं एनटीए की ओर से दायर की गई थीं। 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने से भी इनकार कर दिया था। नीट-यूजी 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे।

ED-CBI से NEET की जांच करवाने की मांग पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार !

सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच ED और CBI समेत केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को करे। याचिकाकर्ता ने NEET-UG विवाद की ED और CBI से जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। 20 जून को शीर्ष अदालत ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में NEET-UG 2024 परीक्षा से संबंधित कथित लीक और कदाचार के सभी मामलों पर रोक लगा दी थी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सात उच्च न्यायालयों में सभी NEET से संबंधित याचिकाओं को स्थानांतरित करने और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई के लिए बुलाने की मांग की गई है। पीठ ने उनकी अगली सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिकाओं पर केंद्र और NTA को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कुल 14 याचिकाएं सुनी गईं। इनमें से 10 याचिकाएं 49 छात्रों और 'स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया' नामक छात्र संगठन की ओर से दायर की गई थीं। वहीं, बाकी चार याचिकाएं एनटीए की ओर से दायर की गई थीं। 19 जून को सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कथित पेपर लीक और गड़बड़ी की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने से भी इनकार कर दिया था। नीट-यूजी 2024 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे।
जहरीली शराब से मौतों के मामले में कमल हासन का बड़ा बयान, पीड़ितों को ही बताया दोषी

#kamal_haasan_says_tamil_nadu_hooch_tragedy_victims_were_careless

मक्कल निधि मैयम (एमएनएन) पार्टी के मुखिया और अभिनेता कमल हासन जहरीली शराब त्रासदी पर दुख जताया है। हालांकि, इस मामले में उन्होंने पीड़ितों पर ही सवाल उठाया है। कमल हासन ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा कि जहरीली शराब त्रासदी के पीड़ितों ने ‘लापरवाही’ बरती और वे ‘अपनी हद पार कर गए थे। बता दें कि कल्लाकुरिची शराब त्रासदी में 56 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है।

एमएनएन प्रमुख और अभिनेता कमल हासन ने रविवार को कल्लकुरिची अवैध शराब मामले के पीड़ितों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जहरीली शराब से मौतों के मामले में पीड़ितों पर ही सवाल उठा दिया और उन्होंने पीड़ितों को लापरवाह बताया। उन्होंने कहा कि मामले में पीड़ित शराब पीने में लापरवाह थे। कमल हासन ने आगे कहा कि इन पीड़ितों को समझना होगा कि उन्होंने अपनी सीमा पार कर ली है और वे लापरवाह हैं। उन्हें सावधान रहना होगा। उन्हें अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। 

मीडिया से बातचीत में हासन ने सरकार से अपील भी। उन्होंने कहा कि मेरा सरकार से अनुरोध है कि वे मनोरोग केंद्र बनाएं, जो उन्हें परामर्श देंगे। उन्हें कभी-कभार शराब पीनी चाहिए, अगर पीना है तो सामाजिक तौर पर, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि किसी भी रूप में सीमा पार करना चाहे वह चीनी हो या कुछ और बुरा है।

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ किया कड़ी कार्रवाई का फरमान जारी, 9.15 बजे के बाद पहुंचे ऑफिस तो कटेगी आधे दिन की सैलरी

डेस्क: केंद्र सरकार ने देर से ऑफिस आने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया है. देर से आने वालों पर नकेल कसते हुए केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अधिकतम 15 मिनट की देरी को माफ करने का फैसला किया है. विभाग ने देश भर के कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस में आने और अपनी हाजिरी दर्ज कराने का निर्देश दिया है. वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम का उपयोग करने के लिए कहा गया है. जिसका उपयोग उनमें से कई चार साल पहले कोविड प्रकोप के बाद से ही नहीं कर रहे हैं.

कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे सुबह 9.15 बजे तक कार्यालय नहीं आते हैं तो उनका आधा दिन का आकस्मिक अवकाश काट लिया जाएगा. केंद्र सरकार के सरकुलर में कहा गया है कि ‘किसी भी कारण से, अगर कर्मचारी किसी विशेष दिन कार्यालय में उपस्थित नहीं हो पाता है, तो उसे पहले से सूचित किया जाना चाहिए और आकस्मिक अवकाश के लिए आवेदन किया जाना चाहिए.’

साथ ही कहा गया है कि अधिकारी अपने अनुभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति और समय की पाबंदी की निगरानी करेंगे. केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुले रहते हैं, लेकिन जूनियर स्तर के कर्मचारियों का देर से आना और जल्दी चले जाना सामान्य बात है. जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में लगे कर्मचारी भी शामिल हैं, जिससे लोगों को असुविधा होती है. वहीं वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं उनके लिए काम के कोई निश्चित घंटे नहीं, हम काम घर भी ले जाते हैं.

वरिष्ठ अधिकारियों की शिकायत है कि उनके पास कोई निश्चित कार्यालय समय नहीं है क्योंकि वे आमतौर पर शाम 7 बजे के बाद निकलते हैं. इसके अलावा उनका तर्क है कि कोविड के बाद इलेक्ट्रॉनिक फाइलों तक पहुंच के साथ वे अक्सर छुट्टियों या सप्ताहांत में घर से ही काम करते हैं. 2014 में कार्यालय आने के तुरंत बाद मोदी सरकार ने कार्यालय के समय को लागू करने की मांग की थी. जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया था, जिनमें से कई ने तर्क दिया था कि वे लंबी दूरी तय करते हैं.

सोनाक्षी सिन्हा

सोनाक्षी सिन्हा