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पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित बुरुडीह डैम को राष्ट्रीय स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप विकसित करने का सीएम का निर्देश


रांची : राज्य के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने पूर्वी सिंहभूम जिला जमशेदपुर के घाटशिला स्तिथ बुरुडीह डैम का रविवार को अवलोकन किया । 

मुख्यमंत्री ने अवलोकन के क्रम में बुरुडीह डैम को राष्ट्रीय स्तर पर एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने को लेकर अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिये ।

 मुख्यमंत्री ने उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार राज्य के कई नए पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने हेतु प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि झारखंड प्रकृतिक सुंदरता के दृष्टिकोण से एक बहुत ही आकर्षक राज्य है. यहां पर्यटन की प्रबल संभावनाएं हैं यही कारण है कि हमारी सरकार राज्य में चिन्हित कई धार्मिक, आध्यात्मिक स्थलों सहित पहाड़, डैम, फॉल आदि आकर्षक जगहों को विकसित करने के उद्देश्य से कार्य योजना बना रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड आंदोलन के समय ही व्यक्तिगत रूप से मैं जंगल से घिरे हुए इस ऐतिहासिक बुरुडीह डैम की खूबसूरती से परिचित हूं ।इस डैम का सर्वांगीण विकास हो, यह पहले से ही मेरे मन में था, इस डैम का पानी बुरुडीह आस-पास क्षेत्र के किसान वर्ग को मिले इसी उद्देश्य से हमारी सरकार आगे बढ़ रही है. हमारी सरकार हर सेक्टर में विकास की एक लम्बी लकीर खींचने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

बुरुडीह डैम में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले सभी मूलभूत व्यवस्थाएं उपलब्ध होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुरुडीह डैम का सौंदर्यीकरण कार्य सहित राष्ट्रीय स्तरीय पर्यटन के सभी जरूरी व्यवस्थाओं को एक निश्चित समय सीमा के अंदर पूरा करना सुनिश्चित यह राज्य सरकार का लक्ष्य है. यहां गेस्ट हाउस, खेल मैदान, पार्क निर्माण इत्यादि सभी कार्य प्राथमिकता के तौर पर किए जाएंगे. देश के विभिन्न राज्यों से लोग इस पर्यटन स्थल में आकर यहां की खूबसूरती का आनंद ले सकें, इस निमित्त डैम को कनेक्ट करने वाला सड़क सहित बिजली, पानी और पर्यटकों के ठहरने की पूरी सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बुरुडीह डैम को विकसित कर घाटशिला क्षेत्र को एक नई पहचान देनी है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण किया तथा पेड़ों में रक्षासूत्र बांधकर वृक्ष को संरक्षित करने का संदेश भी दिया.

इस अवसर पर घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, वरीय पुलिस अधीक्षक जमशेदपुर किशोर कौशल सहित संबंधित विभाग के वरीय अधिकारी उपस्थित थे ।

विधायक कल्पना सोरेन ने मरांग बुरू में की पूजा, मांगी राज्यवासियों की खुशहाली


रांची : गांडेय विधायक कल्पना सोरेन अपने गिरिडीह और गांडेय दौरे के चौथे दिन आदिवासियों के पवित्र धर्मस्थली मरांग बुरू पहुंचीं. उन्होंने पारंरिक रीति-रिवाज के साथ अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना की और राज्यवासियों की खुशहाली की कामना की. 

उनके साथ गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू मौजूद थे. इससे पहले कल्पना सोरेन रविवार की सुबह-सुबह मोरारी बापू की शरण में पहुंची थीं. कल्पना गिरिडीह जिले के मधुबन में आयोजित श्री राम कथा में भी शामिल हुईं और करीब एक घंटे बैठकर कथा सुनी. 

गांडेय विधायक ने मोरारी बापू के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया ।

नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर पर में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई

सरायकेला : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर पर में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मनाई गई एवं उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया एवं उनके जीवनी प्रकाश डालते हुए डॉक्टर जटाशंकर पांडे ने कहा कि 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी का जन्म हुआ। 

उनके पिता सर आशुतोष मुखर्जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे एवं शिक्षाविद् के रूप में विख्यात थे। डॉ॰ मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक किया तथा 1921 में बी०ए० की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने के पश्चात् वे विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैण्ड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे।

 अपने पिता का अनुसरण करते हुए उन्होंने भी अल्पायु में ही विद्याध्ययन के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलताएँ अर्जित कर ली थीं। 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। इस पद पर नियुक्ति पाने वाले वे सबसे कम आयु के कुलपति थे। एक विचारक तथा प्रखर शिक्षाविद् के रूप में उनकी उपलब्धि तथा ख्याति निरन्तर आगे बढ़ती गयी।डॉ॰ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से अलख जगाने के उद्देश्य से राजनीति में प्रवेश किया। डॉ॰ मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धान्तवादी थे। 

उन्होने बहुत से गैर कांग्रेसी हिन्दुओं की मदद से कृषक प्रजा पार्टी से मिलकर प्रगतिशील गठबन्धन का निर्माण किया। इस सरकार में वे वित्तमन्त्री बने। इसी समय वे सावरकर के राष्ट्रवाद के प्रति आकर्षित हुए और हिन्दू महासभा में सम्मिलित हुए।मुस्लिम लीग की राजनीति से बंगाल का वातावरण दूषित हो रहा था। वहाँ साम्प्रदायिक विभाजन की नौबत आ रही थी। साम्प्रदायिक लोगों को ब्रिटिश सरकार प्रोत्साहित कर रही थी।

 ऐसी विषम परिस्थितियों में उन्होंने यह सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया कि बंगाल के हिन्दुओं की उपेक्षा न हो। अपनी विशिष्ट रणनीति से उन्होंने बंगाल के विभाजन के मुस्लिम लीग के प्रयासों को पूरी तरह से नाकाम कर दिया। 1942 में ब्रिटिश सरकार ने विभिन्न राजनैतिक दलों के छोटे-बड़े सभी नेताओं को जेलों में डाल दिया।

डॉ॰ मुखर्जी इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं। इसलिए धर्म के आधार पर वे विभाजन के कट्टर विरोधी थे। वे मानते थे कि विभाजन सम्बन्धी उत्पन्न हुई परिस्थिति ऐतिहासिक और सामाजिक कारणों से थी। वे मानते थे कि आधारभूत सत्य यह है कि हम सब एक हैं। 

हममें कोई अन्तर नहीं है। हम सब एक ही रक्त के हैं। एक ही भाषा, एक ही संस्कृति और एक ही हमारी विरासत है। परन्तु उनके इन विचारों को अन्य राजनैतिक दल के तत्कालीन नेताओं ने अन्यथा रूप से प्रचारित-प्रसारित किया। बावजूद इसके लोगों के दिलों में उनके प्रति अथाह प्यार और समर्थन बढ़ता गया। अगस्त, 1946 में मुस्लिम लीग ने जंग की राह पकड़ ली और कलकत्ता में भयंकर बर्बरतापूर्वक अमानवीय मारकाट हुई। उस समय कांग्रेस का नेतृत्व सामूहिक रूप से आतंकित था। इस अवसर पर मौजूद रहे प्रोफेसर स्वदिष्ट कुमार, वकील निखिल कुमार, जीयदीप पांडे,देव कृष्णा महतो, पवन महतो,कृष्णा पद महतो,अरुण पांडे, गौरव महतो, आदि मौजूद थे ।

आषाढ़ माह में करें ये उपाय, नौकरी और व्यापार में मिलेगी तरक्की।


प्रस्तुति : विजय कुमार गोप

सरायकेला : हिंदू धर्म में सभी माह का अपना-अपना अलग महत्व होता है। प्रत्येक माह में आने वाले व्रत और त्योहार उस माह की महत्ता को बढ़ाते हैं। वहीं जल्द ही आषाढ़ माह की शुरुआत होने वाली है। यह माह आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दोनों दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। 

इस माह में मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना है।

इस माह में मां देवी की पूजा करने का भी विधान हैं, क्योंकि इस महीने में गुप्त नवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस माह को मानसून के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है। इस दौरान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से सभी तरह की बीमारियां दूर होती हैं। इसके अलावा दुश्मनों पर भी जीत मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ के महीने में की गई पूजा से हर मनोकामना पूर्ण होती है। यह माह तीर्थ यात्रा के लिए सबसे शुभ होता है। ऐसे में कुछ खास उपायों को करने से व्यक्ति को मनचाहे परिणामों की प्राप्ति होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। आइए इन के बारे में जान लेते हैं। 

आषाढ़ मास आरंभ तिथि 

वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह 23 जून 2024 से शुरू हो रहा है। इसका समापन 21 जुलाई 2024 को होगा। ऐसे में आप इस पूरे माह पूजा-पाठ की सहायता से भगवान विष्णु को प्रसन्न कर सकते हैं।

आषाढ़ माह में करें ये उपाय

आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। इस दिन पुण्य फल प्राप्ति के लिए पूजा, जप-तप और दान आदि से जुड़े कार्य करने चाहिए। ऐसा करने मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही संकटों में भी कमी आती है। आषाढ़ माह में गरीबों एवं जरूरतमंदों को लाल वस्त्र, श्रीफल आदि चीजों का दान करना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। इस दौरान रोजाना सुबह सूर्योदय से पहले सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। यदि आपके घर परिवार में समस्याएं चल रही हैं, तो सुख-समृद्धि के लिए आषाढ़ मास में किसी भी विशेष दिन पर यज्ञ अथवा हवन जरूर कराएं।

आषाढ़ माह में क्या करें और क्या न करें

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ माह में कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए, अन्यथा अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। बता दें आषाढ़ मास में विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं। साथ ही बासी खाना खाने से बचना चाहिए। आषाढ़ महीने में वरुण देव की पूजा करें। इसके अलावा लक्ष्मीनारायण की पूजा करना अपार लाभ दिलाता है, इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस समय में तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी न करें।

आद्रा मंडल में 24 जून से 30 जून 2024 तक साप्ताहिक रोलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन।


सरायकेला : अगामी 24 जून दिन सोमवार से 30 जून 2024 रविवार तक की अवधि के लिए संयुक्त (इंजीनियरिंग, ट्रैक्शन तथा सिग्नल) साप्ताहिक रॉलिंग ब्लॉक के कारण ट्रेनों का विनियमन आद्रा मंडल में नियोजित किया गया है । 

परिणामस्वरूप कोचिंग ट्रेनों पर प्रभाव इस प्रकार होगा।

रदद् की गई ट्रेन

(1) 08680/08679 (आद्रा- मिदनापुर-आद्रा) मेमू दिनांक-25.06.2024, 28.06.2024 और 30.06.2024को रद्द रहेगी।

(2) 08644/08643 (आसनसोल-आद्रा-आसनसोल) मेंमू दिनांक-27.06.2024 को रद्द रहेगी।

मार्ग परिवर्तन

(1) 18601 (टाटा-हटिया) एक्सप्रेस दिनांक- 26.06.2024, 28.06.2024 और 30.06.2024 को चांडिल -पुरूलिया- कोटशिला-मुरी के बजाय चांडिल -गूंडा बिहार-मुरी के रास्ते चलेगी।

शार्ट-टर्मिनेशन/शॉर्ट-ओरिजिनेशन

(1)08174/08652 (टाटानगर-आसनसोल-बाराभूम) मेमू तारीख - 25.06.2024, 27.06.2024 और 28.06.2024 को आद्रा में ही शॉर्ट-टर्मिनेटेड/शॉर्ट-ऑरिजिनेटेड होगी। इस दौरान इस ट्रेन की परिसेवा आद्रा-आसनसोल-आद्रा के मध्य रदद् रहेगी।

मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण गतिविधियां आज से शुरू,निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त ने की इसको लेकर बैठक

सरायकेला : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिले में मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण द्वितीय 2024 की गतिविधियां आज शनिवार से शुरू हो गई है।

 विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण द्वितीय की गतिविधियों को लेकर आज समाहरणालय सभागार में जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला की अध्यक्षता में सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों तथा प्रेस प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने बताया कि चुनाव आयोग से प्राप्त कार्यक्रम के अनुसार मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण द्वितीय 2024 कार्यक्रम दो चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण की प्रक्रिया 25 जून से 24 जुलाई 2024 तक होगी।इस दौरान प्री रिवीजन एक्टिविटीज होंगे। उसके बाद 25 जुलाई से 20 अगस्त तक रिविजन एक्टिविटी किए जाएंगे। 

पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत 25 जुलाई को एकीकृत मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन एवं 20 जुलाई को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अवधि में चार चरणों में विशेष अभियान दिवस चला कर नए मतदाताओं को जोड़ने, स्थल परिवर्तन करने, मतदाता सूची से नाम हटाने आदि प्रक्रिया संपादित होगी। इसके तहत 27-28 जुलाई और 3-4 अगस्त 2024 को हर बूथ पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि जिले में आज मतदान केंद्र और जिला स्तर पर मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन किया गया। निर्धारित अवधि में समस्त बीएलओ अपने-अपने मतदान केंद्रों पर उपस्थिति रहेंगे।

बैठक के क्रम में उपायुक्त ने मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम और प्रारूप मतदाता सूची के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि 1 जुलाई 2024 को या इससे पूर्व 18 वर्ष पूर्ण करने वाले सभी योग्य नागरिकों का मतदाता सूची में निबंध सुनिश्चित करना है इसके लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि स्वच्छ समावेशी एवं त्रुटि रहित मतदाता सूची के निर्माण के लिए सभी पात्र नागरिकों का निबंध एवं मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन आवेदन Voter Helpline App और voters.eci.gov.in/ इन के माध्यम से किया जा सकता है। ऑफलाइन आवेदन के लिए बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन में अभी का सहयोग आपेक्षित है, पुनरीक्षण अवधि में बीएलओ को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से सभी मतदान केंद्र हेतु मतदान केंद्र अभिकर्ता की नियुक्ति करने के साथ-साथ राज्य में स्वच्छ शुद्ध एवं त्रुटि रहित मतदाता सूची का निर्माण में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।

आजसू पार्टी ने ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में 38 वां स्थापना दिवस को बलिदान दिवस के रूप में मनाया

सरायकेला : आजसू पार्टी ने ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में 38 वां स्थापना दिवस को बलिदान दिवस के रूप में मनाया। 

आजसू पार्टी के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के प्रधान कार्यालय चिलगु में शहीद निर्मल महतो को श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम शुरू किया गया। 

उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि आजसू के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो ने कहा कि 22 जून 1986 को जमशेदपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता निर्मल महतो ने आजसू पार्टी की नींव रखी थी। उस समय से आजसू पार्टी झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाना शुरू किया। 

आजसू का आंदोलन भारत के स्वाधीनता आंदोलन में सुभाष चंद्र बोस के नीति पर किया गया था। आजसू ने 1989 में लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करने के लिए आम हड़तालें और अभियान चलाया। 1990 में आजसू पार्टी द्वारा झारखंड एकता पदयात्रा निकाली गई जिसने 15 दिनों में 600 किलोमीटर पदयात्रा किया।

1990 में आजसू ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के चुनाव चिन्ह पर बिहार राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा। वर्तमान में, आजसू अपने चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ती है और झारखंड के एक सक्रिय राजनीति दल के रूप में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी हमेशा शोषित, पीड़ित, दबे, कुचले जनताओं को अधिकार दिलाने का काम करता है।

पौधे वितरण कर पर्यावरण बचाने का लिया संकल्प 

आजसू के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पौधे देकर पर्यावरण बचाने के लिए प्रोत्साहित किया। हरेलाल महतो ने कहा कि हमें समाज के विकास के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति पांच पौधे अवश्य लगाएं।

सरायकेला जिला के विभिन्न जगह में जेष्ठ पुर्णिमा के दिन रथ पर्व के पुर्व कार्यक्रम में जगन्नाथ भागवन का जलाभिषेक किया गया।

सरायकेला : पंचदशानम जुना आंखड़ा शाखा साधु बांध मठिया,दशनामी नागा संन्यसीआश्रम चांडिल बांध मठिया परिसर में रथ यात्रा हेतु यहां जगन्नाथ महाप्रभु ,बहन सुभद्रा, बलभद्र का जलाभिषेक किया गया , आज से 13 दिन के बाद 7 जुलाई को रथ यात्रा निकला जायेगा ।

आज से भगवान जगन्नाथ महा प्रभु से स्वन्ययात्रा जायेगा । इस अवसर पर समाज सेवी , राजनीति प्रतिनिधि, चांडिल आसपास के महिला पुरूष पुजा के साथ लेकर मठिया मंदिर पहुंचे। महाप्रभु जगन्नाथ भागवन के पुजा आरती की गई, स्नान कार्यक्रम में विद्यानंद सरस्वती, इन्द्रनंद सरस्वती ने कार्यक्रम संचालन किया । जेष्ठ माह के पुर्णिमा के दिन जगन्नाथ भागवन का स्नान कराया गया।

चांडिल साधु बांध मठिया दशनामी नागा संन्यासी आश्रम में शनिवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्रा को स्नान मंडप में दूध, दही, मधु, गंगाजल, गुलाब जल आदि से स्नान कराया गया. प्रभु को स्नान कराने के दौरान पुजारियों द्वारा विधिवत मंत्र उच्चारण कर पूजा-अर्चना की गयी, भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्रा की पूजा-अर्चना के बाद महाआरती की गयी, इस दौरान भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। 

ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के जेसे ईचागढ़ टीकर ,चौका चांदूडीह साथ ही नीमडीह के रधुनाथपुर गांव में जगन्नाथ महा प्रभु का स्नान यात्रा में दिन भगवान को विधिवत स्नान कराया गया, इस अबसरपर हिकीम चंद्र महतो,मधु गोराई, खगेन महतो,महेश कुडु, मनोज सिंह, संजय चौधरी,बोनु सिंह,मन्मथ सिंह,आदि लोग उपस्थित।

ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल डैम जलाश्य में गजराज का आतंक, ग्रामीण भयभीत


सरायकेला : जिला के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चांडिल डैम जलाश्य में गजराज की झुंड जलक्रीड़ा करते देखा गया। डूबी क्षेत्र में आए दिन दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी छोड़कर भोजन पानी की तलास में गजराज का 15 की संख्या झुंड जिसमे बेबी हाथी चार की संख्या में भटकते हुए ग्रामीण क्षेत्र पहुंच गया ।

साथ ही घर में रखे अनाज और धान को अपना निवाला बना रहा है । गरीब किसान खेती करने के लिए विभिन्न प्रकार की धान की बीज खरीद कर घर में रखे थे ,उसे भी नही छोड़ा गजराज का झुंड ।  

 गजराज का झुंड इस क्षेत्र में विचरण करते हुए डेरा डाले हुए है। 

इतना बड़ा सेंचुरी रहने के वाबजूद दलमा गज परियोजना से गजों का पलायन करने पर वन विभाग के पास अबतक कोई जवाब नही है ।

22 जून के तड़के सुबह मिली जानकारी के अनुसार कुकड़ू प्रखंड क्षेत्र के नीचे पलास डीह और केंदाआन्दा स्थित सुवर्णरेखा नदी चांडिल डेम के किनारे में दर्जनों गजराज के वेबी हाथी मजूद है।

इस क्षेत्र में जंगली गजराजों का भ्रमण शील जगह बताया जाता है । इस क्षेत्र में पर्याप्त भोजन पानी उपलब्ध है ।

बारों महीना इस क्षेत्र में किसान द्वारा खेती बाड़ी करते रहते । जिसे गजों को भूख मिटाने के लिए ।यह जगह आश्रयनी बना है।

चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी मैनेजर मिर्धा और वनपाल को ग्रामीण को सूचना देने के वाबजूद एलिफेंट ड्राइव टीम को नही भेजा गया।ग्रामीण शाम ढलते ही गांव से बाहर जाने की हिमत जुटा नही पाता।कब मौत बनाकर झुंड घर के आंगन में खड़े हो। जिसका डर हमेशा लगा रहता,ओर ज्वानमाला की सुरक्षा खुद उठाते हे साथ ही ईश्वर भरोसे जीने पर मजबूर है ।

मॉडल कैरियर सेंटर सह जिला नियोजनालय परिसर में 22 जून को आयोजित होगा रोजगार शिविर


_18 से 35 वर्ष के अभ्यर्थी ले सकते हैं भाग_

*10वीं, डिप्लोमा एवम आईटीआई उतीर्ण उम्मीदवारों की होगी भर्ती*

_सम्मानजनक वेतन, मुफ्त कैंटीन सहित मिलेगी अन्य सुविधाएं_
सरायकेला : अगामी 22 जून 2024 को मॉडल कैरियर सेंटर सह जिला नियोजनालय, सरायकेला-खरसावां में पूर्वाह्न 10 बजे से रोजगार शिविर का आयोजन किया जाएगा।

इस संबंध में जिला नियोजन पदाधिकारी श्री रवि कुमार ने बताया की उक्त शिविर में जिले की प्रतिष्ठित संस्था *युवा शक्ति फाउंडेशन*, *जेआईटीएम स्किल्स प्राइवेट लिमिटेड* एवम *भारतीय जीवन बीमा निगम* द्वारा विभिन्न पदों पर सरायकेला-खरसावां एवम जमशेदपुर में नियुक्त करने हेतु युवाओं का चयन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों को कंपनी द्वारा सम्मानजनक वेतन का भुगतान किया जाएगा। साथ ही उन्हें मुफ्त कैंटीन, यूनिफार्म, ट्रांसपोर्ट सर्विस सहित अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी।

उक्त रोजगार शिविर में भाग लेने हेतु अभ्यर्थियों की का उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच होना चाहिए। शैक्षणिक योग्यता 10वीं, डिप्लोमा एवम आईटीआई उतीर्ण होनी चाहिए।

उन्होंने जिले के सभी योग्य अभ्यर्थियों से आह्वान किया कि उक्त रोजगार शिविर में अधिक से अधिक संख्या में भाग ले एवं रोजगार के अवसर प्राप्त करें।

अधिक जानकारी के लिए मॉडल कैरियर सेंटर सह जिला नियोजनालय, सरायकेला-खरसावां में कार्यालय अवधि में संपर्क किया जा सकता है।

इसकी पूरी प्रक्रिया पूर्णतः निशुल्क है।