प्रियंका गांधी ने आखिर वायनाड को ही क्यों चुना?
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प्रियंका गांधी यूं तो काफी समय से सक्रिय राजनीति कर रही है। हालांकि वो पहली बार चुनावी मैदान में उतरने वालीं हैं। दरअसल, राहुल गांधी लोकसभा चुनाव 2024 में दो सीटों से लड़े थे। एक केरल की वायनाड सीट थी, तो दूसरी यूपी की रायबरेली सीट थी। दोनों सीटों पर राहुल गांधी को जीत मिली थी। सोमवार को राहुल गांधी ने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया है। अब यहां पर उपचुनाव होगा। कांग्रेस की ओर से उप चुनाव में प्रियंका गांधी को प्रत्याशी बनाया गया है। यह उनका राजनीतिक डेब्यू है।अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट ही क्यों चुना?
राहुल के रायबरेली सीट रखने और प्रियंका को वायनाड से चुनाव लड़ाने का फैसला कांग्रेस के लिए बड़ा फैसला है क्योंकि प्रियंका का एक ओर चुनावी डेब्यू हो रहा है। दूसरा अगर वो चुनाव जीत जाती हैं तो दोनों भाई बहन पहली बार संसद में मिलकर बीजेपी का मुकाबला करेंगे। प्रियंका लंबे समय से राजनीति में सक्रिय तो हैं लेकिन चुनावी राजनीति में पहली बार कदम बढ़ा रही हैं। अब तक वो मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी की चुनाव लड़ने में मदद करते आई हैं। इसके साथ उनके वायनाड से जीतने पर कांग्रेस उत्तर और दक्षिण भारत के बीच अच्छा बैलेंस भी बना सकती है।
बता दें कि गांधी परिवार का दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने का लंबा इतिहास है। 2014 में जब कांग्रेस पार्टी मुश्किल में थी तक दक्षिण भारत ही कांग्रेस का सहारा बनी थी। 2019 में जब राहुल गांधी मेठी से चुनाव हार गए थे, तब वायनाड ने सात दिया था। अगर इतिहास पर गौर करें दक्षिण में कांग्रेस का सफर पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने की थी जब उन्होंने 1978 में चिकमंगलूर से चुनाव जीता था। इसके बाद 1980 में मेडक से इंदिरा गांधी सांसद बनीं थी। आपातकाल के बाद रायबरेली सीट से जब इंदिरा गांधी का कमबैक करना मुश्किल लग रहा था उस वक्त कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट ने उनके राजनीतिक जीवन के लिए संजीवनी का काम किया।
1978 के उपचुनाव में उनके लिए एक सुरक्षित सीट तलाशी गई। ये सीट थी कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट। मौजूदा सांसद डीबी गौड़ा से सीट खाली करवाई गई, यहां इंदिरा के सामने चुनौती सीएम वीरेंद्र पाटिल से भिड़ने की थी। कहा जाता है इस उपचुनाव के प्रचार के लिए इंदिरा गांधी खुद 17 से 18 घंटे तक प्रचार किया। चुनाव का नतीजा कांग्रेस के पक्ष में आया और इंदिरा गांधी ने 77 हजार वोटों से जीत हासिल की और उनके विपक्ष में खड़े 26 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।
1999 के लोकसभा चुनाव से पहले सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बन गईं। संसद पहुंचने के लिए दो सीटें तलाशी गई थी। पहली सीट उत्तर प्रदेश की अमेठी और दूसरी कर्नाटक की बेल्लारी थी। बेल्लारी से सोनिया के सामने बीजेपी की फायरब्रांड नेता सुषमा स्वराज थीं। हालांकि सोनिया गांधी ने अमेठी और बेल्लारी दोनों से जीत दर्ज की। बाद में सोनिया गांधी ने बेल्लारी से इस्तीफा दे दिया था।
ऐसे में साफ है कि कांग्रेस के ले साउथ क्यों जरूरी है? और पहली बार चुनाव लड़ रही प्रियंका के लिए कितना सुरक्षित है?







देश के अधिरांश राज्य “जल” रहे हैं। आमतौर पर ठंडे रहने वाले पहाड़ और लद्दाख के इलाके भी सूरज का प्रकोप झेल रहे हैं। आसमानी “आग” से शरीर झुलस रहा है। लद्दाख से लेकर बिहार-झारखंड तक देश का एक बड़ा हिस्सा गर्म हवा के थपेड़ों से हलकान है। आधी रात तक गर्म हवा लोगों को सोने नहीं दे रही। मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और बिहार में ज्यादातर स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर (5.1 डिग्री सेल्सियस या उससे ज्यादा) रहा। राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया जो सामान्य से सात डिग्री ज्यादा था। झारखंड के डाल्टनगंज में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 9.1 डिग्री अधिक था। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि मंगलवार यानी आज भी उत्तर पश्चिम भारत में ऐसी ही गर्मी बरकरार रहने वाली है। हां आज रात के बाद तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की उम्मीद है। हालांकि, मध्य और पूर्वी भारत अगले तीन दिनों तक ज्यादा तापमान से जूझता रहेगा और उसके बाद कुछ राहत की उम्मीद है। दिल्ली के लिए आज रेड अलर्ट राजधानी दिल्ली में सोमवार को लू का ऑरेंज अलर्ट रहा। शुष्क हवाओं और आसमान से बरस रही आग से तापमान 45 डिग्री पार कर गया। वहीं मौसम विभाग की तरफ से एक्शन कॉलम को आज लाल रंग से मार्क किया गया है, जिसका मतलब है मोस्ट विजिल एण्ड टेक एक्शन ( अधिक सतर्क रहे और एक्शन लें)। मौसम विभाग की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि मंगलवार 18 जून को आसमान साफ रहेगा। अधिकांश जगहों पर हीव वेव (लू) चलेगी. कई स्थानों पर भी भीषण लू की भी संभावना है।इसके अलावा, कुछ स्थानों पर रात में मौसम गर्म रहेगा। दिन में कभी-कभी 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। 35 दिन से पारा 40 के पार रविवार-सोमवार की दरमियानी रात दिल्ली में तीसरी रात थी, जो बेहद गर्मी थी। वहीं, लगातार आठवें दिन शहर में लू चली। लगातार 35वें दिन शहर का अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार रहा। मानसून नहीं बढ़ रहा आगे मौसम विभाग ने बताया है कि 11 जून के बाद से मानसून आगे नहीं बढ़ा है। इसी वजह से देश के मध्य और उत्तरी इलाकों में बेहद गर्मी पड़ रही है। दिल्ली में तेज हवाएं चल रही हैं, लेकिन इनमें नमी नहीं है और यह बेहद गर्म हैं। शहर के ऊपर हल्के बादल भी हैं, जो गर्मी को रोक कर रखते हैं। इससे शहर का तापमान और बढ़ रहा है। आमतौर पर 27-30 जून के बीच में मानसून दिल्ली पहुंचता है और इस बार भी इसी समय तक मानसून के दिल्ली पहुंचने की संभावना है। हालांकि, उससे पहले पश्चिमी विक्षोभ के कारण 19-20 जून को बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।
Jun 18 2024, 13:27
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