झारखण्ड को मिलेगी एक और वन्दे भारत ट्रैन इसके लिए टाटानागर रेलवे स्टेशन पर शुरू होगा दो नए प्लेटफार्म बनाने का काम
झारखण्ड डेस्क
टाटानगर रेलवे स्टेशन से जल्द ही वंदेभारत ट्रेन चलने जा रही है। इसका काम प्रगति पर है। बोर्ड स्तर पर फैसले के बाद यह कहां से कहां तक चलेगी, इसकी जानकारी दी जायेगी। यह जानकारी दक्षिण-पूर्व रेलवे के जीएम अनिल कुमार मिश्रा ने दी। शनिवार को टाटानगर स्टेशन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पत्रकारों से ये बातें कहीं।
जीएम ने कहा कि दक्षिण पूर्व रेलवे को कई वंदेभारत ट्रेनें मिली हैं। उन्होंने कई विकास योजनाओं की जानकारी दी। कहा कि टाटानगर रेलवे स्टेशन पर तीन नये प्लेटफॉर्म और आदित्यपुर में दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि टाटानगर स्टेशन के री-डेवलपमेंट का काम जल्द शुरू होगा। यह इसीपी कॉन्ट्रैक्ट के अधीन है, जिसके तहत कॉन्ट्रैक्टर को ही डिजाइन और वर्क करना है। रेलवे को सिर्फ अपनी जरूरतें बतानी है।
री-डेवलपमेंट के बाद टाटानगर स्टेशन 108 मीटर लंबा और 23 मीटर चौड़ा हो जायेगा। बीच में 36 मीटर का फुटओवरब्रिज होगा और फूड प्लाजा भी बनेगा। साउथ और नार्थ एरिया में मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स भी होगा।
वर्तमान में पांच प्लेटफॉर्म हैं, जिन्हें बढ़ाकर आठ किया जायेगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की जरूरत नहीं होगी। पर्याप्त जमीन खाली पड़ी है। यहां जो खाली भवन हैं या अतिक्रमित हैं, उसे हटाया जायेगा। अगर पुनर्वास की जरूरत होगी, तो यह राज्य सरकार का मामला है। रेलवे की ओर से पुनर्वास का कोई प्रावधान नहीं है।
जीएम ने कहा कि यह सही है कि ट्रेनें देर से चल रही हैं। अप्रैल से मई माह में कई स्पेशल ट्रेनें चली थीं। रेगुलर ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ। अब इसको दुरुस्त करने का काम चल रहा है।
देश को अगर विकास के पथ पर ले जाना है, तो संसाधन तैयार करना होगा। इसके कारण ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। समय पर ट्रेनें चलें, यह सुनिश्चित कराया जायेगा।
अप्रैल से जून तक का समय काम का होता है। जून से अक्तूबर तक बारिश के कारण काम नहीं हो पाता है। इसके बाद फेस्टिव सीजन शुरू हो जाता है। इस कारण काम में दिक्कत होती है। वैसे तय किया गया है कि 120 दिन पहले किसी भी विकास काम के कारण ट्रेनें रद्द होने की सूचना दे दी जायेगी, ताकि यात्री अपनी सहूलियत के अनुसार टिकटों की बुकिंग कर सकें।
बालेश्वर हादसे के बाद कवच को लॉन्च किया गया था। दक्षिण-पूर्व रेलवे में भी कवच सिस्टम लागू किया जा रहा है। 160 केएमपीएच वाले एरिया में अभी दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई तक कवच लगाया जा रहा है, ताकि ट्रेनों की दुर्घटनाओं को रोका जा सके। दक्षिण-पूर्व रेलवे में इसको लगाने के लिए सर्वे का काम पूरा होने वाला है। जल्द ही काम शुरू होगा।
Jun 16 2024, 14:03