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चिरमिरी में 240 सीटों के शासकीय पालिटेक्निक कालेज को मंजूरी, पालीटेक्निक में माइनिंग इंजीनियरिंग समेत डिप्लोमा के चार कोर्स होंगे संचालित

रायपुर-  आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन ने मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में 240 सीटों के शासकीय पालिटेक्निक कालेज की स्थापना को मंजूरी दी है। यह पालिटेक्निक कालेज शैक्षणिक सत्र 2024-25 से संचालित होगा और इसकी स्थापना चिरमिरी में होगी। नवीन शासकीय पालिटेक्निक कालेज में सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए 60 सीट, जिओग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) एवं ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) में डिप्लोमा के लिए 60 सीट, मेकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए 60 सीट तथा माइनिंग इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए 60 सीटों का प्रावधान है। ये पालिटेक्निक कालेज छत्तीसगढ़ के स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी, भिलाई से संबद्ध होगा।

मुख्यमंत्री ने कृषि एवं उद्यानिकी विभाग की समीक्षा की

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश में विकास की गति को तेज करने आज विभागवार समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू किया। बैठकों की शुरूआत अन्नदाताओं से जुड़े कृषि और उद्यानिकी विभाग की समीक्षा से हुई। बैठक में कृषि विकास, किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय लंबे समय तक खेती-किसानी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर खेती-किसानी का कार्य किया है और इससे अपने परिवार का भरण-पोषण भी किया है। खेती-किसानी में उनके वृहद अनुभव की झलक समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों में स्पष्ट रूप से सामने आयी। अपने खेती-किसानी के अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि एक बार पहले जब उन्होंने डीएपी खाद की मांग की थी, तब उन्हें दूसरी खाद मिली, खाद के बोरे में डीएपी की मार्किंग थी, लेकिन बोरे में दूसरी खाद थी, हमारे किसान भाईयों के साथ यह न हो, यह सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता खेती-किसानी की बेहतरी को लेकर है। अतः किसानों को खेती-किसानी में सहुलियतें प्रदान करने के लिए खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। भण्डारण और वितरण की स्थिति की लगातार निगरानी की जाए। किसानों को खाद-बीज के वितरण के समय इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद और बीज मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों की ज्यादा आमदनी के लिए प्रदेश में सुगंधित और महीन धान की किस्मों को ढूंढ कर इनके उत्पादन के लिए पूरे प्रदेश के किसानों को जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की लगभग 200 किस्में हैं। इनकी बाजार में अच्छी मांग है। इन किस्मों का विदेशों में निर्यात भी किया जा सकेगा। इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

उन्होंने उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए कहा कि जशपुर जिले में आम, लीची, कटहल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। चाय का उत्पादन भी प्रारंभ हुआ है। इनके प्रसंस्करण इकाई की स्थापना भी की जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि खरीफ का सीजन आ गया है। मानसून भी इस वर्ष पहले आने की संभावना है। मानसून आते ही खेती-किसानी का कार्य तेज गति से शुरू हो जाएगा। अधिकारी खरीफ मौसम के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि खाद्य बीज का वितरण किसानों को मांग के अनुरूप दिया जाए। साथ ही वितरण का नियमित रूप से मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों को जैविक खेती, आधुनिक खेती से जोड़ने तथा किसानों के लिए कृषि उपकरणों की उपलब्धता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि क्लस्टर बनाकर कृषि यंत्र थ्रेसर और हार्वेस्टर आदि कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने खेती-किसानी में टेक्नालॉजी के प्रयोग पर विशेष जोर दिया। अधिकारियों ने इस संबंध में हुए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के तीन जिलों- महासमुंद, धमतरी और कबीरधाम में जल्द ई-गिरदावरी का कार्य प्रारंभ होगा। इसके लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। राज्य में एग्री स्टैक कार्यक्रम के तहत ई-गिरदावरी के संबंध में बताया कि इसमें किसानों और भू-नक्शों का डिजिटल डाटा बेस तैयार किया जाएगा। किसानों की रजिस्ट्री तथा नक्शों की जियो रिफ्रेंसिंग की जाएगी। इससे जीआईएस डिजिटल फसल सर्वेक्षण का काम मोबाइल एप के माध्यम से किया जाएगा। इससे गिरदावरी का कार्य आसान होगा और उसका डाटा भी तुरन्त योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उपलब्ध हो जाएगा। छत्तीसगढ़ के तीन जिलों महासमुंद, धमतरी और कबीरधाम में यह कार्यक्रम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने उद्यानिकी विभाग की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि उद्यानिकी फसलों के प्रति किसानों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि फूलों की मांग को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने सोयाबीन, सेब, पॉम ऑयल, चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि फसल चुनते वक्त क्षेत्र की जलवायु के आधार पर निर्णय लें।

बैठक में जानकारी दी गई कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए ‘सेंटर फॉर एक्सिलेंस’ की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रति अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जल ग्रहण क्षेत्र विकास को भी बढ़ावा देने पानी को रोेकने स्ट्रक्चर बनाए जाते हैं और आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है। इस पर अधिकाधिक काम हो। श्री साय ने आदिवासी बहुल जिलों में विश्व बैंक की सहायता से संचालित चिराग परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस योजना में समुदाय और परिवारों का सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण, परिवार के आहार पोषण स्तर में सुधार, भूमि एवं जल संरक्षण आदि के कार्य किए जाते हैं।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2024 के सभी आवश्यक तैयारियां विभाग द्वारा कर ली गई है। राज्य में खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों की मांग के अनुरूप खाद बीज का भण्डारण किया जा रहा है। खरीफ सीजन 2024 के लिए किसानों द्वारा 544 लाख टन बीज के मांग के अनुरूप 431 लाख टन का भण्डारण कर लिया गया हैं। वहीं 261 लाख टन बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है। जबकि पिछले वर्ष आज की स्थिति में 402 लाख टन बीज का भण्डारण कर 165 लाख टन बीज का वितरण किया गया था।

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि खरीफ सीजन 2024 के लिए उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों के लिए 13.68 लाख मेट्रिक टन खाद की उपलब्धता को लक्ष्य लेकर तैयारी की गई है। इसमें यूरिया 6.50 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.40 लाख मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.20 लाख मेट्रिक टन और एनओपी उर्वरक 58 हजार मेट्रिक टन शामिल है। लक्षित रासायनिक खाद के विरूद्ध 10.38 लाख मेट्रिक टन (76 प्रतिशत खाद) का भण्डारण हो चुका है, वहीं 4.98 लाख मेट्रिक टन (36 प्रतिशत) खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। खाद बीज वितरण की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्र और राज्य प्रवर्तित योजनाओं की प्रगति की जानकारी बैठक में अधिकारियों से ली। उन्होंने कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को योजना के तहत दी जाने वाले भुगतान की राशि की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि योजना में 26 लाख 66 हजार 489 किसान पंजीकृत है। 13 हजार 287 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों को हो चुका है। खाता संबंधित त्रुटि के कारण 280 किसानों का लगभग 2 करोड़ रूपए का अंतरण शेष है। जल्द ही इन खातों का केवाईसी कर अंतरण कर लिया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा के बलरामपुर में मक्का उत्पादन तथा प्रोसेसिंग के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, डॉ. बसवराजु एस., राहुल भगत, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

नवपदस्थ कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने विभिन्न शासकीय कार्यालयों का किया निरीक्षण


उत्तर बस्तर कांकेर, 13 जून 2024/ जिले के नवपदस्थ कलेक्टर श्री नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने आज जिला कार्यालय एवं संयुक्त कार्यालय में स्थित विभिन्न कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने अपर कलेक्टर एवं कलेक्टोरेट स्टाफ कक्ष, जिला कोषालय कार्यालय, नजूल शाखा, स्थानीय निर्वाचन एवं सामान्य निर्वाचन, भू-अभिलेख शाखा, अभिलेखागार, डायवर्सन शाखा, एसडीएम कार्यालय, जिला आबकारी कार्यालय, खनिज विभाग, आदिवासी विकास विभाग, जिला विपणन अधिकारी, खाद्य अधिकारी, जनसम्पर्क कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों का निरीक्षण किया। इसके पश्चात् उन्होंने संयुक्त कार्यालय में स्थित क्रेडा कार्यालय, आधुनिक अभिलेखागार, जिला अंत्यवसायी कार्यालय, पोस्ट ऑफिस, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला योजना सांख्यिकी, पंजीयन कार्यालय, जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय, व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, नगर निवेश एवं श्रम विभाग के कार्यालय का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर ने विभिन्न कार्यालयों के निरीक्षण के दौरान विभागीय कार्यों के बारे में जानकारी ली और कार्यालयीन दस्तावेजों को व्यवस्थित एवं साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्टाफ नियमित रूप से कार्यालय में अपनी उपस्थिति दें और आम नागरिकों से प्राप्त आवेदनों पर नियमानुसार समय-सीमा में कार्यवाही करें। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री जितेन्द्र कुर्रे सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

*14 जून को रक्तदान शिविर का आयोजन

उत्तर बस्तर कांकेर 13 जून 2024/ कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री नीलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशन एवं भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी जिला कांकेर के तत्वावधान में 14 जून को मातृ एवं शिशु अस्पताल अलबेलापारा में रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि रक्तदान करना पुण्य का काम है और आप अनजाने में ही लोगों की जिंदगी बचा लेते हैं। रक्तदान करने से बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति हर 3 महीने के अंतराल में रक्तदान कर सकता है। उन्होंने उक्त शिविर में आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, युवक-युवतियों और कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि इस पुण्य कार्य में अधिक से अधिक भागीदारी करें, जिससे जरूरतमंद लोगों को आसानी से रक्त उपलब्ध हो सके।

    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खरे ने बताया कि देश में हर दिन करीब 12 हजार लोगों की मौत खून न मिलने के कारण से होती है और खून की यह कमी रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों एवं सही जानकारी के अभाव में होती है। भारत शासन के अनुसार हर वर्ष तकरीबन 15 लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल 11 लाख यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पता है। यानी 4 लाख यूनिट रक्त की कमी हर साल होती है। आपका दिया हुआ एक यूनिट ब्लड तीन लोगों की जान बचा सकता है। रक्तदान करना पूरी तरह सुरक्षित है।

इससे न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि ब्लड प्रेशर और शरीर का वजन भी नियंत्रित रहता है। रक्तदान से हृदय का कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा कम रहता है। कई लोगों में भ्रांति है कि रक्तदान से शरीर में कमजोरी आती है लेकिन यह सही नहीं है। रक्तदान करके हम दूसरों की जान तो बचाते ही हैं। नियमित रक्तदान से खून बनने की प्रक्रिया तेज होती है, अनेक प्रकार के जांच होने से शरीर की स्थिति का पता चलता है।

कौन कर सकता है रक्तदान?

जिसकी उम्र लगभग 18 से 65 के बीच हो, शरीर का वजन 40 किलोग्राम हो और हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 ग्राम होनी चाहिए। रक्तदान से पहले व्यक्ति के कुछ जांच करवाए जाते हैं। टेस्ट रिपोर्ट के हिसाब से ही तय होता है कि व्यक्ति रक्तदान कर सकता है या नहीं।

कौन रक्तदान नहीं कर सकता?

अगर आप हाई या लो ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित हो टीवी के मरीज हूं या सिकलिन की बीमारी हो तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते।

राजनांदगांव जिले के मारगांव के ग्रामवासियों को जल जीवन मिशन के तहत मिल रहा शुद्ध पेयजल

रायपुर- राज्य शासन की जनकल्याणकारी योजना जल जीवन मिशन से राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम मारगांव के ग्रामवासियों को घर-घर नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल मिल रहा है। ग्राम मारगांव के ग्रामवासियों एवं महिलाओं ने में खुशी जाहिर की है। जल जीवन मिशन के तहत गांव के सभी घरों में टेप नल कनेक्शन दिया गया है। जिससे पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। गांव की महिलाएं घर पर ही स्वच्छ जल मिलने से प्रसन्न है। पहले गांव की महिलाओं को पानी बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता था। बारिश के दिनों में बाहर से पानी लाने की समस्या, लंबी-लंबी कतार लगकर हैंडपंप तथा कुएँ से पानी भरना, समय अधिक लगने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। गर्मी के दिनों में जल स्तर नीचे चले जाने से कुओं का सूखना, हैण्डपंप बंद होना की समस्याएं आती थी। जिससे पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं हो पाता था। जल जीवन मिशन आने से गांव के सभी घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। जिससे महिलाओं का समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है।

जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव में डिस्ट्रीब्यूशन 1990 मीटर एवं राइजिंग मेन 1993 मीटर की पाइप लाइन बिछाकर कुल 463 परिवारों को घर में नल से स्वच्छ जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध किया जा रहा है। मारगांव के सरपंच डकेन्द्र चंद्राकर बताते हैं कि गांव के प्रत्येक घर में पर्याप्त मात्रा में सभी को नल से शुद्ध पानी मिल रहा है जिससे पूरे गांव में हर्ष का माहौल है। वार्ड नंबर 8 एवं 18 की निवासी भूमिका सिन्हा तथा फलटिन सिन्हा ने बताया की गाँव के प्रत्येक घर को नल और जल से जोडऩे की योजना से गाँव का सूखा खत्म हुआ है। योजना अब दु्रतगति से आगे बढ़ी है, जिससे ग्रामवासी अब राहत की सांस लेने लगे हैं। वार्ड नंबर 18 की मंजू सिन्हा एवं लक्ष्मी यादव ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि गांव के लोगों को पहले काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जैसे पानी भरने के लिए समुचित व्यवस्था न होना, बोरिंग का बंद पड़ जाना, कुओं का सूख जाना जैसी समस्याओं से ग्रामीणों को आये दिन जूझना पड़ता था। पहले ग्रामीणों को पानी भरने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था, कई बार रात्रि को पानी के लिए जाना, बरसात के दिनों में पानी के लिए कतार में खड़े रहना पड़ता था किन्तु जल जीवन मिशन अंतर्गत गांव के हर घर में टेप कनेक्शन मिलने से आज उनके समय की बचत हो रही है तथा वे आज सुरक्षित एवं गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस प्रकार मारगांव के ग्रामीणों का जीवन स्तर उन्नत हुआ है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा भवन की प्रगति की समीक्षा की

रायपुर-   विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह एवं विधानसभा के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए बन रहे आवासों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि निर्माण कार्य अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। समय-समय पर प्रगति की समीक्षा की जाए। बैठक में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी उपस्थित थे।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि विधानसभा भवन का निर्माण आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखकर किया जाना है। हमारा प्रयास यह हो कि पूरा विधानसभा सौर ऊर्जा से संचालित हो। यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण बने। उन्होंने कहा कि पूरा परिसर हरित वातावरण से सुसज्जित हो इसलिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। उन्होंने परिसर में बागवानी के पौधों के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्य वृक्षों महुआ, कुसुम, साल और सागौन जैसे वृक्षों का रोपण किया जाए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही ऐसी व्यवस्था अपनाने की बात कही जिससे पानी का पुनः उपयोग सिंचाई में भी किया जा सके। उन्होंने परिसर में एक प्राकृतिक तालाब भी निर्मित करने की बात कही जिससे पानी की उपलब्धता बनी रहे। निर्माण कार्य में तीव्रता और कसावट लाने के लिए अध्यक्ष डॉ. सिंह ने मुख्य सचिव को प्रति माह बैठक आयोजित कर समीक्षा करने की भी बात कही।

संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माण में उच्च एवं आधुनिक गुणवत्ता के सामान का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा देश भर में अनूठा बने इसका ध्यान रखते हुए निर्माण करें क्योंकि देश भर से लोग विधानसभा भ्रमण के लिए आते हैं। यह छत्तीसगढ़ की बड़ी पंचायत है तो इसकी छटा पूरे देश में दिखाई पड़नी चाहिए। छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक के साथ ही सिरपुर जैसे धरोहरों की रेप्लीका भी दिखाई पड़नी चाहिए।

गौरतलब है कि नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-19 में लगभग 20.78 हेक्टेयर भूमि पर 217.12 करोड़ की लागत से नवीन विधानसभा भवन का निर्माण किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नवीन विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह एवं विधानसभा के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण हो रहा है।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिसम्बर 2024 तक सिविल कार्य और जून 2025 तक इंटीरियर से संबंधित कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे। नवीन विधानसभा भवन 200 विधायकों की क्षमता के हिसाब से निर्मित किया जा रहा है। यह भवन विधानसभा सचिवालय, 03 मीटिंग हॉल, कैंटीन, सेन्ट्रल हॉल, दर्शक दीर्घा, मीडिया लाऊंज, 1 सभागृह, आर्ट गैलरी, चिकित्सालय, बैंक और पोस्ट ऑफिस जैसी मूलभूत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। नवीन भवन में संसद भवन के तर्ज पर कैबिनेट मीटिंग हॉल का भी निर्माण किया जा रहा है। भवन को छत्तीसगढ़ की संस्कृति बस्तर आर्ट, जशपुर आर्ट के साथ ही कंटेम्पररी अर्बन आर्ट से भी सुसज्जित किया जायेगा।

मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव रजत बंसल, वन एवं पर्यावरण सचिव संगीता आर. सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट : केन्द्रीय नीति आयोग की सलाहकार निधि छिब्बर ने ली प्रगति की जानकारी

रायपुर-  भारत सरकार के नीति आयोग की सलाहकार निधि छिब्बर ने आज मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ में बनाए जा रहे विजन डॉक्यूमेंट 2047 के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। राज्य नीति आयोग के अधिकारियों ने उन्हें विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घ अवधि के सुझाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है। विजन डॉक्यूमेंट बनाने का दायित्व राज्य नीति आयोग को सौंपा गया है। राज्य नीति आयोग द्वारा पिछले लगभग एक माह से लगातार विषय विशेषज्ञों के साथ बैठकों का आयोजन कर विस्तृत विचार विमर्श किया जा रहा है। विशेषज्ञों के सुझाव को एकत्र किया जा रहा है। राज्य नीति आयोग द्वारा विजन डॉक्यूमेंट बनाने के लिए 8 वर्किंग ग्रुप बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर हाल में ही रायपुर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेंट में सुशासन और विकसित छत्तीसगढ़ को लेकर देश के जाने माने विशेषज्ञों के साथ बौद्धिक विचार-विमर्श किया। छत्तीसगढ़ के परिस्थितियों के मद्देनजर विशेषज्ञों और छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच विकसित छत्तीसगढ़ और सुशासन के लिए विचारों का आदान-प्रदान हुआ।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ के विजन डॉक्यूमेंट को लेकर राज्य के सभी विधायकों और मंत्रिगणों से भी अपने सुझाव देने का आग्रह किया है। यह भी बताया कि विजन डॉक्यूमेंट को लेकर नागरिकों और स्वयंसेवी संस्थाओं से सुझाव लेने की भी पहल की जाएगी। इसके लिए जनसंवाद का भी आयोजन करने की योजना है।

बैठक में योजना आयोग और सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद सहित राज्य नीति आयोग की सलाहकार संस्थाओं के प्रतिनिधि और राज्य नीति आयोग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बृजमोहन अग्रवाल ने कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में अजय जामवाल और पवन साय से की मुलाकात, मंत्री पद से इस्तीफे को लेकर कही ये बात

रायपुर- लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के साथ ही छत्तीसगढ़ के साय कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है. रायपुर लोकसभा सीट से शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रचंड बहुमत से चुनाव जीता और अब संसद में पहुंचने के बाद उनके मंत्री पद से इस्तीफे को लेकर भी चर्चा तेज है. ऐसे में मंत्री और सांसद बृजमोहन अग्रवाल आज शाम कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में क्षेत्रीय संघठन महामंत्री अजय जामवाल और संघठन महामंत्री पवन साय से मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने अपने मंत्री पद या सांसद पद से इस्तीफे को लेकर मीडिया से बातचीत की.

बृजमोहन अग्रवाल कौन से पद से इस्तीफा देंगे इस पर उन्होंने कहा कि मंत्री तो मैं 6 महीनों तक रह सकता हूं. मुख्यमंत्री जब कहेंगे तब मंत्री पद से इस्तीफा दूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस्तीफा कौन से पद से देना यह तो पार्टी निर्देश के बाद तय करूंगा.

बता दें, मंत्री अग्रवाल और क्षेत्रीय संघठन महामंत्री अजय जामवाल और संघठन महामंत्री पवन साय से बंद कमरे में पिछले आधे घंटे से उनकी चर्चा जारी है. बता दें, कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्री और सांसद बृजमोहन अग्रवाल मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं.

जैतखाम विवाद : आगजनी की जांच करने कांग्रेस की समिति बलौदाबाजार रवाना, PCC अध्यक्ष को सौंपेगी रिपोर्ट

रायपुर- बलौदाबाजार में सतनामी समाज के विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़-फोड़ और आगजनी की घटना की जांच करने कांग्रेस की जांच समिति आज घटना स्थल के लिए रवाना हुई. समिति के सदस्य घटना स्थल से लेकर समाज प्रमुखों और प्रत्यक्षदर्शियों से मुलाकात कर पूरी घटना की जानकारी लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौपेंगे. 

कांग्रेस की सात सदस्यीय जांच समिति के अध्यक्ष शिव डहरिया ने कहा कि बीजेपी हमेशा सतनामी समाज के खिलाफ रही है. सतनामी समाज को प्रताड़ित करने में बीजेपी की सरकार औरंगजेब से भी आगे निकल गई. वहीं दौरे को लेकर कहा कि अभी हमारे अध्यक्ष के निर्देश पर जाँच कमेटी गठित की गई है.

उन्होंने कहा कि सब लोगों से चर्चा करेंगे कि बीजेपी की सरकार में ऐसी घटना क्यों हुई. सतनामी समाज के खिलाफ बीजेपी हमेशा से रही है. सरकार के फेलियर के कारण यह घटना हुई. कानून-व्यवस्था की हालत खराब है. बहुत सारे लोगों को बिना जांच के उठा लिया गया है. मारपीट भी की गई है. इस पर जांच करेंगे.

वहीं मंत्री रामविचार नेताम के बयान पर पलटवार करते हुए शिव डहरिया ने कहा कि रामविचार को अभी जांच का विचार आ रहा है. पहले ही उन्हें इस पर संज्ञान लेना चाहिए.

नवनिर्वाचित सांसदों से मिले भाजपा के संगठन महामंत्री जामवाल, क्षेत्र में सक्रिय रहने के साथ दिए यह निर्देश…

रायपुर- छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित सांसदों की भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल बैठक ले रहे हैं. प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में हो रही बैठक में लोकसभा चुनाव का फीडबैक लेते हुए अधिक से अधिक अपने क्षेत्र की जनता के संपर्क में रहने के निर्देश गए.

संगठन महामंत्री पवन साय की मौजूदगी में क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जमवाल ने सांसद संतोष पांडेय से वन टू वन चर्चा की. इस दौरान चुनाव के दौरान किए गए कमिटमेंट को पूरा करने और अपने क्षेत्र की समस्याओं को प्रमुखता से सदन में उठाने की समझाइश दी. संतोष पांडेय के अलावा महासमुंद की नवनिर्वाचित सांसद रूपकुमारी चौधरी, जांजगीर-चांपा की सांसद कमलेश जांगड़े, कांकेर के सांसद भोजराज नाग, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया से भी चर्चा हुई.

बैठक की जानकारी देते हुए जांजगीर-चांपा की सांसद कमलेश जांगड़े ने बताया कि चुनाव के बाद भेंट-मुलाकात हुई. चुनाव को लेकर समीक्षा की गई. एक औपचारिक मुलाकात थी. भीतरघात को लेकर भी सवाल किए, जिस पर उन्हें जानकारी दी गई है. दिल्ली से लौटने के बाद अपने-अपने क्षेत्र में सक्रिय रहने के निर्देश मिले हैं, और आगे की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई है.