संसद की सुरक्षा में एक बार फिर सेंध लगाने की कोशिश, सीआईएसएफ ने 3 मजदूरों को किया गिरफ्तार
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देश की संसद में एक बार फिर सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश हुई है। मंगलवार को सीआईएसएफ के जवानों ने तीन संदिग्ध लोगों को पकड़ा है जो कि फर्जी आधार कार्ड के जरिए पार्लियामेंट में घुसने की कोशिश कर रहे थे। तीनों ने एक ही आधार कार्ड का उपयोग करके संसद भवन में एंट्री ली थी। तीनों को फिलहाल गिरफ्तार में लेकर जांच की जा रही है।
संसद भवन के अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि पार्लियामेंट के गेट नंबर तीन से अंदर घुसने की कोशिश की थी। यहां तैनात सीआईएसएफ जवानों को तीनों के आधार कार्ड पर शक हुआ। जब जांच की गई तो पता चला कि तीनों आधार कार्ड फर्जी हैं। दर्ज एफआईआर के मुताबिक 4 जून के दोपहर करीब 1.30 बजे फर्जी तरीके से संसद में संदिग्ध लोगों ने घुसने की कोशिश की है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि इनकी पहचान कासिम, मोनिस और शोएब के रूप में हुई है। तीनों पर जालसाजी और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
बता दें कि नए संसद भवन की सिक्योरिटी का जिम्मा इससे पहले दिल्ली पुलिस के जिम्मे था, लेकिन हाल ही में इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को सौंपी गई है। सीआईएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स में जिन तीन मजदूरों ने घुसने की कोशिश की है वह कंस्ट्रक्शन कंपनी दी वी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के जरिए भर्ती किए गए थे। तीनों मजदूरों को पार्लियामेंट के सांसद लॉन्ज में कंस्ट्रक्शन काम करने के लिए भर्ती किया गया था।
पिछले साल ही 13 दिसंबर को सुरक्षा में सेंधमारी की बड़ी घटना सामने आई थी। पिछले साल 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गये थे। दोनों ने केन के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया था। इस दौरान ही नीलम आजाद और शिंदे ने संसद परिसर में नारे लगाए। इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
Jun 07 2024, 11:26