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बिना अनुभव के गठबंधन सरकार चलना नरेन्द्र मोदी के लिए होगा कितना मुश्किल, नीतीश और नायडू बन सकते हैं बड़ी चुनौती
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दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नतीजे मंगलवार को सामने आ गए। हालांकि ये नतीजे चौंकाने वाले रहे। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 और 2019 दोनों में आसानी से बहुमत हासिल कर लिया था। लेकिन, एक दशक में पहली बार है, जब बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। हालांकि, एनडीए 292 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हो गई। वहीं, आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू और बिहार में नीतीश कुमार ने अपने-अपने राज्यों में शानदार जीत हासिल की। इसके बाद दोनों किंगमेकर बनकर उभरे हैं। अब बीजेपी 10 साल बाद अपने सहयोगियों, खासकर टीडीपी और जेडी(यू) पर निर्भर होगी। केन्द्र में भाजपा नीत एनडीए की सरकार के लिए दो सहयोगी दलों की सबसे बड़ी भूमिका होगी। इनमें एक हैं भाजपा के पुराने साथी हैं बिहार के सीएम नीतीश कुनार के नेतृत्व वाली जेडीयू और दूसरी है आंध्र प्रदेश में सरकार बनाने जा रही टीडीपी।इनकी सहमति और सहयोग के बिना भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार की कल्पना ही संभव नहीं है। फिलहाल दोनों ओर से किसी तरह के तिकड़म की सुगबुहाट तो नहीं दिखती, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रति अतीत में दोनों की जैसी मंशा रही है, उसके बीज अब भी उनमें कहीं दबे-छिपे हैं तो किसी भी वक्त वह प्रस्फुटित हो सकते हैं। भाजपा के नेतृत्व में सरकार बन जाएगी, इसमें शक नहीं है। पर, सरकार कितने दबाव में चलेगी, यह सभी को पता है। नरेंद्र मोदी के दिल्ली आने के बाद नीतीश कुमार और नायडू के संबंध बीजेपी से बहुत कड़वाहट भरे भी रहे हैं। नायडू और नीतीश 2014 में नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर बीजेपी के विरोधी खेमे में रह चुके हैं और इस लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए में वापसी की है। *नरेन्द्र मोदी और चंद्रबाबू नायडू में कैसे रहे संबंध?* साल 2002 में गुजरात में हुए दंगे के बाद चंद्रबाबू नायडू एनडीए के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने बतौर मुख्यामंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफ़े की मांग की थी। अप्रैल 2002 में टीडीपी ने मोदी के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने और सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को राहत देने में में बुरी तरह फेल होने को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया था। यही नहीं, साल 2018 में चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एनडीए का साथ छोड़ दिया था और केंद्र में अपने दो मंत्रियों को भी हटा दिया। नायडू उस समय मोदी सरकार के ख़िलाफ़ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। ये अविश्वास प्रस्ताव तो पास नहीं हो पाया लेकिन अपने 16 सांसदों के साथ एनडीए से निकल गए थे। साल 2019 में गठबंधन से निकलने के बाद चंद्रबाबू नायडू ने एक ट्वीट कर कहा था, "मोदी ने योजनाबद्ध तरीक़े से भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों को नष्ट कर दिया है। बीजेपी सरकार के शासन में संस्थागत स्वायत्तता और लोकतंत्र पर हमला हुआ है। अब, जब से आंध्र में टीडीपी की 16 सीटें आई हैं और अब जब नायडू किंगमेकर की भूमिका में दिख रह हैं तो सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी का साल 2019 में आंध्र प्रदेश में दिया गया भाषण ख़ूब शेयर किया जा रहा है। इस भाषण में नरेंद्र मोदी ने चंद्रबाबू नायडू को “अपने ससुर के पीठ में छूरा भोंकने वाला बताया था।” उन्होंने राज्य में एक चुनावी रैली में कहा था, “वो (चंद्रबाबू नायडू) ख़ुद को मुझसे सीनियर मानते हैं, अच्छी बात है आप सीनियर हैं. लेकिन आप सीनियर हैं, पार्टी बदलने में, अपने ससुर की पीठ में छूरा भोंकने में और आप सीनियर हैं एक के बाद एक चुनाव हारने में...उसमें तो मैं सीनियर नहीं हूँ। *नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के रिश्ते जगजाहिर* नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार के बीच के रिश्ते जगजाहिर है। दोनों के एक साथ एक मंठ पर दिख जाना सिवाय राजनैतिक मजबूरी के और कुछ नहीं है।भाजपा ने 2013 में जब नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने की घोषणा की तो नीतीश कुमार ने भाजपा से रिश्ते तोड़ लिए थे। हालांकि 2017 में वे भाजपा के साथ आ गए, लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रति उनके मन की नफरत नहीं गई। यही वजह रही कि 2022 में नीतीश ने आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन से हाथ मिला लिया और नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने के लिए चंद्रबाबू नायडू की तरह विपक्षी एकता का अभियान शुरू कर दिया। भाजपा के खिलाफ आज जो इंडी अलायंस वजूद में हैं, उसकी बुनियाद रखने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है। हालांकि अपनी मजबूरियों के कारण नीतीश फिर पलट गए और भाजपा से हाथ मिला कर बिहार में सीएम की अपनी कुर्सी सुरक्षित कर ली। नरेन्द्र मोदी के साथ कड़वाहट भरे रिश्ते रिश्ते रख चुके दो दिग्गज आज तीसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनाने को राजी तो हो रहे हैं। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को अपने साथ लेकर चलना नरेन्द्र मोदी के सामने सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी और चुनौती होगी।खासकर तब जब नरेंद्र मोदी के पास गठबंधन सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। गुजरात में जब वह मुख्यमंत्री थे, तब भी प्रचंड बहुमत वाली सरकार थी। हक़ीक़त यह है कि बीजेपी की कमान मोदी के पास आने के बाद से एनडीए का कुनबा छोटा होता गया। अकाली दल और शिव सेना बीजेपी के दशकों पुराने सहयोगी रहे थे लेकिन दोनों कब का अलग हो चुके हैं। इस बार जब नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे तो उन्हें सरकार चलाने के लिए सबको साथ लेकर चलना होगा। जो किसी चुनौती से कम नहीं है।
भारत में चुनावी परिणाम पर दुनियाभर के मीडिया की रही नजर, जानें चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने क्या कहा
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2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। हालांकि, भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर पाई। जबकि, की अगुआई वाली एनडीए बहुमत का आंकड़ा पार करने में सफल रही।दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नतीजों को न सिर्फ देश के लोग बल्कि पूरी दुनिया टकटकी लगाकर देख रही थी। भारत में आए नतीजों के बाद अब विदेशी मीडिया में खूब चर्चा हो रही है।भाजपा और इंडिया ब्लॉक के प्रदर्शन को विदेशी अखबारों ने अच्छी खासी जगह दी है।

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए गठबंधन की जीत पर चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने प्रतिक्रिया दी है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर तीसरी बार जीत का दावा किया। चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि मोदी की चीनी विनिर्माण के साथ प्रतिस्पर्धा करने और भारत के कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने की महत्वाकांक्षा को पूरा करना मुश्किल होगा।

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, चूंकि मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने गठबंधन के बावजूद पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रही, इसलिए प्रधानमंत्री के लिए आर्थिक सुधार को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा, लेकिन राष्ट्रवाद का कार्ड खेलना संभव है, विशेषज्ञों ने कहा, उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन-भारत संबंधों में भी बहुत सुधार होने की संभावना नहीं है। मीडिया ने बताया कि मंगलवार रात को मतगणना पूरी होने के करीब थी, जिसमें मोदी के गठबंधन को आश्चर्यजनक रूप से मामूली अंतर से जीत मिली।

चीनी अखबार में विश्लेषकों ने कहा कि बाजार की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि व्यापार और वित्तीय हलकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय पूंजीपति भी भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं हैं।

फुडन विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के उप निदेशक लिन मिनवांग ने मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि मोदी प्रशासन अपनी आंतरिक और बाहरी नीतियों को जारी रखेगा और निश्चित रूप से मोदी आर्थिक सुधार को बढ़ावा देना और विकास को साकार करना चाहते हैं, लेकिन यह उनके लिए एक कठिन मिशन होगा। उन्होंने कहा, "चूंकि उनकी पार्टी बहुमत हासिल करने में विफल रही है, इसलिए उनके लिए जटिल आर्थिक सुधार के लिए एजेंडा निर्धारित करना मुश्किल होगा और इस तरह की स्थिति में, भाजपा देश में हिंदू राष्ट्रवाद को प्रोत्साहित करने के उपायों को और मजबूत कर सकती है।

अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि भारत के चुनाव के नतीजों के मुताबिक, वोटर्स ने उम्मीद के परे पीएम मोदी की लीडरशिप को नकार दिया है। उनकी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी को संसद में बहुमत नहीं मिल पाया। चुनाव से पहले मोदी प्रशासन ने विपक्ष के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया, उनके नेताओं को भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में डाला। वहीं मोदी के सहयोगियों के कंट्रोल वाले मीडिया ने भी पूरे कैंपेन के दौरान भाजपा की जमकर प्रशंसा की। ये सब बातें इस बात की चेतावनी हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सही मायने में प्रतिस्पर्धा वाले चुनाव गायब हो रहे हैं

वहीं, पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ की बेवसाइट पर भारत के चुनाव को बड़ी कवरेज दी गई है। उसके एक लेख में कहा गया कि भारत में वोटों की गिनती में पीएम मोदी का गठबंधन आश्चर्यजनक रूप से मामूली अंतर से जीता है। भाजपा की अयोध्या में ही हार हो गई, जहां राम मंदिर का उद्घाटन किया गया था। वहीं राहुल गांधी के बयान को प्रमुखता दी गई है कि मतदाताओं ने भाजपा को दंड दिया है। डॉन ने यह भी कहा कि मोदी के हिंदू राष्ट्रवादियों की तीसरी बार जीत से भारत के मुसलमानों में डर फिर बढ़ेगा। वहीं एक लेख में विस्तार से बताया गया कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल का दुनिया के लिए क्या मतलब है।
17वीं लोकसभा भंग-PM Modi ने सौंपा इस्तीफा, नरेंद्र मोदी इस दिन ले सकते हैं तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ




लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम नतीजे आ चुके हैं. एग्जिट पोल में लगाए गए अनुमानों के उलट इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 240 सीटों पर विजयी होने के बाद बहुमत से पीछे रह गई. हालांकि, NDA 292 सीटों के साथ सरकार बनाने के अपने मजबूत दावे के साथ खड़ी है. वहीं, सभी प्रमुख विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने भी 234 सीटों पर अपनी जीत हासिल की है. चुनावी नतीजों के आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को 17वीं लोकसभा की आखिरी बैठक हुई जिसमें इसे भंग करने की मंजूरी दे दी गई. इसके साथ ही पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को अपनी इस्तीफा सौंप दिया है. अपना  7 जून को NDA के संसदीय दल की बैठक होने वाली है.


मोदी 8 जून को ले सकते हैं पीएम पद की शपथ

इस बीच नई सरकार के गठन को लेकर एक बड़ी खबर भी सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि एनडीए गठबंधन के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी 8 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. इससे पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पीएम आवास पर हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में वर्तमान लोकसभा (17वीं लोकसभा) को भंग करने की सिफारिश को मंजूरी दे दी गई.

एनडीए गठबंधन की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को हो सकता है. राष्ट्रपति भवन ने मंगलवार को ही बयान जारी कर यह बताया था कि नए केंद्रीय मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण की तैयारी के लिए राष्ट्रपति भवन 5 से 9 जून तक आम लोगों के लिए बंद रहेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी सहित केंद्र सरकार के सभी वर्तमान मंत्रियों को आज रात को डिनर पर भी आमंत्रित किया है.

16 जून को समाप्त हो रहा कार्यकाल

मौजूदा 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है. BJP ने 543 सदस्यीय लोकसभा में अपने दम पर 240 सीटें जीती हैं जबकि उसके नेतृत्व वाले राजग को स्पष्ट बहुमत मिला है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने 99 सीटें हासिल कीं.

बैठकों का दौर जारी

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही राजधानी दिल्ली में राजनीतिक हलचल लगातार जारी है. बुधवार को दिल्ली में एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के दल अलग-अलग बैठक कर रहे हैं. दोनों ही गठबंधन अपने-अपने सहयोगी दलों के साथ भविष्य की रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे.
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का साथ मिला तो क्या बन सकती है INDIA गठबंधन की सरकार? यहां डिटेल में समझिए पूरा गणित


लोकसभा चुनाव के नतीजे में एनडीए ने बहुमत हासिल कर लिया और इंडिया गठबंधन पीछे रह गया। हालांकि भारतीय जनता पार्टी की कम सीटे आने के कारण नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की डिमांड बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया। नीतीश कुमार की पार्टी ने बिहार में 12 सीटें जीती और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने आंध्र प्रदेश में 16 सीटों पर जीत दर्ज करके एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में किसी भी एक पार्टी ने बहुमत हासिल नहीं किया है। हालांकि एनडीए ने 292 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। लेकिन अभी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की बहुत ज्यादा मांग हो रही है। अगर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू ने इंडिया गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया तो क्या वह सरकार बन पाएंगे? जानकारी के लिए आपको बता दे की इंडिया गठबंधन को 234 सीटें मिली है और बहुमत का आंकड़ा 272 है। ऐसे में अब इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 38 सीटों की जरूरत है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के पास 28 सीटें हैं। यदि हम इंडिया गठबंधन की 234 सीटों को और इन दोनों नेताओं की 28 सीटों को जोड़ते हैं तो आंकड़ा 262 तक पहुंचेगा। लेकिन अभी भी सत्ता में आने के लिए 10 सीटों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जो अन्य 17 सांसद है वह बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में इंडिया गठबंधन को इन 17 सांसदों पर भी नजर रखनी पड़ेगी। इंडिया 4 ऐसे निर्दलीय सांसदों की ओर भी देख सकता है जिनका बैकग्राउंड कांग्रेस या उसकी सहयोगी पार्टियों से रहा। अन्य में जो 17 सांसद हैं उसमें यूपी की नगीना सीट से जीत दर्ज करने वाले चंद्रशेखर आजाद, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और बिहार के पूर्णिया से जीतने वाले पप्पू यादव भी हैं। ये वो सांसद हैं जो जरूरत पड़ने पर इंडिया गठबंधन के साथ जा सकते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अमृतपाल और सरबजीत सिंह बीजेपी के साथ तो नहीं जाएंगे, जब समर्थन की बात आएगी तो इंडिया गठबंधन को बाहर से सपोर्ट कर सकते हैं। उधर, दमन और दीव से जीतने वाले निर्दलीय पटेल उमेशभाई पर भी इंडिया गठबंधन नजर रख सकती है। 17 सीटें जीतने वाले अन्य सांसदों में इंजीनियर राशिद भी हैं। उन्होंने इस चुनाव में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को हराया है। वह अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। इंजीनियर राशिद के मूड पर भी इंडिया गठबंधन की नजर होगी। इंडिया गठबंधन 234 + नीतीश (12) + नायडू (16) + पप्पू यादव (1) + AIMIM (1) + चंद्रशेखर आजाद (1) + सरबजीत सिंह खालसा + अमृतपाल + इंजीनियर राशिद + मोहम्मद हनीफा + पटेल उमेशभाई + विशाल पाटिल को जोड़ने के बाद आंकड़ा 271 तक पहुंचेगा. इसके बाद उसे 1 और सांसद के समर्थन की जरूरत होगी।
आधी रात को इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने PM मोदी को दी जीत की बधाई, खास अंदाज में लिखा- हम साथ में...



लोकसभा चुनाव के नतीजे सबके सामने आ चुके हैं। एनडीए ने 292 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है और सरकार बनाने का दावा भी पेश करने वाले हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी शुभकामनाएं मिल रही है।

इसी कड़ी में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने आधी रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की शुभकामनाएं दी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने PM मोदी के साथ की मुस्कुराते हुए एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की है। प्रधानमंत्री मेलोनी का ये ट्वीट ऐसे समय पर आया है जब आधे से ज्यादा भारतीय सोए हुए थे।


रात करीब 12:30 बजे प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने एक पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हंसते हुए अपनी एक फोटो लगाई है और यह फोटो G-20 सम्मेलन की है। जब प्रधानमंत्री मेलोनी खुद भारत आई थी और पीएम मोदी के साथ फोटो खिंचवाई थी। यही फोटो आज उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जीत की शुभकामनाएं दी।


इटली की PM मेलोनी ने लिखा कि नरेंद्र मोदी को चुनावी जीत की बहुत-बहुत बधाई। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। हम साथ में काम करना जारी रखेंगे। इससे हमारी दोस्ती और भी अधिक गहरी होगी। साथ ही इटली और इंडिया के कई मुद्दों पर आपसी सहमति के साथ फैसला लेने की प्रतिबद्धता दोनों देशों और हमारे लोगों के लिए बेहतर साबित होगी।
सिर्फ अयोध्या ही नहीं आसपास 100-100 किलोमीटर तक नहीं जीत पाई भाजपा, UP में BJP के साथ कैसे हो गया इतना बड़ा खेला?


लोकसभा चुनाव के नतीजे आते ही सरकार बनाने की हलचल तेज हो गई है। हालांकि एनडीए ने बहुमत हासिल कर लिया है और इंडिया गठबंधन अभी काफी पीछे है। लेकिन इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में जो उम्मीद थी वह पूरी नहीं हो पाई। भाजपा को लग रहा था कि हम उत्तर प्रदेश की लगभग सभी सीटें जीत लेंगे। हालांकि चुनाव नतीजे में पूरा पासा पलट गया। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में काफी अच्छा प्रदर्शन किया और भाजपा को पटकनी दे दी। अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर निर्माण किया गया इसके बाद लोगों को उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत हासिल करेगी। लेकिन जहां भगवान श्री राम का मंदिर बनाया गया वहीं पर भाजपा नहीं जीत पाई। अयोध्या में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। फैजाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी के मौजूदा सांसद और प्रत्याशी लल्लू सिंह को सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने हरा दिया। देश की सबसे महत्वपूर्ण सीट मानी जाने वाली अयोध्या यानी फैजाबाद संसदीय क्षेत्र में बीजेपी शुरू में पीछे चल रही थी और आखिरी में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यह सामान्य सीट थी और समाजवादी पार्टी ने दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को उतारा, जहां उन्हें 554289 वोट मिले तो बीजेपी के लल्लू सिंह को 499722 मिले। इस तरह अवधेश प्रसाद ने 54567 वोट से जीत दर्ज की। राम मंदिर के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का सियासी असर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अयोध्या के आसपास 100-100 किलोमीटर तक बीजेपी जीत नहीं पाई। बीजेपी अयोध्या सीट पर चुनाव हारने के साथ अयोध्या मंडल में शामिल फैजाबाद,बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर और अमेठी लोकसभा सीटें भी हार गई। इतना ही नहीं अयोध्या से सटी बस्ती, श्रावस्ती और जौनपुर सीट भी बीजेपी नहीं बचा पाई।
लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद होगी मोदी कैबिनेट की बैठक, राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपेंगे PM मोदी


लोकसभा चुनाव 2024 के जो परिणाम सामने आए हैं। इसमें सभी की धड़कनों को तेज कर दिया है, क्योंकि अभी तक एनडीए को इंडिया गठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है, लेकिन शाम होते हुए जिस तरह से रुझान सामने आए हैं। उसके अनुसार, एनडीए को बहुमत प्राप्त हो चुका है। वहीं सामने आए परिणाम पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को तीसरी बार एनडीए पर भरोसा जताने के लिए आभार व्यक्त किया है। बता दे कि, देश में 543 लोकसभा सीट पर 7 चरणों में चुनाव हुए, जिसके आज सुबह 8:00 बजे से परिणाम आना शुरू हो गए हैं।

अब खबर आ रही है कि, बुधवार यानी आज मोदी कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। मोदी इस बैठक के बाद राष्ट्रपति भवन जाएंगे। इस्तीफा देकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बुधवार सुबह मोदी कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इसके बाद पीएम मोदी राष्ट्रपति भवन जाएंगे और राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपेंगे।


परिणाम आने के बाद से राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है, क्योंकि जिस तरह से परिणाम सामने आए हैं ऐसी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। क्योंकि एनडीए सरकार पिछले कई महीनो से अबकी बार 400 पार के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी, लेकिन एनडीए को बहुमत हासिल करने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वही इंडिया गठबंधन ने काफी सीटे अपने नाम की है, फिलहाल काउंटिंग चल रही है।

NDA गठबंधन तीसरी बार जीतकर सरकार बनाने जा रहा है। ऐसे में भाजपा मुख्यालय में जीत के जश्न को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। कई केंद्रीय मंत्री भाजपा दफ्तर पहुंच गए हैं। बीजेपी मुख्यालय में ज्योतिरादित्य सिंधिया, एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, निर्मला सीतारमन पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री से पहले नड्‌डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं संबोधित किया। उन्होंने NDA और पार्टी कार्यकर्ताओं को तीसरी बार सरकार बनाने की बधाई दी। नड्‌डा बोले- पहली बार कोई गठबंधन पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार देश में सरकार बनाने जा रहे हैं। मोदी का कहना है कि देश को आगे ले जाना है। इसी के लिए वह काम करते हैं। विपक्ष के लोग लोकलुभावने वादे करके सरकार के नजदीक आना चाहते हैं।
मध्यप्रदेश में भाजपा ने रच दिया इतिहास, CM मोहन बोले- 'देश में यह पहला अवसर है जब...'


लोकसभा चुनाव में भाजपा को मध्यप्रदेश समेत देश भर में मिली विजय पर एमपी में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में विजय उत्सव मनाया गया. सीएम डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद समेत वरिष्ठ नेतृत्व ने पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी तथा जनता का आभार व्यक्त किया. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार NDA की सरकार बनने जा रही है. नरेन्द्र मोदी तीसरी बार पीएम बनकर इतिहास रचने जा रहे हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए यह गौरव की बात है कि बीजेपी ने राज्य की सभी 29 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है. मोदी जी का तीसरी बार निरंतर पीएम चुना जाना एक अहम क्षण है. वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 28 सीटें 2019 में भी बीजेपी जीती थी. इस बार छिंदवाड़ा जीतकर बीजेपी ने राज्य में इतिहास रच दिया है. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जनता ने बड़ी उदारता से बीजेपी को इस चुनाव में अपना आशीर्वाद दिया है. इंदौर में शंकर लालवानी 11 लाख, 11 हजार से ज्यादा मतों से जीते हैं. पूर्व सीएम शिवराजसिंह चौहान ने 8 लाख 21 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की है.


प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा 5 लाख 41 हजार से ज्यादा मतों से जीते. डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस बार की जीत 2019 की तुलना में कई मायनों में अलग है. स्वतंत्रता के पश्चात् संभवतः पहली बार हमने मुख्य चुनाव में छिंदवाड़ा में जीत दर्ज की है. दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के नेता जो दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं, इस चुनाव में धराशायी हो गए. सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि देश में यह पहला अवसर है, जब कोई गैर कांग्रेसी सरकार तीसरी बार रिपीट हो रही है. इससे पहले पं. जवाहरलाल नेहरू 17 वर्षों तक पीएम रहे. उनके पश्चात् इंदिरा गांधी 15 साल, 364 दिन पीएम रहीं. अब हमारे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी जी तीसरी बार पीएम बनेंगे.
नीतीश-नायडू ने दिया साथ तो क्या बन सकेगी “इंडिया” गठबंधन की सरकार, जानें आंकड़ों का गणित
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लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद इंडी गठबंधन आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम मीटिंग करने वाला है। मीटिंग में तय किया जाएगा कि गठबंधन विपक्ष में बैठेगा या सरकार बनाने की कवायद करेगा। हालांकि, इंडिया गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है, बावजूद संभावना जताई जा रही है कि ये सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। दरअसल, सरकार गठन में इतनी अनिश्चिता इसलिए बनी हुई है, क्योंकि राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि बिहार में 12 सीटें जीतने वाली जेडीयू और आंध्र प्रदेश में 16 सीटें जीतने वाली टीडीपी कहीं पलटी न मार लें। दोनों दलों के प्रमुख नेता यानी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू कभी कांग्रेस के साथ रह चुके हैं। और राजनीति में तो इस तरह की संभावनाएं से इनकार नहीं किया जा सकता।

दिल्ली में आज इंडिया गठबंधन की बैठक होने वाली है।इंडिया गठबंधन की बैठक शाम 6 बजे होगी।कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि वह सरकार बनाने के लिए आगे आने वाली है। हालांकि, इंडिया गठबंधन को बहुमत नहीं मिला है। मगर कांग्रेस के नेताओं की तरफ से एनडीए सहयोगियों को अपने पाले में करने पर काम चल रहा है।

देश में नई सरकार को बनाने में दो नेता 'किंगमेकर' बनकर उभरे हैं। इसमें एक जेडीयू के नीतीश कुमार हैं तो दूसरे टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू हैं। इन दोनों को अपनी ओर करने के लिए कांग्रेस भी खूब बयान दे रही है।

अब सवाल उठता है कि अगर नीतीश और नायडू का साथ मिला तो क्या इंडिया गठबंधन सरकार बना पाएगा। चुनाव आयोग के मुताबिक, इंडिया गठबंधन को 234 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत का आंकड़ा 272 है। ऐसे में इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 38 सीटों की जरूरत होगी। टीडीपी और जेडीयू की सीटें मिला दें तो ये 28 होती हैं। 234 और 28 को जोड़ने पर इंडिया का आंकड़ा 262 तक पहुंचेगा। सत्ता में आने के लिए उसे 10 सीटों की और जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जो अन्य 17 सांसद हैं वो महत्वपूर्ण हो जाते हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन को इन सांसदों पर भी नजर रखनी पड़ेगी।


बिहार के मुख्यमंत्री दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक के लिए पटना से रवाना हुए। उनके साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को भी प्लेन में बैठे हुए देखा गया। इस वजह से भी नीतीश के पाला बदलने को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।
नायडू बैठक के लिए दिल्ली रवाना, अटकलों पर लगाया विराम, साफ किया अपना रूख
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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गए हैं। भाजपा को 240 सीटें मिलीं, जो बहुमत के आंकड़े से 32 सीट कम हैं। हालांकि, एनडीए ने 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। एनडीए आज सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। इस बीच आज दिल्ली में एनडीए और इंडिया गठबंधन की बैठक होने वाली है। इससे पहले नीतीश और चंद्रबाबू नायडू के रूख को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। इस बीच दिल्ली के लिए रवाना हुए नायडू ने अपना रूख साफ कर दिया है।

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से अटकलें लगाई जाने लगीं हैं कि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू इंडिया गठबंधन का साथ दे सकती हैं। हालांकि, चंद्रबाबू नायडू ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, आप चिंता मत करिए। आप न्यूज़ चाहते हैं। मैंने देश में कई राजनीतिक बदलाव होते हुए देखे हैं, लेकिन मैं एनडीए में ही रहूंगा। मैं एनडीए की मीटिंग में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहा हूं। उन्होंने आगे आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत और लोकसभा चुनाव में टीडीपी के शानदार प्रदर्शन को लेकर मतदताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम एनडीए में ही बने रहेंगे।

नायडू ने कहा कि राज्य के कल्याण और विकास के लिए गठबंधन बनाया गया है। 55.38% वोट पड़े हैं। टीडीपी को 45% और वाईएसआरसीपी को 39% वोट मिले। कई टीडीपी कार्यकर्ताओं की रातों की नींद उड़ गई है और उन्हें प्रताड़ित किया गया है। यहां तक कि राज्य में मीडिया को भी बाधित किया गया और मीडिया हाउसों पर सीआईडी मामले दर्ज किए गए।

बता दें कि आंध्र प्रदेश की 175 सीटों वाली विधानसभा में टीडीपी को 135, पवन कल्याण की जनसेना को 21 और बीजेपी को 8 सीटें मिली हैं। इसके अलावा टीडीपी ने लोकसभा में भी 16 सीटें जीती हैं। वहीं, बीजेपी के खाते में लोकसभा चुनाव में 240 सीटें गई है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए टीडीपी का समर्थन जरूरी है. चंद्रबाबू नायडू के रुख साफ करने से बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाने में आसानी होगी।

हालांकि, माना जा रहा है कि नायडू यूं ही अपना समर्थन बीजेपी को नहीं देने वाले हैं। चर्चाएं है कि टीडीपी लोकसभा स्पीकर का पद मांग सकती है, तो वहीं इसके साथ ही चंद्रबाबू नायडू सरकार में पांच अहम मंत्रालय भी मांग सकते हैं। साथ ही चर्चाएं है कि चंद्रबाबू नायडू को एनडीए का संयोजक बनाए जाने पर विचार हो सकता है। चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग भी कर सकते हैं।