*आजमगढ़: राम चरित मानस भोग नहीं त्याग-तपस्या-समर्पण की गाथा- पं कृष्ण मोहन मिश्र *
आजमगढ़- तहसील क्षेत्र में पड़ने वाले कोईनहा बाजार के सन्निकट लखनूपुर गाँव में स्थित सिद्ध पीठ माँ अष्टभुजा मंदिर पर राम कथा ज्ञान यज्ञ चल रही है। श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ में कथावाचक आचार्य पंडित कृष्ण मोहन मिश्रा ने राम कथा का बड़ा सजीव वर्णन किया। उन्होंने ने कहा कि राम चरित मानस भोग विलासिता का नहीं अपितु त्याग , तपस्या , बलिदान, समर्पण पूर्ण जीवन जीने की कथा है। मानव इनके कथा को श्रवण पान करें। आत्मसात करें तो सभी प्रकार के दुःखों से मुक्ति पा सकता है।
उन्होंने ने कहा कि राम जी वन गए। उनके साथ मां जानकी राज महल के तमाम भोग-विलास को छोड़कर चल देती हैं।उनके पीछे पत्नी उर्मिला व राजमहल के सारे सुख सुविधाओं को छोड़कर लक्ष्मण भी चल देते हैं। भाई भारत नंदी ग्राम में तपस्या में लीन हो जाते हैं। शत्रुघ्न जी ने राजमहल के बाहर रखवाली में 14 वर्ष व्यतीत कर दिया। एक आदर्श प्रस्तुत किया। जिसकी गाथा हम श्रवण पान कर रहे हैं। राम चरित मानस में जितने भी पात्र हैं वह सब त्याग, समर्पण के प्रति मूर्ति है। कोई भी किसी से कम नहीं है।
पूरा पंडाल जय श्री राम , हर हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। भक्ति रस की अविरल धारा प्रवाहित हो चली। राम कथा ज्ञान यज्ञ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर सुबह शाम दर्शन पूजन कर रहे है। श्रद्धालु शाम को आचार्य पंडित कृष्ण मोहन मिश्र द्वारा राम कथा का श्रवण पान कर रहे है। पूरा क्षेत्र भक्ति रस से सरोबर हो गया है।
Jun 01 2024, 18:35