लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा का क्या होगा आगामी विधान सभा चुनाव का मुद्दा और रणनीति...?
झारखंड डेस्क
लोकसभा चुनाव का शोर थम गया। आज 1 जून को अंतिम चरण का मतदान हो रहा है। झारखंड में संतालपरगना के तीन सीट गोड्डा ,दुमका और राजमहल में अंतिम चरण का मतदान हो रहा है । 4 जून को मतगणनाना होगा । इस बीच भाजपा पूरे आत्मविश्वास के साथ केंद्र में मोदी सरकार फिर से बनाने के लिए आश्वास्त है।
इस बार् भाजपा ने झारखंड में भ्रष्ट्राचार,परिवार बाद,जैसे मुद्दा को लेकर जनता के बीच गयी थी।इस अवधि में ईडी ने राज्य में कई घोटालों का पर्दाफाश भी किया।
संताल में खनन घोटाला में पूर्व सीएम के प्रतिनिधि की गिरफ्तारी, अबैध खनन से जुड़े खनन माफिया की गिरफ्तारी,रांची में मनरेगा घोटाला में पूजा सिंघल की गिरफ्तारी,और उसके करीबियों के पास से 19 करोड़ से अधिक रुपये की बरामदगी। फिर जमीन घोटाला के आरोप में वर्तमान में पूर्व मुख्य मंत्री और झामुमो में गुरूजी के बाद सबसे बड़े चेहरे हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी, राज्य के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी,आईएएस छविरंजन की गिरफ्तारी ने राज्य सरकार के शाख को ही नही गिराया बल्कि झारखंड का छवि देश भर में ऐसा बना दिया गया कि झारखंड में सिर्फ लूट ही होती रही है।
चुनाव के दौरान सबसे बड़ा स्कैम सामने आया टेंडर घोटाला,इस घोटाला में कोंग्रेस कोटे से ग्रामीण विकास मंत्री बने आलमगीर आलम के करीबियों के यहाँ से 35 करोड़ की बरामदगी ने तो पुरे देश को सकते में डाल दिया।
अब इस मामले में आलमगीर आलम और उसके करीबी जेल में हैं। यह सारे मामले भाजप के लिए सबसे बड़ा मुद्दा हो जिसको अगामी विधानसभा में भाजपा भुना सकती है।भाजपा इसके लिए रणनीति बनाना शुरु कर दिया है।
अब हर राज्य को भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव के बाद टास्क दिया जाएगा कि आगमी विधानसभा चुनाव में किस मुद्दा को लेकर जानता के बीच जाना है। झारखंड भाजपा के प्रदेश कमेटी इसको लेकर तैयारी शुरु कर दी है।
भाजपा किन मुद्दों को लेकर जा सकती है जानता के बीच
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 नवम्बर या दिसम्बर में हो सकते हैं। 2019 से पहले भाजपा के हाथ में झारखंड की सत्ता थी।रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा , ने पहली बार स्थिर सरकार बनाई थी जो पूरे पांच साल सफलता पूर्वक चली।
2019 के बाद भाजपा की हार हुई । झामुमो के साथ कोंग्रेस और राजद की महागठबंधन की सरकार बनी।अब 2024 में भाजपा की सबसे बड़ी चनौती है कि पुन:झारखंड में सरकार बने।
झारखंड विधानसभा के सभी 81 सदस्यों का चुनाव संभावत: नवंबर या दिसंबर 2024 में हो सकता है।क्योंकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होने वाला है।
इस परिस्थिति में भाजपा जानता के बीच जिन मुद्दों को लेकर जाएगी वह होगा भर्ष्ट्राचार।
भष्ट्राचार
जबसे बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हुए झारखंड सरकार पर यह आरोप लगाते रहे कि राज्य में कोयला चोरी,खनिज सम्पादाओं का दोहन,कमीशन खोरी जैसे प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है और इसमे सरकार द्वारा ढीलाई बरती जा रही है।यहां तक इस में सरकार के लोगों और अधिकारियों पर भी उन्होंने आरोप लगाया ।
इस बीच ईडी द्वारा कई स्कैम का पर्दाफाश किये जाने पर सारे मुद्दों की स्वतः पुष्टि भी होती गयी।जिसका उपर उल्लेख है। इस मामले में जेल में कई नेता,मंत्री,नौकरशाह और कुछ विचोलिये है।जिसका असर विधानसभा चुनाव में स्वभाविक रूप से पड़ेगा।
नियोजन
भाजपा के पास जो सबसे दूसरा मुद्दा है वह है नियोजन।झारखंड सरकार इसी वादा के साथ सत्ता में आयी भी थी की सत्ता संभालते हीं वह राज्य में सबसे पहले सरकारी विभागों के रिक्त पदो को भरेगी,और युवाओं को नौकरी देगी। लेकिन सरकार अपने वादा को नही पुरा कर पायी।एक तरफ सरकार अपने दल के अंदर के अन्तर्विरोध में उलझ कर नियोजन के लिए जिस स्थानीय नीति को रघुवर् दास ने बनाया था।उस में कभी समर्थन तो कभी अड़ंगा डालती रही और युवाओं को सरकारी नौकरी नही दे सकी।
झारखंड के सरकारी विभागों कर्मचारियों की भारी कमी है। राज्य के सभी सरकारी विभागों में स्वीकृत नियमित पदों में से 3.50 लाख पद अभी भी खाली हैं। इनमें सबसे ज्यादा पद शिक्षा विभाग में खाली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों के खाली पड़े पद सरकार के कुल खाली पदों का 60.97 प्रतिशत है।
प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में खाली पड़े इन पदों के मद्देनजर राज्य में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के स्तर का आकलन किया जा सकता है। विधि व्यवस्था को नियंत्रित करनेवाला गृह विभाग रिक्तियों के मामले में दूसरे नंबर पर है।
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में विभिन्न स्तर के कुल 5,33,737 पद स्वीकृत हैं। इन स्वीकृत पदों के मुकाबले 1,83,016 पदों पर ही लोग कार्यरत हैं। शेष 3,50,721 पद रिक्त हैं। भाजपा इस मुद्दा को उठाकर युवाओं को अपने पक्ष में कर सकती है।
परिवार बाद
भाजपा के पास तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा परिवार बाद है जिसपर वह मुखर रही है।उनके टारगेट में सोरेन परिवार रहा है । जिसे वह जानता के बीच भुनाने का प्रयास करती रही है।एक ही परिवार के लोगों को सत्ता में स्थापित के मुद्दा को लेकर भाजपा विंधानसभा में जाएगी।और अब जिस तरह इस परिवार पर कथित लैंड स्केम और उनके करीबी को अन्य मामले में जेल जाने का ठीकरा भी भाजपा इसी परिवार पर फोड़ेगी।
इसी तरह भाजपा राज्य में विकास, बंद होते उधोग,अपराध और कई अन्य मुद्दे लेकर तथा जनजातीय विकास की बात कर जनता से अगले विधानसभा में वोट मांग सकती है।
Jun 01 2024, 16:44