केजरीवाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, मांगी थी 7 दिन की मोहलत
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि उनकी दायर अंतरिम जमानत को बढ़ाने वाली याचिका पर तत्काल रूप से सुनवाई की जाए। जिस पर शीर्ष अदालत ने मंगलवार को तत्काल सुनवाई की अनुमति देने से इनकार कर दिया। केजरीवाल ने कोर्ट से मेडिकल जांच के लिए अपनी अंतरिम जमानत 7 दिन और बढ़ाने की मांग की है। मुख्यमंत्री केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच से तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट से सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग उठाई। उनका कहना था कि अदालत बुधवार को मामले पर सुनवाई करे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल की वजह से हो या फिर कोई और वजह, हम सीजेआई को भेज रहे हैं। कब सुनवाई करनी है इसको लेकर वही निर्णय लेंगे। सिंघवी ने कहा कि जांच का प्रिस्क्रिप्शन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते। सीजेआई के पास जाइए। हम सूचीबद्ध करने को लेकर भी सुनवाई नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने कहा कि इस मामले में फैसला सुरक्षित है। हम कुछ नहीं कर सकते। इस मामले की सुनवाई 17 मई को हुई थी और आप नए आवेदन को उचित आदेश के लिए सीजेआई के समक्ष रखें। जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने सिंघवी से यह भी कहा कि आपने जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के समक्ष आवेदन क्यों नहीं मेंशन किया?
दरअसल, अरविंद केजरीवाल को शक है कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा, ‘गिरफ्तारी के बाद मेरा वजन 7 किलो घटा है। मेरा कीटोन लेवल हाई है। मुझे किसी गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। मैक्स के डॉक्टरों ने जांच की है। इसलिए मुझे पीईटी और सीटी स्कैन और कई टेस्ट करवाने की ज़रूरत है।’ सेहत का हवाला देते अरविंद केजरीवाल ने जांच करवाने के लिए 7 दिन और मांगे हैं।
बता दें कि दिल्ली शराब नीति केस में घिरे केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक अंतरिम जमानत देने का फैसला किया था। 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उदारवादी दृष्टिकोण उचित है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह समाज के लिए खतरा नहीं है। उन पर गंभीर आरोप जरूर हैं पर वे अभी तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। कोर्ट ने केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह किसी भी गवाह से बात नहीं करेंगे। आधिकारिक फाइलों तक उनकी पहुंच नहीं होगी। केजरीवाल को एक जमानत राशि के साथ 50,000 रुपये का जमानत बांड भरना होगा।
May 28 2024, 14:11