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आज सपा के लड़के जरा गलती करके दिखाएं, योगी सरकार उनका वो हाल करेगी...', बनारस में बोले PM मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 'नारी शक्ति संवाद' कार्यक्रम को संबोधित किया तथा कांग्रेस एवं सपा को निशाने पर लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सपा वाले बेशर्मी से कहते थे कि लड़के हैं, लड़कों से तो गलती हो जाती है। मगर, आज समाजवादी पार्टी के लड़के जरा गलती करके दिखाएं। मुख्यमंत्री योगी की सरकार उनका वो हाल करेगी, जो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।

प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि पिछले 10 वर्षों में सरकार की नीतियों से लेकर फैसलों तक में हमारी माताएं, बहनें केंद्र में आई हैं। इस पर उतनी चर्चा भले ही ना हुई हो, किन्तु ये भारत की सक्सेस स्टोरी का एक बहुत बड़ा फैक्टर है। आप बताईए, जब आपके बिना घर नहीं चलता है तो देश आपके बिना कैसे चल जाता? ये बात 60 सालों तक सरकारों को समझ में ही नहीं आईं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की सरकारों ने महिलाओं के साथ क्या किया? सिर्फ उपेक्षा एवं असुरक्षा। इंडी गठबंधन की मानसिकता ही महिला विरोधी है। इंडी गठबंधन वाले महिला आरक्षण का विरोध करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जहां इनकी सरकार आती है, महिलाओं का जीना दूभर हो जाता है। बनारस के लोग तो उत्तर प्रदेश, बिहार दोनों में रहे। जंगलराज से परिचित हैं। बहन, बेटियों का घर से निकलना कठिन था। बेटियों को सुरक्षा के डर से पढ़ाई छोड़कर घर पर बैठना पड़ता था तथा समाजवादी पार्टी वाले बेशर्मी से बोलते थे कि लड़के हैं, लड़कों से तो गलती हो जाती है। आज समाजवादी पार्टी के लड़के जरा गलती करके दिखाएं, योगी जी की सरकार उनका वो हाल करेगी, जो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।

कांग्रेस का कम सीटों पर लड़ना रणनीति है या कुछ और? खरे ने किया खुलासा*
#kharge_said_conscious_decision_by_congress_to_contest_on_lesser_seats
1951 से लेकर अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस इतनी कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राजनीतिक गलियारों में इस पर ख़ूब चर्चा भी हो रही है कि सबसे पुराने राष्ट्रीय दल कांग्रेस को ऐसा क्यों करना पड़ा।अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया है कि सोच-समझकर ये फैसला लिया है, जो राष्ट्र हित में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में न्यूज एजेंसी पीटीआई को इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने बताया कि आखिर क्यों कांग्रेस ने कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया। खरगे ने कहा कि इंडिया ब्लॉक को एकजुट रखने और भाजपा को हराने की रणनीति के तहत कांग्रेस ने जानबूझकर इस लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव लड़ा है। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह कदम पार्टी के कम आत्मविश्वास को नहीं दिखाता है। यह समझौता एकजुट विपक्ष की जीत सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। इसलिए उन दलों को जगह दी गई, जिनकी विभिन्न हिस्सों में ताकत है। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में 328 उम्मीदवार उतारे हैं। यह पहली बार होगा कि सबसे पुरानी पार्टी 400 से कम सीटों पर आम चुनाव लड़ रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 421 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2014 में इसने 464 सीटों पर और 2009 में पार्टी ने 440 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 417 सीटों पर चुनाव लड़ा था। पार्टी ने 2019 में 52 सीटें, 2014 में 44, 2009 में 206 और 2004 में 145 सीटें जीती थीं।
एक्टर पवन सिंह पर बीजेपी का 'बड़ा कार्रवाई,पार्टी से किए गए निष्कासित*
#lok_sabha_election_bhojpur_star_pawan_singh_expelled_by_bjp भोजपुरी एक्टर पवन सिंह भारतीय पार्टी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।दरअसल, कारकाट से एनडीए से उपेंद्र कुशवाहा के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पवन सिंह को लेकर पहले से यह कयास लगाए जा रहे थे कि पवन सिंह नाम वापस नहीं लेते हैं तो पार्टी बड़ी कार्रवाई कर सकती है।पार्टी ने दल विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर पवन सिंह के खिलाफ एक्शन लिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के बिहार इकाई के अरविंद शर्मा के हस्ताक्षर से जारी पत्र में लिखा गया है कि, लोकसभा चुनाव में आप एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं आपका यह कार्य दल विरोधी है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है तथा पार्टी अनुशासन के विरुद्ध आपने यह कार्य किया है। अतः आपको दल विरोधी इस कार्य के लिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष जी के आदेश अनुसार पार्टी से निष्कासित किया जाता है। बता दें कि पवन सिंह ने पहले स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के अपने फैसले की घोषणा की थी। इससे पहले भाजपा ने उन्हें आसनसोल लोकसभा का टिकट दिया है। भाजपा चाहती थी कि पवन सिंह आसनसोल से ही चुनाव लड़ें। लेकिन, अगले ही दिन पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। दरअसल, पवन सिंह बिहार में आरा से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन, जब आरा से केंद्रीय मंत्री और वर्तमान सांसद आरके सिंह को टिकट दिया गया तब पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान किया।
अपने विदाई भाषण से चर्चा में आएं रिटायर हुए जस्टिस चितरंजन दास, जानें ऐसा क्या कहा कि मच गई हलचल

#calcutta_high_court_justice_chitta_ranjan_dash_farewell_speech

कलकत्ता हाई कोर्ट के जज चितरंजन दास सोमवार को रिटायर हो गए। अपने विदाई भाषण में उन्होंने कई बड़ी बातें कहीं जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गए हैं। अपने कार्यकाल के आखिरी दिन विदाई भाषण में उन्होंने जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) की अपनी सदस्यता का जिक्र किया, वह न्यायाधीश पद के साथ जुड़ी गरिमा और संवेदनशीलता से वाकिफ किसी भी शख्स को हैरान कर सकता है। उन्होंने बताया कि वह न केवल अतीत में इस संगठन के सदस्य रहे हैं बल्कि अब रिटायरमेंट के बाद अगर संगठन उन्हें कोई उपयुक्त काम सौंपता है तो उसे खुशी-खुशी अंजाम देंगे।

अपने फेयरवेल स्पीच में जस्टिस दास ने कहा कि मैं अपने काम की वजह से करीब 37 साल तक आरएसएस से दूरी बनाकर रखी। मैंने अपने करियर में कभी भी प्रमोशन के लिए संगठन का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि यह मेरे और इसके सिद्धांतों के खिलाफ है। सभी के साथ समान व्यवहार किया, चाहे वह कोई अमीर व्यक्ति हो या गरीब, चाहे वह कम्युनिस्ट हो या भाजपा, कांग्रेस या टीएमसी से हो।

उन्होंने आगे कहा कि मेरे सामने सभी समान हैं। मैंने अपने जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए मुझमें यह कहने का साहस है कि मैं संगठन से जुड़ा हूं क्योंकि यह भी गलत नहीं है। मैं किसी के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं रखता। मैंने दूसरों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना सीखा है और इसके प्रति मेरी प्रतिबद्धता भी रही है। कुछ लोगों को भले ही अच्छा न लगे लेकिन आज मैं कहना चाहता हूं कि मैं संघ का सदस्य था और हूं।

रिटायर्ड जस्टिस चितरंजन दास कोलकाता हाईकोर्ट में उन्हीं अभिजीत गंगोपाध्याय के साथी जज रहे हैं जिन्होंने दो महीने पहले ज्युडिशियल सर्विस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी, और इस वक्त तमलुक सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।

भीषण गर्मी से झुलस रहे लोग,अगले 4 दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी*
#heat_wave_alert_ima_issue_alert_beware भारत के अधिकतर हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं।पूरे उत्तर पश्चिम भारत में गर्मी से हाल बेहाल हैं। पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी ज्यादातर शहरों में तापमान 40 डिग्री के आस-पास बना हुआ है। उत्तर भारत के मैदानी इलाके बीते पांच दिनों से भयंकर लू की चपेट में हैं। इस बीच मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में भी गर्मी से राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए हीट वेव का रेड अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट जिन राज्यों के लिए जारी किया गया है, उनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश का नाम शामिल है। *इन राज्यों में रेड अलर्ट* मौसम विभाग ने फिलहाल अगले चार दिनों तक दिल्ली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं कुछ अन्य उत्तर पश्चिमी राज्यों के लिए लू का येलो अलर्ट जारी किया है। मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में तापमान 42 से 45 डिग्री तक बना रहा है। मौसम विभाग की मानें तो मध्य भारत, उत्तर भारत और उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों में बदलाव के आसार नहीं है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। मंगलवार को देश के कई इलाकों में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा। इनमें राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कई इलाके शामिल हैं। गर्मी के चलते इन इलाकों में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित रहा। गुजरात के कई इलाकों में भीषण गर्मी के साथ ही उमस हालात को और खतरनाक बना रही है। हरियाणा के सिरसा में मंगलवार को अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि देश में सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग ने गर्मी को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। दूसरी तरफ, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने भी एडवायजरी जारी कर लोगों को सावधानी बरतने और बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी है। घर से बाहर काम करने वालों को पानी की बोतल साथ रखने की सलाह दी गई है।
सिंगापुर में तबाही मचाने वाले कोरोना के केपी1 और केपी2 वैरिएंट की भारत में दस्तक, इन राज्यों में मिले केस
#covid_19_variant_kp1_kp2_cases_detected_in_india
सिंगापुर में कोरोना के नए वेरिएंट के कारण पूरी दुनिया चिंता में है।सिंगापुर में कहर बरपाने वाला कोविड का नया वेरिएंट केपी.2 और केपी.1 अब भारत में भी अपने पैर पसारने लगा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केपी.2 और केपी.1 वैरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केपी.2 के 290 मामले और केपी.1 के 34 मामले भारत में सामने आए हैं।

*इन राज्यों में मिले केपी 1 एंड केपी 2 के मरीज*
प्राप्त डाटा के मुताबिक देश के7 राज्यों में केपी 1 के केस मिले हैं। बंगाल -23 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं गोवा में 1, गुजरात में 2 और हरियाणा में 1। महाराष्ट्र में 4, राजस्थान में 2, उत्तराखंज में 1 केपी 1 के मरीज मिले हैं। केपी 2 के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। जिनमें से ज्यादातर मरीज महाराष्ट्र में मिले हैं। महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या 148 मिले हैं। दिल्ली में 1, गोवा में 12,गुजरात में 23, हरियाणा में 3, कर्नाटक में 4, मध्य प्रदेश में 1, ओडिशा में 17, राजस्थान में 21, UP में 8, उत्तराखंड में 16, वेस्ट बंगाल में 36 मरीज मिले हैं।

*अब तक बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं दिखे*
अबतक मिली जानकारी के लिए मुताबिक इस वेरिएंट से बीमारी व्यक्ति भर्ती होने और इससे जुड़े गंभीर मामले नहीं मिले हैं। फिलहाल चिंता और घबराहट का कोई कारण नहीं है। लेकिन इसे हल्के में भी नहीं ले सकते हैं क्योंकि यह  SARS-CoV2 की फैमिली से आता है। जो काफी तेजी में फैलता है। स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, केपी1 और केपी2 भी कोरोना के जेएन1 वैरिएंट के उप-वैरिएंट हैं। हालांकि इस वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में अभी बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम है। ऐसे में घबराने वाली बात नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन वैरिएंट में म्युटेशन की प्रक्रिया होती रहेगी और यह कोरोना वायरस की प्रकृति भी है।

*कोरोना के नए वेरिएंट केपी 1 एंड केपी 2 के लक्षण कुछ ऐसे दिखते हैं*
बुखार के साथ ठंड लगना या सिर्फ बुखार
लगातार खांसी
गला खराब होना
नाक बंद होना या नाक बहना
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
सांस लेने में दिक्क्त
थकान
स्वाद या किसी भी चीज का गंध नहीं आना
ठीक से सुनाई न देना
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं (जैसे पेट खराब होना, हल्का दस्त, उल्टी)
दिल्ली में वोटिंग से पहले “आप” को झटका, जेल में ही रहेंगे मनीष सिसोदिया, जमानत याचिका खारिज
#delhi_liquor_scam_case_manish_sisodia_bail_plea_rejected
दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले निचली अदालत जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। दिल्ली में लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले कोर्ट का ये फैसला आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। दिल्ली में 25 मई को वोट डाले जाएंगे। बता दें कि मनीष सिसोदिया करीब 15 महीने से वो तिहाड़ में बंद हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए मनीलॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच को याचिकाकर्ता ने बताया की देरी के आधार पर उन्हें जमानत दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा, सभी पक्षों को सुनने के बाद हमारा मानना है की सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत अर्जी निचली अदालत में दाखिल करने को कहा था।

मनीष सिसोदिया करीब 15 महीने से वह जेल में बंद हैं। सिसोदिया पर शराब नीति बनाकर प्राइवेट कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। आरोप है कि इस शराब नीति से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा और शराब घोटाले के जरिए फंड जुटाया गया जिसे गोवा के चुनाव में भी इस्तेमाल किया गया। मनीष सिसोदिया एक्साइज विभाग के मंत्री थे और उनपर एक्साइज नीति के खिलाफ फैसले लेने का आरोप है। इतना ही नहीं,ईडी और सीबीआई के मुताबिक सिसोदिया पर सबूत छिपाने के भी आरोप हैं। सिसोदिया ने 14 फोन और 43 सिम कार्ड्स बदले। इनमें से पांच सिम सिसोदिया के नाम पर थे।

सीबीआई ने उनको पिछले साल 26 फरवरी 2023 को अरेस्ट किया और दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। जहां से कोर्ट ने पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा। कोर्ट ने चार मार्च को दो दिन और उनकी हिरासत बढ़ा दी। सात मार्च को ईडी ने सिसोदिया से करीब छह घंटे तक पूछताछ की थी।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय, 1 जून से शुरू होगा ट्रायल, बीजेपी नेता ने खुद को बताया बेगुनाह
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महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के मामले में आज भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई)  के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। इस दौरान कोर्ट ने बृजभूषण सिंह पर आरोप तय किए। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय कर दिए। अदालत ने अभियोजन पक्ष को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया है। हालांकि बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों से यौन शोषण के मामले में कोर्ट द्वारा तय किये गए आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बृजभूषण सिंह को उनके खिलाफ लगे आरोपों की जानकारी दी। कोर्ट ने कहा कि आपके खिलाफ कई आरोप हैं। आपने इसे पढ़ा है? कोर्ट ने बृजभूषण के वकील से कहा कि वह मुकदमा चलाने की बात कह रहे हैं या दोष स्वीकार करने की बात कह रहे हैं? बृजभूषण शरण के वकील मुकदमे का सामना करेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने बृजभूषण सिंह से कहा कि क्या आप गलती मान रहे हैं? इस पर बृजभूषण सिंह ने कोर्ट से कहा कि कोई सवाल नहीं है, गलती की नहीं है तो माने क्यों?

महिला पहलवानों से यौन शोषण के मामले में बृजभूषण के सहयोगी विनोद तोमर भी ट्रायल का सामना करेंगे। बृजभूषण के सहयोगी विनोद तोमर ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को मानने से इनकार किया। विनोद तोमर ने कहा कि हमारे पास सबूत है अगर दिल्ली पुलिस सही से जांच करती तो सच सामने आता है, हमने कभी किसी को घर पर नहीं बुलाया, हमारे पास सबूत है, जो सच है वह सामने आएगा।

बता दें कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय किया है। वहीं राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 1 जून को 2 बजे होगी। इस मामले में अब एक जून से ट्रायल शुरू होगा।
मोसाद के कारनामे! ईरानी राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर को अंतरिक्ष से बनाया गया निशाना?*
#iran_president_ebrahim_raisi_helicopter_crash_theory
रविवार को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन सहित नौ लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने दुनिया भर को सकते में डाल दिया है। इस हादसे के बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक षड्यंत्रों के आरोप लगाए जा रहे हैं।कुछ लोग इसे अंतर्राष्ट्रीय साजिश बता रहे हैं, तो कुछ आंतरिक राजनीतिक खेल का नतीजा। हेलीकॉप्टर हादसा ऐसे समय पर हुआ जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव देखा जा रहा है। इसी कारण से हादसे के पीछे कथित तौर पर इजरायली साजिश को लेकर अटकलें लग रही हैं। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद हादसे के बाद से एक्स पर ट्रेंड कर रहा था। वहीं कई लोग हादसे से जुड़ी थ्योरी देने की कोशिश कर रहे थे। रईसी की मौत में साजिशों की अटकलें यहीं नहीं रुकी। अंतरिक्ष से लेजर वेपन के जरिए ईरानी राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर को क्रैश करने की थ्योरी भी सामने आ रही है। कई लोग सोशल मीडिया पर कह रहे हैं कि लेजर वेपन की मदद से हेलिकॉप्टर को क्रैश कराया गया। इसके अलावा ईरान में उत्तराधिकार की लड़ाई भी एक थ्योरी के रूप में सामने आया है। ईरान और इजराइल के बीच लंबे समय से दुश्मनी रही है। ऐसे में इज़राइल पर शक होना स्वाभाविक है। हालांकि, ईरान सरकार ने दुर्घटना का कारण भारी कोहरा और बारिश बताया है। रईसी के कार्यकाल के दौरान ईरान ने इजरायल पर कई हवाई हमले किए थे, इसलिए दोनों देशों के बीच विवाद छिपा हुआ नहीं है। ईरान के सरकारी टेलीविजन पर एक विशेषज्ञ ने सबसे पहले रईसी की मौत को षड्यंत्र से जोड़ा, जिसके बाद से उनकी मौत को लेकर षड्यंत्र सिद्धांत लगातार सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञ फवाद इज़ादी ने ईरान के सरकारी टेलीविजन पर कहा, "जब हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो या तो तकनीकी खराबी होती है या मौसम खराब होता है। लेकिन यहां मामला अलग है। इज़राइल और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद इसमें शामिल हो सकते हैं।
यूपी के आजमगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में बवाल, पुलिस ने भांजी लाठियां

आजमगढ़ जिले के लालगंज लोकसभा के सरायमीर बाजार के खरेवा मोड़ पर मंगलवार को समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल किया। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया कि प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया है कि बेलगाम कार्यकर्ताओं ने जनसभा स्थल पर अखिलेश यादव के आते ही बैरिकेडिंग को तोड़ डाला और मंच की तरफ बढ़ने लगे। उन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कार्यकर्ता झड़प करते हुए मंच के काफी नजदीक पहुंच गए और उपद्रव शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और कार्यकर्ताओं पर लाठीयां बरसाई। इस दौरान सपा कार्यकर्ता जनसभा स्थल पर लगी कुर्सियों को तोड़कर पुलिसकर्मियों व मंच की तरफ फेंकने लगे। इस दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंच पर बैठे रहे और संचालक लगातार कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील करते रहे, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मंच के सामने पहुंचने की होड़ के चलते चारों तरफ से कार्यकर्ता आपस में ही भीड़ गए। किसी तरह से पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बैरिकेडिंग के अंदर किया। बता दें कि छठवें चरण में आजमगढ़ में 25 मई को मतदान को लेकर अखिलेश यादव की जनपद में यह पहली जनसभा थी, लेकिन इसमें जिस प्रकार से हंगामा हुआ वह एक बार फिर कई सवाल खड़े कर दिया है। हालांकि काफी मशक्कत के बाद जनसभा को अखिलेश यादव ने सिर्फ कुछ ही देर के लिए संबोधित किया।