रांची लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से इस बार देवेंद्र नाथ महतो रचेंगे नया इतिहास,जेबीकेएसएस की चुनाव प्रचार तेज:सुनील कुमार महतो
सरायकेला :- टाईगर जयराम महतो की क्रान्तिकारी आंदोलन , झारखंड नव निर्माण की संकल्प ओर रोजगार,स्थानीय नीति, नियम कानून ,भ्रटाचार पर रोक,हक अधिकार, झारखण्डी भाषा संस्कृति की रक्षा, पहचान ओर राज्य की सर्वांगीण विकास के लिए ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के गांवों गांवों में लगातार तुफानी दौरा कर चुनावी प्रचार प्रसार के साथ जनजागरण अभियान चलाते हुए जेएलकेएम / जेबीकेएसएस समर्थित उम्मीदवार आंदोलोंन कारी यूवा प्रत्याशी श्री देवेन्द्र नाथ महतो झारखण्डी की हक अधिकार कि लडाई ओर झारखंड राज्य में टाइगर जयराम महतो की क्रान्तिकारी आंदोलन की मुख्य उद्देश्य को झारखण्ड की आम जनता तक पहुंचाने की संकल्प के साथ राज्य मे कानून व्यवस्था की सुधार,
स्थानीय ,नियोजन ,उद्योग नीति को लागू करना, भ्रष्टाचार पर रोक लगाना ओर राज्य की दिशा और दशा की परिवर्तन के साथ सर्वांगीण विकास के लिए जुझारू कर्मठ शिक्षित युवा आंदोलनकारी ईमानदार प्रत्याशी श्री देवेंद्र नाथ महतो के समर्थन के साथ भारी मतों से जीत सुनिश्चित के लिए गांवों में डोर टू डोर तूफानी जन जागरण प्रचार प्रसार करते हुऐ।
श्री सुनील कुमार महतो, झारखंड आंदोलनकारी,सक्रिय सदस्य सह जिप उपाध्यक्ष प्रतिनिधि के नेतृत्व में सभी JBKSS/JLKM के सक्रिय कार्यकर्ता के साथ रोज ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चारो प्रखंड में ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं के साथ बैठक तथा डोर टू डोर तुफानी चुनाव प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
झारखंड के आदिवासी मूलवासी बहुत दिनों से शोषित पीड़ित जनता इसबार किसी अन्य पार्टियो के झूठे वादा और प्रलोभन मै नही आकर एक मात्र हेलमेंट छाप पर बटन दबाकर राज्य की दिशा और दशा परिवर्तन के लिए ईचागढ़ विधानसभा के साथ रांची लोकसभा में एक नया इतिहास बनाने का संकल्प लिए है।
चुनाव प्रचार प्रसार में मुख्य रूप से राजेश रंजन महतो,ईश्वर चंद्र कुमार, देव कुमार,बाबू सिंह मुंडा, अबनी मंडल, बादल चंद्र महतो, गंगाधर महतो, मंटू महतो,प्रमेस्वर महतो,परिक्षित महतो, पिताम्वर महतो,राजेश महतो, पुलकेस महतो, केशव महतो,अजीत अनूप महतो, महतो, आदि उपस्थित रहते हैं।











वन विभाग के पदाधिकारियों का दावा है कि यहां 2023 की जनगणना के दौरान यहां 72 गजराज थे. लेकिन जंगल में आग लगना, पेड़ की कटाई, जल श्रोतों के सुख जाने की वजह से हाथी पलायन कर गये हैं. इस बात का संकेत मिलता है. उनका कहना है कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कोने-कोने से गजराजों का झुंड यहां पहुंचता है. और पिर पलायन कर जाता है.
आंधी तुफान और बेमौसम बरसात की वजह से जंगली हाथियों का झुंड दलमा सेंचुरी में नहीं ठहरते हैं. सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में प्रत्येक बर्ष जंगल में आग लगना, शिकार होना, पेड़ काटना और विभिन्न जलस्रोत सुख जाने के कारण यहां से गजराज पलायन करते हैं. चांडिल, नीमडीह, कुकडु, ईचागढ़ में कई जगहों पर गजराज का झुंड देखने को मिलेगा. दलमा सेंचुरी छोड़कर बारहो महीने हाथियों का झुंड इन प्रखंडों में डेरा डाले रहता है. जंगल छोटा होने की वजह से हाथियों का झुंड गांवों की ओर पलायन कर जाता है. खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं.
May 21 2024, 18:45
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