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आम आदमी पार्टी को भी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी बनाएगी ईडी, मनीष सिसोदिया पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में खुलासा
#aam_aadmi_party_to_be_made_accused_in_delhi_liquor_sacam
दिल्‍ली के कथित शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शिकंजा मजबूत करने के बाद अब ईडी इस मामले में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने जा रही है। जांच एजेंसी की तरफ से मंगलवार को दिल्‍ली हाईकोर्ट में यह जानकारी दी गई। पार्टी पर भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट के तहत एक्‍शन लिया जाएगा।

आबकारी केस से जुड़े सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से वकील दयान कृष्णन पेश हुए और उन्होंने अपनी दलीलें रखी। वकील दयान कृष्णन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी के मुताबिक आरोपियों की ओर से मुकदमे में देरी करने के लिए एक संगठित प्रयास किया गया था। मैं पूछता हूं, इसका आधार क्या है?वहीं इडी के वकील जुहैब हुसैन ने बताया कि आम आदमी पार्टी को भी इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा और पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।

ईडी ने जमानत का जमानत का विरोध करते हुए यह बताया गया कि इस मामले में केवल मनीष सिसोदिया और सीएम अरविंद केजरीवाल ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी भी बराबरी की हिस्‍सेदार है। मनी ट्रेल की जांच के दौरान उनकी भूमिका भी सामने आई है। लिहाजा अब पार्टी को भी इस केस में आरोपी बनाया जा रहा है।

वहीं, मनीष सिसोदिया के वकील ने आगे कहा कि 6 दिसंबर 2023 को ईडी ने 540 पन्नों के दस्तावेज रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए आवेदन दायर किया गया। यह आवेदन पहली शिकायत के एक साल से ज़्यादा समय बाद और चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट के चार महीने बाद दायर किया गया। अब छठी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है। लेकिन जिस पर चर्चा हुई, वह सभी आरोपी व्यक्तियों के आवेदन थे. इस मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है।
आम आदमी पार्टी को भी दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी बनाएगी ईडी, मनीष सिसोदिया पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में खुलासा*
#aam_aadmi_party_to_be_made_accused_in_delhi_liquor_sacam
दिल्‍ली के कथित शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्‍टी सीएम मनीष सिसोदिया पर शिकंजा मजबूत करने के बाद अब ईडी इस मामले में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने जा रही है। जांच एजेंसी की तरफ से मंगलवार को दिल्‍ली हाईकोर्ट में यह जानकारी दी गई। पार्टी पर भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट के तहत एक्‍शन लिया जाएगा। आबकारी केस से जुड़े सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से वकील दयान कृष्णन पेश हुए और उन्होंने अपनी दलीलें रखी। वकील दयान कृष्णन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी के मुताबिक आरोपियों की ओर से मुकदमे में देरी करने के लिए एक संगठित प्रयास किया गया था। मैं पूछता हूं, इसका आधार क्या है?वहीं इडी के वकील जुहैब हुसैन ने बताया कि आम आदमी पार्टी को भी इस मामले में आरोपी बनाया जाएगा और पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। ईडी ने जमानत का जमानत का विरोध करते हुए यह बताया गया कि इस मामले में केवल मनीष सिसोदिया और सीएम अरविंद केजरीवाल ही नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी भी बराबरी की हिस्‍सेदार है। मनी ट्रेल की जांच के दौरान उनकी भूमिका भी सामने आई है। लिहाजा अब पार्टी को भी इस केस में आरोपी बनाया जा रहा है। वहीं, मनीष सिसोदिया के वकील ने आगे कहा कि 6 दिसंबर 2023 को ईडी ने 540 पन्नों के दस्तावेज रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए आवेदन दायर किया गया। यह आवेदन पहली शिकायत के एक साल से ज़्यादा समय बाद और चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट के चार महीने बाद दायर किया गया। अब छठी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है। लेकिन जिस पर चर्चा हुई, वह सभी आरोपी व्यक्तियों के आवेदन थे. इस मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है।
पीएम मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से किया नामांकन, जानिए कौन हैं प्रधानमंत्री के 4 प्रस्तावक*
#pm_modi_varanasi_loksabha_election_nomination_four_prastavak
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना नामांकन भर दिया। पीएम मोदी के नामांकन के मौके पर चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल हैं। बता दें कि पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था। बैजनाथ पटेल ओबीसी समाज से आते हैं और संघ के पुराने व समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। लालचंद कुशवाहा ओबीसी समाज से आते हैं और पार्टी के कार्यकर्ता हैं। संजय सोनकर दलित समाज से आते हैं और पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं। चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। *प्रस्‍तावक का स्‍थानीय वोटर होना जरूरी* निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है। कई बार प्रस्तावकों के कारण चुनाव का रुख ही बदल जाता है। सूरत लोकसभा सीट पर ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। नियमों के अनुसार, अगर कोई उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उसकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना आवश्यक होता है। *नामांकन से पहले पीएम ने लिया आशीर्वाद* बता दें कि आज सुबह पीएम मोदी नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे। यहां उन्होंने मां गंगा की पूजा की। दशाश्वमेध घाट पर पूजा के बाद पीएम मोदी बनारस के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव के मंदिर भी पहुंचे। काल भैरव में पूजा के बाद पीएम मोदी अपने नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट रवाना हुए और यहां उन्होंने नामांकन किया। बता दें कि पीएम मोदी के नामंकन में एनडीए का शक्ति प्रदर्शन हो रहा है। एनडीए शासित राज्यों के 11 मुख्यमंत्री और मोदी कैबिनेट के 18 मंत्री इस वक्त काशी में मौजूद हैं। सहयोगी दलों में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, चिराग पासवान, जयंत चौधरी भी पीएम के नामांकन में शामिल होने के लिए वारणसी पहुंचे हैं। *एक दिन पहले किया था भव्य रोड शो* इससे पहले सोमवार को वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी ने भव्य रोड शो किया। इस दौरान सड़कों पर हुजूम उमड़ पड़ा। करीब 6 किलोमीटर का यह रोड शो रहा। इस दौरान पीएम मोदी का काशी के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की है। पीएम मोदी के रोडशो में सीएम योगी भी मौजूद रहे।
दुश्मनी निभाने में नंबर वन ड्रैगन बना भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर, अमेरिका को पछाड़कर पाया ये मुकाम
#china_becomes_indias_number_1_trading_partner
भारत और इसके पड़ोसी देश चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं और सीमा विवादों को लेकर अक्सर तनातनी होती रहती है लेकिन कारोबार के मामले में ऐसा नहीं है। भारत से कारोबार के मामले में चीन ने अमेरिका को पछाड़ दिया है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के आंकड़ों के मुताबिक वित्तवर्ष 2023-24 में चीन ने भारत के साथ 118 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कारोबार किया है। यह कारोबार अमेरिका से ज्यादा है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन के एक्सपोर्ट में 8.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

जीटीआरआई के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष में चीन को भारत का निर्यात 8.7 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया। आयरन ओर, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हैंडलूम, मसाले, फल और सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम जैसे क्षेत्रों में भारत का निर्यात बढ़ा है। वहीं बीते वित्त वर्ष में पड़ोसी देश चीन से भारत का आयात 3.24 फीसदी बढ़कर 101.7 अरब डॉलर हो गया।

*अमेरिका से इंपोर्ट-एक्सपोर्ट में आई कमी*
वहीं दूसरी ओर अमेरिका से भारत के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका को भारत के एक्सपोर्ट में 1.32 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने अमेरिका को 78.54 बिलियन डॉलर एक्सपोर्ट किया था, जोकि वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 77.5 बिलियन डॉलर रह गया। वहीं दूसरी ओर इंपोर्ट में भी 20 फीसदी गिरावट देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का अमेरिका से इंपोर्ट 40.8 बिलियन डॉलर पर आ गया है।

*भारत के ट्रेड सरप्लस और व्यापार घाटे की स्थिति भी बदली*
जीटीआरआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के दौरान टॉप के 15 व्यापारिक भागीदारों के साथ भारत के व्यापार में काफी बदलाव आया है। इससे न केवल आयात और निर्यात पर असर देखा गया है बल्कि कई अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रेड सरप्लस और व्यापार घाटे की स्थिति भी बदली है। इसमें कहा गया है कि इस अवधि में चीन को एक्सपोर्ट में 0.6 फीसदी की मामूली गिरावट देखी गई, जो 16.75 अरब डॉलर से घटकर 16.66 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं चीन से इंपोर्ट 44.7 फीसदी बढ़कर 70.32 अरब डॉलर से 101.75 अरब डॉलर हो गया।

*अमेरिका के साथ फायदा*
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते 5 साल में भारत को अमेरिका के साथ व्यापार करने में काफी फायदा हुआ है. पांच साल में अमेरिका को निर्यात 47.9 प्रतिशत बढ़कर 52.41 अरब डॉलर से 77.52 अरब डॉलर हो गया। अमेरिका से आयात में भी 14.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 35.55 अरब डॉलर से बढ़कर 40.78 अरब डॉलर हो गई है। जिसकी वजह से भारत का ट्रेड सरप्लस 16.86 बिलियन डॉलर से बढ़कर 36.74 बिलियन हो गया है।
*मालदीव को भारत ने फिर दिखाया बड़ा दिल, मोटी आर्थिक मदद के लिए तैयार, जानें चीन को कैसे लगा झटका*
#india_extends_budgetary_support_to_china_supporter_mohamed_muizzu_led_maldives
चीन के इशारे पर लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रही मालदीव की मोहम्‍मद मुइज्‍जू सरकार को आखिरकार उसी के सामने हाथ फैलाना पड़ा। एक बार फिर भारत ने बड़ा दिल दिखाते हुए मालदीव की बड़ी आर्थिक मदद की है। पर्यटन के मोर्चे पर झटका खा चुके मालदीव के हाथ फैलाने पर इंडिया की ओर से उसके बजट में मदद की गई है। मालदीव की मोहम्‍मद मुइज्‍जू सरकार के गिड़गिड़ाने पर आखिरकार भारत का दिल पसीज गया है। भारत ने मालदीव को 5 करोड़ डॉलर का बजट सपोर्ट दे दिया है। देश ने सहयोग का संदेश देते हुए वहां (मालदीव) के वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर के सरकारी बॉण्ड की मियाद एक और साल के लिए बढ़ा दी है। कुछ महीने पहले मालदीव की तरफ से भारत को अकड़ दिखाया जा रहा था। भारत ने तल्खी के बीच मालदीव की बड़ी मदद का ऐलान किया है। मालदीव के 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (5 करोड़ रुपये) के सरकारी बॉण्ड की मियाद एक साल के लिए बढ़ा दी है। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी करते हुए इसकी पुष्टि की। बयान में कहा गया है कि भारत सरकार से बजटीय समर्थन हासिल करने के मालदीव सरकार के विशेष अनुरोध पर अवधि बढ़ाने का फैसला किया गया। भारत की इस मदद के लिए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने भारत का धन्यवाद भी दिया है। मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का यह ऐलान भारत और मालदीव के बीच दीर्घकालीन दोस्‍ती को दर्शाता है। मालदीव की सरकार ने कहा कि वह आगे भी आपसी हित और समृद्धि के लिए भागीदारी करती रहेगी। मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की सहायता से चलाए जा रहे प्रॉजेक्‍ट में काफी प्रगति हुई है। यह इस बात को दिखाता है कि उनकी सरकार इन प्रॉजेक्‍ट को पहली प्राथमिकता देती है। बता दें कि हाल ही में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने खुद भारत से बजट अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था। मूसा जमीर 8 मई से 10 मई के बीच में नई दिल्‍ली की यात्रा पर आए थे। उन्‍होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। *भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण मालदीव?* मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने और चीन की तरफ झुकाव होने के बावजूद आखिर भारत ने क्यों मालदीव की मदद का फैसला लिया? जवाब साफ है- मालदीव, भारत के लिए सामरिक और रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्र-शासित प्रदेश लक्षद्वीप से इसकी दूरी महज 700 किमी है और यह हिंद महासागर में सामरिक रूप से काफी महत्वूर्ण जगह पर स्थित है। हिंद महासागर से जो मालवाहक जहाज गुजरते हैं, वो मालदीव से होकर जाते हैं। एक तरीक से यह सेंटर प्वाइंट है। इसीलिये भारत हर हाल में हिंद महासागर में अपना दबदबा चाहता है।
राजकीय सम्मान के साथ होगा सुशील कुमार मोदी का अंतिम संस्कार, बीजेपी दफ्तर होते हुए जाएगी शवयात्रा , आरएसएस प्रमुख ने भी जताया दुख






बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद सियासी गलियारे में शोक की लहर दौड़ गयी है। उनके निधन के बाद बिहार की सियासत के एक अध्याय का अंत हो गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , पीएम नरेन्द्र मोदी , सीएम नीतीश कुमार , सम्राट चौधरी , विजय कुमार सिन्हा , आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव , तेजस्वी यादव समेत सभी वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया है।

दिल्ली से पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का पार्थिव शरीर आज दोपहर डेढ़ बजे विशेष विमान से पटना पहुंच रहा है। उनका मृतक देह पटना एयरपोर्ट से सीधे राजेंद्र नगर स्थित निजी आवास पर लाया जाएगा। अंतिम दर्शन के बाद शव यात्रा निकाली जाएगी। शव यात्रा पहले संघ कार्यालय जाएगी। उसके बाद भाजपा कार्यालय और बिहार विधानसभा होते हुए शवयात्रा जनार्दन घाट पहुंचेगी , जहां पर अंतिम संस्कार होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अस्वस्थ होने के कारण आज उनके सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गये हैं। हालांकि वे अपने पुराने मित्र और साथी को अंतिम विदाई देने के लिए घाट जा सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत बिहार सरकार के कई मंत्रियों के शव यात्रा में शामिल होने की उम्मीद है। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ संपन्न होगा। सुशील कुमार मोदी के निधन से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी मर्माहत हैं।


बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के निधन पर आरएसएस प्रमुख ने दुख जताया है और कहा है कि हमने जागृत सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल राजनीतिक नेता को हमने खो दिया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी के अचानक निधन से अत्यंत दुःख हुआ है। इस समय हम सब की भावना उनके परिवार तथा असंख्य मित्र-प्रशंसकों के साथ है। संघ के निष्ठावान स्वयंसेवक एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री रहे सुशील जी सारे देश विशेषतः बिहार की चिंता करते थे। उनके निधन से एक जागृत सामाजिक कार्यकर्ता व कुशल राजनीतिक नेता को हमने खोया है। वे सार्वजनिक जीवन में सैद्धांतिक निष्ठा व पारदर्शिता के आदर्श उदाहरण थे। उनके परिवार को अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें दुःख सहन करने की शक्ति दें तथा दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें।


इधर सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद बिहार भारतीय जनता पार्टी ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए शाम 05 बजे पटना पहुंचेंगे।
चीन-PAK को झटका देकर भारत ने 10 साल के लिए हासिल किया चाबहार बंदरगाह ! जानिए इससे देश को क्या फायदा होगा ?








भारत ने अगले दस वर्षों के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह को संचालित करने का अधिकार सुरक्षित कर लिया है, जो अंतर्राष्ट्रीय जगत में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। दरअसल, ओमान की खाड़ी पर दक्षिणपूर्वी ईरान में स्थित यह बंदरगाह भारत के लिए अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि यह अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार प्रदान करता है, जिससे भारत पाकिस्तान को बायपास कर सकता है। चाबहार बंदरगाह का उपयोग करके, भारत का लक्ष्य अफगानिस्तान और उससे आगे तक एक सीधा और कुशल व्यापार मार्ग स्थापित करना है। यह कदम चीनी सहायता से विकसित पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह के विकल्प के रूप में भी काम करता है। चाबहार और ग्वादर के बीच समुद्र से केवल 100 किलोमीटर की दूरी है, लेकिन चाबहार बंदरगाह रणनीतिक रूप से अधिक अहम है।

चाबहार बंदरगाह अपनी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने और भू-राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। उम्मीद है कि यह बंदरगाह मध्य एशियाई क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के भारत के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अतिरिक्त, चाबहार बंदरगाह को भारत की महत्वाकांक्षी अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) परियोजना के एक प्रमुख घटक के रूप में देखा जाता है। INSTC का लक्ष्य भारत को ईरान के माध्यम से मध्य एशिया, रूस और यूरोप से जोड़ने के लिए समुद्री, रेल और सड़क मार्गों का एक मल्टीमॉडल नेटवर्क स्थापित करना है। इस गलियारे में चाबहार बंदरगाह के शामिल होने से ईरान, अजरबैजान और उससे आगे रूस के साथ भारत की कनेक्टिविटी में काफी वृद्धि होगी। जिससे भारत का व्यापार बढ़ेगा और मध्य पूर्वी देशों से रिश्ते भी सुधरेंगे।


बता दें कि, 21 वर्षों से अटके पड़े चाबहार बंदरगाह समझौते की शुरुआत 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान हुई थी। इसकी पहल 2003 में अटल सरकार ने की थी, लेकिन सरकार बदलते ही ये मामला 10 सालों के लिए ठंडा पद गया। 2014 में जब फिर से भाजपा सत्ता में आई, तो इस पर नए सिरे से चर्चाएं शुरू हुईं, क्योंकि उधर ईरान में भी सत्ता परिवर्तन हो चूका था। 2018 में मोदी सरकार ने ईरान के साथ मिलकर बंदरगाह में भारत की भूमिका का विस्तार करते हुए समझौते को औपचारिक रूप दिया गया। नया 10-वर्षीय समझौता मूल अनुबंध का स्थान लेता है, जो बंदरगाह के संचालन में भारत की भागीदारी के लिए अधिक मजबूत रूपरेखा प्रदान करता है। यह कदम तब उठाया गया है जब मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया में प्रमुख व्यापार मार्ग क्षेत्रीय संघर्षों के कारण बाधित हो गए हैं, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

चाबहार बंदरगाह समझौते के अलावा, भारत ने बंगाल की खाड़ी में म्यांमार के सिटवे बंदरगाह का नियंत्रण लेने के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जिससे इस क्षेत्र में अपनी समुद्री उपस्थिति और व्यापार नेटवर्क का और विस्तार होगा।
भाजपा नेता प्रवीण नेत्तारू का कातिल मुस्तफा दो साल बाद गिरफ्तार, दहशत फैलाने के लिए की थी हत्या

कर्नाटक भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य प्रवीण नेट्टारू की हत्या के लगभग दो साल बाद मुख्य आरोपी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एक टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। मुस्तफा पाइचर को NIA ने शुक्रवार सुबह सकलेशपुरा से गिरफ्तार किया था। 26 जुलाई, 2022 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलारे गांव में कथित तौर पर प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कैडरों द्वारा प्रवीण नेट्टारू की दो बाइक सवार हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई थी। उसी साल सितंबर में केंद्र सरकार ने PFI पर प्रतिबंध लगा दिया था। मामला शुरू में बेलारे पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बाद में मामला NIA को सौंप दिया गया। NIA ने पिछले साल जनवरी में इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, एक (हिन्दू) समुदाय के सदस्यों के बीच दहशत पैदा करने और समाज में सांप्रदायिक नफरत और अशांति पैदा करने के PFI के एजेंडे के तहत नेत्तारू की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी। हत्या मामले की NIA जांच से पता चला कि PFI ने 2047 तक इस्लामी शासन स्थापित करने के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए "गुप्त हत्यारा दस्ते" का गठन किया था। इन सदस्यों को कुछ समुदायों और समूहों से संबंधित नेताओं की पहचान करने, भर्ती करने और निगरानी करने के लिए हथियारों के साथ-साथ निगरानी तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया था। पिछले साल अक्टूबर में, NIA ने मामले के संबंध में तीन संदिग्धों की जानकारी के लिए नकद पुरस्कार की घोषणा की थी। एनआईए ने कहा था कि तीन संदिग्ध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य थे - पोय्यगुड्डे पडांगडी से नौशाद (32), सोमवारपेट तालुक से अब्दुल नासिर (41) और अब्दुल रहमान (36)। एनआईए ने तीनों के बारे में कोई भी जानकारी साझा करने के लिए प्रत्येक को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
PM मोदी ने दाखिल किया नामांकन, तीसरी बार वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव, 2014 में पहली बार यहां से बने थे सांसद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को वाराणसी से नामांकन दाखिल कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2014 में पहली बार यहां से सांसद बने थे। इसके बाद 2019 में भी उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की। आज नामांकन दाखिल करने से पहले पीएम मोदी ने दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की पूजा की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी काल भैरव मंदिर पहुंचे। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। नामांकन के दौरान पीएम मोदी के साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री तीसरी बार काशी से मैदान में उतरे हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से आज का दिन बेहद खास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन कर दिया है। इस दौरान उनके साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनडीए गठबंधन के कई नेता मौजूद रहे। प्रधानमंत्री सबसे पहले बनारस के दशाश्वमेध घाट गए और इसके बाद काल भैरव मंदिर के दर्शन किए। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और एलजेपी (रामविलास) के चीफ चिराग पासवान, जयंत चौधरी, ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद, प्रफुल्ल पटेल, चंद्रबाबू नायडू, अनुप्रिया पटेल, हरदीप पुरी, पवन कल्याण। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, लेकिन अब नीतीश कुमार की तबीयत खराब बताई जा रही है, जिसके कारण उन्होंने अपने पूरे दिन के सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
भ्रामक विज्ञापन मामले में फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने की बाबा रामदेव की तारीफ, योग के क्षेत्र मेंयोगदान की तारीफ*
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पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आज की अदालती कार्रवाई में योगगुरू रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी पेश हुए हैं।इस दौरान पतंजलि के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने उन उत्पादों की बिक्री रोक दी है जिन के लाइसेंस रद्द हो गए थे। इस दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने योग के क्षेत्र में बाबा रामदेव के योगदान की भी तारीफ की है। हालांकि, बाबा रामदेव और बालकृष्ण पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलेगा या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया। दरअसल, पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को कहा कि जिन दवाओं के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं, उन्हें दुकान पर बेचने से रोकने और उनको वापस लाने को लेकर उनकी तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं, इसे लेकर एक हलफनामा दायर करें। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि पतंजलि को एक हलफनामे में इन उत्पादों के स्टॉक के बारे में भी जानकारी देनी होगी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि की ओर से दिए गए विज्ञापनों पर तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामदेव ने योग के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी कुछ किया है, लेकिन यह मसला अलग है। चूंकि दवा खरीदने वाले उपभोक्ताओं से जुड़ा है। इसमें लापरवाही नहीं बरती जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मकसद बस इतना है कि लोग सतर्क रहें। बाबा रामदेव में लोगों की आस्था है। उसे उन्हें सकारात्मक रूप से इस्तेमाल करना चाहिए। दुनिया भर में योग को लेकर जो बढ़ावा मिला है, उसमें एक योगदान बाबा रामदेव का भी है। इसके बाद बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट की बेंच को धन्यवाद और प्रणाम कहा, जिसपर जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि हमारा भी प्रणाम। इससे पहले की सुनवाई में अदालत ने पतंजलि के उन उत्पादों को बेचने पर रोक लगा दी थी जिसका लाइसेंस अब निलंबित हो चुका है। अदालत ने पतंजलि के प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करने वाले लोगों और संस्थानों के लिए भी कुल 6 बिंदुओं में दिशानिर्देश जारी किया था।